नई दिल्ली। अलग तेलंगाना प्रदेश के गठन की मांग को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति [टीआरएस] के चारों लोकसभा सदस्यों ने सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही टीआरएस सदस्य तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सी एच चंद्रशेखर राव तथा पार्टी के अन्य तीन सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर पृथक तेलंगाना राज्य की मांग उठाने लगे।
बाद में राव ने अध्यक्ष की अनुमति से इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कांग्रेस पर तेलंगाना के लोगों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इस मुद्दे का जिक्र तक न न होना क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय है। इतना कहने के बाद उन्होंने सदन के पटल पर अपना इस्तीफा रख दिया तथा बाकी सदस्यों ने भी उनका अनुसरण किया। तत्पश्चात सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए।
विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि यह पहला मौका है जब सदस्यों ने सदन में इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर सदन में ठीक प्रकार से चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजग सरकार में तीन नए राज्यों का गठन किया गया था। अध्यक्ष ने सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि वह टीआरएस सदस्यों के इस्तीफे पर प्रक्रिया और नियम के तहत गौर करेंगे।
No comments:
Post a Comment