Thursday, March 31, 2011
पाक को हराकर भारत फाइनल में
भारत ने सचिन के 85 रन, वीरेन्द्र सेहवाग के ताबड़तोड़ 38 रन और सुरेश रैना के संयमित नाबाद 36 रन की बदौलत 50 ओवर में नौ विकेट पर 260 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। भारतीय गेंदबाजों ने सही समय पर एक ईकाई के रूप में लाजवाब प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान की चुनौती को 49.5 ओवर में 231 रन पर निपटा दिया।भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी तथा कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में पीसीए स्टेडियम में विश्वकप के सबसे बड़े मुकाबले में भारत ने भावनाओं के उठते ज्वार पर काबू पाते हुए इस 'हाई वोल्टेज' मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ विश्वकप में अपनी श्रेष्ठता बरकरार रखी।भारत 1983 और 2003 के बाद तीसरी बार विश्वकप के फाइनल में पहुंचा है। भारत का फाइनल में मुकाबला गत उपविजेता श्रीलंका से होगा जिसने उसे 1996 के विश्वकप के सेमीफाइनल में कोलकाता में हराया था।पूरी दुनिया की निगाहें भारत और पाकिस्तान के बीच इस महामुकाबले पर टिकी हुई थी और श्रेष्ठता की जंग में महेन्द्र सिंह धोनी के धुरंधरों ने शाहिद आफरीदी के जांबाजों को मात दे दी। सचिन के चार कैच छोड़ना पाकिस्तान को अंततः भारी पड़ गया। मिस्बाह-उल-हक ने हालांकि 56 रन की पारी खेली मगर वह टीम को जीत की मंजिल तक नहीं पहुंचा सके।'गोल्डन ब्वॉय' युवराज सिंह ने 57 रन पर दो विकेट, टर्बनेटर हरभजन सिंह ने 43 रन पर दो विकेट, अचूक मुनाफ पटेल ने 40 रन पर दो विकेट, 'कमबैक मैन' आशीष नेहरा ने 33 रन पर दो विकेट और भारतीय मिसाइल जहीर खान ने 58 रन पर दो विकेट लेकर एक अरब से अधिक लोगों को आज रात जश्न मनाने का मौका दे दिया।भारत अब 28 वर्ष पुराना इतिहास दोहराने और अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का एक अदद विश्वकप जीतने का सपना पूरा करने से एक कदम दूर रह गया है। विश्वकप इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय उपमहाद्वीप की दो टीमें फाइनल में आमने-सामने होंगी।पाकिस्तान ने 261 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छी शुरुआत की और नौ ओवर में 44 रन जोड़ डाले। लेकिन अनुभवी जहीर खान ने कामरान (19) को युवराज के हाथों कैच करा दिया। दूसरे सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज ने हालांकि 59 गेंदों में सात चौकों की मदद से 43 रन की अच्छी पारी खेली, लेकिन मुनाफ पटेल की गेंद को पीछे उठाकर मारने की कोशिश में वह विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धोनी को कैच थमा बैठे।पाकिस्तान के साथ यह समस्या रही कि उसकी पारी में कोई बड़ी साझेदारी नहीं बन पायी। असद शफीक (30) और यूनुस खान (13) टीम के स्कोर को 103 तक ले गए। मगर 'गोल्डन आर्म' वाले बाएं हाथ के स्पिनर युवराज ने तीन गेंदों के अंतराल में शफीक और यूनुस दोनों को आउट कर पाकिस्तान को गहरे संकट में डाल दिया।हालांकि मिस्बाह-उल-हक एक छोर पर टिककर धीमी पारी खेलते रहे मगर दूसरे छोर पर विकेट गिरने का सिलसिला बना रहा। उमर अकमल ने 24 गेंदों में एक चौके और दो छक्कों की मदद से 29 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली मगर हरभजन ने एक बेहतरीन गेंद पर उन्हें बोल्ड कर दिया।अब्दुल रज्जाक (3) मुनाफ पटेल की आफ स्टंप की गेंद की लाइन को चूके और बोल्ड हो गए। कप्तान शाहिद आफरीदी ने 17 गेंदों पर 19 रन ठोके मगर हरभजन की गेंद को उठाकर मारने के चक्कर में सेहवाग को आसान कैच थमा बैठे। मैच में अपने पहले विकेट की तलाश में लगातार जुटे आशीष नेहरा ने आखिरी वहाब रियाज (8) को सचिन के हाथों कैच करा दिया।आठवां विकेट 199 रन पर गिर जाने के बाद पाकिस्तान की उम्मीदों दम तोड़ चुकी थी। नेहरा ने उमर गुल (2) को पगबाधा कर मैच का अपना दूसरा विकेट हासिल किया और कप्तान धोनी के भरोसे को सही साबित किया। मिस्बाह और सईद अजमल ने अंतिम विकेट के लिए 23 रन जोड़े। लेकिन जहीर ने मिस्बाह को विराट कोहली के हाथों कैच कराते हुए उनकी पाकिस्तान की पारी को समेट दिया। मिस्बाह ने 76 गेंदों में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से 56 रन बनाए।
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