तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बूते दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय पारी को सिर्फ 76 रन पर समेटने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने चायकाल तक अपनी पहली पारी में दो विकेट खोकर 100 रन बना लिए थे। हाशिम अमला 15 रन बनाकर क्रीज पर थे जबकि ग्रीम स्मिथ [34] व नील मैकेंजी [42] आउट हो चुके है।
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम आज लंच से पहले ही सिर्फ 20 ओवर में 76 रन के बेहद मामूली स्कोर पर ढेर हो गई। दक्षिण अफ्रीका की ओर से डेल स्टेन ने पांच, मखाया एंटिनी ने तीन और मोर्ने मोर्केल ने दो विकेट लिए। आज टॉस के अलावा कुछ भी भारत के पक्ष में नहीं गया। पिछले मैच में 200 रनों से ज्यादा की साझेदारी करने वाली भारतीय सलामी जोड़ी इस बार बुरी तरह विफल रही। वसीम जाफर भारतीय पारी के चौथे ओवर में एंटिनी की गेंद पर स्लिप में खड़े दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ को कैच थमा बैठे। इसके अगले ही ओवर में स्टेन ने पिछले मैच में तिहरा शतक ठोंकने वाले सहवाग की स्टंप्स बिखेर दी।
सचिन की अनुपस्थिति में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए वीवीएस लक्ष्मण को भी एंटिनी ने बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखाई। सौरव गांगुली अपनी पारी में सिर्फ दो गेंदों का सामना कर पाए और बिना खाता खोले एंटिनी की गेंद पर बोल्ड हुए। इसके बाद आउट होने की बारी राहुल द्रविड़ की थी। वह 26 गेंदों पर तीन रन बनाकर स्टेन की गेंद पर बोल्ड हुए। तेजी से रन बनाने की कोशिश कर रहे महेद्र सिंह धोनी 14 रन बनाकर मोर्ने मोर्केल की गेंद पर विकेटकीपर मार्क बाउचर को कैच थमा बैठे।
इरफान पठान ने 21 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक पारी में सबसे कम स्कोर पर आउट होने से बचा लिया। इससे पहले इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 1996 में डरबन टेस्ट में भारत की पारी सिर्फ 66 रनों पर ढेर हो गई थी। जब शीर्ष क्रम के धाकड़ बल्लेबाज इतना घटिया खेले तो पुछल्ले बल्लेबाज क्या करते। अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, आर पी सिंह और एस श्री संत मिलकर एक रन जोड़ पाए।
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