Saturday, March 15, 2008

मेरी बाजुओं में ताकत कम नहीं- ईशांत

नई दिल्ली। भारत के युवा तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कोच जॉन बुकानन की इस सलाह को सिरे से खारिज कर दिया कि उन्हें अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने की जरूरत है।
ईशांत ने कल यहां संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगता है कि मेरी बाजुओं में पर्याप्त ताकत है और मुझे अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने की कोई जरूरत नहीं है।” उल्लेखनीय है कि बुकानन ने कोलकाता में मंगलवार को कहा था कि भारत के इस नए तेज गेंदबाज को अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाना चाहिए ताकि वह चोटों से बचे रह सकें।
दिलचस्प बात है कि ईशांत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सौरव गांगुली के नेतृत्व वाली कोलकाता टीम के ही सदस्य हैं और इसके कोच बुकानन हैं।
कोलकाता टीम ने ईशांत को तीन करोड़ 80 लाख रूपए में खरीदा था।
गांगुली की टीम को ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ का नाम दिया गया है और इसमें ईशांत के अलावा पाकिस्तान के तूफानी गेंदबाज शोएब अख्तर और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग भी शामिल हैं।

मां ने ठुकराया करीना का प्यार

नई दिल्ली। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री करीना कपूर की मां बबीता कपूर को सैफ और करीना का रिश्ता बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसलिए इन दिनों सैफ और करीना दोनों ही काफी तिलमिलाए हुए दिखाई देते हैं और अब एक-दूसरे के बारे में किसी को कुछ नहीं बताना चाहते।
सैफ और करीना का प्यार फिल्म ‘टशन’ की शूटिंग के दौरान परवान चढ़ा। इसी दौरान करीना ने शाहिद को अपनी जिंदगी से बाहर निकाल दिया। कहते हैं कि करीना के परिवार ने शाहिद को कभी नहीं अपनाया, खास तौर पर बबीता को शाहिद कभी नहीं भाए।
अब बबीता का यही रवैया अभिनेता सैफ अली खान को लेकर भी है। वो नहीं चाहती कि उनकी बेबो उम्रदराज सैफ को अपना जीवनसाथी बनाए। इस बात को लेकर सैफ और करीना काफी परेशान हैं।
अब तो हालत ये हो गई है कि सैफ के बारे में पूछे जाने पर करीना टालने की कोशिश करने लगती हैं।

Friday, March 14, 2008

7 उपाय हमेशा खुश रहने के

हममें से अमूमन सभी लोग अपने जीवन में न जाने क्या-क्या ढूंढते रहते हैं, जीवन से न जाने क्या-क्या पाने की आशा रखते हैं। यह सोचते हैं कि अगर हमें यह हासिल हो गया तो हम जीवन भर सुखी रहेंगे। लेकिन इस चक्कर में अकसर, छोटी-छोटी खुशियां मुट्ठी से रेत की तरह फिसल जाती हैं। अगर आप अपनी सोच को बदल लें और यहां बताए जा रहे सुझावों को अपनाएं तो हमेशा खुश रह सकती हैं।

1. आपको हक है खुश रहने का

अगर आप यह सोचती हैं कि खुशी कहां है इस जीवन में मेरे लिए, तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि आप वाकई खुश नहीं रह सकतीं। आप खुद को जिस तरह का संदेश देती हैं, आपका जीवन उसी तरह चलता है। अगर आप खुद को खुश रहने की हकदार नहीं समझती हैं तो भला आप कैसे खुश रहने की उम्मीद कर सकती हैं! इसलिए बेहतर होगा कि अपनी सोच बदलें और खुद से कहें कि आप खुश रह सकती हैं और आप आज भी खुश हैं।

2. स्वीकारें जैसी हैं आप

बिना यह सोचे कि आप कैसी हैं - अच्छी, बुरी या आकर्षक नहीं, आप जैसी हैं, उसे खुश होकर स्वीकारें। यह भी मानें कि जो कुछ भी आप कर सकती हैं, वह अच्छे से अच्छा और सर्वश्रेष्ठ भी हो सकता है।

