Friday, June 13, 2008

भारत पाकिस्तान में खिताबी टक्कर


वीरु व गंभीर पर होगी नज़र , पाक कर सकता है पलटवार
शानदार फॉर्म में होने से त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी की टीम का पलड़ा पाकिस्तान के खिलाफ कुछ भारी नजर आ रहा है, लेकिन टीम इंडिया को पाक को हल्के में लेने की भूल से बचना होगा। हालांकि टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों और गेंदबाजों की शानदार फॉर्म ने धोनी की परेशानियों को काफी कम कर दिया है और टीम ने दो एकतरफा मुकाबलों में पाकिस्तान और बांग्लादेश को रौंदकर फाइनल में जगह बनाई है। भारत से मिली 140 रन की शिकस्त के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नसीम अशरफ ने टीम मैनेजर तलत अली को ई-मेल भेजकर टीम की क्षमता, शोएब मलिक की कप्तानी और ऑस्ट्रेलियाई कोच ज्योफ लासन की भूमिका पर तुरंत जवाब मांगा था। अशरफ के शनिवार को होने वाले फाइनल मुकाबले तो देखने पहुंचने की उम्मीद है और ऐसे में मलिक और उनकी टीम पर दबाव हो सकता है। इसके विपरीत धोनी की टीम ने अब तक कोई गलत कदम नहीं उठाया है और कप्तान को उम्मीद है कि टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज और गेंदबाज उन्हें एक बार फिर अच्छी शुरुआत दिलाएंगे। धोनी ने कहा, 'मैं टीम के प्रदर्शन से काफी खुश हूं। हमने दो मैच खेले और दोनों में ही हमने बल्लेबाजी और गेंदबाजी में अच्छी शुरुआत की। मैं उम्मीद करता हूं कि फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ भी ऐसा ही प्रदर्शन जारी रहेगा।' ओपनर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर शानदार फॉर्म में हैं और उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग की अपनी लय को बरकरार रखा है। दोनों ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले विकेट के लिए 115 रन, जबकि बांग्लादेश के खिलाफ 85 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। दोनों की आक्रामक बल्लेबाजी के कारण बाद में खेलने उतरे बल्लेबाजों पर भी किसी तरह का दबाव नहीं दिखा। नई गेंद थामने वाले प्रवीण कुमार ने दोनों मैचों में टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई, जबकि आरपी सिंह भी अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। पीयूष चावला ने पिछले मैच में पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया था और यह लेग स्पिनर फाइनल में एक बार फिर इस प्रदर्शन को दोहराने को बेताब होगा। इस बीच, धोनी पाकिस्तान को हल्के में लेने की भूल नहीं करना चाहते और उन्होंने अपना पूरा ध्यान शनिवार को होने वाले मैच पर लगा रखा है। धोनी ने कहा, 'नतीजे के बारे में मत सोचिए, लेकिन हमें शनिवार का मैच जीतना होगा। हर मैच नया होता है और हमें लय कायम रखनी होगी भले ही हर मैच में हमें नई शुरुआत करनी पड़े। हमने पिछले दो मैचों में जो अच्छा काम किया है, उसे दोहराना होगा। जाहिर है हम बढ़े हुए मनोबल के साथ उतरेंगे, लेकिन फाइनल में शून्य से शुरुआत करनी होती है। यह अपनी क्षमता और मजबूत पक्ष के मुताबिक खेलना है। यह विरोधी टीम को हराने के बारे में सोचने से अधिक अहम है।'

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