Saturday, March 21, 2009

बिग-बी और स्मॉल-बी के साथ विद्या


अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के साथ भला कौन काम करना नहीं चाहेगा। वो लोग अपने को लकी मानते हैं, जिन्हें बिग-बी के साथ काम करने का अवसर मिलता है। इस हिसाब से तो विद्या बालन को अपने आपको सुपरलकी मानना चाहिए क्योंकि बिग-बी और स्मॉल-बी के साथ वे फिल्म कर रही हैं। एक ही फिल्म में दोनों बच्चन्स के साथ काम करने का उन्हें अवसर मिला है। ‘चीनी कम’ वाले बाल्की ‘पा’ नामक फिल्म बना रहे हैं, जो पिता-पुत्र के रिश्ते पर आधारित है। इस फिल्म के लिए अमिताभ और अभिषेक की जोड़ी से बेहतर पसंद और कौन सी हो सकती है। इन दोनों के साथ विद्या बालन भी फिल्म में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। अमिताभ और अभिषेक की विद्या बहुत बड़ी प्रशंसक हैं। वे बाल्की को शुक्रिया पर शुक्रिया अदा किए जा रही हैं कि उन्होंने विद्या को दोनों मनपसंद स्टार्स के साथ काम करने का अवसर दिया।

33 साल का सूखा खत्म

हैमिल्टन। हरभजन सिंह के फिरकी के जाल में कीवी बल्लेबाजों को बांधने के बाद भारत ने 33 साल में न्यूजीलैंड की धरती पर पहला टेस्ट जीतने के साथ ही तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली।
भारतीय ऑफ स्पिनर ने बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड के छह विकेट 63 रन देकर चटकाए। मेजबान टीम दूसरी पारी में भी 279 रन पर आउट हो गई। भारत ने जीत के लिए 39 रन का आसान लक्ष्य 5.2 ओवर में हासिल करके दस विकेट से जीत दर्ज की। न्यूजीलैंड के लिए ब्रेंडन मैक्कुलम [84] और डेनियल फ्लिन [67] ने कुछ देर किला लड़ाया लेकिन भारत की जीत दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ थी। गौतम गंभीर [30] ने जैसे ही विजयी रन बनाया, भारतीय ड्रेसिंग रूम में मौजूद खिलाड़ी खुशी से झूम उठे। भारत ने इससे पहले न्यूजीलैंड में मंसूर अली खान पटौदी की अगुवाई में 1968 में टेस्ट सीरीज जीती थी। न्यूजीलैंड की धरती पर भारत ने 1976 के बाद कोई टेस्ट जीता है। तब भारत ने आकलैंड टेस्ट जीतकर सीरीज 1-1 से बराबर की थी। दूसरा टेस्ट अब नैपियर में 26 मार्च से खेला जाएगा।
मैक्कुलम और लेन ओब्रायन [14] ने नौवें विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी करके न्यूजीलैंड को पारी की हार से बचाया। एक समय पर न्यूजीलैंड के आठ विकेट 199 रन पर उखड़ चुके थे और भारत को दोबारा बल्लेबाजी को उतारने के लिए उसे 43 रन की जरूरत थी। ऐसे में मैक्कुलम ने 13वां अर्धशतक लगाने के साथ उपयोगी पारी खेली। इसके साथ ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 2000 रन भी पूरे कर लिए। ओब्रायन भी 100 मिनट तक क्रीज पर डटे रहे लेकिन हरभजन ने उन्हें सिली प्वाइंट पर गौतम गंभीर के हाथों लपकवाया।
जीत के लिए 39 रन का आसान लक्ष्य देख भारत ने गंभीर के साथ राहुल द्रविड़ [8] को उतारा। भारत की जीत के सूत्रधार सचिन तेंदुलकर [160] के अलावा हरभजन रहे जिन्होंने 23वीं बार पारी में पांच से अधिक विकेट लिए। विदेशी सरजमीं पर यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
न्यूजीलैंड ने दिन की शुरुआत विकेट बचाकर खेलने की रणनीति के साथ की। टेलर और फ्लिन ने करीब एक घंटा क्रीज पर बिताया। इसके बाद मुनफ पटेल ने टेलर को आउट करके भारत का जीत के लिए इंतजार कुछ कम कर दिया। सहवाग ने गली में उनका कैच लपका। पहली पारी के शतकवीर जेसी राइडर ने मुनफ और जहीर को कुछ अच्छे शॉट लगाए। हरभजन ने राइडर को काफी परेशान किया। उनके पिछले ओवर में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने फ्लिन का कैच छोड़ा था। फ्लिन ने ईशांत शर्मा की गेंद पर कवर में चौका लगाकर दस टेस्ट में अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने अपनी पारी में 10 चौके लगाए। करीब छह घंटे क्रीज पर डटे रहे फ्लिन 67 रन बनाकर हरभजन की गेंद पर शॉर्ट लेग में गौतम गंभीर द्वारा लपके गए। पहली पारी में 118 रन बनाने वाले कीवी कप्तान डेनियल विटोरी को हरभजन ने गली में लपकवाया। मैक्कुलम और ओब्रायन ने भारत को जीत के लिए दो घंटे और प्रतीक्षा कराई। भारत की पहली पारी में 160 रन बनाने वाले मैन ऑफ द मैच तेंदुलकर बाएं हाथ की अंगुली में चोट के कारण मैदान पर नहीं उतरे।

