Monday, October 26, 2009

टेक्नोलॉजी का उपायोग बढ़े : सचिन


सचिन तेंदुलकर ने सलाह दी है कि मैदान अंपायरों को केवल पगबाधा के फैसले देने चाहिए तथा क्रिकेट मैदान के अन्य सभी मसलों पर अंतिम फैसला देने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाना चाहिए। साथ ही अंपायरों को राहत देने के मकसद से उनका सुझाव है कि टेस्ट मैचों में दो के बजाए तीन मैदानी अंपायर होने चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 29 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले तेंदुलकर ने सही फैसले करने और मैदानी अंपायरों पर से दबाव हटाने के लिए हाट स्पाट टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाने की भी वकालत की जिससे गेंद के पहले संपर्क का पता चल जाता है। उन्होंने कहा, विकेट के पीछे के कैच और इस तरह के अन्य कैच के लिए हाट स्पाट उपयोगी साबित होगा। करीबी कैचों में भी हाट स्पाट की मदद मिलेगी। बोल्ड के लिए आपको मशीन की जरूरत नहीं पड़ेगी इसलिए अंपायरों को केवल एलबीडब्ल्यू फैसलों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
तेंदुलकर ने एक मैगजीन से बातचीत में कहा, अंपायरों के लिए नो बाल देखना और फिर आगे क्या हो रहा है यह देखना काफी मुश्किल है। नो बाल पर लाइन के फैसलों के लिए आपके पास लेजर और इसी तरह की तकनीकी होती है। नो बाल के लिए आप मशीन का सहारा नहीं ले सकते। तेंदुलकर हाट स्पाट के परिणाम से काफी प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि इसका उपयोग बल्ले और पैड पर लगने संबंधी फैसलों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, हम अब भी करीबी कैचों के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। उन्हें बैट पैड फैसले के लिए हाट स्पाट का उपयोग करना चाहिए ताकि मुख्य अंपायर केवल एलबीडब्ल्यू का फैसला करें। मैं हाट स्पाट से खुश हूं क्योंकि इससे गेंद के संपर्क का पता चल जाता है।
यह स्टार बल्लेबाज हालांकि अंपायर रेफरल प्रणाली से प्रभावित नहीं दिखे। उन्होंने इसके साथ ही टेस्ट मैचों में दो की बजाय तीन अंपायरों को रखने की वकालत की जिन्हें सत्र दर सत्र ड्यूटी निभानी चाहिए। तेंदुलकर भारत और श्रीलंका के बीच 2008 में खेली गई सीरीज के संदर्भ में कहा, मैं रेफरल से खास खुश नहीं हूं क्योंकि मैं [टेलीविजन पर] कोण से संतुष्ट नहीं था। हम जब पहली बार इससे गुजरे तो उससे खुश नहीं थे। उनका एक अन्य सुझाव यदि गंभीरता से लिया जाता है तो वह अंपायरों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर सकता है। तेंदुलकर ने कहा, हमारे पास प्रत्येक सत्र के लिए अंपायर हो सकते हैं और ऐसे में मैच के लिए तीन अंपायर होंगे। ऐसे में अंपायरों को विश्राम का समय मिल जाएगा।