3. जहां भी रहें खुश रहें

आज खुश रहने से मतलब है यह मानना कि आप आज जहां भी हैं, वहां आराम से हैं। आप नहीं जानतीं कि आपके जीवन के कल की शुरुआत कैसे होने वाली है, इसलिए आज जिस भी स्थिति में, जहां भी हैं, वहां खुश होकर रहें। भविष्य में क्या होने वाला है, यह कोई नहीं जानता, लेकिन भविष्य की चिंता में आज मिलने वाली छोटी-छोटी खुशियों से हाथ न धो बैठें।

4. पहचानें अपने जीवन मूल्य

आपके भी मन में जिंदगी से कुछ अलग पाने की, कुछ अलग करने की चाह जागी होगी। अगर आपका जवाब है बहुत बार, मगर कर नहीं पाई, तो इसमें दुखी होने की कोई बात नहीं है। आप अकेली नहीं हैं। दुनिया भर में आप जैसे अनगिनत लोग हैं। दौडभाग वाली जिंदगी जीने वाले लोग, जिनके पास अपने मकसद और छोटी-छोटी इच्छाओं को पूरा करने का वक्त भी नहीं है, पर वे जीवनभर इसका मलाल नहीं करते कि वे अपनी सारी इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाए। आप भी इसी तरह सकारात्मक सोच अपनाएं। अपने जीवन के मूलभूत मूल्यों में से आप किसे कितना बडा मानती हैं, उन्हें किस तरह आंकती हैं, उन मूल्यों में आपकी क्या प्राथमिकता है, यह आप पर निर्भर करता है। अब तय आपको करना है कि आप अपने जीवन मूल्यों को किस तरह निभाती हैं। जिस दिन आप जीवन को अर्थपूर्ण ढंग से जीना सीख जाएंगी, खुशियां उसी पल से आपके आंचल में सिमट जाएंगी। दिल्ली अपोलो हॉस्पिटल की मनोचिकित्सक अनु गोयल का मानना है कि अपनी उत्सुकता को ऊंचे दर्जे पर रखने वाला व्यक्ति शांत बैठ कर सोच-विचार करने और पढने-सीखने के कामों में जिंदगी का अर्थ पा सकता है, जबकि लोगों के बीच स्वीकारे जाने को अधिक आंकने वाले और उत्सुकता को कुछ खास न मानने वाले को किताबों से भरी जिंदगी के बजाय लोगों से घिरी जिंदगी अधिक अर्थपूर्ण लगती है। अर्थपूर्ण जीवन दरअसल वह है, जिसमें से आप दिखावे को निकाल देती हैं। सिर्फ उन बातों पर नजर डालती हैं, जो जरूरी होती हैं और फिर उनके हिसाब से अपनी जिंदगी जीती हैं, न कि दूसरों को जरूरी लगने वाली चीजों के हिसाब से।

5. अपने जीवन को सराहें

खुश रहने के लिए अपनी जीवन की उपलब्धियों सराहना भी सीखें। फिर चाहे वह आपका अच्छा स्वास्थ्य हो, जॉब हो, अच्छा रहन-सहन हो, उम्दा घर हो, रोज के खाने की चिंता न हो व परिवार का पूरा सहयोग और प्यार हो। अगर ये सब बातें आपके जीवन में हैं, तो आपको शुक्रगुजार होना चाहिए अपने जीवन से। इन्हीं सब मापदंडों से आप खुश भी रह सकती हैं। यह नहीं कि जो नहीं है उसका दुखडा रोती रहें, बल्कि जो जीवन से आपको मिला है, उसका शुक्रिया अदा करें। साथ ही आप वर्तमान में जिएं। अगर किसी को यह पता है कि उसके जीवन के सिर्फ 90 दिन बचे हैं तो वह उन दिनों को बेहतर से बेहतर बनाने और जीने में समय लगा देता है, लेकिन ऐसे व्यक्ति, जिसे यह नहीं पता कि वह दूसरे ही दिन इस दुनिया से चला जाएगा, वह भविष्य की सोच में अपने वर्तमान को बेहतर नहीं बना पाता। इसलिए कल किसने देखा यह सोचें और अपने वर्तमान में जीते हुए अपने आज को बेहतर और सुदृढ बनाएं। आपको जैसा जीवन मिला है, उसमें खुश रहें और उसे स्वीकारते हुए अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।

