Saturday, June 6, 2009

कोताही नहीं बरतेगा भारत

चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर धमाकेदार जीत से उत्साहित भारत ट्वंटी 20 में कोई कमी न बरतने के मंत्र को आत्मसात करके और 2007 के एक दिवसीय विश्व कप से सबक लेकर आईसीसी ट्वंटी 20 विश्व चैंपियनशिप में कल उलटफेर के बाजीगर बांग्लादेश के खिलाफ अपने खिताब की रक्षा का अभियान शुरू करेगा।

पाकिस्तान पर नौ विकेट की जीत से महेंद्र सिंह धौनी की टीम ने साबित कर दिया है कि वह अपने खिताब की रक्षा के लिए तैयार हैं, लेकिन कप्तान ने खिलाडि़यों को आगाह किया है कि वह इस छोटे प्रारूप में किसी भी टीम विशेषकर बांग्लादेश को कम आंकने की गलती न करें, जिसने वेस्टइंडीज में खेले गए विश्व कप में भारत को पहले दौर में बाहर कर दिया था। इंडियन प्रीमियर लीग खेलने के बाद तुरंत यहां पहुंचने वाली भारतीय टीम शानदार फार्म में है, लेकिन वह सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और तेज गेंदबाज जहीर खान की चोट से परेशान है। इन दोनों के कंधे चोटिल हैं और इनका कल के मैच में खेलना संदिग्ध है।

धौनी को आशा है कि ये दोनों आयरलैंड के खिलाफ दस जून को होने वाले दूसरे मैच तक फिट हो जाएंगे। उन्होंने कहा, सहवाग के दूसरे मैच तक फिट होने की संभावना है, लेकिन हम देखेंगे। जहां तक जहीर का सवाल है तो उन्होंने गेंदबाजी शुरू कर दी है और आशा है कि वह दस जून तक फिट हो जाएंगे। यदि वह बांग्लादेश के खिलाफ मैच के लिए फिट भी हो जाते हैं तब भी हम कोई जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे। यदि सहवाग नहीं खेलते हैं तो फिर गौतम गंभीर के साथ रोहित शर्मा का पारी का आगाज करना तय है। उन्होंने अभ्यास मैचों में न्यूजीलैंड के खिलाफ 36 रन की पारी खेलने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ 80 रन की जोरदार पारी खेली थी और टीम को सहवाग की कमी नहीं खलने दी थी।

गंभीर ने पाक के खिलाफ नाबाद 52 रन बनाकर फार्म में वापसी के संकेत दिए जबकि रोहित किसी भी क्रम में खेलने में सक्षम हैं और वह भारतीय बल्लेबाजी क्रम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। कप्तान धौनी, बेहतरीन फार्म में चल रहे सुरेश रैना, सिक्सर किंग युवराज सिंह और बिग हिटर यूसुफ पठान का मध्यक्रम में खेलना तय है। जहीर की फिटनेस टीम के लिए इसलिए चिंता का विषय है क्योंकि डेथ ओवरों में उसके गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ आरपी सिंह और इरफान पठान अंतिम दो ओवरों में 31 रन दिए थे, जबकि पाकिस्तान के खिलाफ आरपी सिंह और प्रवीण कुमार ने 29 रन दिए।

धौनी ने कहा, हम फिर से पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम दो ओवर में अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पाए। हम यार्कर करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसका फायदा नहीं मिला। तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का फार्म में लौटना हालांकि भारत के लिए अच्छी खबर है। वह आईपीएल में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए थे, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने चार विकेट लिए और पाकिस्तान के खिलाफ भी कसी हुई गेंदबाजी की। भारत इस मैच में केवल एक स्पिनर हरभजन सिंह के साथ उतर सकता है और ऐसे में प्रज्ञान ओझा को इंतजार करना पड़ेगा।

