Saturday, March 1, 2008
धुंरधर बल्लेबाजों पर भारी पड़े गंभीर
त्रिकोणीय श्रृंखला विशेष दिल्ली के गौतम गंभीर ने इस श्रृंखला में आठ मैचों में 70.33 के प्रभावशाली औसत से 422 रन बनाए हैं। भारत को उम्मीद रहेगी कि उनके इस शानदार फॉर्म का सिलसिला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ फाइनल्स में भी बना रहे। गंभीर ने इस श्रृंखला में दो शतक भी बनाए हैं और ऐसा करने वाले वे एकमात्र बल्लेबाज हैं।फाइनल की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी श्रीलंकाई टीम के कुमार संगकारा आठ मैचों में 326 रन बनाकर दूसरे और ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट आठ मैचों में 313 रन बनाकर तीसरे स्थान पर हैं। भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी आठ मैचों में 296 रन बनाकर चौथे और ऑस्ट्रेलिया के माइकल क्लार्क इतने ही मैचों में 293 रन बनाकर पांचवें स्थान पर हैं।अब त्रिकोणीय श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने के लिए मुकाबला गंभीर, गिलक्रिस्ट, धोनी और क्लार्क के बीच सिमटता नजर आ रहा है, क्योंकि अन्य धुरंधर बल्लेबाज इनसे कहीं पीछे हैं।सचिन तेंदुलकर का बल्ला श्रृंखला में जमकर नहीं बोला है और वे आठ मैचों में 23.87 के सामान्य औसत से सिर्फ 191 रन ही बना पाए हैं।
सचिन तेंदुलकर का मुंहतोड़ जवाब
भारतीय उपकप्तान युवराज सिंह की भी ऐसी ही स्थिति है। वे सात मैचों में 22.00 के मामूली औसत से सिर्फ 154 रन बना पाए हैं। वहीं युवा बल्लेबाज रोहित शर्मा ने आठ मैचों में 33.40 के औसत से 167 रन बनाए हैं। भारत को उम्मीद रहेगी कि इन तीनों बल्लेबाजों का बल्ला फाइनल मैचों में जमकर चले ताकि भारत यह श्रृंखला जीतकर ऑस्ट्रेलियाइयों का मुंह बंद कर सके।दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पोंटिंग ने आठ मैचों में 23.62 के औसत से 189 रन, मैथ्यू हेडन ने छह मैचों में 26.83 के औसत से 161 रन और माइक हसी ने आठ मैचों में 47.25 के औसत से 189 रन बनाए हैं।
पोंटिंग ने ग्यारह हजार का आंकड़ा छुआ इस श्रृंखला में बल्लेबाजी में सबसे फ्लॉप सितारे श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या रहे, जो आठ मैचों में 14.71 के मामूली औसत से 103 रन ही बना सके।
‘रोबो’ के लिए दुबली होंगी ऐश
होली पर 400 विशेष रेलगाड़ियां
ये गाड़ियां दिल्ली के विभिन्न स्टेशनों से लखनऊ, वाराणसी, जम्मू, पटना, देहरादून, दरभंगा और लुधियाना से सहरसा के बीच चलाई जाएगी। इनमें से अधिकतर गाड़ियां 31 मार्च तक चलाई जाएगी।
आधी जमीं हमारी आधा आसमां हमारा
इतिहास गवाह है
भारत की बात करें तो वैदिक काल में स्त्री पुरुष से कमतर नहीं थी। धर्म और दर्शन के गूढ क्षेत्रों में गार्गी, मैत्रेयी, लोपामुद्रा, घोषा, सुलभा जैसे चरित्र बेहद मजबूत स्थिति में रहे हैं। इतिहास में हम झांसी की रानी, रजिया सुल्तान, नूरजहां, मुमताज महल जैसे किरदारों के बारे में पढते हैं। उन्नीसवीं सदी में राजा राममोहन रॉय और उनके ब्रह्म समाज, ईश्वरचंद विद्यासागर, दयानंद सरस्वती और आर्य समाज, पारसी और ईसाई समुदायों के संयुक्तप्रयासों से 1902 में स्त्री मुक्ति की दिशा में सराहनीय कार्य हुए। 1904 में एनी बेसेंट ने एक गर्ल्स कॉलेज की स्थापना की। 1916 में दिल्ली में पहले गर्ल्स मेडिकल कॉलेज और मुंबई में एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय स्थापित हुए। 1927 में पहली बार भारतीय महिला कॉन्फ्रेंस हुई। स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में राजकुमारी अमृत कौर, दुर्गाभाई देशमुख, विजयलक्ष्मी पंडित, सरोजनी नायडू, मैडम भीकाजी कामा जैसी स्त्रियों के नाम उल्लेखनीय हैं तो आजादी के बाद लौह महिला इंदिरा गांधी जैसी शक्तिशाली प्रधानमंत्री बनीं।
होंगे कामयाब एक दिन
21 वीं सदी तो स्त्रियों की है। न सिर्फ विभिन्न रोजगारों में बल्कि राजनीति, विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी उन्होंने अपनी विजय पताका फहराई है। विभिन्न स्त्रोतों से मिले आंकडों को एकत्र करें तो आज के समय में आईटी इंडस्ट्री, बीपीओ, चिकित्सा, प्रशासन, व्यवसाय, सैन्य क्षेत्रों में उनकी दमदार मौजूदगी नजर आने लगी है। आई टी इंडस्ट्री में 1981 में जहां पुरुषों के मुकाबले सिर्फ 19.7 प्रतिशत स्त्रियां काबिज थीं, वहीं 1991 में यह संख्या 22.7 फीसदी हो गई। नैसकॉम के ताजा आंकडे बताते हैं कि पिछले दो वर्षो में भारत में स्त्रियों के लिए रोजगार में लगभग 18 फीसदी तक बढोतरी हुई है। माना जा रहा है कि वर्ष 2010 तक स्त्री तकनीशियनों की संख्या 50 फीसदी तक बढ जाएगी। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में पिछले वर्ष के अंत तक लडकियों का अनुपात 76-26 था, लेकिन आगे 2008 के अंत तक यह अनुपात 76-36 तक हो जाएगा, इसकी पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है।
स्त्रियों के पक्ष में हैं संस्थाएं
कंपनियों ने भी स्त्रियों के हित में कार्य स्थितियों को काफी हद तक बदला है। तमाम संस्थान मानने लगे हैं कि स्त्रियां ज्यादा ईमानदार कर्मचारी साबित होती हैं, लिहाजा वे इस बात पर सहमत हैं कि स्त्रियों को घर और दफ्तर के बीच सामंजस्य बिठाने के लिए हरसंभव सुविधाएं प्रदान की जाएं। मसलन उनके काम के घंटे कम किए जाएं, उनके लिए पार्ट टाइम नौकरियों की व्यवस्था की जाए, छोटे बच्चों की मांओं को सुविधा रहे, इसलिए दफ्तरों में क्रेश बनाए जाएं, उन्हें आने-जाने की सुविधा देने के साथ ही अपने ढंग से कार्य करने की आजादी दी जाए।
Friday, February 29, 2008
आस्ट्रेलिया को हराकर श्रीलंका ने बचाई लाज
श्रीलंका के 221 रन के जवाब में आस्ट्रेलियाई टीम 48.1 ओवर में 208 रन पर आउट हो गई। आस्ट्रेलिया की अंतिम जोड़ी ब्रेट ली [37] और नाथन ब्रेकन [नाबाद 14] ने 35 रन जोड़कर मुकाबला कांटे का कर दिया। आस्ट्रेलिया को एक समय पर तीन ओवर में 19 रन चाहिए थे। अमरसिंघे ने 48वें ओवर में पांच रन दिए। इसके बाद दो ओवर में मेजबान टीम को 14 रन की जरूरत थी। अपने नियमित गेंदबाजों को कामयाब नहीं होता देख श्रीलंकाई कप्तान महेला जयवर्धने ने जयसूर्या को गेंद सौंपी। इस मैच में पहली बार गेंदबाजी करने उतरे जयसूर्या ने पहली ही गेंद पर ली को बोल्ड कर दिया।
बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल का पहला मुकाबला भारत और आस्ट्रेलिया के बीच रविवार को होगा। श्रीलंका फाइनल की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुका था लिहाजा उसके लिए शुक्रवार का मुकाबला महज प्रतिष्ठा का था। आसान लक्ष्य के जवाब में आस्ट्रेलियाई पारी की शुरुआत बहुत अच्छी रही। विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट [83] और जेम्स होप्स [28] ने ताबड़तोड़ रन बनाते हुए 15 ओवर से पहले ही शतकीय साझेदारी पूरी कर ली। इस साझेदारी को अनुभवी ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने तोड़ा। उन्होंने होप्स को बोल्ड किया। आस्ट्रेलिया का पहला विकेट 15वें ओवर में 107 के स्कोर पर गिरा। इसके बाद मध्यक्रम बुरी तरह बिखर गया। आस्ट्रेलिया ने तीन विकेट 115 के स्कोर पर गंवा दिए।
गिलक्रिस्ट 16वें ओवर में नुवान कालूशेखरा का शिकार हुए जिनका कैच लेसिथ मलिंगा ने लपका। गिलक्रिस्ट ने सिर्फ 50 गेंद में 11 चौकों और दो छक्कों की मदद से 83 रन बनाए। विवादों से घिरे रहने वाले एंड्रयू सायमंड्स और माइकल क्लार्क खाता भी नहीं खोल सके। दोनों को अमरसिंघे ने पवेलियन भेजा। आस्ट्रेलिया का स्कोर एक विकेट पर 107 रन से 21वें ओवर में पांच विकेट पर 115 रन हो गया। कप्तान रिकी पोंटिंग [1] को कुलशेखरा ने पगबाधा आउट किया। ब्रैड हाडिन और माइक हसी भी दोहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए। हाडिन 7 रन बनाकर मलिंगा की और हसी 5 के स्कोर पर कापूगेदारा की गेंद पर आउट हुए।
ब्रैड हाग को मुरलीधरन ने और मिशेल जॉनसन को अमरसिंघे ने पवेलियन भेजा। आस्ट्रेलिया के नौ विकेट 40वें ओवर में 173 रन पर गिर गए और श्रीलंका की जीत एकदम तय लग रही थी। ऐसे में ली और ब्रेकन ने मोर्चा संभाला और टीम को मैच में लौटाया। ली ने 59 गेंद में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 37 रन बनाए लेकिन जयसूर्या ने उन्हें आउट करके आस्ट्रेलियाई पारी का पटाक्षेप कर दिया और श्रीलंका की जीत पर मुहर लगा दी।
इससे पहले श्रीलंकाई टीम खराब शुरुआत के बाद 221 रन का प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने में सफल रही। टॉस जीतकर बल्लेबाजी के लिए उतरी श्रीलंकाई टीम ने 20वें ओवर तक 61 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे लेकिन कप्तान जयवर्धने 51 और तिलकरत्ने दिलशान 61 ने अपने जुझारू बल्लेबाजी प्रदर्शन से टीम को इस संकट से बाहर निकाला। इसके बाद दिलशान को चमारा सिल्वा [35] का पूरा सहयोग मिला जिससे श्रीलंका मेलबर्न क्रिकेट मैदान में 200 से ज्यादा का स्कोर बनाने में सफल रहा। हालांकि यह पिच स्ट्रोक प्ले के लिए मुफीद नहीं थी। आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेकन ने 29 रन पर चार विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया। वहीं सुपरफास्ट ली थोड़े मंहगे साबित हुए और उन्होंने 10 ओवर में 55 रन देकर दो विकेट हासिल किए।
बजट से शेयर बाजारों में निराशा
वित्त मंत्री द्वारा संसद में बजट पेश किए जाने की खबरों के बीच सत्र के शुरूआत में कारोबार कोई विशेष नहीं हुआ। जैसे-जैसे वित्त मंत्री अपना भाषण पढ़ते गए, परदा हटता गया। छोटी कारों और दुपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा से जहां मारुति सुजूकि और बजाज आटो के शेयर क्रमश: 3.86 एवं 2.73 प्रतिशत चढ़ कर 867.20 रुपये और 2280.15 रुपये पर पहुंच गए वहीं सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के शेयर नीचे चले गए। इंफोसिस टेक्नोलोजिज के शेयर तो 52.55 रुपये अर्थात 3.29 प्रतिशत नीचे चले गए। सत्यम कंप्यूटर, विप्रो, टीसीएस भी घाटे में रहे।
विदेशी शेयर बाजारों से मिले-जुले समाचार मिले। ब्रिटेन में ऊर्जा कंपनियों के शेयर झूमने से वहां बाजार ऊंचे में खुला, वहीं हांगकांग का हेंगसेंग 1.1 प्रतिशत नीचे बंद हुआ। आस्ट्रेलिया में भी 1.4 प्रतिशत नीचे बाजार बंद हुआ। चीन में चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी का आईपीओ फिर से आने की खबरों के बीच बाजार 1.14 प्रतिशत ऊपर रहा।
सेंसेक्स में भारी भरकम योगदान रखने वाले एल एंड टी, रिलायंस, डीएलएफ, टाटा स्टील, ओएनजीसी, भारती एयरटेल, रिलायंस एनर्जी, एसीसी टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, ग्रासिम, हिडाल्को आदि घाटे में रहे। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में नौ कंपनियों के शेयर ऊपर चढे़, जबकि 21 के शेयर नीचे रहे।
सत्र के दौरान कुल 2742 कंपनियों में कारोबार हुआ, जिनमें 1069 कंपनियों के शेयर फायदे में रहे और 1628 कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे। जबकि 45 कंपनियों के शेयरों में कोई घट बढ़ नहीं हुई।
सत्र की शुरुआत में सेंसेक्स 17779.54 अंक पर खुला जो कल के मुकाबले 45 अंक नीचे था और यही कारोबार का उच्चतम स्तर था। नीचे में यह 17250.29 तक गिरने के बाद कल के मुकाबले 245.76 प्रतिशत अर्थात 1.38 प्रतिशत गिरने के बाद 17578.72 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 61.60 अंक अर्थात 1.17 प्रतिशत घटकर 5223.50 अंक पर बंद हुआ।
संसद में पेश 2008-09 के बजट में जो प्रस्ताव ऐसे नहीं आए, जिससे शेयर बाजारों को तत्काल कोई संजीवनी मिल सके। हालांकि इसमें छोटे वाहनों, बसों, दोपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती के प्रस्ताव शामिल हैं, जिससे इन कंपनियों के शेयर चढ़े भी। हालांकि इसके कुछ प्रस्तावों से इस्पात और सीमेंट कंपनियों को भी राहत पहुंचेगी तब भी सेंसेक्स में शामिल टाटा स्टील और एसीसी के शेयर नीचे चले गए।
मिडकैप और स्मालकैप के सूचकांकों में गिरावट से बीएसई का रुख भी नकारात्मक रहा। दोनों सूचकांकों में क्रमश: 31.37 तथा 40 अंक का नुकसान देखा गया। अन्य सूचकांकों में बैंकेक्स 39.82 अंक, एफएमसीजी 20.44 अंक, आटो 57.31अंक ऊपर थे, जबकि आयल एंड गैस 132.71 अंक, रियलटी 15.18 अंक और मेटल 232.49 अंक नीचे थे।
सेंसेक्स में सर्वाधिक भारांक रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 3.09 प्रतिशत अर्थात 78.45 रुपये के नुकसान से 2458.70 रुपये पर बंद हुआ। वैसे सेंसेक्स में प्रतिशत के लिहाज से सर्वाधिक गिरावट इंफोसिस टेक्नोलोजिज के शेयर में 3.29 प्रतिशत रही। इसका शेयर 52.55 रुपये गिर कर 1546.85 रुपये हो गए। रियलटी कंपनी डीएलएफ के शेयर में 3.08 प्रतिशत की गिरावट रही। टाटा स्टील में 801.55 रुपये पर 2.67 प्रतिशत अर्थात 22.15 रुपये निकल गए।
