Sunday, September 7, 2008

वीरू-धोनी ने मेंडिस को काबू किया

भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज सुरेश रैना ने एकदिवसीय और 20-20 टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और आक्रामक बल्लेबाज वीरेन्द्र सेहवाग की तारीफ करते हुए कहा है कि ये दोनों बल्लेबाज किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की बखिया उधेड़ सकते हैं।रैना ने यहां कहा कि श्रीलंका दौरे में धोनी और सेहवाग ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अभी तक श्रीलंका के अबूझ स्पिनर माने जा रहे अजंता मेंडिस की इन दोनों बल्लेबाजों ने जमकर धुनाई की।उन्होंने कहा कि अब मेंडिस की गेंदों से भय खाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि टीम ने उनका काट ढूंढ लिया है।रैना ने कहा, “अब मेंडिस की गेंदें हमारी टीम के किसी भी बल्लेबाज के लिए परेशानी का सबब नहीं बन पाएंगी”।रैना ने सेहवाग और धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें इन दोनों बल्लेबाजों से काफी कुछ सीखने को मिला है और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया है।हालांकि रैना ने माना कि श्रीलंकाई टीम को उसी की जमीन पर चुनौती देना काफी कठिन काम है।रैना ने कहा कि अब सबकी निगाहें आगामी अक्टूबर महीने में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जाने वाली घरेलू श्रृंखला पर लगी है।उन्होंने कहा, “मैंने इस घरेलू दौरे के लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है”।रैना ने कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा घरेलू मैच खेलना चाहते हैं ताकि आगामी श्रृंखला के लिए पूरी तरह तैयार हुआ जा सके।

Thursday, September 4, 2008

बेहद प्यारी है प्रियंका

बॉलीवुड अभिनेता बॉबी देओल ने कहा कि यदि अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा उनकी हाल ही में प्रदर्शित फिल्म 'चमकू' में ग्लैमर रहित भूमिका निभाने के लिए राजी नहीं होती तो उन्हें काफी कठिनाई हो सकती थी। बोबी ने कहा, "प्रियंका बेहद प्यारी अभिनेत्री है। उसने फिल्म 'चमकू' में एक ग्लैमर रहित भूमिका निभाई है, हालांकि ज्यादातर अभिनेत्रियां ऐसी भूमिकाएं नहीं करना चाहती हैं। वैसे प्रियंका ने इस किरदार को सहजता से निभाया है। "उल्लेखनीय है कि यह फिल्म बॉबी की होम प्रोडक्शन है, जिसमें वे एक नक्सली की भूमिका में हैं। फिल्म में प्रियंका एक स्कूल शिक्षिका की भूमिका में है जो बॉबी से प्यार करती है। फिल्म में अभिनेता रितेश देशमुख ने बॉबी के छोटे भाई की भूमिका निभाई है। बॉबी ने रितेश की तारीफ करते हुए कहा, "वे बहुत अच्छे अभिनेता हैं। जब मैंने उन्हें अपनी फिल्म में काम करने को कहा तो वे बिना विचार किए राजी हो गए जबकि उन दिनों वे काफी व्यस्त थे।"

Saturday, August 16, 2008

युवराज की आतिशी पारी

युवराज सिंह [172] ने स्वतंत्रता दिवस के दिन चौकों और छक्कों की बौछार करते हुए श्रीलंका एकादश के होश उड़ा दिए और भारत को एकदिवसीय सीरीज शुरू होने से पहले एकमात्र अभ्यास मैच में शुक्रवार को 92 रन की शानदार जीत दिला दी।

युवराज ने महज 121 गेंदों में आठ चौके और 13 गगनचुंबी छक्के उड़ाते हुए 172 रन की बेहतरीन पारी खेली और श्रीलंका को 18 अगस्त से शुरू होने वाली एकदिवसीय सीरीज के लिए खतरे का संकेत दे दिया। फार्म में लौटे युवराज के इस तूफानी शतक से भारत ने पांच विकेट पर 342 रन का विशालकाय स्कोर खड़ा कर दिया। श्रीलंका एकादश की टीम इसके जवाब में छह विकेट पर 250 रन ही बना सकी। इरफान पठान ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए 48 रन पर दो विकेट झटके जबकि आरपी सिंह, मुनफ पटेल, हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा को एक-एक विकेट मिला।

