नई दिल्ली। भारतीय तेज गेंदबाजी की नई सनसनी ईशांत शर्मा का कहना है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज रिकी पोंटिंग को नौ ओवर फेंकना उनके जीवन का निर्णायक मोड़ रहा।
छह फुट चार इंच लंबे दिल्ली के इस तेज गेंदबाज को हालिया संपन्न भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया दौरे की खोज बताया जा रहा है। अचानक सुर्खियों में आने के बावजूद उसने अपना संयम नहीं खोया है। उन्नीस बरस के ईशांत ने कहा, पर्थ टेस्ट में पोंटिंग को जो नौ ओवर मैने फेंके वह मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। वह मेरे जीवन का निर्णायक मोड़ है। इस दौरे ने मेरी जिंदगी बदल डाली। पुरस्कारों की बौछार, प्रशंसकों की बढ़ती तादाद और मीडिया में मिल रही शोहरत के बावजूद एयर कंडीशनर मैकेनिक के बेटे ईशांत के पैर जमीन पर ही हैं। उन्होंने कहा, हर कोई मुझसे कहता है कि यह कभी मत भूलना कि तुम कहां से आए हो। अपनी जड़ों को मत छोड़ना।
पोंटिग ने ईशांत की तारीफों के पुल बांधे तो स्टीव वॉ ने उसे भारतीय क्रिकेट की अगली सर्वश्रेष्ठ चीज करार दिया। ईशांत ने कहा, यह अच्छी बात है कि सभी ने मेरी तारीफ की है। पोंटिंग जैसे महान बल्लेबाज से तारीफ मिलना प्रेरणा की तरह है। ईशांत ने कहा, कुछ लोग आपके बारे में अच्छा कहते हैं तो कुछ बुरा भी कहते है लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि उस दबाव को किस तरह झेलते हैं।
ईशांत ने आस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान 140 से 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की लेकिन फिर भी वह मानते है कि वह पाकिस्तान के शोएब अख्तर और आस्ट्रेलियाई बै्रट ली से जेत गेंद करने की कोशिश नहीं करते। उन्होंने कहा, मैं सही दिशा से गेंद करने में भरोसा रखता हूं मैं पेस पर नहीं गेंद की लाइन और लेंथ के साथ उसके उछाल पर अधिक ध्यान देने की कोशिश करता हूं। भारत में तेज गेंदबाजों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बारे में उन्होंने कहा, अगर भविष्य में मुझे कभी टीम से बहार बैठना पडे़ तो मैं इससे कभी उदास नहीं होऊंगा बल्कि टीम में आने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरी जगह जिस खिलाड़ी का चयन हुआ है वह टीम के लिए मुझसे बेहतर है।
मौजूदा दौर में जितना क्रिकेट खेला जाता है उसे देखते हुए ईशांत संभावित चोटों से परेशान नहीं है और उन्हें इनसे बचने का पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा, अगर मैं वही चीजें करना जारी रखूं जो अभी मैं कर रहा हूं तो उसे देखते हुए मुझे नहीं लगता कि मुझे खुद को बचाने के लिए सतर्क होना पड़ेगा क्योंकि इस समय मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं। मैं सही चीजें कर रहा हूं। ईशांत ने यह भी कहा, मैं चोटों से बचने के लिए खेल के एक प्रारूप तक ही खुद को सीमित नहीं रखना चाहता। उन्होंने कहा, आस्ट्रेलिया दौरे पर मैदानी विवादों के बावजूद टीम ने अपना ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर ही केंद्रित रखा। एक बार हम मैदान में जाते तो सब कुछ भूल जाते थे और अपने खेल पर ध्यान लगाते थे। हम अखबार नहीं पढ़ते थे और टीवी भी नहीं देखते थे जिससे हमें मदद मिली।
