Tuesday, April 1, 2008

करूणानिधि के बयां से कर्नाटक में आग

कट्टर कन्नड़ हिमायतियों द्वारा होगेंक्काल समन्वित जल परियोजना के विरोध को लेकर बेंगलूर में खासा तनाव पैदा हो गया है।
यह परियोजना प्रदेश की सीमा से लगते क्षेत्र, लेकिन तमिलनाडु में है। बेंगलूर में तमिलों की तादाद भी काफी है। सिनेमा हालों में तमिल फिल्मों के प्रदर्शन पर अघोषित प्रतिबंध ने आग में घी का काम किया है।
कन्नड़ संगठनों ने इस मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की टिप्पणी और ऐलान के विरोध में तमिल भाषाई टीवी चैनलों के बहिष्कार की घोषणा की है। करुणानिधि ने कहा था कि यह जल परियोजना हर हाल में जारी रहेगी, नतीजा चाहे जा हो। कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से तमिलनाडु सरकार द्वारा पूरी कराई जा रही होगेंक्काल समन्वित जल परियोजना को तत्काल रोकने की मांग की है। होगेंक्काल जलाशय तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा पर स्थित है।
रविवार को कन्नड़ कार्यकर्ताओं द्वारा सिनेमाघरों में तमिल फिल्मों का प्रदर्शन बंद कराए जाने के बाद संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बलों को तैनात किया गया है। कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने तमिल संघम के दफ्तर पर भी धावा बोला। संघम के अध्यक्ष षणमुगम सुंदर सहित अन्य पदाधिकारियों को धमकाया भी।
एम. करुणानिधि ने कर्नाटक में रह रहे तमिल लोगों के लिए सुरक्षा की मांग की है। तमिल संघ ने कुछ कन्नड़ संगठनों पर तमिलों को आतंकित करने का आरोप भी लगाया है। नेताओं का आरोप है कि कावेरी जल विवाद के राजनीतिकरण के बाद से कर्नाटक में तमिलों को हर समय निशाना बनाया जाता है। वर्ष 1991 के दौरान बेंगलूर में 20 लोग तमिल विरोधी हिंसा की भेंट चढ़ गए थे।
कन्नड़ रक्षण वेदिके के अध्यक्ष नारायण गौडा के मुताबिक उनके संगठन ने केबल आपरेटरों को तमिल कार्यक्रमों का प्रसारण रोकने के लिए कहा है। अगर तमिलनाडु सरकार ने इस परियोजना को जारी रखा तो दोनों राज्यों के बीच ट्रेन और बस सेवाएं भी बाधित की जाएंगी।

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