सदन में विश्वास मत के दौरान एनडीए को करारा झटका लगा है। 169 सदस्यों वाले एनडीए के कुल 14 सांसद ऐसे हैं जिनकी वजह से विपक्ष एकजुट नहीं रह सका। इनमें से आठ सांसद भाजपा के हैं, जिनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए भाजपा संसदीय दल ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इनके नामों को छांट लिया गया है। चीफ व्हिप सांसद संतोष गंगवार के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष को इनके नाम सौंप दिए जाएंगे।
भाजपा के इन पांच बागी सांसदों में से एक उत्तर प्रदेश के बृज भूषण सरन सिंह हैं, जो पहले ही बगावत का ऐलान कर चुके हैं। दूसरे गुजरात के सोमा भाई पटेल हैं। जो कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से विवादों के चलते भाजपा के खिलाफ खड़े हो गए हैं। भाजपा को सबसे बड़ा झटका कर्नाटक में लगा है, जहां के तीन पार्टी संासदों ने एक साथ बगावत कर दी। यह हैं-मनोरमा माधवराज, एचटी संागिल्यिान और मंजूनाथ कुल्लू। इन पांच सांसदों ने संसद में सरकार के पक्ष में मतदान किया।
इसके अलावा तीन सांसद ऐसे हैं जिन्होंने गैरहाजिर होकर सरकार का परोक्ष में साथ दिया। इनमें से एक गुजरात के बाबू भाई कटारा हैं, यह वही सांसद हैं जो कि पिछले दिनों कबूतरबाजी के चक्कर में फंसे थे। दूसरे मध्य प्रदेश के चंद्रभान सिंह व तीसरे महाराष्ट्र के हरिभाऊ राठौर हैं। जो कि गैरहाजिर रहे। इस तरह से भाजपा को कुल आठ सांसदों का नुकसान हुआ है। कर्नाटक के एक सांसद श्रीकांत टप्पा गंभीर बीमारी के कारण नहीं आ सके।
भाजपा के अलावा एनडीए के अन्य सहयोगी दलों में भी सेंध लगी। इनमें से अकाली दल, शिवसेना व बीजू जनता दल के एक-एक सांसद पाले से खिसक गए। जबकि जनता दल यू के दो सांसदों ने एनडीए से बगावत की।
भाजपा के चीफ व्हिप सांसद संतोष गंगवार ने बताया कि भाजपा के व्हिप का उल्लंघन करने वाले सांसदों के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को लिखकर दिया जा रहा है, इनकी सदस्यता समाप्त की जाएगी।
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