रिलायंस एनर्जी, अंबुजा सीमेंट, एसीसी, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस कम्युनीकेशंस में भी गिरावट रही। फायदे वाली कंपनियों में सर्वाधिक बढ़त मारुति सुजूकि के शेयर में 3.86 प्रतिशत की थी। इसका शेयर 32.25 रुपये बढ़कर 867.20 रुपये पर बंद हुआ। बजाज आटो में 2280 रुपये पर 2.73 प्रतिशत अर्थात 60.55 रुपये का फायदा रहा। एसबीआई, हिन्दुस्तान यूनीलीवर, एचडीएफसी, सिप्ला, रैनबेक्सी लैब, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, बजाज आटो ओर आईटीसी के शेयर फायदे वाले शेयरों में शामिल रहे।
चुनाव के त्यौहार में तोहफों की भरमार
इस बजट बाजार से कोई खाली हाथ नहीं जाएगा। कुछ किस्मत वालों के हाथ तो एक के साथ एक मुफ्त जैसा भी कुछ लग जाएगा। किसानों के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफी पैकेज और खेती के लिए ज्यादा पैसा मुफ्त में! नौकरीपेशा को आयकर में मनचाही रियायत और बैंक से पैसा निकालने पर कर से माफी [2009 से] मुफ्त में, उपभोक्ता के लिए सस्ती कार, सस्ता दुपहिया और कई दूसरी चीजें सस्ती होने की संभावना फ्री और अल्पसंख्यकों के लिए ढेर सारी सरकारी मदद। यानी हर रियायतें, सौगातें और चुनाव से पहले की मीठी-मीठी बातें।
अरे भाई यह चुनावी बजट है और इसकी बुनियाद में वोटों का मजबूत गणित है। इसमें वित्त मंत्री और क्या लाते? क्या इस समय वह लोगों को आर्थिक सुधारों का पाठ पढ़ाते? सुधारों को अगली सरकार संभालेगी यह सरकार फिलहाल सत्ता में लौटने की ही राह निकालेगी। इसलिए कोई निराश नहीं गया है, कर्मचारियों को भी यह संकेत मिल ही गया है कि जब भी वेतन आयोग आएगा, सरकार की पूरी तवज्जो पाएगा। इसलिए फिक्र छोड़ कर बाजार के भीतर आइए और चारों ओर फैले तोहफों पर नजर तो दौड़ाइए।
कर्ज के बोझ तले दबकर जहर खा रहे किसान संप्रग के लिए राजनीतिक अपशकुन बन रहे थे और सरकार में इसके निवारण के जतन काफी समय से चल रहे थे। अंतत: वित्त मंत्री 60 हजार करोड़ रुपये का नायाब नुसखा लेकर आए हैं। इसी साल 30 जून तक छोटे किसानों के तो पूरे कर्ज माफ हो जाएंगे और लगे हाथ बड़े किसान भी कुछ मलाई खाएंगे। दिलचस्प है कि बजट की इस सबसे बड़ी सौगात में सरकार के खजाने से फिलहाल कुछ नहीं जाएगा, बैंकिंग उद्योग जरूर इससे कुछ झटका खाएगा।
बहरहाल, बजट की माल में उपलब्ध यह नायाब नुसखा आने वाले चुनाव में वोटों की फसल को हरा बनाने वाला है। इससे अब यह भी इशारा मिल गया है कि दोस्तों, चुनाव शायद इसी साल होने वाला है।
नौकरीपेशा और मध्यवर्ग के लिए इस बजट में माल ही माल है। आय करदाताओं को तो इस माल में उनकी मनचाही चीज मिल गई है, चुनावी बजट में उनकी 1.5 लाख रुपये की कमाई आयकर से मुक्त हो गई है। महिलाओं और बुजुर्गो को तो और ज्यादा फायदा मिल रहा है। साथ ही करदाता को अपने माता पिता की सेवा पर [माता-पिता के स्वास्थ्य बीमा पर प्रीमियम] कर बचाने नया रास्ता भी खुल रहा है। बैंकों से पैसा निकालने पर अब एक साल और टैक्स देना होगा। एक अप्रैल 2009 से कर भी समाप्त हो जाएगा यानी कि यह झंझट खत्म हो जाएगा।
सिर्फ इतना नहीं हुजूर, जरा उपभोक्ता उत्पादों की तरफ नजर दौड़ाइए, जल्द ही आपको कई उत्पादों की कीमतें घटतीं नजर आएंगी। नैनो का इंतजार कर रहे हैं तो खुश हो जाइए। नैनो सहित तमाम छोटी कारों पर उत्पाद शुल्क एक मुश्त चार फीसदी घट गया है और देखिए कि दुपहिया वाहनों का भी दाम गिर गया है। अगर कार, बाइक नहीं चाहते तो भी खाली हाथ नहीं जाएंगे। वित्त मंत्री ने सभी उत्पादों पर उत्पाद शुल्क दो फीसदी कम कर दिया है यानी कि माल में डिस्काउंट का बैनर टंग गया है।
अगर पढ़ाई-लिखाई में दिलचस्पी है तो माल में जरा भीतर आइए। यहां कई तरह के आफर मौजूद हैं। शिक्षा को बजट बाजार में इस बार ज्यादा जगह मिली है, खासतौर पर छात्रों के लिए तरह-तरह वजीफों की लंबी सूची यहां लगी है। इसके अलावा इस बार सामाजिक क्षेत्र, रोजगार, गरीबी उन्मूलन में कोई नया खास उत्पाद [स्कीम] बाजार में नहीं आया है। इतना जरूर है कि वित्त मंत्री ने मौजूदा पैकिंग [स्कीमों] में ठीक-ठाक माल [आवंटन] बढ़ाया है। बुनियादी ढाचे का खाना खाली है और निवेश व बचत को बढ़ावा देने पर माल के संचालकों ने इस बार निगाह नहीं डाली है।
चुनावी बाजार में उद्योगों के लिए जरूर कुछ खास नहीं है लेकिन सेवा क्षेत्र के हाथ कुछ लग गया है। वित्त मंत्री सेवा कर छूट की सीमा बढ़ाएंगे यानी करीब 65 हजार छोटी सेवा कंपनियां कर चुकाने की झंझट से मुक्त हो जाएंगी। बजट होटल और अस्पताल खोलने पर पांच साल तक आयकर से छूट मिलेगी। जाहिर है, इन क्षेत्रों में नए निवेश की राह खुलेगी।
घाटे पर काबू और भरपूर राजस्व के साथ इस साल खजाने का गणित भी ठीक ठाक ही रहा है। इसलिए वित्त मंत्री को सौगातें बांटने में जरा भी नहीं सोचना पड़ा है। रियायतों की रौनक से यह बाजार जमकर गुलजार है और शायद यही वक्त की दरकार है। वैसे हो सकता है कि किसी को इस माल की किसी पैकिंग में उम्मीदों से कम माल मिले, अगर ऐसा हो तो गम न मनाइए, यह शेर पढि़ए और भूल जाइए 'सियासत की अपनी अलग इक जबां है, लिखा हो जो इकरार तो इनकार पढ़ना।'
क्या सस्ता, क्या महंगा
वित्तमंत्री पी चिदंबरम द्वारा संसद में शुक्रवार को पेश 2008-09 के आम बजट में ऊंची ब्याज दरों के चलते दुपहिया वाहन खरीदने वालों को आ रही परेशानी से भी कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। बजट में दुपहिया और सात व्यक्तियों के बैठने वाले यात्री तिपहियों पर उत्पाद शुल्क 16 से घटाकर चार प्रतिशत कर दिया गया है।
सस्ती सिगरेट पीने वालों को बजट से निराशा हाथ लगी है, क्योंकि गैर फिल्टर सिगरेटों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर सामान लंबाई वाली फिल्टर सिगरेटों के बराबर किया गया है। बजट में मोबाइल फोन पर एक प्रतिशत का राष्ट्रीय विपदा आकस्मिकता शुल्क [एनसीसीडी] लगाए जाने से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है।
उत्पाद शुल्क को कम किए जाने से एड्सरोधी औषधि एटाजनावीर, चिकित्सा के काम आने वाली पट्टियां, डिब्बाबंद नारियल पानी, मावा, मुरमुरा, मेवायुक्त दूध, चाय काफी, कोर्न फ्लैक और नाश्ते के ऐसे ही अन्न, शक्ति, पैकेजिंग कागज, लिखाई का कागज, पार्कर पेन, और तंबाकू रहित पान मसाला, जिसमें तंबाकू की मात्रा 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, सस्ती होंगी।
