Sunday, June 15, 2008

शीर्षक्रम की नाकामी से हारे : धोनी

भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने त्रिकोणीय एक दिवसीय क्रिकेट श्रृंखला के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों 25 रन से मिली हार के लिए शीर्षक्रम की नाकामी को कसूरवार ठहराते हुए स्वीकार किया कि उनसे भी रणनीति बनाने में चूक हुई। धोनी ने कहा कि यदि उनका शीर्षक्रम समझदारी से बल्लेबाजी करता तो 316 रन का लक्ष्य ज्यादा मुश्किल नहीं था। धोनी के अनुसार हमने नियमित अंतराल पर विकेट गँवाए। आखिरी पाँच-सात ओवर में विकेट पास होना बहुत जरूरी है। विकेट एकदम सपाट था। धोनी ने कहा विकेट पास में हो तो 300 रन भी बनाए जा सकते हैं। पाकिस्तान के 25 ओवर में एक विकेट पर 100 रन थे, लेकिन बाद में उन्होंने हमारे गेंदबाजों की धुनाई की। पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने कुछ अच्छे शॉट खेले, जिससे हमारे गेंदबाज दबाव में आ गए। हमें अच्छी शुरूआत भी नहीं मिल सकी। धोनी ने स्वीकार किया कि अपनी जगह सुरेश रैना को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजने का फैसला गलत था, लेकिन अकेले इसी को हार के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।उन्होंने कहा कि यह एक गलती थी। मुझे रैना से पहले उतरना चाहिए था। वह फैसला सकारात्मक सोच के साथ लिया गया था। यदि युवराज एक छोर संभाल लेते और रैना स्ट्राइक रोटेट करते रहते तो बात बन सकती थी। धोनी ने कहा कि उससे हम सुरक्षित हालात में होते। 40वें ओवर के बाद मैं इरफान और बाकी बल्लेबाज उतरते तो लक्ष्य आसान हो जाता, लेकिन हमारे विकेट लगातार गिरते रहे और हमें रनगति बढाने का मौका ही नहीं मिल पाया। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सलमान बट और यूनिस खान जब बल्लेबाजी कर रहे थे, तब फील्डिंग का जमावड़ा बेहतर हो सकता था। बट स्क्वेयर लेग क्षेत्र में रन बना रहे थे। उन्होंने ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंदों पर भी चौके जड़े और हमारे गेंदबाजों पर दबाव बनाया। धोनी ने कहा कि पाकिस्तान ने फील्ड का फायदा उठाया, जबकि भारतीयों ने उस समय गैर जिम्मेदाराना शॉट खेले जब संयम बरतने की जरूरत थी।उन्होंने कहा कई बार तो उनके फील्डरों को कैच लपकने के लिए हिलना भी नहीं पड़ा। हमारे बल्लेबाजों के शॉट्स का चयन गलत था, लेकिन जब प्रति ओवर छह से अधिक रन बनाने हो तो ऐसा होता है। पाकिस्तान के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा उनके 25 ओवर में एक विकेट पर 100 रन थे और बाद के 25 ओवरों में उन्होंने 215 रन बना डाले। वे मैच दर मैच सीख रहे हैं। हमने कुछ मैच जीते और कुछ हारे। हरफनमौला यूसुफ पठान को ऊपरी क्रम में भेजने के फैसले को सही ठहराते हुए धोनी ने स्वीकार किया कि अपनी पहली श्रृंखला में यह युवा खिलाड़ी इतना दबाव झेलने के लिये तैयार नहीं था। धोनी ने कहा कि यूसुफ गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने में माहिर हैं। वह आखिरी सात ओवरों का पूरा फायदा उठा सकते हैं। यदि वह आउट भी होते हैं तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ता और यदि वह चल जाते हैं तो टीम को मदद मिलती है। आखिरी सात ओवर का फायदा उठाने के लिए ही उन्हें चौथे नंबर पर भेजा गया था। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी कप्तान शोएब मलिक ने बट और यूनिस की जमकर तारीफ की। भारत के हाथों लीग चरण में टीम की शर्मनाक हार के बाद पीसीबी प्रमुख नसीम अशरफ ने ई-मेल के जरिये खिलाड़ियों को जमकर लताड़ा था, लिहाजा उन पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव था।

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