Monday, June 23, 2008
रोजर फेडरर की आसान जीत
रोजर फेडरर ने रिकॉर्ड लगातार छठे खिताब के अपने अभियान की मजबूत शुरुआत करते हुए सोमवार को यहाँ आसान जीत के साथ विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के पुरुष युगल के दूसरे दौर में जगह बनाई, जबकि सेरेना विलियम्स को जीत के लिए पसीना बहाना पड़ा। स्विस खिलाड़ी फेडरर ने तूफानी अंदाज में शुरुआत की और स्लोवानिया के डोमिनिक हर्बटी को 6-3, 6-2, 6-2 से रौंदने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विश्व के नंबर एक खिलाड़ी ने इसके साथ ही ग्रास कोर्ट पर लगातार 60वीं जीत भी दर्ज की। फेंच ओपन के फाइनल में राफेल नडाल से करारी शिकस्त झेलने वाले फेडरर ने इसके साथ दिखा दिया कि ऑल इंग्लैंड क्लब के घसियाले कोर्ट पर आते ही उनका सारा मानसिक दबाव समाप्त हो जाता है, जहाँ वह पिछले छह साल से कोई मैच नहीं हारे हैं। फेडरर ने कहा कि मैंने वास्तव में बहुत अच्छा खेल दिखाया और टूर में अपने सबसे अच्छे साथी के खिलाफ मैंने खेल का पूरा लुत्फ उठाया। शीर्ष वरीयता प्राप्त फेडरर ने इससे पहले हर्बटी के खिलाफ दोनों मैच गँवाए थे, लेकिन इनमें से आखिरी मैच 2004 में खेला गया था, तब स्लोवाकियाई खिलाड़ी की रैंकिंग 12 थी जबकि अभी वह 272वें नंबर पर हैं। केवल 79 मिनट में जीत दर्ज करने वाले फेडरर अगले दौर में स्वीडन के रॉबिन सोडरलिंग से भिड़ेंगे, जिन्होंने अमेरिका के केविन किम को 7-5, 0-6, 6-3, 6-4 से हराया।
बढ़ सकता है महँगाई का आँकड़ा
महँगाई को लेकर सरकार के साथ-साथ अब उद्योग जगत में भी चिंता बढ़ती जा रही है। उद्योग जगत इस बात को लेकर आशंकित है कि आने वाले छह महीनों में महँगाई का आँकड़ा और बढ़ सकता है।महँगाई दर ऊँची बने रहने से ब्याज दरों को लेकर भी उद्योग चिंतित हैं। उनका मानना है कि यदि महँगाई का आँकड़ा इसी तरह उच्च स्तर पर डटा रहा तो ब्याज दरें भी मजबूती के वर्तमान स्तर पर ही टिकी रहेंगी या फिर और बढ़ सकती हैं।उद्योगों का मानना है कि महँगाई का वर्तमान दौर सरकार के मौद्रिक उपायों के दायरे से बाहर की बात है, इसलिए उसे इस पर लगाम लगाने की कवायद की फिर से समीक्षा करनी चाहिए।उल्लेखनीय है कि महँगाई के ताजा आँकड़ों के मुताबिक सात जून को समाप्त सप्ताह में यह एक सप्ताह पहले के 8.75 प्रतिशत से उछलकर 11.05 प्रतिशत पर पहुँच गई। इस स्तर पर महँगाई ने पिछले 13 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। एक साल पहले इसी महीने के पहले सप्ताह में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।उद्योगों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) ने महँगाई पर किए गए ताजा सर्वेक्षण में उद्योगों की यह राय व्यक्त की है। सर्वेक्षण में छोटी-बड़ी 317 कंपनियों ने भाग लिया। यह सर्वे 15 मई से 10 जून के बीच कराया गया। यही वह समय था जब महँगाई का आँकड़ा आठ प्रतिशत की ऊँचाई को भेद रहा था।उद्योगपतियों का मानना है कि महँगाई की ऊँची दर से कारोबार में इसकी सोच गहराती जा रही है और ऐसा माना जा रहा है कि दिसंबर 2008 तक यह सात प्रतिशत से ऊपर ही बनी रहेगी। सर्वेक्षण में कंपनियों ने कहा है कि सरकार को महँगाई को लेकर चौतरफा जो सोच बनी है, उसे समाप्त करना जरूरी बन गया है।
पाक जीत के इरादे से उतरेगा