Friday, October 16, 2009


दिवाली की शुभकामनाये

दिवाली मनाये 'ऑल द बेस्ट' के संग

बॉलिवुड में कॉमिडी एक ऐसा सदाबहार और बॉक्स ऑफिस पर हमेशा कमाई वाला सब्जेक्ट माना जाता है , जिसके नाकाम होने की गुजांइश बेहद कम ही रहती है। शायद यहीं वजह है कि यहां अगर प्रियदर्शन या फिर अक्षय कुमार अपने इस ट्रैक से हटकर कुछ नया करने की चाह में अलग करते है तो बॉक्स ऑफिस पर दर्शक इन्हें नकार देते हैं। लगता है , ' यू मी और हम ' जैसी कुछ अलग टेस्ट और फैमिली क्लास फिल्म बना चुके एक्टर से प्रडयूसर बने अजय देवगन को भी बॉलिवुड का यह गणित अब समझ में आ गया होगा। अजय की बतौर निर्माता इस फिल्म में आपको ऐसा हर फॉर्म्युला मिल जाएगा जो निर्माता , वितरकों और सिनेमा मालिकों की तिजोरी भर सकता है। इस फिल्म के डायरेक्टर रोहित अजय के खास और पुराने दोस्तों में हैं। इसी चलते अजय ने जब इस फिल्म को बनाने की प्लनानिंग की तो , उन्हें सबसे पहले उन्हीं की याद आई। दरअसल इससे पहले अजय के साथ 2 सुपर हिट कॉमिडी फिल्में गोलमाल और गोलमाल रिटर्न्स बना चुके थे। इसलिए रोहित जानते थे कि अजय से अच्छी कॉमिडी करवाई जा सकती है। अजय ने जब इस प्रोजेक्ट को फाइनल किया तो जहां फाइनैंस की जिम्मेदारी कुमार मंगत को सौंपी , तो वहीं रोहित को डायरेक्शन की कमान सौंपते हुए कह दिया कि उन्हें जो कुछ भी करना है उसका फैसला वह खुद करें। अजय की यह स्टाइल काम आई और इस बार रोहित ने अपनी पिछली दोनों फिल्मों के मुकाबले ज्यादा मनोरंजक और हंसा - हंसा कर लोटपोट करने वाली फिल्म बनाई। ऐसा नहीं कि रोहित शुरू से आखिरी तक दर्शकों को सीट से बांधे रखने और हंसाने में पूरी तरह कामयाब रहे हों। शुरू के 20 मिनट तक फिल्म में कुछ निरसता दिखेगी , जैसे ही वीर ( फरदीन खान ) के उनके बड़े भाई धर्म कपूर ( संजय दत्त ) की ऐंट्री होती है कि आप फिल्म से बंध जाते हैं। पूरी फिल्म में अजय , फरदीन और संजय की केमिस्ट्री गजब की है। खासकर प्रेम चोपड़ा के रोल में अजय और धर्म कपूर बने संजय दत्त का तो जवाब नहीं। जॉनी लीवर और संजय मिश्रा जिस सीन में भी आए हंसा गए। वहीं बिपाशा और मुग्धा के करने के लिए कुछ खास नहीं था , बस शोपीस बनकर दोनों ने अपनी भूमिका निभा दी। प्रीतम का संगीत सिक्रप्ट पर फिट है। फिल्म का टाइटिल सॉन्ग अच्छा है। हां , इस कॉमिडी के बीच तेज रफ्तार दौड़ती कारों के अलावा गोवा बीच पर अजय , संजय और फरदीन पर फिल्माए फाइट सीन में एक्शन डायरेक्टर जय सिंह ने जान डाल दी है।