Sunday, March 8, 2009

छक्को का रिकॉर्ड

भारत और न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने तीसरे वनडे में गेंदबाजी की धूल उड़ाते हुए कुल 31 छक्के ठोक डाले जो वनडे क्रिकेट के इतिहास में एक मैच में सर्वाधिक छक्कों का विश्व कीर्तिमान बना दिया। भारत ने इसके अलावा एक पारी में सर्वाधिक 18 छक्के लगाने के विश्व रिकार्ड की एक बार फिर बराबरी ली।
एक मैच में सबसे अधिक सर्वाधिक छक्कों के मामले में पिछला रिकार्ड 26 छक्कों का था जो संयुक्त रूप से दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया के नाम था। भारत ने इन छक्कों में से 18 छक्के मारे और एक पारी में सर्वाधिक छक्के उड़ाने के रिकार्ड की बराबरी कर ली। यह दूसरा मौका है जब भारत ने एक पारी में 18 छक्के उड़ाए हैं। वैसे वनडे में एक पारी में 18 छक्के उड़ाने का यह चौथा मौका था।
इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेदुलकर ने पांच छक्के, युवराज सिंह ने छह छक्के, कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी ने दो छक्के और सुरेश रैना ने पांच छक्के उड़ाए। न्यूजीलैंड की तरफ से ओपनर जैसी राइडर ने चार छक्के, ब्रेंडन मैकुलम ने तीन छक्के, इयान बटलर ने एक छक्का, काइल मिल्स ने तीन छक्के और टिम साउथी ने दो छक्के उड़ाए। भारत ने यह मैच 58 रन से जीतकर पांच मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच इस मैच में कुल 726 रन बने जो एक वनडे में दूसरा सर्वाधिक योग है। इस मामले में विश्व रिकार्ड आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के नाम है जिन्होंने तीन वर्ष पहले जोहांसबर्ग में ऐतिहासिक मैच में एक दिन में कुल 872 रन बनाए थे। भारत ने तीसरे वनडे में चार विकेट पर 392 रन बनाए जिसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 334 रन बना सकी। भारत का एकदिवसीय मैचों में यह दूसरा सर्वाधिक स्कोर है। उसका सर्वाधिक स्कोर पांच विकेट पर 413 रन है जो उसने 2007 विश्व कप में बरमूडा के खिलाफ बनाया था। वनडे में यह 11वां मौका है जब भारत ने 350 से ज्यादा का स्कोर बनाया है। भारत का 392 का स्कोर किसी भी टीम द्वारा न्यूजीलैंड में वनडे का सर्वाधिक स्कोर है।
मास्टर ब्लास्टर सचिन ने इस मैच में 163 रन बनाए जो न्यूजीलैंड में उनका पहला वनडे शतक है। उनका यह 43वां शतक और भारत की जीत में 31वां शतक है। सचिन इस मैच में मैन आफ द मैच बने जो उनका 58वां मैन आफ द मैच पुरस्कार है। इस मामले में वह श्रीलंका के सनथ जयसूर्या से 12 पुरस्कार आगे है। बल्लेबाजों के लिए स्वर्ण साबित हुए इस मैच में गेंदबाजों की खासी शामत आई। न्यूजीलैंड के टिम साउथी के लिए यह मैच दु:स्वप्न रहा। वह एक वनडे में 100 से ज्यादा रन लुटाने वाले दुनिया के तीसरे और न्यूजीलैंड के दूसरे गेंदबाज बने।
साउथी ने भारतीय पारी में 10 ओवर में 105 रन लुटाए और उन्हें एक विकेट भी नहीं मिला। न्यूजीलैंड के मार्टिन स्नेडन वनडे में 100 से ज्यादा रन देने वाले एक अन्य गेंदबाज हैं। हालांकि इसके लिए उन्होंने 12 ओवर फेंके थे। स्नेडन ने 1983 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 ओवर में 105 रन देकर दो विकेट लिए थे। वनडे में सबसे महंगी गेंदबाजी का रिकार्ड आस्ट्रेलिया के माइकल लुइस के नाम है जिन्होंने मार्च 2006 में जोहांसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दस ओवर में 113 रन दिए थे।

