नई दिल्ली। वरिष्ठ क्रिकेटरों की विदाई अब तय है। भारतीय टीम के नए कोच गैरी कर्स्टन इस वरिष्ठ क्रिकेटरों की सम्मानजनक विदाई का खाका तैयार करने में जुट गए हैं।लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि अगर एक साथ सभी वरिष्ठ क्रिकटरों (सचिन-सौरव-राहुल-अनिल-लक्ष्मण) ने संन्यास ले लिया, तो भारतीय टीम का क्या होगा?
ऐसे में कर्स्टन सचिन-सौरव-द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों के साथ मिलकर यह खाका तैयार कर रहे हैं।भारतीय टीम के लिए आने वाले समय में सबसे बड़ी चुनौती वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए बाहर का रास्ता तैयार करना है। इस बारे में टीम के नए कोच गैरी कर्स्टन का यह बयान, “हमें वरिष्ठ क्रिकेटरों की सहमति से एक ऐसा खाका तैयार करना होगा, जिससे कि इस दौर के बेहतरीन क्रिकेटरों को सम्मानजनक विदाई मिल सके” काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा इस बयान की वह अहमियत है जिससे कि आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट की दिशा और दशा तय होगी। ग्रेग चैपल के हमेशा विवादों में रहने की एक बड़ी वजह यह रही थी कि वे कभी सौरव को, तो कभी सचिन जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों से भिड़ते दिखे थे। इसलिए जाहिर तौर पर नए कोच कर्स्टन इस बारे में फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहते हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में भले ही चयनकर्ताओं ने एक अनुभवी टीम का चयन किया हो, लेकिन विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक चयनकर्ता आगे की भी सोच रहे हैं।भारतीय टीम के पास तेंदुलकर-गांगुली-द्रविड़-लक्ष्मण और कुंबले के तौर पर मौजूदा दौर के पांच धाकड़ क्रिकेटर हैं। चयनकर्ताओं को इस बात का डर है कि लगभग एक उम्र के ये सभी क्रिकेटर जब अचानक क्रिकेट को अलविदा कह देंगे, तो टेस्ट टीम का क्या होगा। इसलिए अब हर किसी को इस बात का एहसास है कि वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए बाहर जाने का रास्ता सोच-समझकर तैयार करना जरूरी है। चैपल के विपरीत कर्स्टन इस बारे में स्वयं वरिष्ठ क्रिकेटरों को शामिल करने की राय रखते हैं। कर्स्टन के करीबी सूत्रों की मानें तो इस योजना में दो अहम बातें हैं। पहला, वरिष्ठ क्रिकेटर खुद टीम में कितने दिनों तक अपनी उपयोगिता मानते हैं और दूसरा क्या बेंच में उन्हें बदलने के लिए विकल्प मौजूद हैं।गैरी के इस फॉर्मूले में चाहे जितना दम हो, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मौजूदा ‘नायकों’ को सम्मानजनक विदाई देना आसान नहीं होगा!!
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