Monday, June 23, 2008

एशिया कप का आगाज़ आज से

चार साल बाद मंगलवार से शुरू होने जा रहे एशिया कप में महादेश के उम्दा क्रिकेटर पैसों के लिए नहीं बल्कि देश के गौरव के लिए अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। पहले दिन बांग्लादेश का मुकाबला संयुक्त अरब अमीरात से होगा, जबकि मेजबान पाकिस्तान कराची में हांगकांग से भिड़ेगा। छह देशों का यह टूर्नामेंट आखिरी बार 2004 में श्रीलंका में हुआ था लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक रिश्ते खराब होने की वजह से 1983-84 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट का आयोजन अभी तक आठ बार ही हो सका है। इस टूर्नामेंट के साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक चिर प्रतिद्वंद्विता भी परवान चढ़ेगी, जो बांग्लादेश में हुए त्रिकोणीय सीरीज के दौरान शुरू हुई थी। पाकिस्तान ने तब भारत को फाइनल में शिकस्त देकर खिताब जीत लिया था। एशिया कप की असली लड़ाई भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच है, जबकि हांगकांग और संयुक्त अरब अमीरात के लिए तगड़े प्रतिद्वंद्वियों से रणनीति सीखने का मौका होगा। कुछ अपवाद छोड़ दें, तो बांग्लादेश भी अपने से बड़ी टीमों के सामने हथियार डाल देता है। लिहाजा वह भी अपनी छवि को सुधारने को बेताब होगा और कुछ कड़ी चुनौती देकर उलटफेर करने की कोशिश करेगा। विदेशी टीमों के सुरक्षा कारणों से दौरा करने में आनाकानी करने का जवाब देने के लिए पाकिस्तान चाहेगा कि अगले दो हफ्ते तक सब कुछ ठीक-ठीक चले। पासीबी सितंबर में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के तौर पर एशिया कप की मेजबानी करेगा, जिसमें कुछ टीमों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में पहुंची टीम इंडिया ढाई साल बाद पाकिस्तान दौरे पर है, जिसने 2006 में यहां एक टेस्ट सीरीज खेली थी। त्रिकोणीय सीरीज की हार से बौखलाया भारत सिर्फ बदला लेने को आतुर नहीं होगा बल्कि वह खुद को महाद्वीप का पावरहाउस भी साबित करने की कोशिश करेगा।

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