Sunday, February 7, 2010

मल्लिका की हॉलीवुड में छलाँग


हिंदी फिल्म बनाने वालों में भले ही मल्लिका शेरावत की पूछ-परख कम हो गई हो, लेकिन हॉलीवुड वालों पर मल्लिका ने अपना जादू कर दिया है। उन्हें ‘लव बराक’ नामक नई हॉलीवुड फिल्म मिली है, जिसमें उनके साथ ‘अवतार’ फेम लेज अलोंसो दिखाई देंगे। इस ऑफर ने मल्लिका की खुशियों को बढ़ा दिया है। लेज के साथ अभिनय करने के लिए वे बेहद उत्सुक हैं। वे कहती हैं ‘लेज जैसे प्रतिभाशाली कलाकार के साथ काम करने का मौका मिलना सौभाग्य की बात है।‘ ‘लव बराक’ एक कॉमेडी फिल्म है जो राजनीति के इर्दगिर्द घूमती है। इस फिल्म का निर्देशन डग मैक्हैनरी करेंगे। मल्लिका इसमें बराक ओबामा की प्रशंसक बनी हैं, लेकिन राष्ट्रपति के चुनाव के ठीक पहले उन्हें विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार के लिए काम करने वाले व्यक्ति से प्यार हो जाता है। रूबी डी, गैरी बैडनॉब जैसे कलाकार भी ‘लव बराक’ में दिखाई देंगे। गैरी गोल्ड ने फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है जबकि डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी फ्रांसिस कैनी हैं। इस फिल्म को साइन कर मल्लिका ने बॉलीवुड की तमाम नायिकाओं को बता दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं।

अंजू राष्ट्रमंडल खेलों से हटीं


शीर्ष लंबी कूद एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज निजी कारणों से दिल्ली में अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से हट गई है।अंजू 2008 के बीजिंग ओलंपिक में असफल रहने के बाद बड़ी प्रतियोगिताओं में नहीं दिखाई दी थी। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेकर देश के लिए पदक जीतना चाहती थीं। लेकिन निजी कारणों से उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूत होना पड़ा है। वह इसके साथ ही 2010 के पूरे सत्र में किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगी। लेकिन विश्व की पूर्व चार नम्बर की लंबी कूद एथलीट अंजू ने विश्वास व्यक्त किया कि वह अगले वर्ष के शुरू में ट्रैक पर लौटेंगी।

Monday, October 26, 2009

टेक्नोलॉजी का उपायोग बढ़े : सचिन


सचिन तेंदुलकर ने सलाह दी है कि मैदान अंपायरों को केवल पगबाधा के फैसले देने चाहिए तथा क्रिकेट मैदान के अन्य सभी मसलों पर अंतिम फैसला देने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाना चाहिए। साथ ही अंपायरों को राहत देने के मकसद से उनका सुझाव है कि टेस्ट मैचों में दो के बजाए तीन मैदानी अंपायर होने चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 29 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले तेंदुलकर ने सही फैसले करने और मैदानी अंपायरों पर से दबाव हटाने के लिए हाट स्पाट टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाने की भी वकालत की जिससे गेंद के पहले संपर्क का पता चल जाता है। उन्होंने कहा, विकेट के पीछे के कैच और इस तरह के अन्य कैच के लिए हाट स्पाट उपयोगी साबित होगा। करीबी कैचों में भी हाट स्पाट की मदद मिलेगी। बोल्ड के लिए आपको मशीन की जरूरत नहीं पड़ेगी इसलिए अंपायरों को केवल एलबीडब्ल्यू फैसलों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
तेंदुलकर ने एक मैगजीन से बातचीत में कहा, अंपायरों के लिए नो बाल देखना और फिर आगे क्या हो रहा है यह देखना काफी मुश्किल है। नो बाल पर लाइन के फैसलों के लिए आपके पास लेजर और इसी तरह की तकनीकी होती है। नो बाल के लिए आप मशीन का सहारा नहीं ले सकते। तेंदुलकर हाट स्पाट के परिणाम से काफी प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि इसका उपयोग बल्ले और पैड पर लगने संबंधी फैसलों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, हम अब भी करीबी कैचों के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। उन्हें बैट पैड फैसले के लिए हाट स्पाट का उपयोग करना चाहिए ताकि मुख्य अंपायर केवल एलबीडब्ल्यू का फैसला करें। मैं हाट स्पाट से खुश हूं क्योंकि इससे गेंद के संपर्क का पता चल जाता है।
यह स्टार बल्लेबाज हालांकि अंपायर रेफरल प्रणाली से प्रभावित नहीं दिखे। उन्होंने इसके साथ ही टेस्ट मैचों में दो की बजाय तीन अंपायरों को रखने की वकालत की जिन्हें सत्र दर सत्र ड्यूटी निभानी चाहिए। तेंदुलकर भारत और श्रीलंका के बीच 2008 में खेली गई सीरीज के संदर्भ में कहा, मैं रेफरल से खास खुश नहीं हूं क्योंकि मैं [टेलीविजन पर] कोण से संतुष्ट नहीं था। हम जब पहली बार इससे गुजरे तो उससे खुश नहीं थे। उनका एक अन्य सुझाव यदि गंभीरता से लिया जाता है तो वह अंपायरों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर सकता है। तेंदुलकर ने कहा, हमारे पास प्रत्येक सत्र के लिए अंपायर हो सकते हैं और ऐसे में मैच के लिए तीन अंपायर होंगे। ऐसे में अंपायरों को विश्राम का समय मिल जाएगा।

Friday, October 16, 2009


दिवाली की शुभकामनाये