Tuesday, February 24, 2009
द्रविड़ से बेहतर हैं धौनी
गोयल ने कहा, बल्लेबाजी तकनीक को मैंने अपनी किताब में छह मापदंडों के आधार पर आंका है। मेरे अनुसार किसी भी बल्लेबाज को छह मापदंडों बल्ले गेंद का संपर्क, बैक लिफ्ट, पैरों का मूवमेंट, बल्ले का फ्लो, बल्ले का मूवमेंट और शरीर का मूवमेंट के आधार पर परखा जा सकता है। उन्होंने कहा, इन छह मापदंडों पर आंका जाए तो धौनी तकनीक के मामले में द्रविड़ ही नहीं बल्कि सचिन तेंदुलकर से भी बेहतर है। लेखक का मानना है कि आक्रामक बल्लेबाजी से बल्लेबाज की दक्षता, ताकत और संपूर्णता का पता चलता है जबकि रक्षात्मक बल्लेबाजी में कहीं न कहीं कमी का अहसास होता है। इस आधार पर देखा जाए तो विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग भी तकनीकी रूप से काफी सक्षम बल्लेबाज हैं।
मूल रूप से हरियाणा के जींद जिले के निवासी 43 वर्षीय गोयल ने कहा, 2007 का विश्व कप देखने के बाद मेरे मन में बल्लेबाजी तकनीक पर किताब लिखने का विचार आया। मेरा मानना है कि बल्लेबाजी में संपूर्णता सिर्फ स्वाभाविक प्रतिभा पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, मैंने गहन अध्ययन करने के बाद छह मापदंड चुने हैं जिनके आधार पर किसी उभरते बल्लेबाज का आकलन किया जा सकता है कि वह अपने राज्य या देश की टीम में स्थान बना पाएगा या नहीं।
गोयल ने कहा, मैंने अपनी यह किताब विचारार्थ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआई] और कुछ विदेशी बोर्डो को भेजी है लेकिन मेरे पास अभी तक बीसीसीआई से कोई जवाब नहीं आया है। लेखक ने दावा किया कि उनकी किताब परफेक्ट सिक्स के आधार पर कोई भी बल्लेबाज अपनी सही क्षमता का आकलन कर सकता है।
Tuesday, January 27, 2009
मेंडिस से हमें कोई खतरा नहीं : धोनी
Sunday, January 11, 2009
मन में कभी किसी तरह का हीनभाव नहीं पैदा हुआ
गंभीर ने खोले कामयाबी के राज
पिछले साल रनों का अंबार लगा देने वाले भारतीय ओपनर गौतम गंभीर ने कहा है कि श्रीलंका के स्पिनरों मुथैया मुरलीधरन और अजंता मेंडिस के खिलाफ मिली कामयाबी उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित हुई।गंभीर ने एक निजी टीवी चैनल के साथ बातचीत में आज कहा कि गत वर्ष जुलाई-अगस्त में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर रहने से उनका आत्मविश्वास बढ़ गया।उन्होंने कहा, “इस प्रदर्शन से मुझे यह अहसास हो गया कि मैं टेस्ट क्रिकेट में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता हूं”।शायद इस भरोसे का ही कमाल था कि वर्ष 2008 की दूसरी छमाही में गंभीर ने आठ टेस्ट खेलकर ही एक हजार रनों का आंकड़ा पार कर लिया।बाएं हाथ के आक्रामक ओपनर गंभीर से जब उनके सबसे बुरे अनुभव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने वर्ष 2007 के विश्वकप में भारत के खराब प्रदर्शन का जिक्र किया।उन्होंने नए साल में भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखने का भरोसा जताते हुए कहा, “अब लोगों की मुझसे उम्मीदें बढ गई हैं और मैं उन्हें निराश नहीं करना चाहूंगा। लेकिन सबसे बड़ा लक्ष्य तो देश को दुनिया की नंबर एक टीम के रूप में देखना है”।गंभीर ने कहा कि दुनिया के कुछ बेहतरीन बल्लेबाजों के साथ खेलने के बावजूद उनके मन में कभी किसी तरह का हीनभाव नहीं पैदा हुआ। अपने सलामी जोड़ीदार वीरेंद्र सेहवाग के बारे में उन्होंने कहा, “उनको लेकर मैंने कभी भी कमतर महसूस नहीं किया। टीम की जीत किसी भी खिलाड़ी से अधिक मायने रखती है”।
Thursday, December 4, 2008
युवराज की वापसी

मुंबई में आतंकवादी घटना के बाद सात वनडे मैचों की सीरीज को बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौटने वाली इंग्लैंड टीम के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए बीसीसीआई ने भारतीय टीम के 15 सदस्यीय दल की घोषणा की है। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और स्पिनर अनिल कुंबले ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था जिसके कारण टीम में एक बल्लेबाज और एक स्पिन गेंदबाज की जगह खाली हो गई थी। युवराज सिंह और अमित मिश्रा को इन दोनों खिलाड़ियों के स्थान पर प्राथमिकता दी जाएगी।
हालांकि भारतीय तेज गेंदबाजी की कमान एक बार फिर ईशांत शर्मा और जहीर खान ही संभालेंगे जबकि स्पिन की अगुवाई हरभजन सिंह के हाथों में होगी।
टीम: महेद्र सिंह धोनी [कप्तान], गौतम गंभीर, युवराज सिंह, एस बद्रीनाथ, वीरेद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, मुरली विजय, जहीर खान, मुनफ पटेल, ईशांत शर्मा, हरभजन सिंह, प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा।