Saturday, June 14, 2008

छात्र-छात्राएं स्कूल जाते हैं हथियार लेकर

स्कूलों में हिंसा का खौफ बाल मानस पर इस कदर हावी है कि करीब 12 फीसदी छात्र अपने साथ कभी न कभी चाकू जैसे हथियार लेकर स्कूल गए हैं। सफदरजंग अस्पताल एवं वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज नई दिल्ली के कम्यूनिटी मेडिसिन के डाक्टर राहुल शर्मा के नेतृत्व में एमआईएमएस अंबाला और यूसीएमएस एंड जीटीबी अस्पताल दिल्ली के अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि स्कूल जाने वाला हर दूसरा छात्र पिछले एक साल में किसी न किसी शारीरिक झगत्रडे में लिप्त रहा है। अध्ययन के मुताबिक छात्र-छात्राओं से पूछा गया कि क्या वे चाकू, छड़ी, चाबुक और तलवार लेकर स्कूल गए हैं। इस पर करीब 12 फीसदी छात्र-छात्राओं ने जवाब दिया कि वे पिछले 30 दिन में कोई न कोई हथियार लेकर स्कूल गए। हथियार लेकर जाने वालों में छात्रों का 15.7 का प्रतिशत छात्राओं से 3.9 से ज्यादा था। शर्मा ने बताया कि इसकी वजह सिख समुदाय के छात्र-छात्राओं द्वारा धार्मिक वजहों के चलते कृपाण धारण करना हो सकता है, लेकिन अध्ययन में सिर्फ दो प्रतिशत ही सिख विद्यार्थी शामिल थे, इसलिए इस कारण का महत्व नजर नहीं आता। इंडियन जर्नल आफ कम्यूनिटी मेडिसिन के ताजा अंक में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार 13. फीसदी छात्रों ने बताया कि उन्होंने पिछले 12 महीने में किसी न किसाी हथियार से लोगों को घायल किया है या फिर उन्हें धमकाया है। इनमें भी अधिकांश तादाद छात्रों की है। अध्ययन में पाया गया है कि हर दूसरा लड़का ने पिछले एक साल में शारीरिक झगड़े में लिप्त रहा। जबकि हर पांच में से एक छात्रा भी किसी न किसी रूप से समान अवधि में शारीरिक झगड़े में शामिल थी।

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