भारत हालांकि अपने अनुभवी खिलाडि़यों और मजबूत बल्लेबाजी के दम पर बांग्लादेश को कमजोर आंकने की गलती नहीं करेगा जिसका उलटफेर करने का शानदार रिकार्ड है। पिछले ट्वंटी 20 विश्व कप में वेस्टइंडीज को बाहर करने वाले बांग्लादेश के बल्लेबाजों के आक्रामक तेवर किसी भी समय मैच का रुख पलट सकते हैं। कप्तान मोहम्मद अशरफुल ने भी भारत को आगाह कर दिया है कि उनकी टीम इस बार भी वनडे विश्व कप जैसा कारनामा दोहराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, हमारा पहला लक्ष्य सुपर आठ में पहुंचना है लेकिन यदि भारत के खिलाफ हमारी शुरुआत अच्छी रहती है तो इससे आगे के मैचों के लिए हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा।

अशरफुल ने कहा, इस तरह के प्रारूप में कोई भी टीम किसी को हरा सकती है। यह लाटरी नहीं है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि उस दिन टीम कैसा प्रदर्शन करती है। बांग्लादेश का मजबूत पक्ष उसके प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। सलामी बल्लेबाज तामिम इकबाल और अशरफुल किसी भी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं, जबकि सकीबुल हसन और मुशफिकर रहीम जानते हैं कि दबाव में कैसे खेलना है। बाएं हाथ के स्पिनर अब्दुर रज्जाक और सकीबुल बीच के ओवरों में रनों पर अंकुश लगा सकते हैं।

सकीबुल ने तो इस प्रारूप में अब अपना बेहतरीन खेल दिखाया है और भारत को उन पर विशेष निगाह रखनी होगी। भारतीय गेंदबाज यदि शुरू में बांग्लादेश को झटके दे देते हैं तो फिर उसकी टीम बिखर भी सकती है जो कि उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है। इसके अलावा उसके मुख्य तेज गेंदबाज मशरेफी मुर्तजा भी अच्छी फार्म में नहीं हैं। मुर्तजा आईपीएल के बाद अभ्यास मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।

नीदरलैंड की इंग्लैंड पर जीत

अपने बल्लेबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर नीदरलैंड जैसी कमजोर टीम ने शुक्रवार को मेजबान इंग्लैंड को आखिरी गेंद पर चार विकेट से हराकर आईसीसी ट्वंटी 20 विश्व कप का उलटफेर के साथ आगाज किया।

जीत के लिए 163 रन का लक्ष्य नीदरलैंड ने मैच की आखिरी गेंद पर नाटकीय तरीके से हासिल किया जब उसे आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे और गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने जब गेंद रोकी तो बल्लेबाज आर टेन डजटेच और ई सिफेरली एक रन ही दौड़ सके थे। ब्रॉड के ओवरथ्रो पर एक रन और दौड़कर उन्होंने नीदरलैंड को यह अप्रत्याशित जीत दिलाई। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ल्यूक राइट [71] और रवि बोपारा [46] की शतकीय साझेदारी के दम पर पांच विकेट पर 162 रन बनाए थे। नीदरलैंड के बल्लेबाजों ने मुश्किल लग रहे इस लक्ष्य को भी आसान बना दिया। उसके लिए डि ग्रूथ ने 30 गेंद में छह चौकों और एक छक्के की मदद से 49 रन बनाए। पीटर बोरेन [25 गेंद में 30] और डजटेच [17 गेंद में नाबाद 22] ने उपयोगी पारियां खेली।

इंग्लैंड के गेंदबाज नीदरलैंड के अनुभवहीन बल्लेबाजों पर अंकुश नहीं लगा सके और ढीले क्षेत्ररक्षण ने रही सही कसर पूरी कर दी। नीदरलैंड की शुरुआत खराब रही और पहले ही ओवर में जेम्स एंडरसन ने ए केरवीजी को ब्रॉड के हाथों लपकवाया। इसके बाद डी रीकर्स ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए एंडरसन को दो छक्के जड़े लेकिन 13 गेंद में 20 रन बनाने के बाद वह चौथे ओवर में ब्रॉड का शिकार हो गए। उस समय स्कोर बोर्ड पर 23 रन टंगे थे। बी ज्यूडीरेंट [14] ने डि ग्रूथ के साथ 43 रन की साझेदारी की। उन्हें आदिल रशीद ने पवेलियन भेजा।