बजट प्रावधानों से हाइब्रिड कार, इलैक्ट्रिक कार और बसें भी मंदी होंगी। सीमेंट बनाने में मुख्य रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले क्लिंकर पर उत्पाद शुल्क 350 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति टन किए जाने से सीमेंट की कीमतें बढ़ सकती है।
सीमा शुल्क की दरों को कम किए जाने से कच्चा सल्फर, लौहा, एल्यूीनियम, टायर, हेलीकाप्टर सिम्युलेटर्स, मधुमेह दमा और हेपेटाइटिस-बी के उपचार में काम आने वाली दवाइयां सस्ती होंगी। खेल-कूद के सामान और सेट टाप बाक्स की कीमतों के नीचे आने की संभावना है।
सस्ते:-
कारें
उर्वरक
पशु चारा
दुपहिया वाहन
सैट टाप बाक्स
एड्सरोधी दवाएं
पैकेज्ड नारियल पानी
मेवा मिश्रित दूध
मुरमुरे
चाय
काफी
महंगे:-
मोबाइल हैंडसेट
सिगरेट
पैकेज्ड साफ्टवेयर
नाप्था
सीमेंट निर्मित खंभे
यूलिप में निवेश
Thursday, February 28, 2008
करार की समय सीमा पता है: भारत
विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने कहा कि हम किसी समयसीमा पर गौर नहीं कर रहे हैं। हमें समय-सारिणी के बारे में पता है हम जानते हैं कि क्या करना है। उनका ध्यान इस ओर दिलाया गया कि अमेरिका करार को यथाशीघ्र संपन्न करने के लिए भारत पर जोर डाल रहा है। अमेरिकी उप वाणिज्य मंत्री मारियो मानकुसो से यहां उच्च-प्रौद्योगिकी निर्यात पर बातचीत के बाद मेनन ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार कोशिश कर रही है और उसे उम्मीद है कि यथाशीघ्र आईएईए के साथ समझौता हो जायेगा। उन्होंने कहा कि लेकिन ये वार्ताएं हैं। तालियां दोनों हाथों से बजती हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स ने बुधवार को ही कहा था कि समय बीत रहा है और भारत को आईएईए के साथ बातचीत संपन्न करने तथा यथाशीघ्र परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह [एनएसजी] से छूट का प्रयास करने की जरूरत है।
गेट्स ने यहां कहा कि किसी समझौते के सभी विभिन्न पहलुओं के क्रियान्वयन के लिए कितना समय है, इसे देखते हुए समय बीतता जा रहा है। उन्होंने समयसीमा यह कहते हुए स्पष्ट की कि चुनाव का वर्ष होने के कारण यह खुला प्रश्न है कि इस गर्मियों के बाद और सितंबर में सीनेट का सत्र कितना लंबा चलेगा।
पिछले साल सीनेट के तीन सांसदों, जान केरी, जोसेफ बिडेन तथा चुक हागेल ने कहा था कि भारत को आईएईए के साथ बातचीत सम्पन्न करने की और मई तक एनएसजी से छूट हासिल करने की जरूरत है।
गढ़वाल संसदीय सीट पर भाजपा का कब्जा
मुख्यमंत्री बनने के बाद भुवन चंद्र खंडूड़ी के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के फलस्वरूप यह सीट खाली हुई थी। अलग-अलग कारणों से इस संसदीय सीट के उप चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों की प्रतिष्ठा से जुड़े थे। मंडल के चार जिलों की 19 विधानसभा सीटों को समेटे गढ़वाल संसदीय सीट के मतदाताओं ने भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग बराबर आंका। दोनों के बीच सिर्फ 108 वोट का अंतर रहा। सतपाल महाराज को कुल 2,24036 मत, जबकि टीपीएस रावत को 2,23928 मत पड़े।
दरअसल कुल प्राप्त किए गए 10,459 सर्विस वोटर के रुझान ने परिणाम की तस्वीर बदल डाली। देर रात तक इन पोस्टल बैलेट की गणना चली। आठ चक्रों तक की गणना में टीपीएस रावत के हिस्से में 5093 तथा सतपाल महाराज के हिस्से 956 मत आए। इस तरह रावत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी महाराज पर 4137 मतों की बढ़त बना ली। इस सीट पर भाग्य आजमा रहे पांच निर्दल प्रत्याशियों में राजीव गुप्ता को 6799, अजीजुर्र रहमान 2086, ओम प्रकाश 3598, ऋषि बल्लम धस्माना 2086 और दीपक पंत को 6628 वोट पड़े। इनमें से कोई भी जमानत नहीं बचा सका।
अक्षय का एक और धमाल
आडवाणी ने कहा, अक्षय कमाल का एक्शन और कॉमेडी करते हैं। मुझे उन्हें निर्देशित करने में काफी मजा आ रहा है। आडवाणी ने बताया कि अक्षय फिल्म खिलाड़ी की भांति इस फिल्म में एक्शन और कॉमेडी करेंगे। इस फिल्म की शूटिंग लगभग सप्ताह भर पहले ही शुरू की गई है। फिल्म के निर्माता हैं वार्नर ब्रदर्स और रोहन सिप्पी।
आडवाणी मानते हैं कि उनकी फिल्म धूम-2 को भी पछाड़ देगी। इस फिल्म में दर्शकों को मार्शल आर्ट के स्टंट भी देखने को मिलेंगे। आडवाणी पहली बार ऐसी फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं, जिसमें एक्शन व कॉमेडी दोनों का संगम है। फिल्म निर्देशक कहते हैं कि उनकी पत्नी व फिल्म निर्माता रोहन लंबे अरसे से दोस्त है। इस कारण सभी लोग परिवार के सदस्यों की तरह काम करते हैं।
आईपीएल में आटोरिक्शा चालक का बेटा
पुणे के रहने वाले योगेश को मुकेश अंबानी की फ्रेंचाइजी वाली मुंबई टीम ने खरीदा है। इस टीम में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सरीखे वरिष्ठ खिलाड़ी मौजूद है। योगेश ने बृहस्पतिवार को यहां कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि आईपीएल में खेलूंगा और वह भी सचिन की कप्तानी में। मेरे लिए यह बड़ी खुशी की बात है।' योगेश की मां आनंदी ने कहा कि उनके पति का सपना था कि उनके तीन बेटों में से एक अच्छा क्रिकेटर बने और योगेश ने अपने पिता के इस सपने को साकार कर दिया।
गिलक्रिस्ट ने किया हेडन का बचाव
भारतीय टीम का मौजूदा आस्ट्रेलियाई दौरा शुरू से ही विवादों में घिरा रहा और हेडन की हरभजन पर ताजा टिप्पणी व तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को बॉक्सिंग रिंग में आने का न्योता देने की घटना ने आग में घी डालने काम किया। भारतीय ऑफ स्पिनर ने इसके जवाब में हेडन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे नापसंद खिलाड़ियों में से एक बता दिया। हरभजन ने कहा, 'कौन मैथ्यू हेडन। आपको केवल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों से पूछने की जरूरत है कि वह हेडन के बारे में क्या विचार रखते है।'
