कप्तान एंड्रयू स्ट्रास की अगुआई में शीर्ष क्रम के जोरदार प्रदर्शन की बदौलत इंग्लैंड ने विश्व कप क्रिकेट ग्रुप 'बी' के अपने पहले मैच में आज यहाँ हॉलैंड को छह विकेट से हरा दिया।
हाल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों एकदिवसीय मैच में 1-6 से शिकस्त झेलने वाले इंग्लैंड की ओर से स्ट्रास ने 88, जोनाथन ट्राट ने 62, केविन पीटरसन ने 39 रन की पारी खेली जिससे टीम ने 293 रन के लक्ष्य को 48.4 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 296 रन बनाकर पर हासिल कर लिया।
इंग्लैंड की टीम भले ही जीत से शुरुआत करने में सफल रही हो लेकिन उसे इस मैच से काफी सीख लेनी होगी क्योंकि हॉलैंड के खिलाफ उसके गेंदबाजों ने दिशाहीन गेंदबाजी की जबकि क्षेत्ररक्षक भी उम्मीद पर खरे नहीं उतरे, जिससे विरोधी टीम रेयान टेन डोएशे (119) की अगुआई में छह विकेट पर 292 रन का बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रही।
बल्लेबाजों ने भले ही हॉलैंड के खिलाफ इंग्लैंड की जीत की राह आसान की लेकिन टीम को भारत के खिलाफ 27 फरवरी को बेंगलूर में होने वाले अपने अगले मैच से पहले गेंदबाजी में सुधार करना होगा क्योंकि मेजबान टीम के बल्लेबाज काफी अच्छी फार्म में है और बांग्लादेश के खिलाफ टीम पहले मैच में 370 रन का स्कोर खड़ा करने में सफल रही थी।
लक्ष्य का पीछा करने उतरे इंग्लैंड को स्ट्रास और पीटरसन की सलामी जोड़ी ने सिर्फ 17.4 ओवर में 105 रन जोड़कर तेज शुरुआत दिलाई। स्ट्रास ने विशेषकर आक्रामक रवैया अपनाया और मुदस्सर बुखारी के पहले ओवर में ही तीन चौके जड़कर अपने तेवर दिखाए। पीटरसन ने बेरेंड वेस्टडिक को निशाना बनाया और अपने पाँचों चौके इसी गेंदबाज पर जड़े।
स्ट्रास को इसके बाद ट्राट के रूप में उपयोगी जोड़ीदार मिला और दोनों ने दूसरे विकेट के लिए तेजी से 61 रन जोड़े। बुखारी ने स्ट्रास को टाम कूपर के हाथों कैच कराकर इस साझेदारी को तोड़ा। इंग्लैंड के कप्तान ने 83 गेंद की अपनी पारी में नौ चौके मारे।
ट्राट ने इसके बाद इयान बेल के साथ तीसरे विकेट के लिए 58 रन जोड़े। दोनों ने एक-दो रन लेने को तरजीह और इस साझेदारी के दौरान केवल दो चौके लगे जो ट्राट के बल्ले से निकले। हॉलैंड के शतकवीर डोएशे ने ट्राट को स्टंप कराके इस साझेदारी को तोड़ा। डोएशे ने बेल (33) को भी सीधी गेंद पर बोल्ड किया।
पाल कॉलिंगवुड (नाबाद 30) और रवि बोपारा (नाबाद 30) ने इसके बाद पाँचवें विकेट के लिए 55 रन की अटूट साझेदारी करके टीम को जीत दिला दी। हॉलैंड की ओर से डोएशे सबसे सफल गेंदबाज रहे और उन्होंने 47 रन देकर दो विकेट चटकाए।
इससे पहले आईसीसी के 2010 के 'एसोसिएट क्रिकेटर ऑफ द ईयर' डोएशे ने 110 गेंद में नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से 119 रन बनाए, जिससे हॉलैंड टेस्ट खेलने वाले किसी देश के खिलाफ अपना सर्वाधिक स्कोर खड़ा करने में सफल रहा।
डोएशे ने युवा टॉम कूपर (47)के साथ तीसरे विकेट के लिए 78, टॉम डि ग्रूथ (28) के साथ पांचवें विकेट के लिए 64 और कप्तान पीटर बोरेन (नाबाद 35) के साथ छठे विकेट के लिए 61 रन की उपयोगी साझेदारियाँ की।
डोएशे और कूपर ने इसके बाद 78 रन जोड़कर पारी को संभाला। स्वान को छोड़कर इंग्लैंड के अन्य गेंदबाजों को लय हासिल करने में दिक्कत हुई। डोएशे ने धीमी शुरूआत के बाद कॉलिंगवुड के ओवर में दो चौके और केविन पीटरसन की गेंद पर लांग ऑन पर छक्का मारकर अपने तेवर दिखाए।
कूपर को कॉलिंगवुड ने आउट किया। उन्होंने 73 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके मारे। स्वान ने इसके बाद बैस जुइडेरेंट (1) को कॉलिंगवुड के हाथों कैच कराया। डोएशे ने ग्रूथ के साथ मिलकर तेजी से रन जोड़े। डोएशे ने स्वान की गेंद को डीप मिडविकेट जबकि कोलिंगवुड की गेंद को लांग ऑन के उपर से छह रन के लिए भेजा।
हॉलैंड ने 43वें ओवर में बल्लेबाजी पावर-प्ले लिया, जिसमें टीम ने 50 रन जोड़े जबकि इस दौरान केवल ग्रूथ का विकेट गँवाया। डोएशे ने 98 गेंद में शतक पूरा किया, जब उन्होंने ब्रॉड की गेंद को फाइन लेग पर एक रन के लिए खेला लेकिन ओवर थ्रो पर गेंद चार रन के लिए चली गई।
ग्रूथ की जगह मैदान पर उतरे कप्तान बोरेन और डोएशे ने सिर्फ 5.2 में 61 रन की साझेदारी करके टीम का स्कोर 300 रन के करीब पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई। ब्रॉड ने डोएशे की पारी का अंत किया जो स्क्वेयर लेग बाउंड्री पर रवि बोपारा को कैच दे बैठे।
इंग्लैंड की ओर से स्वान ने सबसे किफायती गेंदबाजी की। उन्होंने अपने कोटे के दस ओवर में 35 रन देकर दो विकेट चटकाये। हॉलैंड ने अंतिम 10 ओवर में 104 रन जोड़े।
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