स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की अनुपस्थिति में बल्लेबाजी में कुछ कमजोर हुआ भारत स्पिन गेंदबाजों की माफिक दिख रही मोटेरा की पिच का फायदा उठाकर बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में दक्षिण अफ्रीका को चित करना चाहेगा।
चेन्नई के सपाट विकेट पर रनों का अंबार लगने के बाद दोनों टीमों को आशा है कि मोटेरा की पिच से गेंदबाजों को कुछ मदद मिलेगी जिनके लिए पहला टेस्ट मैच दु:स्वप्न की तरह था। क्यूरेटर ने हालांकि धीमे और टर्निग विकेट की भविष्यवाणी की है लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत के पास परिस्थितियों का फायदा उठाने के लिए संसाधन मौजूद हैं क्योंकि उसके कुछ गेंदबाज चोटों से पूरी तरह नहीं उबर पाए हैं। भारतीय टीम फिटनेस समस्या से जूझ रही है तथा कप्तान अनिल कुंबले सहित कुछ प्रमुख खिलाड़ी चोटिल हैं। भारत को निश्चित तौर पर तेंदुलकर की कमी खल सकती है जो जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण इस मैच में नहीं खेल पाएंगे। दक्षिण अफ्रीका उनकी गैर-मौजूदगी का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगा।
जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव से परेशान कुंबले और दाएं हाथ की उंगली और पांव के अंगूठे की चोट से उबर रहे ईशांत शर्मा का मंगलवार को परीक्षण किया गया और एक बार फिर मैच से ठीक पहले उनका फिटनेस टेस्ट होगा। टीम प्रबंधन को आशा है कि दोनों खिलाड़ी मैच तक फिट हो जाएंगे। लेकिन ईशांत शर्मा के खेलने को लेकर कोई भी फैसला मैच से पहले ही किया जाएगा।
दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका को वीरेंद्र सहवाग को रोकने का रास्ता ढूंढना होगा जिन्होंने चेन्नई में उसके आक्रमण की धज्जियां उड़ाकर अपने कैरियर में दूसरी बार तिहरा शतक जड़ा था। सहवाग ने जिस तेजी से रन बनाए उससे दक्षिण अफ्रीका दूसरी पारी में दबाव में आ सकता था लेकिन फार्म में चल रहे नील मैकेंजी और हाशिम अमला ने उस पर संकट नहीं पड़ने दिया।
दक्षिण अफ्रीकी खेमे का कहना है कि उसे सहवाग की बल्लेबाजी की खामी पता चल गई है। कोच मिकी आर्थर ने कहा कि सहवाग ने 312 रन तक पुल शॉट नहीं खेला था इसलिए अब उनकी योजना इस सलामी बल्लेबाज पर उनके शरीर को निशाना बनाकर शार्ट पिच गेंद फेंकने की है। लेकिन रणनीति बनाना और उसे अमल में लाना दो अलग-अलग बातें हैं। दक्षिण अफ्रीका को आशा होगी कि पिच से उसके गेंदबाजों को पर्याप्त मदद मिलेगी ताकि वह सहवाग के अलावा भारतीय शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण को भी परेशानी में डाल सके। चेन्नई की तरह तेज गर्मी दोनों टीमों विशेषकर दक्षिण अफ्रीका के लिए परेशानी का सबब होगी।
चेन्नई की पिच पर भारतीय गेंदबाज भी नहीं चल पाए। अब उन्हें यदि मेहमान बल्लेबाजों को परेशान करना है तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। जैक्स कालिस को छोड़कर दक्षिण अफ्रीका का प्रत्येक बल्लेबाज अच्छे टच में दिख रहा है। चेन्नई में अच्छी पारियों से दूसरे टेस्ट मैच के लिए उनका मनोबल भी बढ़ा है। जहां तक भारतीय गेंदबाजों का सवाल है तो केवल हरभजन सिंह ही सफल रहे और उन्होंने आठ विकेट लिए लेकिन यह भी नहीं भूलना होगा कि उन्होंने दोनों पारियों से 100 से अधिक रन दिए। इसके साथ ही उन्हें दूसरे छोर से भी पर्याप्त सहयोग नहीं मिला।
ईशांत शर्मा हवा में तेजी के कारण विकेट की धीमी गति पर पार पाने में सक्षम है और यदि वह फिट हो जाता है तो फिर आर पी सिंह को बाहर बैठना पड़ सकता है। आर पी सिंह पहले टेस्ट में प्रभावहीन रहे और ऐसा लग रहा था जैसे कि वह अपनी चोट से पूरी तरह नहीं उबर पाए हैं। तेंदुलकर की अनुपस्थिति से युवराज सिंह को अपना टेस्ट कैरियर फिर से संवारने का मौका मिला सकता है। उन्हें मोहम्मद कैफ पर तरजीह मिलने की संभावना है जो काफी लंबे समय से बाहर हैं। युवराज ने पिछले साल पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलूर में पहली पारी में 169 रन की पारी खेली थी और उसे देखते हुए टीम प्रबंधन उन्हें अंतिम एकादश में शामिल कर सकता है।
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