6. सहायता भी मांगें

अपनी समस्याओं का निवारण हमेशा खुद ही करने की कोशिश न करें। आपकी जो समस्या है, उसे दूसरे से शेयर करें और मदद मांगें। कुढ-कुढ कर न जिएं। इस तरह आप अपनी समस्या का निवारण कभी भी नहीं कर पाएंगी। दूसरा शायद आपको बेहतर और अच्छा रास्ता सुझाए। इसलिए मदद मांगने में पीछे न हटें। मदद सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बहुत तरह से की जा सकती है। कई बार व्यक्ति ऐसी परेशानी में होता है, जब उसे सिर्फ मॉरल सपोर्ट की जरूरत होती है, जो वह खुद को नहीं दे सकता है। ऐसे में आप दूसरे का सहयोग लें। जरूरत होने पर दूसरों को अपने जीवन में जोडने की कोशिश करें। हममें से अधिकतर लोग दूसरों से मदद मांगने में झिझक महसूस करते हैं, क्योंकि हम दूसरों पर अनावश्यक बोझ नहीं डालना चाहते। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर आपसे कोई मदद मांगे तो क्या आप मदद नहीं करेंगी? यदि आप मदद मांगने पर उसकी मदद कर सकती हैं, तो आप भी जरूरत पडने पर किसी की सहायता या मदद मांग सकती हैं।

7. दूसरे के लिए अच्छा करें

जब आप किसी दूसरे के लिए कुछ अच्छा काम करेंगी तो आपको जो खुशी मिलेगी, वह वास्तव में जिंदगी की सबसे बडी खुशी होगी। फिर चाहे आप किसी वृद्ध को सडक ही क्यों न पार कराएं, या अपने पीछे से आने वाले के लिए दरवाजा ही पकड कर रखें या फिर किसी को बैठने के लिए सीट ही दे दें। ऐसी छोटी-छोटी चीजें आपको पल-पल की खुशी दे जाती हैं, और ये सारी खुशियां आपके वर्तमान में हो रही होगी हैं, न कि भविष्य में। कहने का मतलब यह है कि पहले आप अपने वर्तमान को खुशहाल बनाएं, कल किसी ने नहीं देखा। अगर आप अपनी समस्या के बारे में हर पल नहीं सोचेंगी तो वे अपने आप ही छोटी और कम हो जाएंगी। तो फिर देर किस बात की। अपने आप को संवारिए और जैसा जीवन मिला है, उसे स्वीकारते हुए हर पल हर क्षण को खुश होकर जीना सीखिए।

Tuesday, March 11, 2008

कांग्रेस चुनाव के लिए तैयार रहे- सोनिया

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरु कर देने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार के अच्छे कार्यक्रमों के बल पर कांग्रेस फिर से सत्ता में आने में सफल रहेगी।

सोनिया गांधी ने यहां कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हम अपनी शानदार उपलब्धियों के साथ अगले चुनाव में उतरेंगे तथा मुझे पूरी आशा है कि सरकार के अच्छे कार्यक्रमों के बल पर हम फिर से जनता का विश्वास जीतने में सफल रहेंगे”।

कांग्रेस अध्यक्ष ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणामों को निराशाजनक बताते हुए इनसे सबक सीखने, हार के कारणों की पहचान करने तथा एकजुट होकर उन्हें दूर करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि अगले कुछ माह में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, हाल के चुनावों का साधारण सबक यही है कि हम और अधिक अनुशासन और एकता के साथ कड़ी मेहनत करें तथा उम्मीदवारों के चयन और रणनीति अपनाने में और अधिक सतर्कता बरतें।

इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह भी उपस्थित थे।

सोनिया गांधी ने 29 फरवरी को पेश बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह किसानों और समाज के कमजोर वर्गों को अधिकार संपन्न बनाने की हमारी गहरी चिंता को दर्शाता है। भाजपा के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने कृषि क्षेत्र में जो तबाही मचाई थी, उसे दूर करने के लिए हमारी सरकार ने पिछले चार वर्ष में दीर्घकालिक प्रभाव वाले अनेक कदम उठाएं हैं, जिसमें कर्ज माफी सबसे महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बहुत सी पार्टियां इस बजट में उठाए गए कदमों का श्रेय लेने की कोशिश करेंगी लेकिन सच्चाई यह है कि सिर्फ हमारी पार्टी और हमारी सरकार ने अकेले इतने साहसिक कदम उठाए हैं। ये कदम हमने चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं उठाए हैं, ये हमारी मूल विचारधारा और हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है।

सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने पार्टी कार्यक्रम समन्वय के प्रभारी महासचिव को अन्य महासचिवों और प्रदेश अध्यक्षों के सहयोग से कर्ज माफी से लाभान्वित होने वाले किसानों की जिलावार सूची तैयार करने को कहा है।

कर्ज माफी योजना अगले 30 जून से पहले पूरी की जानी है, इसलिए आंकडों को तैयार करने का काम तुरंत शुरु करने की जरूरत है।

सोनिया गांधी ने पार्टी सांसदों से भाजपा तथा उसके झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार का करारा जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री का अनुसरण करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए डॉ. सिंह ने जिस मर्यादित वाकपटुता से भाजपा के नेताओं की दलीलों को ध्वस्त किया, उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने हमारे समाने ऐसी दलीलें रखी हैं जिससे हम भाजपा के झूठे प्रचार का सामना कर सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं से कहा कि वे इस ओर विशेष ध्यान रखें कि गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री आदिवासी अधिकार कानून के तहत पट्टों का वितरण करते समय इस कानून का श्रेय स्वयं न लेने पाएं।

बाहर निकला गांगुली के दिल का दर्द

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वनडे टीम से बाहर किए जाने का दर्द अब भी सालता है। गांगुली यह भी नहीं समझ पा रहे कि आखिर वह ऐसा क्या करके दिखाएं जिससे वनडे टीम में उनकी वापसी हो जाए। वनडे टीम से बाहर किए जाने के बारे में यदि गांगुली से जरा भी कुछ पूछा जाए तो उनके दिल का दर्द जैसे बाहर निकल आता है और वह अपने मन की बात दबा नहीं पाते। क्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में गांगुली ने कहा, मैं नहीं जानता कि वनडे टीम में वापसी के लिए आखिर क्या करूं? मुझे यह भी नहीं पता कि इंडियन प्रीमियर लीग [आईपीएल] में अच्छा प्रदर्शन करने मुझे भारतीय वनडे टीम में जगह मिल पाएगी या नहीं।
गांगुली का मानना है कि फार्म में होने के बावजूद उन्हें आस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज के लिए चुनी गई भारतीय टीम से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा, एक साल में करीब 1300 रन बनाने के बावजूद मुझे टीम में जगह नहीं दी गई। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि टीम में वापसी के लिए और क्या करूं। मैं अच्छी फार्म में था फिर भी मुझे टीम से निकाल दिया गया।

आईपीएल के 18 अप्रैल से शुरू हो रहे ट्वंटी 20 टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने पर वनडे टीम में वापसी के बारे में पूछे जाने पर पूर्व कप्तान ने कहा, ट्वंटी 20 और वनडे क्रिकेट दो अलग-अलग चीजें हैं। मैं ट्वंटी 20 में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर वनडे टीम में जगह पाने के प्रति आश्वस्त नहीं हूं। गौरतलब है कि लंबे अर्से के बाद गत वर्ष जनवरी में भारत की वनडे टीम में वापसी करने वाले सौरव ने इसके बाद 15 महीनों के दौरान 32 मैचों में 44.28 के औसत से 1240 रन बनाए थे। हालांकि पिछले 10 मैचों में उनका प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं था।

गांगुली ने साफ किया कि फिलहाल उनकी नजर इस माह के अंत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू होने वाली तीन मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने पर लगी है और उनका मानना है कि इससे पहले होने वाली देवधर ट्रॉफी के मैचों में उन्हें अच्छा अभ्यास मिलेगा। गांगुली आईपीएल की कोलकाता टीम के कप्तान हैं। उनकी टीम में आस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग, पाकिस्तान के तूफानी गेंदबाज शोएब अख्तर, न्यूजीलैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रैंडन मैक्कुलम और वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल शामिल हैं।

आईपीएल के टूर्नामेंट को युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन मंच करार देते हुए गांगुली ने कहा कि इस प्रतियोगिता में नामी-गिरामी खिलाडि़यों के साथ खेलने से युवाओं को उनसे क्रिकेट की तमाम बारीकियां सीखने का मौका मिलेगा।

आस्ट्रेलिया का पाकिस्तान दौरा टला

सिडनी। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने लाहौर में मंगलवार हुए विस्फोटों के बाद अपना पाकिस्तान दौरा स्थगित कर दिया।

