Friday, March 12, 2010

वीरू के तूफान में डूबी राजस्थान रोयल्स

अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में 142 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली डेयरडेविल्स ने राजस्थान रॉयल्स को 6 विकेट से हरा दिया। दिल्ली ने 17.1 ओवर में 142 रन बना लिए। इसी के साथ आईपीएल सीजन-3 में दिल्ली की ये लगातार दूसरी जीत है और राजस्थान रॉयल्स की लगातार दूसरी हार। मैच के हीरो रहे दिल्ली के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, उन्होंने मात्र 34 गेंदों में 75 रन की पारी खेली। पहली पारी -राजस्थान रॉयल्स अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान गौतम गंभीर ने टॉस जीतकर राजस्थान रॉयल्स को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया। पारी के शुरुआत करने उतरे ग्रेम स्मिथ और स्वपनिल आस्नोदकर टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए और पहला विकेट 14 रन के स्कोर पर गिरा। डर्क नेनेस ने स्वपनिल (5) को दिलशान के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद नमन ओझा ने ग्रेम स्मिथ मिलकर 31 रनों की साझेदारी निभाई और वे 24 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर अमित मिश्रा के फिरकी जाल में फंस कर बोल्ड हो गए। राजस्थान को तीसरा झटका यूसुफ पठान के रुप में लगा, वे आज शून्य पर आउट हो गए। उनका विकेट परवेज़ महरुफ ने लिया। तेज गति से रन बनाने के दबाव में ग्रेम स्मिथ प्रदीप सागवान की गेंद पर आउट हो गए। टीम के मध्यक्रम बल्लेबाज अभिषेक झुनझुनवाला ने 45 गेंदों में 53 रन की पारी खेली। उन्होंने प्रवीण डोगरा (29) के साथ 60 रन की पार्टनरशिप की। ऑलराउंडर दमित्रि मेस्केरेनहास बल्ले से कोई खास कमाल नहीं दिखा सके। दिल्ली की ओर से प्रदीप सागवान, अमित मिश्रा, परवेज महरुफ और डर्क नेनेस ने 1-1 विकेट लिए। दूसरी पारी-दिल्ली डेयरडेविल्स-142 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम को सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने टीम को बेहतरीन शुरुआत दी। उनके बीच 21 गेंदों में 42 रनों की साझेदारी हुई। इस साझेदारी को दमित्रि मेस्केरेनहास ने पारी के चौथे ओवर में तोड़ा। उन्होंने उसी ओवर के अगली गेंद पर तिलकरत्ने दिलशान का भी विकेट लिया। लेकिन आज वीरेंद्र सहवाग ने आतिशी पारी खेलने का मन बना कर आए थे। जहां दूसरे तरफ बल्लेबाजों के लिए रन बनाना उतना आसान नहीं था, सहवाग बड़ी आसानी से गेंद को बाउंड्री तक पहुंचा रहे थे। उन्होंने 34 गेंदों में 75 रनों की पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 5 छक्के शामिल हैं। राजस्थान के कप्तान शेन वार्न के लिए परेशानी का सबब बन चुके वीरेंद्र सहवाग का विकेट मुनाफ पटेल ने लिया। उन्होंने एबी डेवेलियर्स के साथ 57 रनों की साझेदारी निभाई। दिल्ली की ओर से एबी डेविलियर्स, दिनेश कार्तिक और मिथुन मिन्हास ने क्रमशः 15, 23 और 11 रन का योगदान किया। गेंदबाजी में राजस्थान की ओर से किसी भी गेंदबाज ने प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि दमित्रि मेस्केरेनहास ने 2, वार्न और मुनाफ पटेल ने एक-एक विकेट चटके.

आज शेन वार्न व सचिन में मुकाबला

क्रिकेट के दो महानायक शनिवार को ब्रेबोर्न स्टेडियम में एक बार फिर आमने-सामने होंगे। इसमें सचिन तेंदुलकर की अगुवाई वाली मुंबई इंडियंस और शेन वार्न के नेतृत्व वाली राजस्थान रायल्स के खिलाफ खेलेगा। पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर वार्न के नेतृत्व में राजस्थान आईपीएल का पहला संस्करण जीत चुका है।
बता दें कि तेंदुलकर ने इसी मैदान पर 1998 में आस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर की अपने बैट से धज्जियां उड़ा दी थीं। सचिन से उस मैच में विकेट के चारों ओर जोरदार शाट लगाते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना पहला दोहरा शतक पूरा किया था। वार्न ने तब पहली पारी में 100 से अधिक रन खर्च किए थे, जबकि वह एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए थे। अपनी गेंदबाजी की धुनाई देख वार्न को सार्वजनिक तौर पर स्वीकारना पड़ा था कि रात को सपनों में भी उन्हें सचिन उनकी गेंदों पर रन बटोरते हुए नजर आए थे।
इसलिए शनिवार के मैच में सभी की निगाहें फिर से इन्हीं दोनों खिलाडि़यों पर ही टिकी होंगी। मैच की रोमांचकता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ [एफआईएच] ने शनिवार को होने वाले हाकी विश्व कप फाइनल के कारण मैच जल्दी शुरू करने का आग्रह किया है। ऐसे में कहा जा सकता है सचिन और वार्न का मैच यदि उम्मीदों पर खरा उतरता है, तो दर्शकों का टिकट वसूल हो जाएगा।

