Friday, March 14, 2008

7 उपाय हमेशा खुश रहने के

हममें से अमूमन सभी लोग अपने जीवन में न जाने क्या-क्या ढूंढते रहते हैं, जीवन से न जाने क्या-क्या पाने की आशा रखते हैं। यह सोचते हैं कि अगर हमें यह हासिल हो गया तो हम जीवन भर सुखी रहेंगे। लेकिन इस चक्कर में अकसर, छोटी-छोटी खुशियां मुट्ठी से रेत की तरह फिसल जाती हैं। अगर आप अपनी सोच को बदल लें और यहां बताए जा रहे सुझावों को अपनाएं तो हमेशा खुश रह सकती हैं।

1. आपको हक है खुश रहने का

अगर आप यह सोचती हैं कि खुशी कहां है इस जीवन में मेरे लिए, तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि आप वाकई खुश नहीं रह सकतीं। आप खुद को जिस तरह का संदेश देती हैं, आपका जीवन उसी तरह चलता है। अगर आप खुद को खुश रहने की हकदार नहीं समझती हैं तो भला आप कैसे खुश रहने की उम्मीद कर सकती हैं! इसलिए बेहतर होगा कि अपनी सोच बदलें और खुद से कहें कि आप खुश रह सकती हैं और आप आज भी खुश हैं।

2. स्वीकारें जैसी हैं आप

बिना यह सोचे कि आप कैसी हैं - अच्छी, बुरी या आकर्षक नहीं, आप जैसी हैं, उसे खुश होकर स्वीकारें। यह भी मानें कि जो कुछ भी आप कर सकती हैं, वह अच्छे से अच्छा और सर्वश्रेष्ठ भी हो सकता है।

3. जहां भी रहें खुश रहें

आज खुश रहने से मतलब है यह मानना कि आप आज जहां भी हैं, वहां आराम से हैं। आप नहीं जानतीं कि आपके जीवन के कल की शुरुआत कैसे होने वाली है, इसलिए आज जिस भी स्थिति में, जहां भी हैं, वहां खुश होकर रहें। भविष्य में क्या होने वाला है, यह कोई नहीं जानता, लेकिन भविष्य की चिंता में आज मिलने वाली छोटी-छोटी खुशियों से हाथ न धो बैठें।

4. पहचानें अपने जीवन मूल्य

आपके भी मन में जिंदगी से कुछ अलग पाने की, कुछ अलग करने की चाह जागी होगी। अगर आपका जवाब है बहुत बार, मगर कर नहीं पाई, तो इसमें दुखी होने की कोई बात नहीं है। आप अकेली नहीं हैं। दुनिया भर में आप जैसे अनगिनत लोग हैं। दौडभाग वाली जिंदगी जीने वाले लोग, जिनके पास अपने मकसद और छोटी-छोटी इच्छाओं को पूरा करने का वक्त भी नहीं है, पर वे जीवनभर इसका मलाल नहीं करते कि वे अपनी सारी इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाए। आप भी इसी तरह सकारात्मक सोच अपनाएं। अपने जीवन के मूलभूत मूल्यों में से आप किसे कितना बडा मानती हैं, उन्हें किस तरह आंकती हैं, उन मूल्यों में आपकी क्या प्राथमिकता है, यह आप पर निर्भर करता है। अब तय आपको करना है कि आप अपने जीवन मूल्यों को किस तरह निभाती हैं। जिस दिन आप जीवन को अर्थपूर्ण ढंग से जीना सीख जाएंगी, खुशियां उसी पल से आपके आंचल में सिमट जाएंगी। दिल्ली अपोलो हॉस्पिटल की मनोचिकित्सक अनु गोयल का मानना है कि अपनी उत्सुकता को ऊंचे दर्जे पर रखने वाला व्यक्ति शांत बैठ कर सोच-विचार करने और पढने-सीखने के कामों में जिंदगी का अर्थ पा सकता है, जबकि लोगों के बीच स्वीकारे जाने को अधिक आंकने वाले और उत्सुकता को कुछ खास न मानने वाले को किताबों से भरी जिंदगी के बजाय लोगों से घिरी जिंदगी अधिक अर्थपूर्ण लगती है। अर्थपूर्ण जीवन दरअसल वह है, जिसमें से आप दिखावे को निकाल देती हैं। सिर्फ उन बातों पर नजर डालती हैं, जो जरूरी होती हैं और फिर उनके हिसाब से अपनी जिंदगी जीती हैं, न कि दूसरों को जरूरी लगने वाली चीजों के हिसाब से।

