Sunday, May 4, 2008
बाहरी लोगों की दादागिरी बर्दाश्त नहीं
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक बार फिर उत्तर भारतीयों के खिलाफ आग उगलते हुए कल कहा कि वे राज्य में किसी भी बाहरी व्यक्ति की “दादागिरी” बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राज ठाकरे ने यहां शिवाजी पार्क में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “यदि उत्तर प्रदेश और बिहार से लोग यहां आते हैं और ‘दादागिरी’ शुरु कर देते हैं तो वे उन्हें राज्य छोड़ने के लिए कहने में कतई नहीं हिचकेंगे”।
उन्होंने कहा कि न केवल मराठी भाषा के प्रयोग को शतप्रतिशत स्वीकृति मिलनी चाहिए बल्कि युवाओं को राज्य में हर जगह शतप्रतिशत नौकरी भी मिलनी चाहिए।
उनके भाषण पर लगे प्रतिबंध हटने के बाद पहली बार बयान देते हुए उन्होंने 2 फरवरी के अपने बयानों को फिर दोहराया। उनके इन बयानों के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी और पूरे देश में इन बयानों से हायतौबा मच गया था।
राज ठाकरे का भाषण सुनने के लिए शिवाजी पार्क में बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए थे। वे जितनी बार उत्तर भारतीयों के खिलाफ और मराठियों को नौकरियों के पक्ष में कुछ कहते, लोग उनका जोरदार स्वागत करते।
राज ने सवालिए लहजे में कहा कि उन्होंने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के बारे में क्या गलत कह दिया? उन्होंने कहा कि अमिताभ ने अपना पहला चुनाव उत्तर प्रदेश से लड़ना पसंद किया और वहीं ही अपनी पुत्रवधू के नाम से स्कूल भी खोला। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे “महान सितारे” अपने राज्य से प्यार कर सकते हैं, तो मुझ जैसे एक छोटे व्यक्ति को महाराष्ट्र से प्यार क्यों नहीं होना चाहिए।
उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, अबू असीम आजमी और रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां ‘महाराष्ट्र दिवस’ के अलावा किसी भी राज्य का दिवस नहीं मनाया जाएगा।
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