केकेआर की जीत से शुरुआत

अच्छी शुरुआत के बाद लगातार विकेट गंवाने के कारण गत चैंपियन डक्कन चार्जर्स को इंडियन प्रीमियर लीग [आईपीएल] के तीसरे सत्र के शुरुआती मुकाबले में शुक्रवार को कोलकाता नाइटराइडर्स से 11 रन से हार का सामना करना पड़ा। एंजेलो मैथ्यूज [65] और ओवैस शाह [58] के बीच पांचवें विकेट के लिए हुई नाबाद 131 रन की साहसिक शतकीय साझेदारी की बदौलत कोलकाता ने डक्कन को 162 रन लक्ष्य दिया लेकिन वह हासिल कर पाने में नाकाम रहे।
कोलकाता से मिले विशाल लक्ष्य के आगे डक्कन को एडम गिलक्रिस्ट [54] और वीवीएस लक्ष्मण [22] ने अच्छी शुरुआत दी और पहले विकेट के

Thursday, March 11, 2010

कल से आईपीएल का रोमांच

पिछले साल सुरक्षा चिंताओं के कारण दक्षिण अफ्रीका में खेला गया इंडियन प्रीमियर लीग [आईपीएल] अपने तीसरे सत्र के साथ स्वदेश वापस लौट आया है और शुक्रवार से शुरू होने वाले इस लोकप्रिय ट्वंटी 20 टूर्नामेंट के पहले मैच में गत विजेता डक्कन चार्जर्स का मुकाबला कोलकाता नाइटराइडर्स से होगा।
डीवाई पाटिल स्टेडियम में इस पहले मैच से पूर्व उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण सहित लियोनल रिची और ब्जोर्न आगान जैसे शीर्ष अंतरराष्ट्रीय कलाकार अपना जलवा बिखेरेंगे। यह टूर्नामेंट 45 दिन तक चलेगा। उद्घाटन समारोह में शानदार आतिशबाजी का प्रदर्शन होगा जिसके बाद ही इस मैदान पर आईपीएल के दूसरे सत्र की नंबर एक [डक्कन चार्जर्स] और नंबर आठ [कोलकाता नाइटराइडर्स] टीमों के बीच टूर्नामेंट का पहला मुकाबला खेला जाएगा।
आईपीएल के दूसरे दिन दक्षिण मुंबई स्थित ब्रेबोर्न स्टेडियम में क्रिकेट के दो महान खिलाडि़यों की टीमें भिड़ेंगी। एक तरफ होगी सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस तो दूसरी तरफ 2008 में जीत दर्ज करने वाली शेन वार्न की कप्तानी वाली राजस्थान रॉयल्स होगी। शुरुआती दो सत्रों की तरह इस साल भी कुछ अंतरराष्ट्रीय स्टार खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं में व्यस्त होने के कारण इस टूर्नामेंट के शुरुआती मैचों में उपस्थित नहीं रहेंगे। इन स्टार खिलाडि़यों की अनुपस्थिति के बावजूद सभी टीमें चाहेंगी कि सही संयोजन के साथ मैदान में उतरकर शुरुआती मैचों में जीत दर्ज कर लय हासिल की जाए।
देशी और विदेशी खिलाड़ी आईपीएल के तीसरे सत्र में बेहतर प्रदर्शन की कोशिश करेंगे ताकि चौथे सत्र के लिए होने वाली खिलाडि़यों की नीलामी में प्रदर्शन को देखते हुए फ्रेंचाइजियों की ओर से उनकी ज्यादा से ज्यादा बोली लगे। इस बार अहमदाबाद, कटक और धर्मशाला में भी आईपीएल के मैच खेले जाएंगे जबकि डक्कन चार्जर्स सातों मैच अपने घरेलू मैदान [हैदराबाद] की जगह नवी मुंबई, नागपुर और कटक में होंगे। आईपीएल ने इस बार से ढाई-ढाई मिनट के दो रणनीतिक विश्राम दिए जाएंगे जिसमें एक का प्रयोग बल्लेबाजी करने वाली टीम करेगी जबकि दूसरे का गेंदबाजी करने वाली टीम। गेंदबाजी कर रही टीम इस रणनीतिक विश्राम का प्रयोग छठे से आठवें ओवर के बीच कभी भी कर सकती है जबकि बल्लेबाजी कर रही टीम इसका प्रयोग 11वें से 16वें ओवर के बीच करेगी।

