Wednesday, June 17, 2009

दक्षिण अफ्रीका से भी नही जीत पाई इंडिया

खिताब की दौड़ से बाहर होने के बाद प्रतिष्ठा बचाने के लिए उतरा भारत चोटी के बल्लेबाजों की एक और असफलता से दक्षिण अफ्रीका के हाथों 12 रन की हार के साथ आईसीसी ट्वंटी 20 विश्व कप के सुपर 8 में सांत्वना जीत दर्ज करने में भी नाकाम रहा।
ट्रेंटब्रिज की स्पिन लेती पिच पर भारतीय स्पिनरों ने कमाल दिखाया लेकिन महेंद्र सिंह धौनी के बल्लेबाज भी स्पिन जाल में फंस गए और इस तरह से पिछले चैंपियन को सुपर आठ में बिना जीत दर्ज किए ही बैरंग स्वदेश लौटना होगा। दक्षिण अफ्रीका की इस जीत के नायक एबी डीविलियर्स और जोहान बोथा रहे। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा दक्षिण अफ्रीका पांच विकेट पर 130 रन ही बना पाया। उसकी तरफ से डीविलयर्स ने 51 गेंद पर सात चौकों की मदद से 63 रन बनाकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
गौतम गंभीर [21] और रोहित शर्मा [29] ने पहले विकेट के लिए 48 रन जोड़कर भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई लेकिन 21 रन के अंदर पांच विकेट गंवाने से टीम गहरे संकट में फंस गई। युवराज सिंह [25] ने आस बंधाए रखी लेकिन उनके आउट होते ही भारत कम लक्ष्य का बचाव नहीं कर पाया और आठ विकेट पर 118 रन ही बना पाया। बोथा ने 16 रन देकर तीन विकेट लिए।
दक्षिण अफ्रीका इस जीत से ग्रुप ई में पहले नंबर पर रहा और अब वह पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान से भिड़ेगा जबकि दूसरा सेमीफाइनल श्रीलंका और वेस्टइंडीज के बीच खेला जाएगा। भारतीय बल्लेबाजों को भी तेज गेंदबाजों के सामने रन बटोरने में कोई दिक्कत नहीं हुई लेकिन स्पिनरों के जिम्मा संभालते ही वे संकट में पड़ गए। गंभीर आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे जिन्होंने बोथा की गेंद पर जेपी डुमिनी को एक्स्ट्रा कवर पर आसान कैच थमाया। इस आफ स्पिनर ने अपने अगले ओवर में सुरेश रैना [3] को भी पवेलियन की राह दिखाई जो रीलोफ वान डर मार्व के ओवर में मिले जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए। डुमिनी ने रोहित की 28 गेंद की पारी का अंत किया जिन्होंने बैकवर्ड प्वाइंट पर डेल स्टेन को हवा में लहराते कैच का अभ्यास कराया। धौनी से ऐसे में जिम्मेदारी भरी पारी की आस थी लेकिन वह तब रन के लिए दौड़ पड़े जबकि गेंद वाइड होकर विकेटकीपर के हाथों में गई थी जबकि अगले ओवर में वान डर मर्व ने यूसुफ पठान को आसान कैच देने के लिए मजबूर किया। भारत का स्कोर पांच विकेट पर 69 रन था। ग्रीम स्मिथ ने यहां पर तेज गेंदबाज स्टेन को गेंद सौंपकर भारतीयों को राहत पहुंचाई। आठ ओवर तक गेंद सीमा रेखा पार नहीं गई थी लेकिन उनके ओवर में युवराज और हरभजन सिंह ने चौके जमाए। युवराज ने इसके बाद वान डर मर्व पर मैच का पहला छक्का जमाया जबकि रविंदर जडेजा ने उूपर बल्लेबाजी के लिए उतरे हरभजन ने भी मोर्ने मोर्कल की गेंद छह रन के लिए भेजी। भारत को हालांकि जब अंतिम तीन ओवर में 31 रन की दरकार थी तब बोथा ने हरभजन [14] को अपना तीसरा शिकार बनाया जबकि स्टेन ने 19वें ओवर में युवराज और जहीर खान को आउट करके रही सही कसर पूरी कर दी।
इससे पहले भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को एबी डीविलियर्स के अर्धशतक के बावजूद पांच विकेट पर 130 रन ही बनाने दिए। धौनी ने छठे से 19वें ओवर तक स्पिनरों को लगाए रखा। इन 14 ओवरों में केवल तीन बार गेंद सीमा रेखा पार गई और 75 रन बने, जबकि तीन चोटी के बल्लेबाज पवेलियन लौटे। इंग्लैंड के खिलाफ पिछले मैच में खलनायक बने रविंद्र जडेजा ने गेंदबाजी में कमाल दिखाया और अपने तीन ओवर में नौ रन देकर डीविलियर्स का विकेट लिया। डिविलियर्स अकेले बल्लेबाज थे, जिन्होंने स्पिनरों का सामना किया। उन्होंने अपनी पारी में 51 गेंद खेली तथा सात चौके लगाए। उन्होंने कप्तान ग्रीम स्मिथ [26] के साथ दूसरे विकेट के लिए 46 रन की साझेदारी की। आरपी सिंह ने अपनी तीसरी गेंद पर ही हर्शल गिब्स [5] को बोल्ड करके भारत को शुरुआत दिलाई। गिब्स पहली गेंद पर चौका जड़ने के बाद आफ स्टंप से बाहर जाती अगली गेंद को विकेटों पर मार गए, मगर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों स्मिथ व डीविलियर्स को तेज गेंदबाजों को खेलने में दिक्कत नहीं हुई और ऐसे में धौनी ने स्पिन जाल बिछाने का सही फैसला किया।
स्पिन आक्रमण के सामने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज आठ ओवर तक गेंद सीमा रेखा पार नहीं भेज पाए। जडेजा ने पावरप्ले के अंतिम ओवर में तीन रन दिए। आईपीएल में हैट्रिक लेने वाले रोहित शर्मा को टूर्नामेंट में पहला ओवर करने का मौका मिला, जबकि उनके बाद आईपीएल में दो बार हैट्रिक का कारनामा दिखाने वाले युवराज सिंह ने गेंद संभाली, मगर स्मिथ व एबी डीविलियर्स की साझेदारी हरभजन सिंह ने तोड़ी। स्मिथ इस आफ स्पिनर की फ्लाइट को नहीं समझ पाए और लप्पेदार शाट लगाने के प्रयास में गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर मिडविकेट क्षेत्र में हवा में तैरने लगी, जहां जडेजा ने कैच लिया। डीविलियर्स ने 14वें ओवर में युवराज पर लगातार दो चौके जड़कर अपना अर्धशतक पूरा करने के साथ ही गेंद को लंबे अर्से बाद सीमा रेखा के दर्शन करवाए। पहले तीन ओवर में 13 रन देने वाले युवी के इस ओवर में 12 रन बने। धीमी गेदों को खेलने में परेशानी महसूस कर जेपी डुमिनी [10] अगले ओवर में सुरेश रैना की फ्लाइट पर गच्चा खा गए और आउट हो गए। जडेजा ने इसके बाद डीविलियर्स की पारी का अंत किया। जहीर खान ने अंतिम ओवर में मार्क बाउचर [11] के रूप में पहला विकेट लिया।

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