डि ग्रूथ को अब बोरेन के रूप में अच्छा सहयोगी मिल गया और दोनों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों की मैदान के चारों ओर धुनाई करते हुए रन बंटोरे। डि ग्रूथ ने अपनी पारी में छह चौके और एक छक्का लगाया जबकि बोरेन ने एक चौका और एक छक्का जड़ा। विकेट गिरने के बावजूद हालैंड की रनगति पर अंकुश नहीं लगा। डजटेच ने सिर्फ 17 गेंद में नाबाद 22 रन बनाकर टीम की जीत सुनिश्चित की। नीदरलैंड के बल्लेबाजों के दबदबे का अनुमान इसी बात से लगता है कि इंग्लैंड की पारी में कोई छक्का नहीं लग सका था जबकि नीदरलैंड के बल्लेबाजों ने चार छक्के जड़े।

इससे पहले सलामी बल्लेबाज राइट और बोपारा के बीच पहले विकेट की साझेदारी में बने 102 रन की बदौलत इंग्लैंड ने पांच विकेट पर 162 रन बनाए। पहले बल्लेबाजी के लिए भेजी गई इंग्लैंड टीम की शुरुआत शानदार रही लेकिन दस ओवर के बाद हड़बड़ी में पांच विकेट गंवाने से वह विशाल स्कोर नहीं बना सकी। बोपारा के 12वें ओवर में आउट होने के बाद इंग्लैंड को कोई बड़ी साझेदारी नहीं मिल सकी और बल्लेबाजों ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से विकेट गंवाए। मेजबान टीम के पहले 100 रन 11 ओवर में बने लेकिन बाकी नौ ओवर में वह सिर्फ 62 रन ही बना सके।

बोपारा और राइट को पवेलियन भेजने वाले टेन डजटेच नीदरलैंड के सबसे कामयाब गेंदबाज रहे जिन्होंने चार ओवर में 35 रन देकर दो विकेट लिए। इससे पहले बोपारा ने ड्रिक नेनिंस की पहली ही गेंद पर चौका लगाकर आक्रामक शुरुआत की। राइट ने भी उनका बखूबी साथ निभाते हुए नीदरलैंड के गेंदबाजों की धुनाई की। दोनों ने पहले छह ओवर में 50 रन बना लिए। बोपारा ने 34 गेंद की पारी में पांच चौकों की मदद से 46 रन बनाए जबकि राइट ने सिर्फ 49 गेंद में 71 रन जोड़े जिसमें आठ चौके शामिल हैं। दस ओवर के बाद इंग्लैंड ने बिना कोई विकेट गंवाए 89 रन बना लिए थे।

डजटेच ने 12वें ओवर में नीदरलैंड को बहुप्रतीक्षित सफलता दिलाई जब छक्का लगाने के प्रयास में बोपारा चूके और सीलार को कैच थमा दिया। ओवैस शाह [पांच] क्रीज पर राइट का साथ देने आए लेकिन टिक नहीं सके। सिफेरली की गेंद पर वह केरवीजी को कैच देकर पवेलियन लौटे। इस बीच राइट ने अपना अर्धशतक पूरा कर लिया लेकिन दोहरे झटके से रनगति धीमी हो गई थी। इस समय भी लग रहा था कि इंग्लैंड 175 के आंकड़े को पार कर लेगा लेकिन ईयोन मोर्गन [6] और कप्तान पाल कोलिंगवुड [11] के भी जल्दी आउट होने से ऐसा नहीं हो सका। राइट की पारी का अंत 18वें ओवर में डजटेच ने किया और उनका कैच बोरेन ने लपका।

