Sunday, February 24, 2008

क्यों बनाई अजय ने ‘यू, मी और हम’?


अजय देवगन ने अचानक निर्देशक बनने की घोषणा कर सबको चौंका दिया। काजोल को लेकर उन्होंने ‘यू, मी और हम’ बना डाली। यह फिल्म 11 अप्रैल को प्रदर्शित होने वाली है। आइए जानें अजय की जुबानी कि वे अचानक निर्देशक क्यों बन गए? उनकी फिल्म की कहानी किस तरह की है? उनकी फिल्म की खासियत क्या है?लोग मुझसे सवाल करते हैं कि मैंने यह फैसला कैसे किया कि फिल्म निर्देशक बनने का यह सही समय है। ईमानदारी से कहूँ तो मुझे भी यह नहीं मालूम है कि यह सही समय है या गलत, लेकिन इतना जरूर जानता हूँ कि यह एक ऐसी कहानी है जो मैं सभी को बताना चाहता हूँ। एक ऐसी कहानी जिस पर मुझे विश्वास है। कह सकते हैं कि दिल से निकली कहानी है ये। इस कहानी को चुनने के मैं ढेर सारे कारण गिना सकता हूँ, लेकिन सबसे बड़ा कारण है कहानी का सकारात्मक होना। मैंने यह बात महसूस की है कि आजकल लोग पहले के मुकाबले ज्यादा निराशावादी हो गए हैं। वे किसी भी चीज के बारे में नकारात्मक विचारों को पहले दिमाग में लाते हैं। खासतौर पर प्यार, रिश्ते, अहसास और विवाह के बारे में। आज के युग में विज्ञान का बोलबाला है। हर किसी के पास किसी काम को करने के पीछे तार्किक कारण है। प्यार की भी बात की जाए तो लोग इस बारे में बताएँगे कि यह एक ‘केमिकल रिएक्शन’ या फिर हार्मोन के प्रभाव के कारण होता है। वे घंटों प्यार के बारे में वैज्ञानिक कारण गिना देंगे।
प्यार की भी बात की जाएँ तो लोग इस बारे में बताएँगे कि यह एक ‘केमिकल रिएक्शन’ या फिर हार्मोन के प्रभाव के कारण होता है। वे घंटों प्यार के बारे में वैज्ञानिक कारण गिना देंगे।
मेरा मानना है कि इन वैज्ञानिक कारणों के परे भी कुछ है। मेरा प्रश्न है कि हमारी जिंदगी से रोमांस कहाँ गायब हो गया है? प्यार में डूबने का जुनून कहाँ गुम हो गया है? हम यह स्वीकारने में क्यों हिचकने लगे हैं कि प्यार दो आत्माओं का मिलन है। प्यार हमारे अंदर मौजूद है। यह कहीं भी, कभी भी और किसी से भी हो सकता है। मैं प्यार, जीवन साथी और विवाह पर विश्वास करता हूँ और ये सब मेरी फिल्म के महत्वपूर्ण तत्व हैं। कई लोग विवाह नामक परंपरा के बारे में सवाल उठाते हैं, खासतौर से जब समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। समस्याएँ तो हर रिश्ते में होती हैं। ज्यादातर लोग इन समस्याओं से बचने की कोशिश करते हैं। एक रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए हमें कई यत्न करना पड़ते हैं। यदि प्यार किसी रिश्ते की बुनियाद है तो यह सब नैसर्गिक रूप से हो जाता है और इसमें अद्‍भुत आनंद मिलता है। जब हम रिश्ते को निभा नहीं पाते तो दरारें उत्पन्न होने लगती हैं। किसी भी विवाह के टूटने के लिए विवाह नामक विचार जिम्मेदार नहीं है, बल्कि वे लोग हैं जो हल खोजने के बजाय सिर्फ समस्याओं पर अपना ध्यान लगाए रहते हैं।
PRमैंने यह फिल्म इसलिए नहीं बनाई है कि मैं एक निर्देशक के रूप में अपनी काबिलियत प्रदर्शित करूँ या फिर लोगों की जिंदगी या सोचने के नजरिए में परिवर्तन करूँ। मैंने यह फिल्म मनोरंजन के लिए बनाई है। आपको अपने पैसे के बदले में भरपूर आनंद मिले, मेरी यह कोशिश है। मुझे आशा है कि मैं इसमें सफल रहूँगा। मनोरंजन के साथ-साथ यदि आप अपने मौजूदा रिश्ते के बारे में विचार करते हैं या फिर रिश्ते की बेहतरी के लिए कुछ करते हैं तो इसे मैं अपनी सफलता मानूँगा।

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