सेना ने सोमवार को गुर्जर आंदोलन से प्रभावित करवाड़ी, पीलूपुरा और समीपवर्ती इलाकों में आंदोलनकारियों पर अपना शिकंजा कसते हुए इन क्षेत्रों की खाद्य तथा अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति लाइन काट दी।
यहां से करीब 15 किमी दूर स्थित करवाड़ी के स्थानीय नेताओं ने फोन पर बताया कि सेना के करीब 500 जवानों ने हिंसा प्रभावित इलाकों को घेर रखा है। इन इलाकों में गुर्जर नेता किरोड़ीमल बैंसला के सैकड़ों समर्थक पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 10 व्यक्तियों के शव लेकर बैठे हैं। पिछले तीन दिन से ये दस शव रेलवे पटरियों पर रख कर आंदोलनकारी धरने पर बैठे हैं।
स्थानीय नेताओं ने बताया कि सेना ने प्रदर्शनकारियों को मिलने वाली खाद्य और अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति काट दी है। सेना ने कथित तौर पर जैमर्स सक्रिय कर दिए हैं, जिससे मोबाइल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन के मुखिया बैंसला करवाड़ी में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बातचीत करने के लिए जयपुर जाने से मना कर दिया और राजे से किसी बातचीत के लिए खुद करवाड़ी आने को कहा है।
मुख्य गृह सचिव वी एस सिंह ने जयपुर में बताया कि सेना को किसी भी कार्रवाई के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है। शुक्रवार को पुलिस की गोलीबारी और झड़पों में 16 व्यक्तियों के मारे जाने के बाद इस क्षेत्र के प्रभावित इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है।
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