Monday, June 23, 2008

बढ़ सकता है महँगाई का आँकड़ा

महँगाई को लेकर सरकार के साथ-साथ अब उद्योग जगत में भी चिंता बढ़ती जा रही है। उद्योग जगत इस बात को लेकर आशंकित है कि आने वाले छह महीनों में महँगाई का आँकड़ा और बढ़ सकता है।महँगाई दर ऊँची बने रहने से ब्याज दरों को लेकर भी उद्योग चिंतित हैं। उनका मानना है कि यदि महँगाई का आँकड़ा इसी तरह उच्च स्तर पर डटा रहा तो ब्याज दरें भी मजबूती के वर्तमान स्तर पर ही टिकी रहेंगी या फिर और बढ़ सकती हैं।उद्योगों का मानना है कि महँगाई का वर्तमान दौर सरकार के मौद्रिक उपायों के दायरे से बाहर की बात है, इसलिए उसे इस पर लगाम लगाने की कवायद की फिर से समीक्षा करनी चाहिए।उल्लेखनीय है कि महँगाई के ताजा आँकड़ों के मुताबिक सात जून को समाप्त सप्ताह में यह एक सप्ताह पहले के 8.75 प्रतिशत से उछलकर 11.05 प्रतिशत पर पहुँच गई। इस स्तर पर महँगाई ने पिछले 13 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। एक साल पहले इसी महीने के पहले सप्ताह में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।उद्योगों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) ने महँगाई पर किए गए ताजा सर्वेक्षण में उद्योगों की यह राय व्यक्त की है। सर्वेक्षण में छोटी-बड़ी 317 कंपनियों ने भाग लिया। यह सर्वे 15 मई से 10 जून के बीच कराया गया। यही वह समय था जब महँगाई का आँकड़ा आठ प्रतिशत की ऊँचाई को भेद रहा था।उद्योगपतियों का मानना है कि महँगाई की ऊँची दर से कारोबार में इसकी सोच गहराती जा रही है और ऐसा माना जा रहा है कि दिसंबर 2008 तक यह सात प्रतिशत से ऊपर ही बनी रहेगी। सर्वेक्षण में कंपनियों ने कहा है कि सरकार को महँगाई को लेकर चौतरफा जो सोच बनी है, उसे समाप्त करना जरूरी बन गया है।

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