Monday, March 8, 2010

पति, पत्नी और अतिथि


इस बिज़ी लाइफ और महँगाई के दौर में अतिथि किसी को भी अच्छा नहीं लगता। वो जमाना बीत चुका है जब गेस्ट घर में कई दिनों तक डेरा डालकर रखते थे और बुरे नहीं लगते थे। इस बात को लेकर निर्देशक अश्विनी धीर ने ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ बनाई है। वैसे तो इसकी स्टोरी टीवी के लिए ज्यादा फिट है, लेकिन अश्विनी ‍ने फिल्म बना डाली है। लेकिन फिल्म बुरी नहीं है और समय काटने के लिए देखी जा सकती है। मुंबई में रहने वाले पुनीत (अजय देवगन) और मुनमुन (कोंकणा सेन शर्मा) की अपनी-अपनी व्यस्त लाइफ है। पुनीत फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखता है और मुनमुन एक ऑफिस में काम करती है। दोनों का एक बेटा है, जो अक्सर उनसे सवाल करता रहता है कि अपने घर गेस्ट क्यों नहीं आते? आखिरकार एक दिन पुनीत के दूर के रिश्तेदार लम्बोदर (परेश रावल) उनके घर आ धमकता है। उन्हें सब चाचाजी कहते हैं। चाचाजी का अंदाज बड़ा निराला है। घर की बाई से ऐसा काम लेते हैं कि वह नौकरी छोड़कर भाग जाती है। मुनमुन इससे बड़ी निराश होती है। उसका कहना है कि पति यदि छोड़ के चले जाए तो तुरंत दूसरा मिल जाता है, लेकिन बाई नहीं मिलती। चाचाजी के लिए खाना बनाना हो तो नहा कर ही किचन में जाना पड़ता है। ऐसे कई उनके नियम कायदे हैं। एक-दो दिन तो अच्छा लगता है, लेकिन जब चाचाजी जाने का नाम ही नहीं लेते तो पुनीत-मुनमुन उन्हें घर से निकालने के लिए नई-नई तरकीबों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन चाचाजी के आगे ‍सारी ट्रिक्स फेल हो जाती है। पुनीत अंडरवर्ल्ड के पास भी जाता है, लेकिन फिर भी उसे नाकामी मिलती है। किस तरह वे कामयाब होते हैं और उन्हें चाचाजी का महत्व समझ में आता है ‍यह फिल्म का सार है। अश्विनी धीर ने इसके पहले ‘वन टू थ्री’ नामक फिल्म बनाई थी, जिसमें उन्होंने अश्लीलता से परहेज नहीं किया था। लेकिन इस फिल्म को उन्होंने फूहड़ता से बचाए रखा और एकदम साफ-सुथरी फिल्म पेश की है। गणेश जी से अतिथि को जोड़ना और कालिया (विजू खोटे) तथा चाचाजी के वाले कुछ दृश्य अच्छे बन पड़े हैं। फिल्म अंतिम कुछ रीलों में कमजोर पड़ जाती है और कहानी को ठीक से समेटा नहीं गया है। साथ ही कुछ दृश्यों का दोहराव भी है। अंत में जो ड्रामा और उपदेश दिए गए हैं वो बोरियत भरे हैं।
PRचाचा की हरकतों से परेशान पुनीत का किरदार अजय ने अच्‍छी तरह से निभाया है। कोंकणा सेन को निर्देशक ने कम मौके दिए। इस फिल्म के हीरो हैं। गोरखपुर में रहने वाले लम्बोदर चाचा की बारीकियों को उन्होंने बेहतरीन तरीके से पर्दे पर पेश किया है। सतीश कौशिक, विजू खोटे का अभिनय भी उम्दा है। संगीत के नाम पर एकाध गाना है और कुछ पैरोडियाँ हैं, जो नहीं भी होती तो खास फर्क नहीं पड़ता। कुल मिलाकर ‘अतिथि तुम कब जाओगे?’ एक साफ-सुथरी हास्य फिल्म है जो देखी जा सकती है।