क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने सुरक्षा कारणों से अपना दौरा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की सूचना पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को दे दी। पीसीबी अध्यक्ष नसीम अशरफ ने कहा, मैं इस फैसले से बहुत निराश हूं लेकिन मैं क्रिकेट आस्ट्रेलिया के प्रमुख क्रेग ओकोनोर से अगले सप्ताह दुबई में मिलूंगा ताकि दौरे की नई तारीख तय की जा सके।

गौरतलब है कि आस्ट्रेलियाई टीम का 29 मार्च से पाकिस्तान दौरे का कार्यक्रम था लेकिन अब इसे सुरक्षा कारणों से इस महीने के लिए टाल दिया गया है। क्रिकेट आस्ट्रेलिया के अध्यक्ष क्रेग ओकोनोर ने कहा, हम इस समय पाकिस्तान का दौरा नहीं कर सकते और हमें इस बात का अफसोस है। हालांकि यह एक कठिन फैसला था लेकिन एक निष्पक्ष समीक्षा के बाद वहां के सुरक्षा हालातों को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया। इस दौरे पर दोनों टीमों के बीच तीन टेस्ट, पांच एक दिवसीय और एक ट्वंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैच होने हैं।

इससे पहले पाक में सुरक्षा की स्थिति के बारे में सीए व आस्ट्रेलियाई अधिकारियों की एक बैठक हुई थी। जिसमें क्रिकेट आस्ट्रेलिया संघ [एसीए] ने कहा था कि पाकिस्तान के हालात सही नहीं है और वहां पर टीम को भेजना खिलाडि़यों को खतरे में डालने के बराबर है। दूसरी ओर पीसीबी ने दौरे की अवधि को घटाकर आस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बाती कही थी। सीए ने इस दौरे को किसी तटस्थ स्थान पर कराने का विकल्प रखा लेकिन पीसीबी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया था।

Monday, March 10, 2008

भारतीय टीम ने लिखा इतिहास का सबसे काला अध्याय

नई दिल्ली। 'चक दे इंडिया' का कोच कबीर खान फाइनल मैच से पहले अपने खिलाड़ियों को जिंदगी से 70 मिनट चुराने का मंत्र देता है। इन्हीं पलों में उसकी टीम रच देती है जीत का नया इतिहास। लेकिन सैंटियागो में ब्रिटेन के खिलाफ फाइनल में अति आत्मविश्वास की शिकार भारतीय टीम ने लिखा इतिहास का सबसे काला अध्याय।

80 साल में पहली बार ओलंपिक से बाहर होने की इस शर्मिदगी से जल्दी उबर पाना आसान नहीं। खेलों के सबसे बड़े महासमर में कूदने के लिए आखिरी तिलिस्म पर खड़ी भारतीय हाकी टीम ने एक अदना सी टीम के सामने आसानी से घुटने टेककर साबित कर दिया सुनहरे अतीत की थाती ढोने से ही कोई टीम महान नहीं बनती। इसके लिए चाहिए हर पल जोर मारता जीत का जज्बा, जो भारतीय हाकी के पास नहीं है। इसके लिए ठीकरा आला हुक्मरानों और उनके नादिरशाही फरमानों पर फोड़ा जाए। बार-बार बदलते कोचों की रणनीतियों की नुक्ताचीनी की जाए या खिलाडि़यों में नुक्स निकाले जाएं, लब्बोलुआब यही है कि भारतीय हाकी की दशा और दिशा दोनों को दुरुस्त किया जाना लाजमी है।

गाहे-बगाहे क्रिकेट और क्रिकेटरों को आड़े हाथों लेने वाले हाकी पंडितों की जुबां पर भी अब ताले पड़ गए होंगे। क्रिकेट में भारत हर स्तर पर कामयाबी की नित नई इबारतें लिख रहा है तो भारतीय हाकी के ताबूत में एक के बाद एक कील ठुकती जा रही है। बात सिर्फ एक टूर्नामेंट की नहीं है। भारतीय हाकी के पतन की दास्तान को समझने के लिए अर्श से फर्श तक के सफर का सिंहावलोकन जरूरी है।

ओलंपिक में 1928 में पदार्पण करने वाली भारतीय हाकी टीम ने 1956 तक लगातार छह स्वर्ण जीतकर अपना परचम लहराया था। बात सिर्फ पदकों की नहीं, बल्कि भारतीय पारंपरिक हाकी के उस जादू की है जो कभी सिर चढ़कर बोलता था। जिसने ध्यानचंद जैसे नगीने विश्व हाकी को दिए।