ईशांत ने ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का बचाव किया जो तीन महीने के दौरे के विवादों का केंद्र रहे। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि उन्होंने किसी को कुछ भी कहा होगा। वह इस तरह का खिलाड़ी है जो अपनी जिंदगी का आनंद उठाना पसंद करता है। अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की तुलना करने पर ईशांत ने कहा कि दोनों एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं। उन्होंने कहा, कुंबले काफी शांत और धैर्यवान हैं लेकिन टेस्ट मैचों में इसी की जरूरत होती है। जबकि धोनी आक्रामक हैं जो सीमित ओवरों के मैचों की आवश्यकता होती है। लेकिन दोनों में एक समान बात है कि दोनों हमें सामान्य चीजें करने के लिए कहते हैं।
Saturday, March 8, 2008
साइडबाटम की हैट्रिक से इंग्लैंड टेस्ट में लौटा
हैमिल्टन। रियान साइडबाटम ने सनसनीखेज हैट्रिक लेकर पहले क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन शनिवार को न सिर्फ न्यूजीलैंड की पकड़ ढीली की बल्कि इंग्लैंड को भी मैच में लौटा दिया।
न्यूजीलैंड ने पांच विकेट सिर्फ 29 गेंद में गंवा दिए। साइडबाटम ने स्टीफन फ्लेमिंग, मैथ्यू सिनक्लेयर और जैकब ओरम को लगातार तीन गेंदों पर आउट किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ 70 साल में यह पहली हैट्रिक है। न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत 122 रन की बढ़त के साथ की थी। चौथे दिन के खेल समाप्त होने तक उसके दूसरी पारी में आठ विकेट पर सिर्फ 147 रन थे। डेनियल विटोरी 13 और जीतन पटेल 6 रन बनाकर खेल रहे हैं। इसी के साथ न्यूजीलैंड ने 269 रन की बढ़त बना ली है। इससे पहले इंग्लैंड की टीम पहली पारी में मात्र 348 रन पर आउट हो गई थी। मैथ्यू बेल के जल्दी आउट होने के बाद फ्लेमिंग और जैमी हॉऊ ने 3.6 प्रति ओवर की औसत से रन बनाए। मेजबान टीम का स्कोर 28वें ओवर में एक विकेट पर 99 रन था।
इसके बाद साइडबाटम ने कहर बरपाता स्पैल फेंका। सबसे पहले उन्होंने हॉऊ को आउट किया जिनका कैच मैथ्यू होगार्ड ने लपका। अगले ओवर की आखिरी गेंद पर साइडबाटम ने फ्लेमिंग को पवेलियन भेजा। गली में एलेस्टेयर कुक ने डाइव लगाकर उनका कैच पकड़ा। उसके बाद के ओवर की पहली दो गेंद पर उन्होंने मैथ्यू सिनक्लेयर और ओरम को चलता करके हैट्रिक पूरी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ 338 टेस्ट के इतिहास में यह दूसरी हैट्रिक है। इससे पहले इंग्लैंड के मौरिस एलोम ने 1980 में न्यूजीलैंड के पहले ही टेस्ट में हैट्रिक बनाई थी।
न्यूजीलैंड ने पांच विकेट सिर्फ 29 गेंद में गंवा दिए। साइडबाटम ने स्टीफन फ्लेमिंग, मैथ्यू सिनक्लेयर और जैकब ओरम को लगातार तीन गेंदों पर आउट किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ 70 साल में यह पहली हैट्रिक है। न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत 122 रन की बढ़त के साथ की थी। चौथे दिन के खेल समाप्त होने तक उसके दूसरी पारी में आठ विकेट पर सिर्फ 147 रन थे। डेनियल विटोरी 13 और जीतन पटेल 6 रन बनाकर खेल रहे हैं। इसी के साथ न्यूजीलैंड ने 269 रन की बढ़त बना ली है। इससे पहले इंग्लैंड की टीम पहली पारी में मात्र 348 रन पर आउट हो गई थी। मैथ्यू बेल के जल्दी आउट होने के बाद फ्लेमिंग और जैमी हॉऊ ने 3.6 प्रति ओवर की औसत से रन बनाए। मेजबान टीम का स्कोर 28वें ओवर में एक विकेट पर 99 रन था।