मेजबान पाकिस्तान एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन मैच में मंगलवार को कमजोर हांगकांग को भारी अंतर से रौंदने के इरादे से उतरेगा। पाकिस्तान के ग्रुप 'बी' के इस मुकाबले में मैच शुरू होने से पहले ही जीत का दावेदार माना जा रहा है। इस ग्रुप की तीसरी टीम भारत है।हाल में ढाका में त्रिकोणीय श्रृंखला में भारत के खिलाफ खिताबी जीत दर्ज करने से उत्साहित नजर आ रहे पाकिस्तानी कप्तान शोएब मलिक ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा कि घरेलू माहौल का हमें पूरा फायदा मिलेगा। इस उप महाद्वीप में विकेट सभी जगह एक जैसी हैं, इसलिए इस संदर्भ में हमारे लिए फायदे जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन घरेलू समर्थन का हमें निश्चित रूप से फायदा मिलेगा। मलिक के अनुसार वैसे भी हमारे पास एक संतुलित टीम है, जिसमें टूर्नामेंट जीतने की क्षमता है। हांगकांग के कप्तान तबारक डार मूलतः पाकिस्तान के हैं और उनका मानना है कि उनकी टीम अपने ग्रुप के मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देने की कोशिश करेगी। डार ने कहा हम पार्ट टाइम क्रिकेटर्स हैं, लेकिन हम यहाँ छुट्टियाँ मनाने नहीं आए हैं। हम किसी भी टीम से शर्मनाक पराजय का सामना नहीं करना चाहते। हम लड़ने की पूरी कोशिश करेंगें। पाकिस्तानी टीम में हालाँकि तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ और शोएब अख्तर नहीं हैं। मलिक ने कहा युवा विकेटकीपर सरफराज अहमद पर भरोसा जताया, जिन्हें अनुभवी कामरान अकमल के स्थान पर टीम में शामिल किया गया है। मलिक ने कहा सरफराज में निचले क्रम में बल्लेबाजी करने की क्षमता है और उन्हें विकेट के पीछे अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिला है।
एशिया कप का आगाज़ आज से
चार साल बाद मंगलवार से शुरू होने जा रहे एशिया कप में महादेश के उम्दा क्रिकेटर पैसों के लिए नहीं बल्कि देश के गौरव के लिए अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। पहले दिन बांग्लादेश का मुकाबला संयुक्त अरब अमीरात से होगा, जबकि मेजबान पाकिस्तान कराची में हांगकांग से भिड़ेगा। छह देशों का यह टूर्नामेंट आखिरी बार 2004 में श्रीलंका में हुआ था लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक रिश्ते खराब होने की वजह से 1983-84 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट का आयोजन अभी तक आठ बार ही हो सका है। इस टूर्नामेंट के साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक चिर प्रतिद्वंद्विता भी परवान चढ़ेगी, जो बांग्लादेश में हुए त्रिकोणीय सीरीज के दौरान शुरू हुई थी। पाकिस्तान ने तब भारत को फाइनल में शिकस्त देकर खिताब जीत लिया था। एशिया कप की असली लड़ाई भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच है, जबकि हांगकांग और संयुक्त अरब अमीरात के लिए तगड़े प्रतिद्वंद्वियों से रणनीति सीखने का मौका होगा। कुछ अपवाद छोड़ दें, तो बांग्लादेश भी अपने से बड़ी टीमों के सामने हथियार डाल देता है। लिहाजा वह भी अपनी छवि को सुधारने को बेताब होगा और कुछ कड़ी चुनौती देकर उलटफेर करने की कोशिश करेगा। विदेशी टीमों के सुरक्षा कारणों से दौरा करने में आनाकानी करने का जवाब देने के लिए पाकिस्तान चाहेगा कि अगले दो हफ्ते तक सब कुछ ठीक-ठीक चले। पासीबी सितंबर में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के तौर पर एशिया कप की मेजबानी करेगा, जिसमें कुछ टीमों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में पहुंची टीम इंडिया ढाई साल बाद पाकिस्तान दौरे पर है, जिसने 2006 में यहां एक टेस्ट सीरीज खेली थी। त्रिकोणीय सीरीज की हार से बौखलाया भारत सिर्फ बदला लेने को आतुर नहीं होगा बल्कि वह खुद को महाद्वीप का पावरहाउस भी साबित करने की कोशिश करेगा।
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