श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार को होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर गिलक्रिस्ट ने अपने साथी खिलाड़ी का बचाव करते हुए कहा, 'मैं इसकी परवाह नहीं करता कि अन्य टीमें हेडन के बारे में क्या सोचती है। वह हमारी टीम के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में है और मेरी दिलचस्पी इसी में है।' हरभजन ने आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग पर भी एडिलेड वनडे के दौरान उन्हे गाली देने का आरोप लगाया था लेकिन गिलक्रिस्ट ने उनके इस दावे को भी खारिज कर दिया।
गिलक्रिस्ट ने हालांकि स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से उनकी विदाई के इस सत्र में विवादों का बुरा असर पड़ा है और अब मेजबान टीम के लिए महत्वपूर्ण यह है कि वह अच्छी क्रिकेट खेलने पर ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने कहा, 'हर कोई इससे ऊब चुका है। मैं भी अब फाइनल्स पर ध्यान केंद्रित कर कुछ क्रिकेट खेलना चाहता हूं।'
क्रिकेट में छींटाकशी का पर्याय रहा है आस्ट्रेलिया
असल में क्रिकेट में छींटाकशी शब्द की शुरुआत आस्ट्रेलिया ने ही की। वह शुरू से ही क्रिकेट में छींटाकशी का बादशाह रहा है तथा भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान एंड्रयू सायमंड्स और ब्रैड हॉग की हरकतों तथा अब हेडन की टिप्पणियों से साफ हो गया कि उसके खिलाड़ी अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाले है। क्रिकेट को कभी भद्रजनों का खेल कहा जाता था लेकिन आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने इससे छींटाकशी से जोड़ दिया। आस्ट्रेलियाई इसे खेल का हिस्सा मानते है लेकिन भारतीय बोर्ड ने छींटाकशी पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की है।
पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने छींटाकशी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करने की वकालत की। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इसे कुछ अधिक तवज्जो दी जा रही है। खिलाड़ियों, मीडिया और सभी को इससे बचना चाहिए।' एक अन्य पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अजय जडेजा ने कहा, 'छींटाकशी को भद्रता की सीमा पार नहीं करनी चाहिए। खिलाड़ियों को छींटाकशी के बजाय अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए।' आस्ट्रेलिया में कोई भी क्रिकेटर अपने खिलाड़ियों को ऐसी सीख नहीं दे रहा है। असल में छींटाकशी विरोधी टीम पर दबाव बनाने की उनकी रणनीति का हिस्सा रहा है।
पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छींटाकशी यानी स्लेजिंग का जनक माना जाता है लेकिन स्वयं चैपल के अनुसार इसकी शुरुआत 1964-65 में शैफील्ड शील्ड सत्र के दौरान एडिलेड में हुई थी। भारतीयों का छींटाकशी से कोई लेना देना नहीं रहा। भारतीय क्रिकेट में शुरू से ही व्यक्तिगत टिप्पणियों को अस्वीकार्य और गंवारपन की निशानी माना जाता रहा है। भारत में जब पहली बार क्रिकेट की शुरुआत हुई तो साफ-सुथरे खेल को महत्व दिया गया जिस पर भारतीय आज भी चलते है और इसलिए उन्हें आस्ट्रेलियाई छींटाकशी रास नहीं आती।
आस्ट्रेलियाई असल में अब भारतीयों को निशाना बना रहे है। पहले उनके निशाने पर इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका या वेस्टइंडीज के खिलाड़ी हुआ करते थे। ग्लेन मैक्ग्रा को बेहतरीन गेंदबाज माना जाता है लेकिन वेस्टइंडीज के रामनरेश सरवन से लेकर जिम्बाब्वे के इडो ब्रैंडिस पर छींटाकशी करने के कारण उन्हें अपनी पत्नी के खिलाफ अपशब्द सुनने पड़े जिससे वह भड़क भी गए थे। आस्ट्रेलियाई विकेटकीपरों ने छींटाकशी में अहम भूमिका निभाई थी। एक बार जब इयान बॉथम क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए आए तो रोडने मार्श ने कहा, 'तुम्हारी पत्नी और मेरे बच्चे कैसे है।' बाथम ने हालांकि करारा जवाब दिया पत्नी तो अच्छी है लेकिन बच्चे मंदबुद्धि है।
एक अन्य विकेटकीपर इयान हीली के निशाने पर अक्सर श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा रहा करते थे। एक मैच में जब रणतुंगा ने रनर लेना चाहा तो हीली ने कहा, 'तुम्हारा वजन बहुत अधिक है इसलिए तुम्हें रनर नहीं मिलेगा अनफिट, मोटे।' आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मर्व ह्यूज भी छींटाकशी में माहिर थे तथा रोबिन स्मिथ, विवियन रिचर्ड्स और जावेद मियांदाद से उलझने के उनके किस्से जगजाहिर है। आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने 1993 में एक मैच में न्यूजीलैंड के क्रिस केन्यर्स को 'च् च् च्' करके चिढ़ाया था क्योंकि कुछ दिन पहले उनकी बहन की दुर्घटना में मौत हो गई थी।
व्यक्तिगत छींटाकशी के इस चलन में शेन वार्न भी पीछे नहीं रहे। उनके निशाने पर दक्षिण अफ्रीका के डेरल कलिनन और रणतुंगा रहा करते थे लेकिन एक बार उन्होंने कथित तौर पर इंग्लैंड के रोनी ईरानी की मां को भद्दी गाली दी थी। वर्तमान सीरीज से पहले भी आस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों ने भारतीयों पर छींटाकशी के तीर छोड़े है। एक बार एक मैच में 12वें खिलाड़ी ने रवि शास्त्री से कहा था, 'यदि तुम अपनी क्रीज छोड़ोगे तो मैं तुम्हारा सिर तोड़ दूंगा।' शास्त्री भी हालांकि चुप नहीं बैठे थे लेकिन उन्होंने भद्रता से जवाब दिया था 'यदि तुम बल्लेबाजी कर सकते तो फिर 12वें खिलाड़ी नहीं होते।'
पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने एक बार तत्कालीन भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का 'बुरा लड़का' कहा था। असल में गांगुली के टॉस के लिए देर से पहुंचने से वॉ काफी खीझे हुए थे।
Wednesday, February 27, 2008
‘भज्जी खुजली वाली घिनौनी घास’
राजस्थान में 30 मोर मरे
मैं अपनी जेब से कुछ नहीं देता- लालू
ब्रैड हॉग ने क्रिकेट से संन्यास लिया
हॉग ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सात टेस्ट मैच खेले हैं और उन्होंने 54.88 की औसत से 17 विकेट लिए हैं। जबकि 121 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 26.73 की औसत से 154 विकेट लिए हैं।हॉग का टेस्ट में सर्वाधिक स्कोर 79 रन है, जबकि एकदिवसीय क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर 71 रन है।
Tuesday, February 26, 2008
सस्ती हुई रेल यात्रा
भारतीय खिलाड़ी हमारे अच्छे दोस्त: ली
