Wednesday, March 5, 2008
अभी भी सर्वश्रेष्ठ हैं सचिन तेंदुलकर
मुम्बई। उम्र का हवाला देते हुए सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को चयनकर्ताओं ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के कहने पर बाहर का रास्ता दिखा दिया। गांगुली और द्रविड़ के अलावा सचिन तेंदुलकर भी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी उम्र लोगों की नजरों में खटकती रहती है।कभी सचिन की फॉर्म तो कभी उनकी उम्र, आलोचक उन पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं चूकते।हद तो उस वक्त हो जाती है जब इन आलोचकों में सचिन के मुकाबले आधे से भी कम अनुभवी एकदिवसीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी शामिल हो जाते दिलचस्प बात है कि ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर कदम रखने के बाद से ही सचिन शानदार फॉर्म में हैं। टेस्ट श्रृंखला में उनका प्रदर्शन उन्हें मौजूदा दौरे पर भारत का सबसे सफल खिलाड़ी कहलवाने के लिए काफी है।अठारह साल लम्बे अपने करियर में क्रिकेट की हर बुलंदी को छूने वाले और लगभग हर रिकॉर्ड को अपने नाम कर चुके 34 वर्षीय सचिन का हो सकता है यह आखिरी ऑस्ट्रेलियाई दौरा हो।इस दौरे के एक या दो मैचों में उनका असफल रहना भी लोगों के गले नहीं उतरता। शायद क्रिकेट के इस खेल में उनकी हैसियत और उनका रूतबा हर समय उनसे मैच जीताउ पारी की उम्मीद जोड़ देता है।क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाला हर शख्स सचिन के मैदान पर उतरते ही उनसे शतक की उम्मीद लगा लेता है जो कि मुमिकन नहीं होता।दरअसल धोनी की ‘युवा ब्रिगेड’ में सचिन अनुभव और उम्र के लिहाज से सबसे बड़े खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय लीग चरण के दौरान सचिन का बल्ला कुछ खास नहीं कर पा रहा था और उपरीक्रम के लगातार असफल होने के कारण एक समय भारत के फाइनल में जगह बनाने तक पर सवालिया निशान लग गया था।
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