आईटी सिटी बेंगलूर में बीते शुक्रवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की गूंज अभी शात भी नहीं हुई थी कि शनिवार शाम गुजरात का प्रमुख औद्योगिक शहर अहमदाबाद भी सीरियल बम धमाकों से दहल उठा। एक के बाद बाद एक हुए 17 सीरियल बम विस्फोटों में 45 लोगों की मौत हो गई जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये विस्फोट शहर के मणिनगर, इसनपुर, नरोल सर्किल, बापूनगर, हाटकेश्वर, सरनागपुर ब्रिज, सरखेज, रायपुर, जुहापुर, कोरियर मंदिर, ओधव आदि इलाके में हुए। धमाकों में टिफिन का इस्तेमाल किया गया जो साइकिल पर रखे हुए थे। जांच सूत्रों के अनुसार धमाकों में जिलेटिन और अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है।
हाल के दिनों में आतंकियों ने उन्हीं राज्यों के प्रमुख शहरों को निशाना बनाया है जहां भाजपा की सरकार है। इससे पहले 13 मई को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 65 लोग मारे गए थे।
अहमदाबाद में पहला धमाका शाम 6.41 पर हुआ। इसके बाद 90 मिनट के भीतर एक के बाद एक 13 स्थानों पर धमाके हुए। विस्फोट के बाद अहमदाबाद रेलवे स्टेशन सील कर दिया गया। गुजरात के पड़ोसी राज्यों समेत पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली में हाई अलर्ट के साथ-साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जिन स्थानों पर धमाके हुए उनमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र मणिनगर भी शामिल है। मणिनगर और सरखेज में दो धमाके हुए। सरखेज में राज्य परिवहन निगम की सीएनजी बस और संगम थिएटर को निशाना बनाया गया। एक धमाका मणिनगर के सिविल अस्पताल के ट्रामा वार्ड में हुआ। यहां हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। पहले धमाके के करीब 40 मिनट के बाद अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विस्फोट से आतंकियों की यह मंशा साफ है कि उनकी यह कार्रवाई सुनियोजित तौर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को हताहत करने की थी। जाहिर है कि घायलों को अस्पताल लाए जाने के क्रम में बचावकर्मियों के साथ-साथ आम लोगों की भारी भीड़ वहां जुट गई थी।
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