Wednesday, March 19, 2008
बकरे की बलि देने से धोनी फंसे
लखनऊ। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी रांची में अपने आवास में स्वीमिंग पुल बनवाने के विवाद के बाद, झारखंड के एक मंदिर में पूजा के दौरान बकरे की बलि दिए जाने को लेकर नए विवाद में पड़ गए हैं।जानवरों पर क्रूरता के लिए काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘पीपल्स फॉर द एथीकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स’ (पेटा) की भारत में प्रमुख अनुराधा साहनी ने पूजा के दौरान बलि दिए जाने को लेकर धोनी की आलोचना की है।उन्होंने कहा है कि जानवरों की हत्या से भगवान या देवी-देवता खुश नहीं हो सकते। उन्होंने इस संबंध में धोनी को पत्र भी भेजा है। कहा कि क्रिकेट कप्तान के इस कदम से उनके प्रशंसक भी ऐसा करने को प्रेरित होंगे तथा इससे जानवरों पर क्रूरता को बढ़ावा मिलेगा।उन्होंने कहा कि धोनी का यह कदम कहीं से सराहे जाने योग्य नहीं है।साहनी ने धोनी को भेजे पत्र में कहा है कि जानवरों की बलि भारतीय संस्कृति नहीं है उन्होंने कहा, “अब यह धोनी पर है कि वे अपनी छवि कैसे बनाते हैं।”इस बीच भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने भी धोनी की इस बात के लिए आलोचना की है।बोर्ड के अध्यक्ष आर।एम. खरब ने धोनी को इन सब चीजों के बचने की सलाह दी है।गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के सफल दौरे के बाद धोनी ने झारखंड के प्रमुख शक्ति पीठ ‘छिन्न मस्तिका मंदिर’ में पूजा के दौरान बकरे की बलि दी थी। इससे पूर्व धोनी रांची में अपने निर्माणाधीन मकान में स्वीमिंग पुल बनवाने को लेकर भी विवाद में फंस चुके हैं।उन्हें इसके लिए झारखंड उच्च न्यायालय में हलफनामा भी दाखिल करना पड़ा था।
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2 comments:
Bali dene se koi prasann to nahi hota, Maa jise kahate hai use "bali" ki kya avashyakata?
Maa vo hoti hai jo bachche ko thokar lagane par pehle Maa ki cheekh niklati hAI bachcha baad main rota hai
बलि देनी ही हे तो हमे अपनी गन्दी आदतो की देनी चाहिये,वेजुवान जानबर कया किसी ओर भगवान ने बनाये हे,यह सब ढोग हे.
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