ली ने आस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस से कहा, 'यदि आप देखेंगे कि मैदान के बाहर भारतीय क्रिकेट टीम के साथ हम किस तरह से पेश आते हैं तो आपको एकदम भिन्न तस्वीर नजर आएगी। हम जैसे ही सीमा रेखा पार करके मैदान पर पहुंचते हैं हम प्रतिस्पर्धी बन जाते हैं और हम जितना संभव हो उतना कड़ा क्रिकेट खेल रहे हैं।' इस तेज गेंदबाज ने कहा कि आस्ट्रेलियाई खेल भावना के साथ खेल रहे हैं और मैदान के बाहर दोनों टीमों के खिलाडि़यों में बहुत अच्छी दोस्ती है।
ली ने कहा, 'मैं आपको बता सकता हूं कि पिछले दो महीने में मैदान के बाहर कई अच्छे दोस्त बने हैं। हमें भारतीय टीम में कुछ बहुत अच्छे मित्र मिले हैं। हम मैदान में कड़ा खेलते रहे हैं और जब तक हम नियमों के तहत खेल रहे हैं तब तक कोई समस्या नहीं है।'
भारत ने आस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों के उकसाने वाले व्यवहार के लिए मैच रेफरी से शिकायत की है लेकिन ली ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा, 'यह केवल उनका मानना है।' ली ने कहा, 'हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि हम मैदान पर जो कुछ हो रहा है उस पर ध्यान केंद्रित करके आस्ट्रेलिया के लिए मैच जीतें। मैं जानता हूं कि कुछ न कुछ होता रहता है लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर मैं उस पर ध्यान देता हूं या नहीं यह मुझ पर निर्भर करता है।' उन्होंने कहा, 'मैच के बाद कुछ टिप्पणियां की जाती हैं, कुछ शिकायतें होती है लेकिन अभी महत्वपूर्ण यही है कि हम क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करें।'
फार्म को लेकर चिंतित नहीं सचिन
अब तक आठ मैच में 191 रन बनाने वाले तेंदुलकर ने कहा कि वह गेंद को अच्छी तरह से हिट कर रहे हैं और उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ है। तेंदुलकर ने श्रीलंका के खिलाफ मंगलवार को सात विकेट की जीत में 54 गेंद पर 63 रन बनाने के बाद कहा, 'मैंने श्रीलंका के खिलाफ दो बार 30 से अधिक का स्कोर बनाया और आस्ट्रेलिया के खिलाफ 40 से अधिक रन बनाए। मैं केवल पिछली तीन पारियों में असफल रहा। यह केवल कई दिमागों के काम करने से जुड़ा मसला है।'
उन्होंने कहा, 'मैं सही फार्म में हूं और गेंद अच्छी तरह से हिट कर रहा हूं। मैं आत्मविश्वास से भरा हूं और टीम आश्वस्त है। आम चलन है कि लोग संयम खो देते हैं क्योंकि वह बहुत अपेक्षा रखते हैं। लोगों को जितना जरूरी हो उससे अधिक प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए।' भारत की आज की जीत से सुनिश्चित हो गया कि वह 2 मार्च से सिडनी में होने वाले बेस्ट आफ थ्री फाइनल्स में आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा। तेंदुलकर ने भी कहा कि यदि विश्व चैंपियन के खिलाफ जीत दर्ज करनी है तो शीर्ष क्रम को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। तेंदुलकर ने कहा, ' हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम फाइनल्स में शुरू में जल्दी विकेट न गंवाएं। तभी हम आस्ट्रेलिया को हरा सकते हैं। हमें फाइनल्स के लिए अपनी रणनीति तैयार करनी होगी। ब्रेट ली शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं और मुझे लगता है कि हमें उसके खिलाफ खेलने के लिए तैयारी करनी चाहिए।'
तेंदुलकर ने कहा कि टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आश्वस्त है। उन्होंने कहा, 'पिछले मैच में हमारा स्कोर चार विकेट पर 51 रन था लेकिन खिलाडि़यों ने शानदार प्रदर्शन करके हमें लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया था।'
सचिन ने युवा गेंदबाजों की जमकर तारीफ की जिन्होंने अब तक सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, 'वह अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। आज भी हमें लगा कि श्रीलंका की पारी के शुरू में पिच से मदद मिलेगी लेकिन यह आसान विकेट निकला। युवा गेंदबाजों ने सही क्षेत्र में गेंद कराई और उन्हें सस्ते में समेट दिया।'
बल्लेबाजों के फार्म में लौटने से धोनी खुश
धोनी ने टीम के त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में पहुंचने के बाद कहा, 'हमारे बल्लेबाजों का यह अब तक का सबसे बढि़या प्रदर्शन था।' भारतीयों के लिए यह काफी अहम मुकाबला था तथा उन्होंने खेल के हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करके आसान जीत दर्ज की। धोनी ने अपने गेंदबाजों की भी तारीफ की जिन्होंने बेजोड़ खेल दिखाया। ईशांत शर्मा और प्रवीण कुमार ने तो चार-चार विकेट लिए। उन्होंने कहा, 'यह सपाट पिच थी लेकिन हमारे गेंदबाजों ने फिर से अच्छा प्रदर्शन किया। प्रवीण और ईशांत ने शानदार गेंदबाजी की। कुल मिलाकर यह अच्छा प्रदर्शन था।'
भारतीय कप्तान ने आशा व्यक्त की कि उनके गेंदबाज आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल्स के दौरान भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, 'आशा है कि हम फाइनल्स में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। मुझे विश्वास है कि तब विकेट से भी गेंदबाजों को अधिक मदद मिलेगी।'
धोनी ने पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान मैन ऑफ द मैच प्रवीण कुमार के लिए दुभाषिए की भूमिका भी निभाई। मेरठ का शर्मीले स्वभाव का यह गेंदबाज बमुश्किल ही औपचारिकता से आगे बढ़ पाया। उन्होंने कहा, 'मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं।' प्रवीण के माता-पिता चाहते थे कि वह पहलवान बने लेकिन इस तेज गेंदबाज ने क्रिकेट को चुना। उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं कुश्ती में जाऊं लेकिन मैं केवल क्रिकेट खेलना चाहता था। मैंने टीवी देखकर क्रिकेट सीखी और गली में खेलता रहा। मेरे स्थानीय कोच ने भी मेरी मदद की।'
दूसरी ओर श्रीलंका के कप्तान महेला जयवर्धने बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण अपनी निराशा नहीं छिपा पाए। उन्होंने कहा, 'हमारे लिए यह अच्छा दिन नहीं था। हमने अच्छी शुरुआत की लेकिन बीच के ओवरों में विकेट गंवाए। हमारे लिए 250 का स्कोर अच्छा होता।' जयवर्धने ने कहा, 'हमारा मध्यक्रम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है और यह निराशाजनक है। हमें अब अपने अंतिम लीग मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जज्बा दिखाना होगा।'
Monday, February 25, 2008
तेंडुलकर को टीम से बाहर करवाना चाहते हैं ?
