दिल्ली डेयरडेविल्स के जबड़े से जीत खींचकर एक बार फिर विजयपथ पर लौटी महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स और शुरुआती झटकों के बाद सफलता के घोडे़ पर सवार युवराज सिंह की किंग्स इलेवन पंजाब शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग की अंकतालिका में शीर्ष पर पहुंचने के लिए जोर आजमाइश करेंगी।
चेन्नई सुपर किंग्स ने आठ में से पांच मैच जीतकर 10 अंक हासिल किए हैं जबकि किंग्स इलेवन पंजाब के भी सात मैचों में पांच बार विजय के साथ 10 अंक हैं। पंजाब की टीम इस समय अंकतालिका में शीर्ष पर है और वह सुपर किंग्स को हराकर अपना स्थान बरकरार रखना चाहेगी जबकि धोनी की टीम के पास भी उसे हराकर 12 अंकों के साथ अंकतालिका में सिरमौर बनने का मौका होगा।
गौरतलब है कि चेन्नई सुपर किंग्स ने बृहस्पतिवार को आखिरी गेंद तक खिंचे बेहद रोमांचक मुकाबले में डेयरडेविल्स को चार विकेट से हराकर लगातार तीन मैचों से मिल रही हार के सिलसिले को तोड़ दिया था। पंजाब की टीम शनिवार को होने वाले मैच में सुपर किंग्स से अपने पिछले मैच में हुई हार का बदला भी लेना चाहेगी। इन दोनों टीमों के बीच 19 अप्रैल को हुए पिछले मुकाबले में सुपर किंग्स ने पंजाब को 33 रन से हरा दिया था। उस मैच में धोनी की टीम ने माइक हसी के तूफानी शतक और मैथ्यू हेडन तथा सुरेश रैना की जोरदार बल्लेबाजी की बदौलत जीत हासिल की थी मगर इस मैच में नजारा बदला हुआ होगा।
सुपर किंग्स की टीम से हसी, हेडन और कीवी आलराउंडर जैकब ओरम की अपने देश की तरफ से खेलने के लिये विदाई हो चुकी है जिसका खामियाजा सुपर किंग्स को लगातार तीन मैच हारकर भुगतना पड़ा है। पंजाब भी हालांकि ब्रेट ली के रूप में अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज की सेवाओं से महरूम हो गया है मगर उसे सुपर किंग्स के मुकाबले कम नुकसान हुआ है क्योंकि उसकी टीम में ऑस्ट्रेलिया अथवा किसी अन्य मजबूत टीम का कोई दूसरा स्टार खिलाड़ी शामिल नहीं है। पंजाब के लिए कुमार संगकारा, युवराज सिंह, शॉन मार्श तथा जेम्स होप्स के साथ-साथ टीम के निचले क्रम के बल्लेबाज भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा उसके पास इरफान पठान, शांतकुमारन श्रीसंत, विक्रम राजवीर सिंह तथा पीयूष चावला के रूप में बेहतरीन गेंदबाज भी हैं।
किंग्स इलेवन की पिछले लगातार पांच मैचों में जीत में टीमवर्क का असर साफ नजर आया है। ऐसे में उसे रोकना धोनी की टीम के लिये आसान नहीं होगा। दूसरी ओर, हसी हेडन और ओरम के जाने से लगे झटके से उबरकर खुद को अन्य टीमों के लिए फिर से बड़ी चुनौती के रूप में पेश करने की कोशिश में जुटे सुपर किंग्स ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है जिसका असर डेयरडेविल्स के खिलाफ बृहस्पतिवार को को हुए मैच में नजर भी आया। कप्तान धोनी ने निचले क्रम में आने के बजाय खुद को प्रोन्नत किया। उन्होंने पांचवें के बजाय तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की और तेज शुरुआत के बाद रनों की रफ्तार को बरकरार रखा। उनका विशेषज्ञ बल्लेबाज सुब्रहमंयम बद्रीनाथ को निचले क्रम पर भेजने का दांव भी ठीक बैठा जिन्होंने डेयरडेविल्स की मुट्ठी में आ चुके मैच को मनप्रीत गोनी के साथ अपनी टीम के पक्ष में करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
सुपर किंग्स की बल्लेबाजी अब मुख्य रूप से धोनी, रैना, एल्बी मोर्कल और बद्रीनाथ के पर निर्भर करती है जबकि गेंदबाजी का दारोमदार गोनी, मखाया एंटिनी, एल्बी मोर्कल और जादुई ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन पर है। अब देखना यह है कि सुपर किंग्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच वर्चस्व की होड़ में कौन आगे निकलता है।
Friday, May 9, 2008
कर्नाटक में चुनाव कल
कर्नाटक के 11 जिलों की 89 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को होने वाले प्रथम चरण के मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतदान सुबह 7:00 बजे से शाम पांच बजे तक होगा।
पुलिस महानिदेशक आर श्री कुमार ने शुक्रवार को बताया कि राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में होने वाले प्रथम चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों पर अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि अर्धसैनिक बल, राज्य पुलिस, रिजर्व पुलिस बल और होमगार्ड के लगभग 58 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। मतदान के लिए 18562 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 3500 मतदान केंद्र संवेदनशील और 6252 अति संवेदनशील के रूप में चिह्नित किए गए हैं। देश में कर्नाटक ऐसा पहला राज्य है जहां परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं।
एक करोड़ 72 लाख 88 हजार 358 मतदाता कल पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल [सेक्युलर] के नेता एच डी कुमारस्वामी, पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया, पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार [कांग्रेस], डी एच शंकरमूर्ति, [भाजपा], एच विश्वनाथ [कांग्रेस] और एच डी रेवन्ना, जद [एस] समेत 950 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे।
प्रथम चरण में बेंगलूर [शहर], बेंगलूर [ग्रामीण], रामनगरम [मध्य], तुमकुर, चिक्काबल्लापुर, कोलार, हासन, कोडागू, मैसूर और चामराजनगर जिलों में मतदान होगा।
इस चुनाव के लिए चुनाव प्रचार आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा है। राज्य के किसी हिस्से से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। आदर्श चुनाव आचार संहिता को लेकर चुनाव आयोग के कडे़ रुख के कारण पूरे राज्य में प्रचार के दौरान बैनर, पोस्टर, झंडे और शोर करते लाउडस्पीकर दिखाई नहीं दिए।
प्रथम चरण की 89 सीटों के लिए होने वाले मतदान के लिए कांग्रेस, भाजपा और जद-एस सहित सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। ये क्षेत्र वोकालिंगा जाति और किसानों के मजबूत आधार वाले हैं। इस क्षेत्र से वर्ष 2004 के चुनावों में जद-एस ने 36, कांग्रेस ने 28 और भाजपा ने 15 सीटें जीती थीं। दूसरे और तीसरे चरण का मतदान क्रमश: 16 और 22 मई को होगा। मतगणना 25 मई को होगी।
सहयोगी जद-एस के समर्थन देने से मना किए जाने के बाद भाजपा नीत गठबंधन सरकार के पिछले वर्ष नवंबर में गिर जाने के कारण कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव हो रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक आर श्री कुमार ने शुक्रवार को बताया कि राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में होने वाले प्रथम चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों पर अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि अर्धसैनिक बल, राज्य पुलिस, रिजर्व पुलिस बल और होमगार्ड के लगभग 58 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। मतदान के लिए 18562 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 3500 मतदान केंद्र संवेदनशील और 6252 अति संवेदनशील के रूप में चिह्नित किए गए हैं। देश में कर्नाटक ऐसा पहला राज्य है जहां परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं।
एक करोड़ 72 लाख 88 हजार 358 मतदाता कल पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल [सेक्युलर] के नेता एच डी कुमारस्वामी, पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया, पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार [कांग्रेस], डी एच शंकरमूर्ति, [भाजपा], एच विश्वनाथ [कांग्रेस] और एच डी रेवन्ना, जद [एस] समेत 950 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे।
प्रथम चरण में बेंगलूर [शहर], बेंगलूर [ग्रामीण], रामनगरम [मध्य], तुमकुर, चिक्काबल्लापुर, कोलार, हासन, कोडागू, मैसूर और चामराजनगर जिलों में मतदान होगा।
इस चुनाव के लिए चुनाव प्रचार आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा है। राज्य के किसी हिस्से से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। आदर्श चुनाव आचार संहिता को लेकर चुनाव आयोग के कडे़ रुख के कारण पूरे राज्य में प्रचार के दौरान बैनर, पोस्टर, झंडे और शोर करते लाउडस्पीकर दिखाई नहीं दिए।
प्रथम चरण की 89 सीटों के लिए होने वाले मतदान के लिए कांग्रेस, भाजपा और जद-एस सहित सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। ये क्षेत्र वोकालिंगा जाति और किसानों के मजबूत आधार वाले हैं। इस क्षेत्र से वर्ष 2004 के चुनावों में जद-एस ने 36, कांग्रेस ने 28 और भाजपा ने 15 सीटें जीती थीं। दूसरे और तीसरे चरण का मतदान क्रमश: 16 और 22 मई को होगा। मतगणना 25 मई को होगी।
सहयोगी जद-एस के समर्थन देने से मना किए जाने के बाद भाजपा नीत गठबंधन सरकार के पिछले वर्ष नवंबर में गिर जाने के कारण कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव हो रहे हैं।
Thursday, May 8, 2008
लारा अपनी पहचान प्रतिभा संपन्न अभिनेत्री के रूप में बनाना चाहती हैं

पिछले वर्ष लारा दत्ता बड़े बैनर्स की मल्टीस्टारर फिल्मों की शोभा बनी हुई थीं। यशराज बैनर की झूम बराबर झूम बॉक्स ऑफिस पर फिसड्डी साबित हुई और पार्टनर थोड़ी सफल हुई, तो इसका श्रेय लारा के हिस्से में नहीं आया। शायद लारा भी अब इस बात को समझ गई हैं कि बड़े बैनर की फिल्मों में होने मात्र से ही सफलता और प्रशंसा नहीं मिलती!
