नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी सहित उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को लगभग दस घंटे तक बिजली गुल रही। इसका असर आम जनजीवन व कार्यालयों के साथ-साथ रेलगाडि़यों पर भी देखा गया। सारी परेशानी की वजह वातावरण में फैल रहा प्रदूषण है। वातावरण में प्रदूषण तथा भारी कोहरे के चलते दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण लाइनें ट्रिप हो गई और बिजली आपूर्ति बंद हो गई।
अधिकारियों का कहना है कि वातावरण में मौजूदा प्रदूषित तत्वों या कणों का बिजली तारों पर जमाव ग्रिड के ट्रिप होने की परेशानी का कारण है। उनका कहना है कि सर्दी में इस तरह की परेशानी आना आम बात है। यह अलग बात है कि इस बार सर्दी का मौसम कुछ ज्यादा ही लंबा खिंचता दिख रहा है। इसकी एक वजह भी विशेषज्ञ जलवायु में व्यापक पैमाने पर आ रहे बदलाव को ही मानते हैं।
पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया [पीजीसीआईएल] के कार्यकारी निदेशक [प्रणाली परिचालन] एस के सूनी ने बताया कि स्थिति लगभग साढे़ दस बजे सामान्य हो गई। उन्होंने कहा कि इंस्यूलेटरों पर प्रदूषण तत्वों के जमा होने से यह दिक्कत प्राय: हो जाती है। लेकिन अब स्थिति बदतर होती जा रही है और अधिकारी इस समस्या के स्थायी समाधान की कोशिश में हैं।
ताजा बिजली संकट की सर्वाधिक मार दिल्ली के अलावा हरियाणा तथा उत्तारप्रदेश के नागरिकों को झेलनी पड़ी। इसके अलावा इस क्षेत्र में रेल यात्रा कर रहे लोग भी परेशान हुए क्योंकि बिजली आपूर्ति बाधित होने उनकी गाडि़यां रास्ते में ही अटक गई।
फिरोजाबाद-दादरी तथा तुगलकाबाद-पलवल लाइनों पर सबसे बुरा असर रहा जहां क्रमश: तड़के 3:45 बजे और सुबह 6:15 बजे से बिजली आपूर्ति बंद हो गई। अधिकारियों का कहना है कि बिजली आपूर्ति बंद होने की समस्या पिछली मध्यरात्रि से शुरू हो गई थी। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सेवाएं बहाल करने के लिए डीजल इंजन भेजे जा रहे हैं। ग्वालियर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक यात्री ने कहा कि गत दो घंटे से कोई रेलगाड़ी नहीं चल रही है। हम स्टेशन पर फंसे हैं। डीजल इंजन आने की घोषणा की जा रही है।
दिल्ली बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 400 केवी की बवाना बमरोली मंडोला लाइन के ट्रिप होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
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