राजस्थान में आंदोलनकारी गुर्जर नेताओं ने शनिवार को राज्य सरकार के आरक्षण फार्मूले को ठुकरा दिया है। सूत्रों ने बताया कि गुर्जर प्रतिनिधियों के साथ आज की बातचीत में आरक्षण के फार्मूले पर विचार कर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की सहमति लेने का निर्णय किया गया लेकिन बाद में गुर्जर नेताओं ने इस फार्मूले को स्वीकार करने से ही मना कर दिया।
दूसरी ओर, भारतीय गुर्जर संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक रामवीर सिंह विधूड़ी ने राज्य सरकार के मसौदे को ठुकराते हुए कहा कि गुर्जर समाज को अनुसूचित जनजाति में आरक्षण की सिफारिश के लिए केंद्र सरकार को भेजी जानी वाली चिट्ठी चाहिए।
गुर्जर नेताओं ने बताया कि गुर्जर प्रतिनिधियों की बैठकमें संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर आरक्षण देने की सिफारिशी चिट्ठी से कम पर राज्य सरकार से समझौता नहीं करने का निर्णय लिया गया। आरक्षण के फार्मूले पर एक राय नहीं होने से चार गुर्जर प्रतिनिधियों को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की सहमति लेने के लिए आज भेजे जाने का मामला भी खटाई में पड़ गया। हालांकि राज्य सरकार तथा गुर्जर प्रतिनिधियों ने कहा है कि बातचीत जारी रहेगी।
इधर राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि गुर्जरों के चार प्रतिनिधि आज नहीं जा पाए लेकिन रविवार सुबह पीलूकापुरा जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग में पांच प्रतिशत विशेष कोटा निर्घारित करने तथा जनजाति में एक प्रतिशत आरक्षण देने का फ ार्मूला गुर्जर प्रतिनिधियों के समक्ष रखा है। राजस्थान में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को 49 प्रतिशत आरक्षण है तथा अदालत के निर्णय के मुताबिक एक प्रतिशत आरक्षण और दिया जा सकता है।
इधर राज्य सरकार के फार्मूले को ठुकराने से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया तथा आशा व्यक्त की कि बातचीत से कोई रास्ता निकल जाएगा।
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