Monday, February 25, 2008

बैंकों की हड़ताल स्थगित

नई दिल्ली। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सोमवार से प्रस्तावित दो दिन की हड़ताल स्थगित हो गई है।
फोरम के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय बैंक संघ [आईबीए] के अध्यक्ष एम बी एन राव के साथ रविवार रात से समय-समय पर हुई। बातचीत के बाद फोरम ने हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया है। प्रवक्ता के मुताबिक फोरम के संयोजक सी एच वेंकटचलम और आईबीए अध्यक्ष के बीच एक सहमति ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
बैंकों में सेवानिवृत्ति लाभ में सुधार, पेंशन का एक और विकल्प दिए जाने, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को फिर से शुरू करने की मांग के साथ-साथ सामान्य बैंकिंग कामकाज को बाहरी एजेंसियों से कराने के विरोध में बैंककर्मी पिछले एक-दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले इन्होंने गत 25 जनवरी को एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की थी। भारतीय स्टेट बैंक समूह ने अपने सेवानिवृत्त अधिकारियों को पेंशन का समान लाभ दिए जाने के लिए अप्रैल 2006 में करीब एक सप्ताह तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी।
इससे पहले, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की आईबीए के अध्यक्ष तथा वित्तीय क्षेत्र के सचिव अरुण रामनाथन और फिर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ चली लंबी बैठक में भी कोई निदान नहीं निकल पाया था।
हड़ताली कर्मचारियों का दावा है कि हड़ताल में निजी क्षेत्र के बैंक कर्मी भी उनके साथ हैं। अखिल भारतीय स्टेट बैंक स्टाफ फेडरेशन का आरोप है कि सरकार ने अप्रैल 2006 में उनके साथ जो वादे किए थे उस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं की है।
उधर मध्य प्रदेश बैंक अधिकारी संघ ने भी छह सहयोगी बैंकों के भारतीय स्टेट बैंक में विलय और बैंकों के एकीकरण के प्रयास के विरोध समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर देश भर में बैंक अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।
बैंक कर्मियों को पेंशन चुनने का एक और विकल्प देने, एक लाख रिक्त पदों पर भर्ती, अनुकंपा नियुक्ति योजना फिर से लागू करने, बैंकों के सामान्य कामकाज बाहर से ठेके पर कराने के विरोध और लंबित वेतन समझौते के संबंध में तुरंत वार्ता शुरू करने की भी मांग की जा रही है। हड़ताली संगठनों में इसके अलावा मार्च के अंतिम सप्ताह से बेमियादी हड़ताल शुरू करने की चेतावनी भी दी है।

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