धोनी का आरोप है कि टॉप ऑर्डर बैटिंग लाइन अप की गैरजिम्मेदाराना बैटिंग के कारण टीम इंडिया की हार हुई। टॉप ऑर्डर में सचिन , सहवाग और युवराज जैसे सीनियर खिलाड़ी हैं। सचिन लगातार भारतीय बैटिंग की रीढ़ रहे हैं। पिछले 18 साल से भारत की शान रहे सचिन को आज धोनी से सीख लेनी पड़ रही है। कैप्टन को किसी के खिलाफ भी टिप्पणी करने का अधिकार है। सचिन का लीन पीरियड चल रहा है। सीबी सीरीज में अबतक उनका प्रदर्शन औसत ही रहा है। हर खिलाड़ी के जीवन में यह वक्त आता है। सचिन ने टेस्ट सीरीज में शानदार खेल का मुजायरा किया और सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। धोनी के बयान से निश्चित रूप से सचिन आहत हुए होंगे , जिसका जवाब सचिन हमेशा की तरह बैट से ही देंगे। सचिन आलोचना का जवाब बैट से ही देते रहे हैं और धोनी को भी जवाब बैट से ही देंगे। अगले मैच में हो सकता है सचिन का बैट जवाब दे।
आज के युवाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे धोनी भी लगता है ओवरकॉन्फिडेंस का शिकार हो गए हैं। इसके पहले वाले खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया के 203 रनों के जवाब में टीम इंडिया ने मात्र 153 रन बनाए , जो टीम में अनुभव की कमी के कारण हारे। यहां तक कि पॉन्टिंग ने भी कहा कि टीम इंडिया में अनुभव की कमी है , नहीं तो वह मैच टीम इंडिया जीत सकती थी। धोनी को खिलाड़ियों पर दोषारोपण करने से बचना चाहिए था क्योंकि 26 को श्रीलंका के खिलाफ निर्णायक मैच होना है। सचिन , सहवाग और युवराज पर छींटाकशी न तो उन्के हित में ही है और न ही टीम इंडिया के।
आज का यूथ भारत के आर्थिक विकास के उस युग में जी रहा है जिसमें वह दुनिया के किसी भी देश को आंख दिखा सकते हैं। धोनी उसी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं , लेकिन भारतीय संस्कारों में सीनियर का सम्मान करना तो आना चाहिए। वह भी यदि सचिन जैसा सीनियर टीम में हो , जिसके सामने महानतम खिलाड़ी भी विनम्र हो जाते है , तो धोनी को तो उनके खिलाफ टिप्पणी से निश्चित रूप से बचना चाहिए था।
जहां तक सहवाग और युवराज की बात है , उनको लगता है धोनी अपना प्रतिद्वंदी समझते हैं। सहवाग और युवराज भारतीय क्रिकेट बाजार के ऑइकॉन हैं और एक बार लीन फेज से बाहर निकलने पर भारतीय जन मानस के लाड़ले बन सकते हैं। जहां तक क्रिकेटिग टैलेंट का सवाल है , धोनी इन दोनों से अपने को बेहतर नहीं कह सकते। टेस्ट सीरीज में खराब बैटिंग और कीपिंग के कारण धोनी को लोगों की आलोचना का शिकार बनना पड़ा था। एक बार धोनी का लीन पीरियड शुरू होगा तो जनता सहवाग या युवराज को कैप्टन बनाने की मांग कर सकती है। इसलिए आज के कॉम्पटीटिव क्रिकेट में इस तरह की उठापटक से बचा नहीं जा सकता। हमने यह मान लिया है कि भारतीय क्रिकेट बाजार में बिक रहा है और उसके खिलाड़ी नीलाम हो रहे हैं , तो उनकी ब्रैंड वैल्यु बरकरार रखने के लिए उनके स्पॉन्सर इस तरह की तिकड़म तो करेंगे ही , जिससे उनका आइकॉन दूसरे आइकॉनों के मुकाबले मार्केट में ज्यादा बड़ा बना रहे। यदि टीम में यह रस्साकशी शुरू हो गई तो क्रिकेट की जगह एक दूसरे की टांग खिंचाई ज्यादा होगी।
लेकिन धोनी या दूसरे खिलाड़ियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि मैदान पर परफॉर्म करने पर ही जनता उनको सिर आंखो पर बिठाती है।
दक्षिण अफ्रीका जीता
दक्षिण अफ्रीका ने 205 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुबह चार विकेट पर 178 रन से आगे खेलना शुरू किया। उसे तब 27 रन की जरूरत थी और उसने सुबह 10.4 ओवर में एशवेल प्रिंस का विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस जीत से दक्षिण अफ्रीका दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे हो गया है। दूसरा टेस्ट मैच शुक्रवार से चटगांव में होगा। एबी डीविलियर्स 19 रन जबकि मार्क बॉउचर पांच रन बनाकर नाबाद रहे। बॉउचर ने इसी मैच में विकेटकीपर के तौर पर सर्वाधिक शिकार का एडम गिलक्रिस्ट [416] का रिकार्ड तोड़ा था।
बांग्लादेश की 52 टेस्ट मैच में यह 46वीं तथा दक्षिण अफ्रीका के हाथों लगातार पांचवीं हार है। दक्षिण अफ्रीका ने इससे पहले सभी मैचों में उसे पारी से हराया था। इससे पहले बांग्लादेश ने पहली पारी में आफताब अहमद [44] व मोहम्मद अशरफुल [34] की मदद से 192 रन बनाए थे। इतने कम स्कोर के आगे द. अफ्रीका की टीम भी कुछ ज्यादा नहीं कर सकी और शहादत हुसैन ने छह विकेट लेकर उसे मात्र 170 रन ही बनाने दिए।
इसके बाद दूसरी पारी में 22 रन की बढ़त हासिल कर खेल रहे बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने द. अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने 182 रनों पर ही घुटने टेक दिए। जैक्स कालिस ने पांच विकेट लेकर उन्हे बैकफुट पर धकेल दिया। बांग्लादेश की तरफ से दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाज जुनैद सिद्दकी [74] के अलावा कोई भी खिलाड़ी क्रीज पर टिक नहीं सका। वहीं 208 रनों के लक्ष्य को द. अफ्रीका ने पांच विकेट खोकर आसानी से बना लिया।
सुमात्रा में सुनामी की चेतावनी
बैंकों की हड़ताल स्थगित
नई दिल्ली। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सोमवार से प्रस्तावित दो दिन की हड़ताल स्थगित हो गई है।
फोरम के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय बैंक संघ [आईबीए] के अध्यक्ष एम बी एन राव के साथ रविवार रात से समय-समय पर हुई। बातचीत के बाद फोरम ने हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया है। प्रवक्ता के मुताबिक फोरम के संयोजक सी एच वेंकटचलम और आईबीए अध्यक्ष के बीच एक सहमति ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
बैंकों में सेवानिवृत्ति लाभ में सुधार, पेंशन का एक और विकल्प दिए जाने, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को फिर से शुरू करने की मांग के साथ-साथ सामान्य बैंकिंग कामकाज को बाहरी एजेंसियों से कराने के विरोध में बैंककर्मी पिछले एक-दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले इन्होंने गत 25 जनवरी को एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की थी। भारतीय स्टेट बैंक समूह ने अपने सेवानिवृत्त अधिकारियों को पेंशन का समान लाभ दिए जाने के लिए अप्रैल 2006 में करीब एक सप्ताह तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी।
इससे पहले, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की आईबीए के अध्यक्ष तथा वित्तीय क्षेत्र के सचिव अरुण रामनाथन और फिर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ चली लंबी बैठक में भी कोई निदान नहीं निकल पाया था।
हड़ताली कर्मचारियों का दावा है कि हड़ताल में निजी क्षेत्र के बैंक कर्मी भी उनके साथ हैं। अखिल भारतीय स्टेट बैंक स्टाफ फेडरेशन का आरोप है कि सरकार ने अप्रैल 2006 में उनके साथ जो वादे किए थे उस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं की है।
उधर मध्य प्रदेश बैंक अधिकारी संघ ने भी छह सहयोगी बैंकों के भारतीय स्टेट बैंक में विलय और बैंकों के एकीकरण के प्रयास के विरोध समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर देश भर में बैंक अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।
बैंक कर्मियों को पेंशन चुनने का एक और विकल्प देने, एक लाख रिक्त पदों पर भर्ती, अनुकंपा नियुक्ति योजना फिर से लागू करने, बैंकों के सामान्य कामकाज बाहर से ठेके पर कराने के विरोध और लंबित वेतन समझौते के संबंध में तुरंत वार्ता शुरू करने की भी मांग की जा रही है। हड़ताली संगठनों में इसके अलावा मार्च के अंतिम सप्ताह से बेमियादी हड़ताल शुरू करने की चेतावनी भी दी है।
Sunday, February 24, 2008
देश का पहला गौ अभयारण्य
शाहरुख-करीना बने फिल्मफेयर विजेता
क्यों बनाई अजय ने ‘यू, मी और हम’?