इसके बाद साइडबाटम ने कहर बरपाता स्पैल फेंका। सबसे पहले उन्होंने हॉऊ को आउट किया जिनका कैच मैथ्यू होगार्ड ने लपका। अगले ओवर की आखिरी गेंद पर साइडबाटम ने फ्लेमिंग को पवेलियन भेजा। गली में एलेस्टेयर कुक ने डाइव लगाकर उनका कैच पकड़ा। उसके बाद के ओवर की पहली दो गेंद पर उन्होंने मैथ्यू सिनक्लेयर और ओरम को चलता करके हैट्रिक पूरी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ 338 टेस्ट के इतिहास में यह दूसरी हैट्रिक है। इससे पहले इंग्लैंड के मौरिस एलोम ने 1980 में न्यूजीलैंड के पहले ही टेस्ट में हैट्रिक बनाई थी।
Friday, March 7, 2008
‘हाइजैक’ में ईशा
मुम्बई। विज्ञापन फिल्मों के निर्माता कुनाल शिवदासानी अब फिल्मों के निर्देशन में भी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। जल्द ही फिल्मी पर्दे पर उनकी पहली फिल्म 'हाइजैक' दिखाई देगी।
अगर बात कलाकारों की करें तो फिल्म में शाइनी आहूजा और ईशा देओल की जोड़ी देखने को मिलेगी। शिवदसानी ने आईएएनएस को बताया कि फिल्म में दोनों ही कलाकारों ने बेहद मेहनत की है।
इस फिल्म में शाइनी एक ऐसे पिता की भूमिका में दिखाई देंगे जो कि काफी मशक्कत के बाद अपहृत विमान से अपनी बेटी व अन्य यात्रियों की जान बचाने में कामयाब हो जाते हैं।
दर्शकों को फिल्म में शाइनी के जोरदार स्टंट्स देखने को मिलेंगे। इसी प्रकार ईशा एयर होस्टेस का किरदार अदा करेंगी। जानकारों के मुताबिक मई में इस फिल्म को रिलीज किया जाएगा।
अगर बात कलाकारों की करें तो फिल्म में शाइनी आहूजा और ईशा देओल की जोड़ी देखने को मिलेगी। शिवदसानी ने आईएएनएस को बताया कि फिल्म में दोनों ही कलाकारों ने बेहद मेहनत की है।
इस फिल्म में शाइनी एक ऐसे पिता की भूमिका में दिखाई देंगे जो कि काफी मशक्कत के बाद अपहृत विमान से अपनी बेटी व अन्य यात्रियों की जान बचाने में कामयाब हो जाते हैं।
दर्शकों को फिल्म में शाइनी के जोरदार स्टंट्स देखने को मिलेंगे। इसी प्रकार ईशा एयर होस्टेस का किरदार अदा करेंगी। जानकारों के मुताबिक मई में इस फिल्म को रिलीज किया जाएगा।
विमान उड़ेगा और कंप्यूटर में समा जाएगा ब्योरा
नई दिल्ली [राजकिशोर]। अमेरिका हो या चीन या फिर दुनिया का कोई भी देश। वहां से विमान के उड़ान भरने के 15 मिनट के भीतर उसमें मौजूद हर यात्री का कच्चा-चिट्ठा हवाईअड्डे पर इमीग्रेशन [आव्रजन] अधिकारियों के कंप्यूटर पर मौजूद होगा।
आने वाली पहली अप्रैल से हिंदुस्तान के छह हवाईअड्डों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। देश की सुरक्षा व यात्रियों की सुविधा के लिहाज से बेहद अहम यह पायलट [प्रायोगिक] प्रोजेक्ट चल रहा है। एपिस यानी एडवांस पैसेंजर्स इन्फार्मेशन सिस्टम के बारे में अधिसूचना जारी हो गई है। देश के लगभग एक दर्जन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों में से फिलहाल एक अप्रैल से दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, कोच्चि, हैदराबाद और चेन्नई में एपिस लागू हो जाएगा। गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में भी यह जानकारी दी।
गृह सचिव मधुकर गुप्त ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और आव्रजन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की प्रगति की समीक्षा भी की। ध्यान रहे, मार्च 2006 से एयर इंडिया के साथ इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था। इसके तहत विदेश से चलने वाले हर विमान के प्रत्येक यात्री का ब्यौरा हिंदुस्तान के संबंधित एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रानिक रूप में आ जाएगा। मसलन ब्रिटेन के हीथ्रो हवाईअड्डे से अगर कोई विमान जैसे ही उड़ेगा, उसके प्रत्येक यात्री का ब्यौरा भारत के संबंधित हवाईअड्डे में आव्रजन अधिकारियों के पास पहुंच जाएगा।
यह व्यवस्था दुनिया के विभिन्न देशों में लागू भी है। हिंदुस्तान में प्रति वर्ष 44 लाख से ज्यादा तो विदेशी यात्री ही आते हैं। इसके अलावा भारतीय नागरिकों का आवागमन तो होता ही रहता है। देश की सुरक्षा के लिहाज से तो यह अहम है ही, यात्रियों को भी इससे सुविधा हो जाएगी। विदेश से आने के बाद इमीग्रेशन के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने से भी लोगों को छुटकारा मिल सकेगा। साथ ही अगर इमीग्रेशन विभाग को किसी के बारे में आपत्तिजनक लगा तो वह उसे वहीं से बैरंग वापस लौटा सकेगा या उचित कार्रवाई करने में सक्षम होगा।
देशी या विदेशी एयरलाइन जो सूचना देंगी, उसमें व्यक्ति का नाम-पता और पासपोर्ट के अलावा आने का उद्देश्य वगैरह सभी होगा। एक विचार यह भी है कि आने वाले दिनों में अमेरिका की तरह हर यात्री का प्रोफाइल भी इकट्ठा किया जाए। हालांकि, फिलहाल तो सभी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर एपिस लागू करने की योजना है।
आने वाली पहली अप्रैल से हिंदुस्तान के छह हवाईअड्डों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। देश की सुरक्षा व यात्रियों की सुविधा के लिहाज से बेहद अहम यह पायलट [प्रायोगिक] प्रोजेक्ट चल रहा है। एपिस यानी एडवांस पैसेंजर्स इन्फार्मेशन सिस्टम के बारे में अधिसूचना जारी हो गई है। देश के लगभग एक दर्जन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों में से फिलहाल एक अप्रैल से दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, कोच्चि, हैदराबाद और चेन्नई में एपिस लागू हो जाएगा। गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में भी यह जानकारी दी।
गृह सचिव मधुकर गुप्त ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और आव्रजन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की प्रगति की समीक्षा भी की। ध्यान रहे, मार्च 2006 से एयर इंडिया के साथ इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था। इसके तहत विदेश से चलने वाले हर विमान के प्रत्येक यात्री का ब्यौरा हिंदुस्तान के संबंधित एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रानिक रूप में आ जाएगा। मसलन ब्रिटेन के हीथ्रो हवाईअड्डे से अगर कोई विमान जैसे ही उड़ेगा, उसके प्रत्येक यात्री का ब्यौरा भारत के संबंधित हवाईअड्डे में आव्रजन अधिकारियों के पास पहुंच जाएगा।
यह व्यवस्था दुनिया के विभिन्न देशों में लागू भी है। हिंदुस्तान में प्रति वर्ष 44 लाख से ज्यादा तो विदेशी यात्री ही आते हैं। इसके अलावा भारतीय नागरिकों का आवागमन तो होता ही रहता है। देश की सुरक्षा के लिहाज से तो यह अहम है ही, यात्रियों को भी इससे सुविधा हो जाएगी। विदेश से आने के बाद इमीग्रेशन के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने से भी लोगों को छुटकारा मिल सकेगा। साथ ही अगर इमीग्रेशन विभाग को किसी के बारे में आपत्तिजनक लगा तो वह उसे वहीं से बैरंग वापस लौटा सकेगा या उचित कार्रवाई करने में सक्षम होगा।
देशी या विदेशी एयरलाइन जो सूचना देंगी, उसमें व्यक्ति का नाम-पता और पासपोर्ट के अलावा आने का उद्देश्य वगैरह सभी होगा। एक विचार यह भी है कि आने वाले दिनों में अमेरिका की तरह हर यात्री का प्रोफाइल भी इकट्ठा किया जाए। हालांकि, फिलहाल तो सभी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर एपिस लागू करने की योजना है।
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