5. अपने जीवन को सराहें

खुश रहने के लिए अपनी जीवन की उपलब्धियों सराहना भी सीखें। फिर चाहे वह आपका अच्छा स्वास्थ्य हो, जॉब हो, अच्छा रहन-सहन हो, उम्दा घर हो, रोज के खाने की चिंता न हो व परिवार का पूरा सहयोग और प्यार हो। अगर ये सब बातें आपके जीवन में हैं, तो आपको शुक्रगुजार होना चाहिए अपने जीवन से। इन्हीं सब मापदंडों से आप खुश भी रह सकती हैं। यह नहीं कि जो नहीं है उसका दुखडा रोती रहें, बल्कि जो जीवन से आपको मिला है, उसका शुक्रिया अदा करें। साथ ही आप वर्तमान में जिएं। अगर किसी को यह पता है कि उसके जीवन के सिर्फ 90 दिन बचे हैं तो वह उन दिनों को बेहतर से बेहतर बनाने और जीने में समय लगा देता है, लेकिन ऐसे व्यक्ति, जिसे यह नहीं पता कि वह दूसरे ही दिन इस दुनिया से चला जाएगा, वह भविष्य की सोच में अपने वर्तमान को बेहतर नहीं बना पाता। इसलिए कल किसने देखा यह सोचें और अपने वर्तमान में जीते हुए अपने आज को बेहतर और सुदृढ बनाएं। आपको जैसा जीवन मिला है, उसमें खुश रहें और उसे स्वीकारते हुए अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।

6. सहायता भी मांगें

अपनी समस्याओं का निवारण हमेशा खुद ही करने की कोशिश न करें। आपकी जो समस्या है, उसे दूसरे से शेयर करें और मदद मांगें। कुढ-कुढ कर न जिएं। इस तरह आप अपनी समस्या का निवारण कभी भी नहीं कर पाएंगी। दूसरा शायद आपको बेहतर और अच्छा रास्ता सुझाए। इसलिए मदद मांगने में पीछे न हटें। मदद सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बहुत तरह से की जा सकती है। कई बार व्यक्ति ऐसी परेशानी में होता है, जब उसे सिर्फ मॉरल सपोर्ट की जरूरत होती है, जो वह खुद को नहीं दे सकता है। ऐसे में आप दूसरे का सहयोग लें। जरूरत होने पर दूसरों को अपने जीवन में जोडने की कोशिश करें। हममें से अधिकतर लोग दूसरों से मदद मांगने में झिझक महसूस करते हैं, क्योंकि हम दूसरों पर अनावश्यक बोझ नहीं डालना चाहते। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर आपसे कोई मदद मांगे तो क्या आप मदद नहीं करेंगी? यदि आप मदद मांगने पर उसकी मदद कर सकती हैं, तो आप भी जरूरत पडने पर किसी की सहायता या मदद मांग सकती हैं।

7. दूसरे के लिए अच्छा करें

जब आप किसी दूसरे के लिए कुछ अच्छा काम करेंगी तो आपको जो खुशी मिलेगी, वह वास्तव में जिंदगी की सबसे बडी खुशी होगी। फिर चाहे आप किसी वृद्ध को सडक ही क्यों न पार कराएं, या अपने पीछे से आने वाले के लिए दरवाजा ही पकड कर रखें या फिर किसी को बैठने के लिए सीट ही दे दें। ऐसी छोटी-छोटी चीजें आपको पल-पल की खुशी दे जाती हैं, और ये सारी खुशियां आपके वर्तमान में हो रही होगी हैं, न कि भविष्य में। कहने का मतलब यह है कि पहले आप अपने वर्तमान को खुशहाल बनाएं, कल किसी ने नहीं देखा। अगर आप अपनी समस्या के बारे में हर पल नहीं सोचेंगी तो वे अपने आप ही छोटी और कम हो जाएंगी। तो फिर देर किस बात की। अपने आप को संवारिए और जैसा जीवन मिला है, उसे स्वीकारते हुए हर पल हर क्षण को खुश होकर जीना सीखिए।

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