Sunday, May 24, 2009

डक्कन चार्जर्स बना चैंपियन


पिछले साल की फिसड्डी टीम और इस साल की चैंपियन। एडम गिलक्रिस्ट की अगुवाई में डक्कन चार्जर्स ने सारे दावे को दरकिनार कर इंडियन प्रीमियर लीग के दूसरे सत्र में रविवार को हुए रोमांचक खिताबी मुकाबले में बाजी मारते हुए बेंगलूर रॉयल चैलेंजर्स पर छह रन से जीत हासिल कर चमचमाती ट्राफी पर कब्जा कर लिया।
आईपीएल में यह रोचक संयोग था कि पिछले साल आठवें स्थान पर रही डक्कन इस बार विजेता जबकि सातवें स्थान पर आने वाली बेंगलूर की टीम उपविजेता बनी। वैसे मैच काफी उतार चढ़ाव वाल रहा लेकिन अनिल कुंबले के करिश्मे से अधिकतर समय अपना पलड़ा भारी रखने वाली बेंगलूर की टीम अंतिम दस ओवर में मैच तथा कई बहुमूल्य रत्नों से जड़ी चमचमाती ट्राफी और चार करोड़ 80 लाख डालर की ईनामी राशि गंवा गई।
कुंबले ने पारी के शुरुआती ओवर से ही विकेट निकाले तथा एडम गिलक्रिस्ट [0], एंड्रयू सायमंड्स [33] और रोहित शर्मा [24] जैसे खतरनाक बल्लेबाजों सहित 16 रन देकर चार विकेट लिए। हर्शल गिब्स ने 48 गेंद पर नाबाद 53 रन बनाए जिससे डक्कन छह विकेट पर 143 रन बनाने में सफल रहा। इसके जवाब में बेंगलूर रॉयल चैलेंजर्स ने पहले दस ओवर में तीन विकेट पर 69 रन बनाए थे लेकिन अंतिम दस ओवर में उसने 50 रन के अंदर छह विकेट गंवाए और नौ विकेट पर 137 रन से आगे नहीं बढ़ पाया। इस तरह से विजय माल्या की टीम को उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा जिसके लिए उसे दो करोड़ 40 लाख रुपये की ईनामी राशि मिली। बेंगलूर के शीर्ष क्रम के चार बल्लेबाजों को आउट करने वाले प्रज्ञान ओझा ने 28 रन देकर तीन विकेट हासिल किए जबकि सायमंड्स और हरमीत सिंह को दो-दो विकेट मिले।
डक्कन की इस जीत का श्रेय निश्चित तौर पर उसके गेंदबाजों को जाता है जिन्होंने सही लाइन और लेंग्थ से गेंदबाजी करके बेंगलूर के बल्लेबाजों को खुलकर नहीं खेलने दिया और उन पर दबाव बनाए रखा। बेंगलूर के चोटी के बल्लेबाजों की असफलता उसकी हार का कारण बनी। जैक्स कालिस [16] फिर से बड़ी पारी खेलने में असफल रहे और शुरू में ही आरपी सिंह की गेंद पर बोल्ड हो गए। आईपीएल में भारत के पहले शतकवीर मनीष पांडे [4] का जादू आज नहीं चल पाया और वह ओझा की पहली गेंद पर पवेलियन लौट गए। रीलोफ वान डर मर्व [32] ने हैरिस के तीसरे ओवर में लांग ऑफ और लांग आन पर छक्के जड़े और फिर सायमंड्स का स्वागत भी डीप स्क्वायर लेग पर छक्का जमाकर किया, लेकिन ओझा ने उन्हें एडम गिलक्रिस्ट के हाथों स्टंप आउट करा दिया।
राहुल द्रविड़ [9] आज क्षेत्ररक्षण और बल्लेबाजी किसी में भी रंग में नहीं दिखे और हरमीत की गेंद पर पैडल शाट मारने के चक्कर में बोल्ड हो गए। रॉस टेलर [27] ने हरमीत सिंह पर लगातार दो चौके जमाकर शुरुआत की लेकिन सायमंड्स का ओवर मैच का टर्निग प्वाइंट बन गया। बेंगलूर को जब 35 गेंद पर 45 रन की जरूरत थी तब टेलर सही तरह से पुल नहीं कर पाए और डीप स्क्वायर लेग पर वेणुगोपाल राव को कैच दे गए। गिलक्रिस्ट ने अगली गेंद पर बड़ी खूबसूरती से विराट कोहली [7] को स्टंप आउट किया। अब डक्कन के प्रशंसक उछल रहे थे और बेंगलूर टीम को चाहने वालों के चेहरों पर निराशा छाने लगी थी। हरमीत ने मार्क बाउचर को गिब्स के हाथों कैच कराकर विजय माल्या के शिविर में सनसनी फैला दी। मध्यम गति के इस गेंदबाज ने 22 रन देकर दो विकेट लिए। रोबिन उथप्पा [नाबाद 17] के कुछ करारे शाट भी बेंगलूर की जीत के लिए नाकाफी थे।
इससे पहले कुंबले ने गिलक्रिस्ट के तूफान को शुरू में ही ठंडा करके बेंगलूर को शानदार शुरुआत दिलाई। सेमीफाइनल में 85 रन की तूफानी पारी खेलने वाले गिलक्रिस्ट इस लेग स्पिनर की गुगली पर पूरी तरह चूक कर बोल्ड हो गए। आर विनयकुमार ने नए बल्लेबाज टी सुमन [10] को पवेलियन भेजकर डेक्कन का स्कोर दो विकेट पर 18 रन कर दिया। मध्यम गति के इस गेंदबाज को जल्द ही सायमंड्स का विकेट भी मिल जाता लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक कैच लेने वाले द्रविड़ ने स्लिप में उनका आसान कैच टपका दिया। तब इस बल्लेबाज ने केवल पांच रन बनाए थे। सायमंड्स ने इसके बाद कालिस पर लगातार दो चौके लगाए और फिर बाएं हाथ के स्पिनर वान डर मर्व की गेंद पर पारी का पहला छक्का जड़ा। यह आलराउंडर हालांकि बड़े अजीबोगरीब तरीके से बोल्ड हुआ। कुंबले ने फिर से गुगली की जो सायमंड्स के बाजू और जांघ से लगकर लेग स्टंप उखाड़ गई। चार चौके और एक छक्का लगाने वाले सायमंड्स को भी विश्वास नहीं हुआ कि उनकी 21 गेंद की पारी समाप्त हो गई है।

No comments: