Saturday, March 8, 2008

पोंटिंग को गेंदबाजी करना निर्णायक मोड़: ईशांत

नई दिल्ली। भारतीय तेज गेंदबाजी की नई सनसनी ईशांत शर्मा का कहना है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज रिकी पोंटिंग को नौ ओवर फेंकना उनके जीवन का निर्णायक मोड़ रहा।

छह फुट चार इंच लंबे दिल्ली के इस तेज गेंदबाज को हालिया संपन्न भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया दौरे की खोज बताया जा रहा है। अचानक सुर्खियों में आने के बावजूद उसने अपना संयम नहीं खोया है। उन्नीस बरस के ईशांत ने कहा, पर्थ टेस्ट में पोंटिंग को जो नौ ओवर मैने फेंके वह मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। वह मेरे जीवन का निर्णायक मोड़ है। इस दौरे ने मेरी जिंदगी बदल डाली। पुरस्कारों की बौछार, प्रशंसकों की बढ़ती तादाद और मीडिया में मिल रही शोहरत के बावजूद एयर कंडीशनर मैकेनिक के बेटे ईशांत के पैर जमीन पर ही हैं। उन्होंने कहा, हर कोई मुझसे कहता है कि यह कभी मत भूलना कि तुम कहां से आए हो। अपनी जड़ों को मत छोड़ना।

पोंटिग ने ईशांत की तारीफों के पुल बांधे तो स्टीव वॉ ने उसे भारतीय क्रिकेट की अगली सर्वश्रेष्ठ चीज करार दिया। ईशांत ने कहा, यह अच्छी बात है कि सभी ने मेरी तारीफ की है। पोंटिंग जैसे महान बल्लेबाज से तारीफ मिलना प्रेरणा की तरह है। ईशांत ने कहा, कुछ लोग आपके बारे में अच्छा कहते हैं तो कुछ बुरा भी कहते है लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि उस दबाव को किस तरह झेलते हैं।

ईशांत ने आस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान 140 से 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की लेकिन फिर भी वह मानते है कि वह पाकिस्तान के शोएब अख्तर और आस्ट्रेलियाई बै्रट ली से जेत गेंद करने की कोशिश नहीं करते। उन्होंने कहा, मैं सही दिशा से गेंद करने में भरोसा रखता हूं मैं पेस पर नहीं गेंद की लाइन और लेंथ के साथ उसके उछाल पर अधिक ध्यान देने की कोशिश करता हूं। भारत में तेज गेंदबाजों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बारे में उन्होंने कहा, अगर भविष्य में मुझे कभी टीम से बहार बैठना पडे़ तो मैं इससे कभी उदास नहीं होऊंगा बल्कि टीम में आने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरी जगह जिस खिलाड़ी का चयन हुआ है वह टीम के लिए मुझसे बेहतर है।

मौजूदा दौर में जितना क्रिकेट खेला जाता है उसे देखते हुए ईशांत संभावित चोटों से परेशान नहीं है और उन्हें इनसे बचने का पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा, अगर मैं वही चीजें करना जारी रखूं जो अभी मैं कर रहा हूं तो उसे देखते हुए मुझे नहीं लगता कि मुझे खुद को बचाने के लिए सतर्क होना पड़ेगा क्योंकि इस समय मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं। मैं सही चीजें कर रहा हूं। ईशांत ने यह भी कहा, मैं चोटों से बचने के लिए खेल के एक प्रारूप तक ही खुद को सीमित नहीं रखना चाहता। उन्होंने कहा, आस्ट्रेलिया दौरे पर मैदानी विवादों के बावजूद टीम ने अपना ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर ही केंद्रित रखा। एक बार हम मैदान में जाते तो सब कुछ भूल जाते थे और अपने खेल पर ध्यान लगाते थे। हम अखबार नहीं पढ़ते थे और टीवी भी नहीं देखते थे जिससे हमें मदद मिली।

ईशांत ने ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का बचाव किया जो तीन महीने के दौरे के विवादों का केंद्र रहे। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि उन्होंने किसी को कुछ भी कहा होगा। वह इस तरह का खिलाड़ी है जो अपनी जिंदगी का आनंद उठाना पसंद करता है। अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की तुलना करने पर ईशांत ने कहा कि दोनों एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं। उन्होंने कहा, कुंबले काफी शांत और धैर्यवान हैं लेकिन टेस्ट मैचों में इसी की जरूरत होती है। जबकि धोनी आक्रामक हैं जो सीमित ओवरों के मैचों की आवश्यकता होती है। लेकिन दोनों में एक समान बात है कि दोनों हमें सामान्य चीजें करने के लिए कहते हैं।

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