Sunday, October 4, 2009

किवी कंगारू में खिताबी भिड़ंत

गेंदबाजों द्वारा कहर बरपाने के बाद ग्रांट एलियट [नाबाद 75] और कप्तान विटोरी [41] के बीच पांचवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की बदौलत न्यूजीलैंड ने आईसीसी चैंपियंस ट्राफी के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर कंगारूओं से खिताबी भिड़ंत तय की। पाक द्वारा मिले 234 रनों के मामूली लक्ष्य को कीवियों ने 47.5 ओवर में पांच विकेट खोकर बनाया।
पाकिस्तान द्वारा दिए गए कमजोर लक्ष्य को प्राप्त करने उतरी न्यूजीलैंड की शुरुआत बेहद शानदार रही और सलामी बल्लेबाज ब्रैंडन मैक्कुलम ने युवा गेंदबाज आमिर के पहले ही ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का जड़कर अपने तेवर दिखा दिए थे। लेकिन वह पाक टीम पर दबाव बनाने के चक्कर में बड़ा शॉट जमाने के चक्कर में आमिर की गेंद पर अफरीदी को कैच देकर पवेलियन चलते बने। एरोन रेडमंड ने नए बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल का साथ निभाकर पारी को आगे बढ़ाने का जिम्मा उठाया लेकिन गुप्टिल उमर गुल की गेंद पर नावेद के हाथों पलके गए।
रेडमंड ने टेलर के साथ कुछ रन बटोरे ही थे कि वह भी अजमल की फिरकी में फंस उन्हें उन्हीं की गेंद पर कैच दे बैठे। हालांकि इसके बाद टेलर ने एलियट के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 55 रन की साझेदारी करते हुए अपनी टीम को संकट से उबारने के साथ ही लक्ष्य की ओर भी अपने कदम बढ़ाए। पाकिस्तान के लिए खतरनाक होती जा रही इस जोड़ी को अफरीदी ने टेलर को 38 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड आउट करके तोड़ा। पाक गेंदबाजों ने इसके बाद कीवियों पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया। हालांकि कप्तान विटोरी ने एलियट का बखूबी साथ देते हुए रन गति को धीमे से आगे बढ़ाया।
दोनों बल्लेबाजों ने पांचवें विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी करते हुए अपनी टीम को जीत की राह तक पहुंचा। इसी बीच एलियट ने अपनी मैराथन पारी में 90 गेंदों पर मात्र दो चौकों की मदद से पचासा जड़ा। बैटिंग पावरप्ले लेने तक पाकिस्तान और न्यूजीलैंड में बराबर की टक्कर बनी हुई थी लेकिन पावरप्ले के दौरान एलियट ने नावेद और गुल के ओवर में जमकर रन बटोरते हुए अपनी टीम को जीत के मुहाने पर ला खड़ा किया। न्यूजीलैंड जब जीत से मात्र तीन रन दूर थी तभी विटोरी अजमल की गेंद पर कामरान के द्वारा स्टंप्स आउट हो गए। इसके बाद एलियट ने नील ब्रूम के साथ मिलकर जीत की औपचारिकता पूरी की।
इससे पहले इयान बटलर की अगुवाई में न्यूजीलैंड गेंदबाजों ने सधी हुई गेंदबाजी करते हुए पाकिस्तान को लगातार अंतराल के बाद झटके देते हुए निर्धारित 50 ओवर में नौ विकेट गवांकर मात्र 233 रन ही बनाने दिए। उमर अकमल [55] पाक की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत धीमी रही। इमरान नजीर [28] और कामरान अकमल [24] की सलामी जोड़ी पांच ओवर में मात्र 16 रन ही बना सकी। हालांकि धीरे-धीरे दोनों ने लय हासिल करते हुए कुछ बढि़या मैदानी शॉट खेलकर गेंद को सीमा रेखा से बाहर पहुंचाया।
10वें ओवर में पाक को पहला झटका तब लगा जब उसके 46 रन बन चुके थे। इमरान ने आउट होने से पूर्व आठवें ओवर में तीन चौके जड़े। इमरान ने शेन बांड की गेंद पर रास टेलर को कैच थमा दिया। इमरान का विकेट गंवाने के बाद पूर्व कप्तान शोएब मलिक क्रीज पर आए पर मात्र दो रन का योगदान कर पवेलियन लौट गए। इयान बटलर की गेंद पर टेलर के हाथों लपके गए। कप्तान यूनुस मैदान पर अकमल का साथ देने आए। पाक को जल्द ही तीसरा झटका अकमल के रूप में लगा। वे बटलर के दूसरे शिकार बने। यूनुस ने मोहम्मद यूसुफ के साथ मिलकर टीम को लगातार लगे झटकों से उबारने की कोशिश की लेकिन वह भी विटोरी की फिरकी में फंस गए और टेलर को कैच दे बैठे। उन्होंने 23 गेंदों में एक चौके की मदद से 15 रन की पारी खेली।
लगातार अंतराल के बाद गिरते विकेटों से संकट में फंसी पाकिस्तान टीम को यूसुफ ने उमर अकमल के साथ पांचवें विकेट के लिए 80 रन की साझेदारी करके निकालने की कोशिश की। दोनों खिलाडि़यों ने संयम से खेलते हुए लय पकड़ी और तेजी से रन बनाने लगे लेकिन तभी काइल मिल्स ने यूसुफ [45] को उनके अर्धशतक से पहले ही बोल्ड करके अपनी टीम के लिए खतरनाक होती जा रही इस साझेदारी को तोड़ा। यूसुफ के जाने के बाद अकमल ने 58 गेंदों पर छह चौकों के द्वारा अपना पचासा ठोका लेकिन वह भी जल्द ही विटोरी की गेंद पर एलबीब्ल्यू आउट होकर लौट गए।
बटलर ने इसके बाद फिर से अपनी गेंद से कहर बरपाते हुए शाहिद अफरीदी [4] और उमर गुल [6] को सस्ते में समेटते हुए पाकिस्तान को जमीन पर पटक दिया। विटोरी ने अपने आखिरी ओवर में नावेद राणा [8] को गुप्टिल के हाथों लपकवाकर पाक को बड़ा स्कोर बनाने से रोका। हालांकि युवा गेंदबाज मोहम्मद आमिर और स्पिनर सईद अजमल ने आखिरी विकेट के लिए नाबाद 35 रन जोड़ते हुए टीम के स्कोर को दो सौ के पार पहुंचाया। न्यूजीलैंड की तरफ से बटलर ने चार जबकि विटोरी ने तीन विकेट झटके।