अहमदाबाद। चेन्नई की सपाट पिच पर रनों का अंबार लगने के बाद अब भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बृहस्पतिवार से यहां होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए तैयार किए गए मोटेरा के विकेट पर सभी की निगाहें लगी हैं जिसके बारे में क्यूरेटर का कहना है कि यह जीवंत होगा। क्यूरेटर धीरज प्रसन्ना ने मंगलवार को कहा, इस विकेट से शुरू में तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी और अंतिम दो दिन स्पिनर फायदे में रहेंगे। हमने इस पर कुछ घास छोड़ी है। इसकी मिट्टी में 50 प्रतिशत रेत और बाकी लाल व काली मिट्टी का मिश्रण है। मध्यम गति के इस पूर्व गेंदबाज ने कहा, पिच पर घास से तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। मेरा मानना है कि यह विकेट चेन्नई की तुलना में अच्छा साबित होगा। दक्षिण अफ्रीका ने इस मैदान पर एक दशक से भी अधिक समय पहले एक मैच खेला था जिसमें दूसरी पारी में उसकी टीम नाटकीय ढंग से 105 रन पर धराशायी हो गई थी। वैसे इस मैदान पर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की असली परीक्षा अनिल कुंबले और हरभजन सिंह के सामने होगी जिन्हें यहां की परिस्थितियां खूब रास आती रही हैं। इन दोनों स्पिनरों ने अब तक इस मैदान पर टीम को कभी निराश नहीं किया है। कुंबले ने मोटेरा में छह मैच में जहां रिकार्ड 35 विकेट लिए हैं वहीं हरभजन के नाम यहां चार मैच में 22 विकेट दर्ज हैं। भारत ने इस मैदान पर अपनी तीन जीत में से जो आखिरी जीत [श्रीलंका के खिलाफ 2005 में 259 रन से] दर्ज की थी उसमें हरभजन ने आठ और कुंबले ने सात विकेट लिए थे।
भारत ने 48 हजार दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में आठ टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से उसने तीन में जीत दर्ज की है जबकि वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच में उसे हार मिली लेकिन वह 24 साल पुरानी बात है। यह इस मैदान पर खेला गया पहला टेस्ट मैच भी था। भारत ने इस मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1996 में टेस्ट मैच खेला था जिसमें उसने 64 रन से जीत दर्ज की थी। उस मैच में भारतीय स्पिनरों ने 12 विकेट लिए थे जिसमें कुंबले के पांच विकेट शामिल हैं। सचिन तेंदुलकर का कप्तान के रूप में वह दूसरा टेस्ट मैच था जबकि वीवीएस लक्ष्मण ने इसी मैच से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण कर दूसरी पारी में टीम की तरफ से सर्वाधिक 51 रन की कलात्मक पारी खेली थी।
सचिन दूसरे टेस्ट मैच में नहीं खेलेंगे और भारत को निश्चित तौर पर उनकी कमी खलेगी। इस स्टार बल्लेबाज ने मोटेरा में छह मैच में 473 रन बनाए हैं जिसमें एक दोहरे शतक सहित दो शतक शामिल हैं। वैसे राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली ने यहां खूब रन बटोरे हैं लेकिन मोटेरा को वीरेंद्र सहवाग से पहली बड़ी पारी की आस है। पहले टेस्ट मैच में 319 रन की लाजवाब पारी खेलने वाले सहवाग ने इस मैदान पर तीन मैच की पांच पारियों में 17.20 की औसत से केवल 86 रन बनाए हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर 29 रन है।
द्रविड़ के नाम पर इस मैदान पर सबसे बड़ी पारी [222 रन] खेलने का रिकार्ड है। श्रीमान भरोसेमंद ने मोटेरा में चार मैचों में 61.57 के औसत से 431 रन बनाए हैं। उनके अलावा लक्ष्मण ने चार मैच में 50.57 के औसत से एक शतक सहित 354 रन बनाए हैं जबकि गांगुली के नाम पर तीन मैच में 324 रन दर्ज हैं जिसमें दो शतक शामिल हैं।
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