लारा ने यह भी महसूस किया कि अगर वे इसी तरह स्टार अभिनेत्रियों की भीड़ का हिस्सा मात्र बनकर रहेंगी, तो उनकी अभिनय प्रतिभा से दर्शक भी अनजान रहेंगे। ऐसे में उन्होंने अब परफॉर्मेस ओरिएंटेड रोल की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है। दरअसल, अब वे जान गई हैं कि अगर खुद को अच्छी अभिनेत्री के रूप में स्थापित करना है, तो सशक्त भूमिकाएं स्वीकार करनी ही पड़ेगी। भले ही ऐसी भूमिकाएं छोटे बजट की फिल्मों में ही क्यों न हों?
कहा यह भी जा रहा है कि लारा ने इस दिशा में प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। सुधीर मिश्रा की बहुचर्चित फिल्म और देवदास में पारो की भूमिका में लारा की अभिनय प्रतिभा कसौटी पर होगी! और देवदास में शाइनी आहूजा और चित्रांगदा सिंह जैसे सधे हुए कलाकारों के समक्ष लारा भी अपनी अभिनय प्रतिभा से दर्शकों को चकित करने की इच्छा रखती हैं।
सुधीर मिश्रा की फिल्म में पारो की सशक्त भूमिका को लेकर लारा बेहद उत्साहित हैं। हालांकि उन्होंने बड़े बैनर की फिल्मों से दूरी अभी तक नहीं बनाई है। वे श्री अष्टविनायक की संजय दत्त, अक्षय कुमार और जाएद खान अभिनीत ऐक्शन फिल्म ब्लू और रवि चोपड़ा निर्देशित बंदा ये बिंदास है जैसी बड़े बजट की फिल्म में भी दर्शकों को दिखेंगी।
Wednesday, May 7, 2008
परीक्षा में बैठे कम, पास ज्यादा
मध्यप्रदेश के बडवानी जिले के सेंधवा विकासखंड में 2006-07 की परीक्षा में सम्मिलित विद्यार्थियों से भी अधिक छात्रों के उत्तीर्ण होने के अजीबोगरीब मामले में छह प्रधान पाठकों को आज नोटिस जारी किए गए हैं।
सेंधवा जनपद शिक्षा केन्द्र के विकासखंड स्रोत समन्वयक ने इमलीपुरा मंदिल तथा नकटीरानी के एक-एक तथा मडगांव के तीन शिक्षा गारंटी शाला केन्द्रों के प्रधान पाठकों को नोटिस जारी करके दो दिनों में स्पष्ट अभिमत एवं प्रमाण के जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
विकासखंड स्रोत समन्वयक लोकेन्द्र सोहनी के अनुसार उक्त शालाओं के निरीक्षण के दौरान केन्द्राध्यक्ष मेहतगांव ने 2006-07 में पाया था कि वहां वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित विद्यार्थियों से भी अधिक छात्रों को उत्तीर्ण कर दिया गया है। उक्त जांच प्रतिवेदन तथा अन्य शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
इस मामले को लेकर गत एक वर्ष से कई शिकायतें की गई थी किन्तु कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस मामले से विकासखंड शिक्षा अधिकारी तथा जिला परियोजना समन्वयक को अवगत करा दिया गया है।
सेंधवा जनपद शिक्षा केन्द्र के विकासखंड स्रोत समन्वयक ने इमलीपुरा मंदिल तथा नकटीरानी के एक-एक तथा मडगांव के तीन शिक्षा गारंटी शाला केन्द्रों के प्रधान पाठकों को नोटिस जारी करके दो दिनों में स्पष्ट अभिमत एवं प्रमाण के जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
विकासखंड स्रोत समन्वयक लोकेन्द्र सोहनी के अनुसार उक्त शालाओं के निरीक्षण के दौरान केन्द्राध्यक्ष मेहतगांव ने 2006-07 में पाया था कि वहां वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित विद्यार्थियों से भी अधिक छात्रों को उत्तीर्ण कर दिया गया है। उक्त जांच प्रतिवेदन तथा अन्य शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
इस मामले को लेकर गत एक वर्ष से कई शिकायतें की गई थी किन्तु कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस मामले से विकासखंड शिक्षा अधिकारी तथा जिला परियोजना समन्वयक को अवगत करा दिया गया है।
Subscribe to:
Posts (Atom)