Thursday, June 4, 2009

ट्वेंटी-20 : वर्ल्ड वॉर

ताबड़तोड़ क्रिकेट की बादशाहत के लिए बारह टीमें अगले करीब एक पखवाड़े तक जद्दोजहद करेंगी और ट्वे
ंटी-20 क्रिकेट के आंकड़ों पर नजर डालें तो मौजूदा चैंपियन भारत, उपविजेता पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी लग रहा है। ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप का आगाज शुक्रवार को मेजबान इंग्लैंड और हॉलैंड के बीच लॉर्ड्स पर होने वाले मैच से होगा। भारत को अपना पहला मैच शनिवार को बांग्लादेश से खेलना है।

चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में बुधवार को नौ विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज करने से पहले भारत को न्यू जीलैंड के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2007 में साउथ अफ्रीका में खेले गए फाइनल की तर्ज पर पाकिस्तान को हराने के साथ महेंद्र सिंह धोनी ऐंड कंपनी के हौसले बुलंद हैं और उसे आईपीएल-2 के अनुभव का फायदा भी मिलेगा। पांच से 21 जून तक चलने वाले इस टूर्नामंट में बारह टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है। भारत ग्रुप 'ए' में आयरलैंड और बांग्लादेश के साथ है। ग्रुप 'बी' में पाकिस्तान, इंग्लैंड और हॉलैंड है। ग्रुप 'सी' में ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और वेस्ट इंडीज है और इसे 'ग्रुप ऑफ डेथ' भी कहा जा सकता है। न्यू जीलैंड, साउथ अफ्रीका और स्कॉटलैंड ग्रुप 'डी' में है।

इंग्लैंड और हॉलैंड के बीच शुक्रवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले मुकाबले में निश्चित तौर पर मेजबान का पलड़ा भारी होगा। लेकिन हॉलैंड के कप्तान और विकेटकीपर जेरोन स्मिट्स को पूरा यकीन है कि उनकी टीम उलटफेर करेगी। उन्होंने कहा, 'हमारे पास बेहतरीन ट्वेंटी-20 टीम है और हम बड़ी टीमों को चौंका देंगे।' हॉलैंड के पास मिडिलसेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने वाला पेसर डिर्क नानेस है, जिसने प्रैक्टिस मैचों में भले ही अच्छा प्रदर्शन नहीं किया हो लेकिन आईपीएल-2 में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए वह बेहतरीन फॉर्म में थे। उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से ऑस्ट्रेलियाई धुरंधर ग्लेन मैकग्रा को बेंच पर बैठना पड़ा था। ऑलराउंडर रियान टेन डोशेट भी एसेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट खेलते हैं।

दूसरी ओर काउंटी स्तर पर ट्वेंटी-20 क्रिकेट की सबसे पहले शुरुआत करने वाले इंग्लैंड ने कभी कोई बड़ा वने डे टूर्नामंट नहीं जीता है और इस बार भी वह प्रबल दावेदारों में नहीं है। प्रैक्टिस मैच में स्कॉटलैंड को हराने में उसे काफी पापड़ बेलने पड़े। पहले प्रैक्टिस मैच में हालांकि उसने वेस्ट इंडीज को हराया, जिसे इस सत्र में वह टेस्ट और वन डे सीरीज में पहले ही रौंद चुका है। इंग्लैंड को इस टूर्नामंट में स्टार ऑलराउंडर एंड्रू फ्लिंटॉफ की कमी खलेगी, जो घुटने की चोट के कारण टीम से बाहर हैं। लेकिन बल्लेबाज केविन पीटरसन अब पूरी तरह फिट हैं।

एशेज को ध्यान में रखते हुए इंग्लैंड के नियमित कप्तान एंड्रू स्ट्रॉस ने ट्वेंटी-20 क्रिकेट में खराब फॉर्म का हवाला देकर नाम वापस ले लिया। उनकी जगह कमान संभाल रहे पाल कोलिंगवुड का मानना है कि अपेक्षाओं का दबाव नहीं होने से उनकी टीम को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा, 'हम छुपे रुस्तम साबित होंगे। उम्मीद है कि इस बार बेहतरीन प्रदर्शन कर दिखाएंगे। दो साल पहले हुए पहले ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड एकमात्र जीत जिंबाब्वे पर दर्ज कर सका था।