टेस्ट सीरीज क ी पराजय के बाद भारत की एकदिवसीय सीरीज से पहले अभ्यास मैच में यह तूफानी जीत निश्चित रूप से महेंद्र सिंह धोनी की सेना का एकदिवसीय सीरीज के लिए मनोबल बढ़ाने वाला काम करेगी। श्रीलंका एकादश की टीम में कई ऐसे खिलाड़ी खेल रहे थे जो टेस्ट और एकदिवसीय टीमों में खेल चुके थे। लेकिन युवराज का एकतरफा कत्लेआम उन पर भारी पड़ गया। युवराज को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो टेस्ट टीम का पराजय का पूरा गुस्सा वह श्रीलंका एकादश पर उतारने को उतारू थे।

धोनी ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। फार्म में चल रहे ओपनर वीरेंद्र सहवाग को इस मैच में विश्राम दिया गया। अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान विराट कोहली को गौतम गंभीर के साथ ओपनिंग करने का मौका दिया गया। दोनों ने पहले विकेट के लिए सिर्फ छह ओवर में 41 रन की साझेदारी कर डाली। गंभीर 25 गेंदों में छह चौकों की मदद से 31 रन बनाकर आउट हुए। कोहली ने 40 गेंदों में 23 रन बनाए और 13वें ओवर में भारत का स्कोर दो विकेट पर 73 रन हो गया। लेकिन इसके बाद सुरेश रैना के साथ युवराज ने गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। युवराज ने रैना के साथ तीसरे विकेट के लिए 77 रन की साझेदारी की। रैना 57 गेंदों में 45 रन बनाकर आउट हुए। युवराज ने इसके बाद रोहित शर्मा के साथ चौथे विकेट के लिए 85 रन जोड़े। युवराज ने फिर कप्तान धोनी के साथ पाचवें विकेट के लिए लगभग सात ओवर में 99 रन की तूफानी साझेदारी की। युवराज 49वें ओवर में चानका वेलेगेदारा की गेंद पर आउट हुए।
श्रीलंका एकादश के लिए 343 रन का लक्ष्य पहाड़नुमा साबित हुआ। उपुल थरंगा ने 50, चामरा सिल्वा ने 38, जेहान मुबारक ने 60 और कौशल सिल्वा ने नाबाद 38 रन बनाए। लेकिन वे भारत के स्कोर के आसपास भी नहीं पहुंच पाए। अंतत: भारत ने एकदिवसीय सीरीज शुरू होने से पहले मनोबल बढ़ाने वाली जीत हासिल कर ली।

