नई दिल्ली। असैनिक परमाणु करार को यथाशीघ्र संपन्न करने के लिए अमेरिका के जोर दिए जाने के बीच भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह समय सारिणी से वाकिफ है, लेकिन बातचीत अपना समय लेती है।
विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने कहा कि हम किसी समयसीमा पर गौर नहीं कर रहे हैं। हमें समय-सारिणी के बारे में पता है हम जानते हैं कि क्या करना है। उनका ध्यान इस ओर दिलाया गया कि अमेरिका करार को यथाशीघ्र संपन्न करने के लिए भारत पर जोर डाल रहा है। अमेरिकी उप वाणिज्य मंत्री मारियो मानकुसो से यहां उच्च-प्रौद्योगिकी निर्यात पर बातचीत के बाद मेनन ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार कोशिश कर रही है और उसे उम्मीद है कि यथाशीघ्र आईएईए के साथ समझौता हो जायेगा। उन्होंने कहा कि लेकिन ये वार्ताएं हैं। तालियां दोनों हाथों से बजती हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स ने बुधवार को ही कहा था कि समय बीत रहा है और भारत को आईएईए के साथ बातचीत संपन्न करने तथा यथाशीघ्र परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह [एनएसजी] से छूट का प्रयास करने की जरूरत है।
गेट्स ने यहां कहा कि किसी समझौते के सभी विभिन्न पहलुओं के क्रियान्वयन के लिए कितना समय है, इसे देखते हुए समय बीतता जा रहा है। उन्होंने समयसीमा यह कहते हुए स्पष्ट की कि चुनाव का वर्ष होने के कारण यह खुला प्रश्न है कि इस गर्मियों के बाद और सितंबर में सीनेट का सत्र कितना लंबा चलेगा।
पिछले साल सीनेट के तीन सांसदों, जान केरी, जोसेफ बिडेन तथा चुक हागेल ने कहा था कि भारत को आईएईए के साथ बातचीत सम्पन्न करने की और मई तक एनएसजी से छूट हासिल करने की जरूरत है।
No comments:
Post a Comment