प्यार की भी बात की जाएँ तो लोग इस बारे में बताएँगे कि यह एक ‘केमिकल रिएक्शन’ या फिर हार्मोन के प्रभाव के कारण होता है। वे घंटों प्यार के बारे में वैज्ञानिक कारण गिना देंगे।
मेरा मानना है कि इन वैज्ञानिक कारणों के परे भी कुछ है। मेरा प्रश्न है कि हमारी जिंदगी से रोमांस कहाँ गायब हो गया है? प्यार में डूबने का जुनून कहाँ गुम हो गया है? हम यह स्वीकारने में क्यों हिचकने लगे हैं कि प्यार दो आत्माओं का मिलन है। प्यार हमारे अंदर मौजूद है। यह कहीं भी, कभी भी और किसी से भी हो सकता है। मैं प्यार, जीवन साथी और विवाह पर विश्वास करता हूँ और ये सब मेरी फिल्म के महत्वपूर्ण तत्व हैं। कई लोग विवाह नामक परंपरा के बारे में सवाल उठाते हैं, खासतौर से जब समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। समस्याएँ तो हर रिश्ते में होती हैं। ज्यादातर लोग इन समस्याओं से बचने की कोशिश करते हैं। एक रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए हमें कई यत्न करना पड़ते हैं। यदि प्यार किसी रिश्ते की बुनियाद है तो यह सब नैसर्गिक रूप से हो जाता है और इसमें अद्भुत आनंद मिलता है। जब हम रिश्ते को निभा नहीं पाते तो दरारें उत्पन्न होने लगती हैं। किसी भी विवाह के टूटने के लिए विवाह नामक विचार जिम्मेदार नहीं है, बल्कि वे लोग हैं जो हल खोजने के बजाय सिर्फ समस्याओं पर अपना ध्यान लगाए रहते हैं।
PRमैंने यह फिल्म इसलिए नहीं बनाई है कि मैं एक निर्देशक के रूप में अपनी काबिलियत प्रदर्शित करूँ या फिर लोगों की जिंदगी या सोचने के नजरिए में परिवर्तन करूँ। मैंने यह फिल्म मनोरंजन के लिए बनाई है। आपको अपने पैसे के बदले में भरपूर आनंद मिले, मेरी यह कोशिश है। मुझे आशा है कि मैं इसमें सफल रहूँगा। मनोरंजन के साथ-साथ यदि आप अपने मौजूदा रिश्ते के बारे में विचार करते हैं या फिर रिश्ते की बेहतरी के लिए कुछ करते हैं तो इसे मैं अपनी सफलता मानूँगा।
मैं हूँ सबसे हॉट समीरा रेड्डी
आस्ट्रेलिया की जीत ब्रेट ली की उम्दा गेंदबाजी
आस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान रिकी पोंटिंग के शानदार शतक [124] और मैथ्यू हेडन [54] व एंड्रयू सायमंड्स [59] के अर्धशतकों की मदद से निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट पर 317 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। हालांकि गंभीर [113] व उथप्पा [51] ने शीर्ष क्रम के लड़खड़ाने से गहरे संकट में फंसे भारत को नाटकीय जीत के करीब पहुंचा दिया था लेकिन अंतिम ओवरों में ली ने बेहतरीन गेंदबाजी कर उसे 49.1 ओवर में 299 रन पर समेट दिया।
भारत ने अपने शुरुआती चार विकेट महज 51 रन पर गंवा दिए थे लेकिन गंभीर ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी [36] के साथ 98 और उथप्पा के साथ 67 रन की भागीदारी कर मैच का नक्शा पलटने के आसार बना दिए थे। गंभीर जब आउट हुए भारत को 102 रन की दरकार थी। यहां से उथप्पा ने कमान संभाली। उन्हें इरफान पठान [22] और हरभजन सिंह [20] का अच्छा सहयोग मिला लेकिन ली ने भारतीय पारी के 48वें ओवर में दो विकेट निकालकर मैच आस्ट्रेलिया की झोली में डाल दिया। ली ने अंतिम ओवर की पहली गेंद पर ईशांत शर्मा के रूप में अपना पांचवां शिकार किया।
इससे पहले कप्तान रिकी पोंटिंग [124] के शानदार शतक और एंड्रयू सायमंड्स [59] व मैथ्यू हेडन [54] के बेहतरीन अर्धशतकों की बदौलत आस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट खोकर 317 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इस सीरीज में अब तक कुछ खास नहीं कर पाए पोंटिंग ने अपने पुराने फार्म के दर्शन कराए और हर भारतीय गेंदबाजों का सहजतापूर्वक सामना किया। उन्होंने अपनी पारी में 132 गेंदों का सामना किया और एक छक्का व 7 चौके जमाए। उन्हे हेडन, माइकल क्लार्क व सायमंड्स के रूप में अच्छे पार्टनर भी मिले। उन्होंने हेडन के साथ दूसरे विकेट के लिए 110, क्लार्क के साथ तीसरे विकेट के लिए 65 व सायमंड्स के चौथे विकेट के लिए 102 रनों की साझेदारी की। इस पारी में 101वां रन लेने के साथ ही पोंटिंग ने एक दिवसीय क्रिकेट में अपने 11 हजार रन पूरे कर लिए। उन्हे आस्ट्रेलियाई पारी के 49वें ओवर में एस श्री संत ने इरफान पठान के हाथों कैच आउट करवाया।
आज सुबह पोंटिंग ने टॉस में भी बाजी मारी और बल्लेबाजों की मददगार पिच पर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गिलक्रिस्ट व हेडन की सलामी जोड़ी ने अपनी टीम को धमाकेदार शुरुआत दी। गिलक्रिस्ट तो सात गेंदों पर 16 रन बनाकर श्री संत की गेंद पर आउट हो गए लेकिन हेडन और पोंटिंग ने भारतीय गेंदबाजों की ठुकाई जारी रखी। इस जोड़ी ने दूसरे विकेट के लिए 18 ओवर में 110 रनों की साझेदारी की। भारत के लिए खतरनाक होती जा रही यह साझेदारी हेडन के रन आउट होने से टूटी। उन्होंने 62 गेंदो पर पांच चौके व एक छक्का की मदद से 54 रन बनाए। माइकल क्लार्क [31] को वीरेद्र सहवाग ने आउट किया।
इसके बाद पोंटिंग का साथ देने सायमंड्स आए। शुरुआत में संभलकर खेलने वाले सायमंड्स ने बाद में कुछ अच्छे हाथ दिखाए। उन्हे उन्होंने अपनी पारी में 49 गेंदों का सामना किया और छह चौके व दो छक्के जमाए। उन्हे ईशांत शर्मा ने बोल्ड आउट किया। जेम्स होप्स चार रन बनाकर व ब्रेट ली [0] रन आउट हुए। माइक हसी 15 रन बनाकर नाबाद रहे।