ताबड़तोड़ क्रिकेट की बादशाहत के लिए बारह टीमें अगले करीब एक पखवाड़े तक जद्दोजहद करेंगी और ट्वे
ंटी-20 क्रिकेट के आंकड़ों पर नजर डालें तो मौजूदा चैंपियन भारत, उपविजेता पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी लग रहा है। ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप का आगाज शुक्रवार को मेजबान इंग्लैंड और हॉलैंड के बीच लॉर्ड्स पर होने वाले मैच से होगा। भारत को अपना पहला मैच शनिवार को बांग्लादेश से खेलना है।
चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में बुधवार को नौ विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज करने से पहले भारत को न्यू जीलैंड के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2007 में साउथ अफ्रीका में खेले गए फाइनल की तर्ज पर पाकिस्तान को हराने के साथ महेंद्र सिंह धोनी ऐंड कंपनी के हौसले बुलंद हैं और उसे आईपीएल-2 के अनुभव का फायदा भी मिलेगा। पांच से 21 जून तक चलने वाले इस टूर्नामंट में बारह टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है। भारत ग्रुप 'ए' में आयरलैंड और बांग्लादेश के साथ है। ग्रुप 'बी' में पाकिस्तान, इंग्लैंड और हॉलैंड है। ग्रुप 'सी' में ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और वेस्ट इंडीज है और इसे 'ग्रुप ऑफ डेथ' भी कहा जा सकता है। न्यू जीलैंड, साउथ अफ्रीका और स्कॉटलैंड ग्रुप 'डी' में है।
इंग्लैंड और हॉलैंड के बीच शुक्रवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले मुकाबले में निश्चित तौर पर मेजबान का पलड़ा भारी होगा। लेकिन हॉलैंड के कप्तान और विकेटकीपर जेरोन स्मिट्स को पूरा यकीन है कि उनकी टीम उलटफेर करेगी। उन्होंने कहा, 'हमारे पास बेहतरीन ट्वेंटी-20 टीम है और हम बड़ी टीमों को चौंका देंगे।' हॉलैंड के पास मिडिलसेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने वाला पेसर डिर्क नानेस है, जिसने प्रैक्टिस मैचों में भले ही अच्छा प्रदर्शन नहीं किया हो लेकिन आईपीएल-2 में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए वह बेहतरीन फॉर्म में थे। उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से ऑस्ट्रेलियाई धुरंधर ग्लेन मैकग्रा को बेंच पर बैठना पड़ा था। ऑलराउंडर रियान टेन डोशेट भी एसेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट खेलते हैं।
दूसरी ओर काउंटी स्तर पर ट्वेंटी-20 क्रिकेट की सबसे पहले शुरुआत करने वाले इंग्लैंड ने कभी कोई बड़ा वने डे टूर्नामंट नहीं जीता है और इस बार भी वह प्रबल दावेदारों में नहीं है। प्रैक्टिस मैच में स्कॉटलैंड को हराने में उसे काफी पापड़ बेलने पड़े। पहले प्रैक्टिस मैच में हालांकि उसने वेस्ट इंडीज को हराया, जिसे इस सत्र में वह टेस्ट और वन डे सीरीज में पहले ही रौंद चुका है। इंग्लैंड को इस टूर्नामंट में स्टार ऑलराउंडर एंड्रू फ्लिंटॉफ की कमी खलेगी, जो घुटने की चोट के कारण टीम से बाहर हैं। लेकिन बल्लेबाज केविन पीटरसन अब पूरी तरह फिट हैं।
एशेज को ध्यान में रखते हुए इंग्लैंड के नियमित कप्तान एंड्रू स्ट्रॉस ने ट्वेंटी-20 क्रिकेट में खराब फॉर्म का हवाला देकर नाम वापस ले लिया। उनकी जगह कमान संभाल रहे पाल कोलिंगवुड का मानना है कि अपेक्षाओं का दबाव नहीं होने से उनकी टीम को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा, 'हम छुपे रुस्तम साबित होंगे। उम्मीद है कि इस बार बेहतरीन प्रदर्शन कर दिखाएंगे। दो साल पहले हुए पहले ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड एकमात्र जीत जिंबाब्वे पर दर्ज कर सका था।
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