Tuesday, February 24, 2009

द्रविड़ से बेहतर हैं धौनी

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी बल्लेबाजी तकनीक में श्रीमान भरोसेमंद राहुल द्रविड़ से बेहतर हैं। यह सुनकर किसी को भी आश्चर्य हो सकता है लेकिन बल्लेबाजी तकनीक पर लिखी किताब परफेक्ट सिक्स के लेखक सत्यवीर गोयल का दावा है कि धौनी तकनीकी रूप से कहीं ज्यादा सक्षम बल्लेबाज हैं।
गोयल ने कहा, बल्लेबाजी तकनीक को मैंने अपनी किताब में छह मापदंडों के आधार पर आंका है। मेरे अनुसार किसी भी बल्लेबाज को छह मापदंडों बल्ले गेंद का संपर्क, बैक लिफ्ट, पैरों का मूवमेंट, बल्ले का फ्लो, बल्ले का मूवमेंट और शरीर का मूवमेंट के आधार पर परखा जा सकता है। उन्होंने कहा, इन छह मापदंडों पर आंका जाए तो धौनी तकनीक के मामले में द्रविड़ ही नहीं बल्कि सचिन तेंदुलकर से भी बेहतर है। लेखक का मानना है कि आक्रामक बल्लेबाजी से बल्लेबाज की दक्षता, ताकत और संपूर्णता का पता चलता है जबकि रक्षात्मक बल्लेबाजी में कहीं न कहीं कमी का अहसास होता है। इस आधार पर देखा जाए तो विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग भी तकनीकी रूप से काफी सक्षम बल्लेबाज हैं।
मूल रूप से हरियाणा के जींद जिले के निवासी 43 वर्षीय गोयल ने कहा, 2007 का विश्व कप देखने के बाद मेरे मन में बल्लेबाजी तकनीक पर किताब लिखने का विचार आया। मेरा मानना है कि बल्लेबाजी में संपूर्णता सिर्फ स्वाभाविक प्रतिभा पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, मैंने गहन अध्ययन करने के बाद छह मापदंड चुने हैं जिनके आधार पर किसी उभरते बल्लेबाज का आकलन किया जा सकता है कि वह अपने राज्य या देश की टीम में स्थान बना पाएगा या नहीं।
गोयल ने कहा, मैंने अपनी यह किताब विचारार्थ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआई] और कुछ विदेशी बोर्डो को भेजी है लेकिन मेरे पास अभी तक बीसीसीआई से कोई जवाब नहीं आया है। लेखक ने दावा किया कि उनकी किताब परफेक्ट सिक्स के आधार पर कोई भी बल्लेबाज अपनी सही क्षमता का आकलन कर सकता है।