Wednesday, March 5, 2008

“हमारे शानदार क्रिकेट को विवादों में डाला गया”

ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया। सफलता के सातवें आसमान पर सवार भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी कंगारुओं की धरती से भारत के लिए उड़ान भरने से पहले आखिरी बार ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की खबरों को टटोलना चाहते होंगे। धोनी निश्चितरूप से यह जानने को बेताब होंगे की और कितनी बार हरभजन सिंह ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की ‘हेडलाईन’ बनते हैं।धोनी ने अपनी टीम का सफल नेतृत्व करते हुए उसे विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया पर त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में 2-0 से जीत दिलाई है और इसके बाद उन्होंने कहा, “मैंने जितने भी दौरे अबतक किए हैं, यह उनमें सबसे शानदार था” बेशक, लेकिन शायद सिर्फ क्रिकेट के लिहाज से! क्रिकेट के मैदान के बाहर के विवादों ने धोनी को अच्छा खासा परेशान किए रखा और इन सभी परेशानियों के केन्द्र में थे हरभजन सिंह। लेकिन धोनी का मानना है कि ये विवाद भी भारत के लिए ही फायदेमंद रहे।पहले तो हरभजन सिंह यानि ‘भज्जी’ पर टेस्ट श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला खिलाड़ी एंड्र्यू सायमंड्स पर कथितरूप से ‘नस्लीय टिप्पणी’ करने के आरोप में तीन मैचों का प्रतिबंध लगा, जिसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने दौरा रद्द करने की धमकी देकर हटवा इसके बाद बोर्ड ने विवादास्पद अंपायर स्टीव बकनर को भी अपनी ताकत के बल पर दौरे के बाकी बचे मैचों से अलग करवा दिया। बकनर ही वे शख्स हैं जिनकी वजह से भारत को सिडनी टेस्ट में हार का मुंह देखना पड़ा था और अंत में टेस्ट श्रृंखला उसके हाथ से 2-1 से छिटक गई थी।फिर भज्जी एकदिवसीय श्रृंखला में भी पूरे समय ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की सुर्खियां बने रहे।उन्हें मैथ्यू हेडन ने ‘घिनौना’ कहा और ऑस्ट्रेलिया दर्शकों ने उन्हें सिडनी में ‘बंदरों जैसी हरकतें’ करके चिढ़ाने का आरोप लगाया। इसबार भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भज्जी को सबूतों के आभाव में बेदाग करार दिया।भारतीय कप्तान धोनी इस पूरे मामले में कहते हैं, “ऐसा लगता है मानो हरभजन सिंह माइकल जैक्सन हों, जिनके पीछे ऑस्ट्रेलियाई मीडिया हाथ धोकर पड़ी रहती है”।धोनी कहते हैं, “हमने बेहद शानदार क्रिकेट खेला, जिसे विवादों का जामा पहनाने की कोशिश की गई। यही एक चिंता का विषय है”।धोनी ने कहा हरभजन के साथ मीडिया का इस तरह का व्यवहार गलत है।उन्होंने कहा, “हो सकता है लोग कहें कि उन्होंने अपनी सीमाओं को तोड़ा है, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। बाहर से देखने में भज्जी भले ही आक्रामक लगें, लेकिन आपको उन्हें समझना आना चाहिए”।“उन्हें जितना विवादों में घसीटा गया, वे उतनी ही ताकत के साथ कुछ कर गुजरने की भावना के साथ हर बार मैदान में उतरे। वे एक आक्रामक क्रिकेटर हैं और मैदान पर अपनी भावनाओं को दिखाने से नहीं चूकते”।

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