सन् साठ के रोम ओलंपिक के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों हार के बाद लगा कि जीत का सिलसिला हमेशा के लिए टूट गया। लेकिन फिर चार साल बाद टोक्यो में टीम ने वापसी की। फिर 1968 और 1972 में उसे कांस्य से ही संतोष करना पड़ा। 1976 में तो भारतीय टीम सातवें स्थान पर रही और ओलंपिक के इतिहास में पहली बार खाली हाथ लौटी।

मास्को ओलंपिक 1980 में जीता पीला तमगा भारतीय हाकी के स्वर्णिम इतिहास की आखिरी धरोहर थी। उस समय भी जर्मनी, हालैंड और इंग्लैंड ने ओलंपिक का बहिष्कार किया था। इसके बाद से लगातार पतन की राह पर चल पड़ी भारतीय हाकी का सबसे खौफनाक डर आज हकीकत में बदल गया जब इतने लंबे समय तक दुनिया भर को हाकी का ककहरा सिखाने वाली टीम खुद ओलंपिक की दौड़ से ही बाहर हो गई।

Sunday, March 9, 2008

पेरिस हिल्टन को मिला नया प्रेमी

लंदन। हिल्टन होटल समूह की मालकिन पेरिस हिल्टन ने रॉक बैंड लिंकिंग पार्क के एक कंसर्ट के दौरान 'गुड शैरलॉट' रॉक बैंड के सदस्य बेंजी मेडन के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया।
वेबसाइट contactmusic.com के अनुसार कंसर्ट के एक कर्मी ने इन दोनों को एक लिफ्ट में साथ देखा था और इस जोड़े ने उसे वीडियो कैमरे के जरिए छोटे से साक्षात्कार की अनुमति दे दी।
यह पूछे जाने पर कि क्या 'लिंकिंग पार्क' उनका पसंदीदा बैंड है, हिल्टन ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे 'लिंकिंग पार्क' नहीं 'गुड शैरलॉट' पसंद है।”

हॉकी: भारत चिली से जीता, फाइनल कल

सेंटियागो। वी.आर. रघुनाथ के चमकदार खेल की बदौलत भारत ने मेजबान चिली को आज यहां 4-1 से हराकर ओलंपिक हॉकी क्वालिफाइंग टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया है।
आठ बार के ओलंपिक चैंपियन भारत ने शुरूआत से ही आक्रामक खेल दिखाते हुए प्रतिद्वंद्वी गोलमुख पर बार-बार धावा बोला। प्रभजोत सिंह ने दसवें मिनट में बाईं ओर से मिले पास पर शानदार गोल करके भारत को बढ़त दिलाई।
इसके बाद भारत ने लगातार दो मिनट में दो गोल किए। पहले रघुनाथ ने प्रभजोत की मदद से विपक्षी खिलाड़ियों को छकाते हुए गोल दागा, अगले ही मिनट में भरत चिकारा ने तुषार खांडेकर से मिले पास पर गोल करके भारत को मध्यांतर तक 3-0 की बढ़त दिला दी।

एशियाई चैंपियन भारत ने दूसरे हाफ में भी अपना दबदबा बनाए रखा और प्रतिद्वंद्वी टीम को अपने ही क्षेत्र में व्यस्त रखा। चिली के इयान कोप्पेनबर्गर को प्रभजोत के साथ उलझने पर पीला कार्ड दिखाया गया और मेजबान टीम को दस खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा।लेकिन भारत इस अवसर को भुनाने में नाकाम रहा क्योंकि इसके कुछ ही समय बाद उसके खिलाड़ी अजितेश राय को भी पीला कार्ड दिखाया गया।रघुनाथ ने 62वें मिनट में मैच के पहले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके भारत को 4-0 की बढ़त दिला दी। चिली के फेलिप मोंटेग्यू ने 62वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके अपनी टीम का खाता खोला।
मेजबान टीम ने अंतिम क्षणों में गोल करने का भरसक प्रयास किया, लेकिन वह भारतीय रक्षापंक्ति को भेदने में नाकाम रही।
पेइचिंग ओलंपिक का टिकट पाने के लिए भारत को अब फाइनल में कल ग्रेट ब्रिटेन से भिड़ना होगा, जिसने अंतिम मैच में ऑस्ट्रिया को 4-0 से हराया।