Wednesday, May 28, 2008

राजस्थान में एक और राजनितिक दल

बैंसला ने दलीय राजनीति में कूदने का मन बना लिया है

भारतीय सेना में कर्नल रह चुके गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने दलीय राजनीति में कूदने का मन बना लिया है। वे अब गुर्जरों को गोलबंद कर उनके हितों की लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक दल का गठन करेंगे। गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर टकराव के रास्ते पर चल रहे बैंसला ने आईएएनएस संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा, “सभी राजनीतिक दलों ने गुर्जरों को मायूस किया है। आरक्षण के मुद्दे पर इन दलों का रवैया ढुलमुल रहा है। हमें सभी राजनीतिक पार्टियों की उपेक्षा झेलनी पड़ी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आरक्षण के मसले पर गुर्जर समुदाय को तीन बार धोखा दे चुकी हैं। उनकी तरह कांग्रेस ने भी हमें ठगा है। यह पार्टी भी हमसे झूठा वादा करती रही है”।आंदोलन की अगुआई कर रहे संगठन ‘गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति’ के प्रमुख बैंसला ने कहा कि आंदोलन के बीच में राजनीतिक पार्टी का गठन करना उचित कदम नहीं होगा। उन्होंने कहा, “लेकिन इतना तय है कि हम अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी का गठन करेंगे। यह योजना हमारे दिमाग में कुछ समय से पनप रही है”।70 वर्षीय बैंसला मानते हैं कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हर किसी को न्याय नहीं मिल रहा है। उन्होंने गुस्से के स्वर में कहा कि राजनीतिक पार्टियां अपने राजनीतिक फायदे के लिए गुर्जरों के हितों की घोर अनदेखी करती रही हैं। यही वजह है कि उनके समुदाय को सड़कों पर उतरना पड़ा है।

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