जोहांसबर्ग में दो साल पहले भारत के हाथों आखिरी ओवर में दिल तोड़ने वाली हार झेलने वाले पाकिस्तान ने क्रिकेट के मक्का लार्ड्स में रविवार को अब्दुल रज्जाक के शुरुआती कहर और शाहिद अफरीदी की नाबाद अर्धशतकीय पारी से श्रीलंका को आठ विकेट से हराकर ट्वंटी 20 विश्व चैंपियन बनने की अपनी मुराद पूरी की।
रज्जाक [20 रन पर तीन विकेट] के शुरुआती कहर से श्रीलंका का स्कोर एक समय चार विकेट पर 32 रन था जिसके बाद कप्तान कुमार संगकारा ने 52 गेंद पर नाबाद 64 रन की पारी खेली और सातवें विकेट के लिए एंजेलो मैथ्यूज [24 गेंद पर 35 रन] के साथ 68 रन की अटूट साझेदारी की। इससे श्रीलंका छह विकेट पर 138 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा। कामरान अकमल [37] से मिली शानदार शुरुआत और फिर अफरीदी [40 गेंद पर 54 रन] के तीखे तेवरों के कारण पाकिस्तान ने हालांकि आसानी से 18.4 ओवर में दो विकेट पर 139 रन बनाकर क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
मैच में पहले ओवर से पाकिस्तान का दबदबा रहा और आखिर तक वह अपने दक्षिण एशियाई प्रतिद्वंद्वी पर हावी रखा। पाकिस्तान के लिए यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल मार्च में श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर आतंकी हमले के बाद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वंचित है। पाकिस्तान ने इस बार टूर्नामेंट में अंडरडाग के रूप में शुरुआत की तथा पहले दौर और फिर सुपर 8 में पहला मैच गंवाने के बाद जोरदार वापसी की लेकिन सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका और अब फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ उसने एकतरह से एकतरफा जीत हासिल की। लार्ड्स की बल्लेबाजी के लिए माकूल पिच पर अपेक्षाकृत कम लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने धैर्य से काम लिया और किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई। अफरीदी जैसे बल्लेबाज ने 40 गेंद खेली तथा अपनी पारी में दो चौके और इतने ही छक्के लगाए। उन्हें शोएब मलिक का अच्छा साथ मिला जिनके साथ उन्होंने 76 रन की अटूट साझेदारी की। मलिक 22 गेंद पर 24 रन बनाकर नाबाद रहे।
श्रीलंका की तरफ से पहले तीन ओवर अच्छे गए लेकिन चौथे ओवर में इसुरु उदाना ने जब 14 रन लुटा दिए तो संगकारा ने तुरंत अपने विश्वसनीय सारथी मुथैया मुरलीधरन को गेंद सौंप दी। उन्होंने दूसरे स्पिनर अजंथा मेंडिस को भी पावरप्ले ही गेंदबाजी के लिए बुलाया जिनका अकमल ने मिडविकेट पर छक्का जड़कर स्वागत किया। पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज ने मैथ्यूज की गेंद भी छह रन के लिए भेजी लेकिन सनथ जयसूर्या की गेंद भी आगे बढ़कर सीमा रेखा पार पहुंचाने के चक्कर में वह चूक गए और संगकारा ने उन्हें स्टंप आउट करने में कोई गलती नहीं की। अकमल की 28 गेंद की पारी में दो चौके और दो छक्के शामिल हैं।
दूसरे सलामी बल्लेबाज शाहजेब हसन ने मेंडिस पर लगातार दो चौके जमाने के बाद मुरलीधरन को भी सबक सिखाने की आतुरता दिखाई और अगले ओवर में इस आफ स्पिनर की पहली गेंद पर जयसूर्या को कैच देकर पवेलियन लौटे। अफरीदी और मलिक ने इसके बाद रणनीति के साथ बल्लेबाजी की। तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले अफरीदी ने किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और केवल ढीली गेंदों को सबक सिखाया जबकि मलिक ने सहयोगी की भूमिका अच्छी तरह से निभाई। अफरीदी ने मुरलीधरन पर मिडविकेट पर छक्का और फिर चौका लगाकर अपने तेवर दिखाए और बीच में कुछ देर तक एक दो रन लेकर स्कोर आगे बढ़ाने के बाद उडाना की गेंद भी छह और चार रन के लिए भेजकर अपना अर्धशतक पूरा किया। मालिंगा की गेंद पर लेग बाई बनते ही पाकिस्तानी खिलाड़ी खुशी में उछलने लगे और एक दूसरे को गले लगाने लगे।
इससे पहले पाकिस्तान का हर क्रिकेट प्रेमी और कप्तान यूनुस खान टॉस गंवाने के बाद जैसा आगाज चाहते थे युवा तेज गेंदबाज आमिर और आधिकारिक क्रिकेट में अपनी दूसरी पारी शुरू कर रहे रज्जाक ने टीम को वैसी ही शुरुआत दिलाई। बेहतरीन फार्म में चल रहे तिलकरत्ने दिलशान पहले ओवर में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए और खतरनाक सनथ जयसूर्या [17] लय पकड़ते ही ढेर हो गए। यही नहीं पिंच हिटर के तौर पर आए जेहान मुबारक [0] और भरोसेमंद महेला जयवर्धने [1] का बल्ला भी श्रीलंका को धोखा दे गया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल में नाबाद 96 रन बनाकर श्रीलंका को अकेले दम पर मजबूत स्कोर तक पहुंचाने वाले दिलशान ने पहले ओवर में ही आमिर की गेंद स्कूप करने की कोशिश की लेकिन उनकी टाइमिंग सही नहीं थी और शार्ट फाइन लेग पर शाहजेब हसन के बढि़या प्रयास से वह कैच में बदल गया। इसके बाद रज्जाक की बारी थी जिन्होंने अपने पहले तीन ओवर में तीन विकेट निकालकर श्रीलंका को गंभीर संकट में डाल दिया। मुबारक ने उनके पहले ओवर में गेंद मिडविकेट के ऊपर से मारने के प्रयास में मिड आफ पर खड़े हसन को आसान कैच दिया।
उनके अगले ओवर में जयसूर्या ने पहली गेंद मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजी और अगली गेंद पर चौका जमाया लेकिन आखिर में जीत रज्जाक की हुई। जयसूर्या फिर से पुल करना चाहते थे लेकिन गेंद बल्ले से लगकर विकेट उखाड़ गई। जयवर्धने से ऐसे में धैर्यपूर्ण पारी की अपेक्षा थी लेकिन उन्होंने रज्जाक के तीसरे ओवर में बैक कट करने की कोशिश में स्लिप में मिसबाह उल हक को कैच दे दिया। संगकारा ने एक छोर संभाले रखा और उन्हें कुछ देर के लिए चामरा सिल्वा [14] से सहयोग मिला जिन्हें गुल ने अपने शुरुआती ओवर में पवेलियन की राह दिखाकर लंबी साझेदारी नहीं बनने दी। सिल्वा भी सही टाइमिंग से पुल नहीं कर पाए और मिडविकेट पर कैच दे बैठे। शाहिद अफरीदी ने इसके अगले ओवर में गुगली पर इसुरु उडाना की गिल्लियां बिखेरी। संगकारा ने गुल की गेंद पर मिडविकेट पर चौका जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया जिसके लिए उन्होंने 43 गेंद खेली। मैथ्यूज ने आमिर के अंतिम ओवर में चौका और फिर छक्का जमाया।
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