Sunday, August 3, 2008

भारत का धमाका, श्रीलंका पर जीत


सलामी बल्लेबाज वीरेद्र सहवाग के साहस और अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह की अंगुलियों के जादू व तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की तेजी के तीखेपन के दम पर भारत ने रविवार को दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन ही श्रीलंका को 170 रन से करारी शिकस्त देकर कोलंबो में मिली शर्मनाक हार का बदला चुकता कर दिया।
भारत ने अपनी दूसरी पारी में 269 बनाकर श्रीलंका के सामने लगभग दो दिन में 307 रन बनाने का लक्ष्य रखा लेकिन हरभजन ने 51 रन देकर चार और ईशांत ने 20 रन के एवज में तीन विकेट लेकर श्रीलंकाई टीम को 47.3 ओवर में केवल 136 रन ढेर करके तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर दी। श्रीलंका ने कोलंबो में पहला टेस्ट पारी और 239 रन से जीता था लेकिन गाले में उसकी एक नहीं चली जहां भारत ने पहली बार जीत दर्ज की। यह भारतीय टीम की श्रीलंकाई सरजमीं पर तीसरी और अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 11वीं जीत है।
गाले इंटरनेशनल स्टेडियम की पिच पर चौथी सुबह ही बल्लेबाजी करना आसान नहीं था लेकिन वीरेंद्र सहवाग [नाबाद 201 और 50 रन] की बेहतरीन बल्लेबाजी से भारत इतनी अच्छी स्थिति में पहुंच गया था कि उसके लिए यह सकारात्मक साबित हुआ। चौथे दिन कुल 16 विकेट गिरे और केवल श्रीलंकाई बल्लेबाज थिलन समरवीरा ही टिक कर गेंदबाजों का डटकर सामना कर पाए। वह आखिर में 67 रन बनाकर नाबाद रहे।
भारत ने सुबह 69 रन के अंदर अपने बचे हुए छह विकेट गंवाए लेकिन पिच बल्लेबाजों के लिए खतरनाक हो गई थी और भारतीयों ने इसका पूरा फायदा उठाया। माइकल वेंडोर्ट का जहीर खान के पहले ओवर में कैच छूटा लेकिन यह महंगा साबित नहीं हुआ तथा भारत के नई गेंद के गेंदबाजों ने पिच से मिल रही स्विंग से श्रीलंकाई बल्लेबाजों का जीना मुहाल कर दिया था। ईशांत ने शानदार फार्म में चल रहे मलिंडा वर्नापुरा को खाता भी नहीं खोलने दिया और वीवीएस लक्ष्मण के हाथों कैच कराया।
जहीर खान ने आईसीसी रैकिंग में नंबर एक बल्लेबाज कुमार संगकारा को तेजी से उठती गेंद पर लक्ष्मण को कैच देने के लिए मजबूर किया जबकि ईशांत ने जल्द ही कप्तान महेला जयवर्धने का कीमती विकेट लेकर श्रीलंका का स्कोर तीन विकेट पर दस रन कर दिया। पहली पारी में छह विकेट लेने वाले हरभजन ने यहीं से अपनी अंगुलियों का जादू दिखाया तथा मैच में 153 रन देकर दस विकेट लिए। यह पांचवां अवसर है जबकि उन्होंने किसी मैच में दस विकेट हासिल किए।
इस ऑफ स्पिनर ने वेंडोर्ट को पगबाधा आउट करके दूसरी पारी में अपने विकेटों का खाता खोला। इसके बाद समरवीरा और तिलकरत्ने दिलशान [38] ने पांचवें विकेट के लिए 76 रन की भागीदारी करके कुछ देर तक विकेट गिरने का क्रम रोके रखा। दिलशान जब 17 रन पर थे तब हरभजन को उनका विकेट भी मिल जाता लेकिन विकेटकीपर दिनेश कार्तिक कैच नहीं ले पाए। चाय के विश्राम के बाद कप्तान अनिल कुंबले ने फिर से ईशांत को गेंद थामी तथा दिल्ली के इस तेज गेंदबाज ने दिलशान को आउट करके भारत को चौथे दिन ही जीत का स्वाद चखने का मौका दिया।
ईशांत की अच्छी लेंथ से बाहर की ओर जाती गेंद को दिलशान ने बैकफुट पर जाकर रक्षात्मक रूप से खेलना चाहा लेकिन वह उनके बल्ले को चूमती हुई विकेट के पीछे चली गई और इस बार कार्तिक ने कोई गलती नहीं की। हरभजन और कुंबले के सामने पुछल्ले बल्लेबाज थे। प्रसन्ना जयवर्धने [4] एक बार तो हरभजन की गेंद पर रेफरल के कारण पगबाधा आउट होने से बच गए लेकिन अगली बार गेंद सीधी जा रही थी और बल्लेबाज के पास कहने के लिए कुछ नहीं था।
हरभजन ने अपने अगले दो ओवर में चमिंडा वास और मेंडिस को आउट करके मैच में दस विकेट पूरे किए जबकि कुंबले ने नुवान कुलशेखरा को आउट करने के बाद जैसे ही मुथैया मुरलीधरन को अपनी गेंद पर कैच किया भारतीय खिलाड़ी खुशी से उछल पड़े। दूसरे छोर पर समरवीरा 217 मिनट तक क्रीज पर टिके रहे और उन्होंने 126 गेंद खेली तथा आठ चौके लगाए। पहले मैच में करारी हार के बाद भारत के लिए यह जीत बहुत जरूरी हो गई थी लेकिन उसके लिए आसान नहीं रही। मैन ऑफ द मैच वीरेंद्र सहवाग और उनके साथी सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को छोड़कर बाकी सभी भारतीय बल्लेबाज असफल रहे लेकिन गेंदबाजों ने दोनों पारियों में अपनी छाप छोड़ी।