दर्शकों ने एक बार फिर से उदंडता की है और इस बार उसके शिकार बने है दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान वीरेद्र सहवाग। यह घटना उस समय घटी जब बृहस्पतिवार को फिरोजशाह कोटला पर डक्कन चार्जर्स के खिलाफ मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान सहवाग को नाराज दर्शकों ने पत्थर मारे। इस मैच में स्थानीय टीम डेयरडेविल्स ने डक्कन चार्जर्स पर 12 रन से रोमांचक जीत दर्ज की।
जीत से उत्साहित होने की बजाए कप्तान सहवाग मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पूरे समय निराश नजर आए। सहवाग को यकीन ही नहीं हो रहा है कि उन्हें अपने ही घरेलू मैदान पर मैच के दौरान दर्शक दीर्घा से पत्थर मारा गया। उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्य की बात है कि भारत में एक भारतीय खिलाड़ी को ही निशाना बनाया गया। यह शर्मनाक है कि दिल्ली में ही दिल्ली के एक खिलाड़ी पर पत्थर फेंका गया।' खिलाड़ी का नाम पूछने पर उन्होंने कहा, 'सहवाग। मैं उस समय सीमा पर फील्डिंग कर रहा था जब मुझे पत्थर लगा।'
यह घटना डक्कन चार्जर्स की पारी के 19वें ओवर में घटी जब सहवाग डीप क्षेत्र में खड़े थे। वह अचानक अंपायर ब्रायन जर्लिग के पास दौड़े और कुछ कहा। मैच उस समय कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। दर्शकों को पता ही नहीं चल रहा था कि मैदान में क्या चल रहा है। दर्शकों ने अटकलें लगाई कि चीयरलीडर्स पर किसी ने फिकरा कसा है। सहवाग ने बाद में प्रेस कांफ्रेंस में बात स्पष्ट कर दी।
कोटला में दर्शकों पर पहली बार अंगुली नहीं उठी है। इंग्लैंड के हरफनमौला एंड्रयू फ्लिंटाफ ने अपनी किताब 'बींग फ्रेडी' में बताया कि 2002 के भारत दौरे पर वनडे मैच के दौरान यहां उन्हें निशाना बनाया गया। फ्लिंटाफ ने अपनी किताब में लिखा, 'मुझे लगा कि कोई चीज मेरे ऊपर गिरी। मैंने मैदान पर पत्थर गिरा हुआ देखा। उपमहाद्वीप में खेलते समय आपके ऊपर प्लास्टिक की बोतल फेंकी जा सकती है लेकिन आप पत्थर फेंके जाने की कल्पना भी नहीं कर सकते।' दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ [डीडीसीए] ने हालांकि फ्लिंटाफ के दावे का खंडन किया था।
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