102 गेंदों में युवराज सिंह के धमाकेदार 131 रन और आशीष नेहरा तथा यूसुफ पठान के तीन- तीन विकेट लेने की गेंदबाजी की बदौलत, भारत ने कल यहां खेले गए श्रृंखला के पहले एकदिवसीय क्रिकेट मैच में वेस्ट इंडीज को आसानी से 20 रन से हरा दिया। भारत ने पहले खेलते हुए 50 ओवर में छह विकेट पर 339 रन बनाए थे। इनमें युवराज सिंह का धमाकेदार शतक भी शामिल था जिसमें उन्होंने सिर्फ 102 गेंदों पर 131 रन जड़े। इस दौरान उन्होंने 10 चौके और सात छक्के मारे। वेस्ट इंडीज की टीम ने अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन भारत का विशाल स्कोर पार नहीं कर पाई और जब 11 गेंद शेष थीं तभी उनकी पूरी टीम 319 रन पर आउट हो गई। शिवनारायण चंद्रपॉल ने 59 गेंदों पर 63 रन बनाए। बाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने सितंबर 2005 के बाद अपना पहला एकदिवसीय मैच खेलते हुए बढ़िया गेंदबाजी की और 49 रन देकर तीन विकेट झटके, जिनमें आखिरी विकेट भी शामिल था। ऑफ स्पिनर यूसुफ पठान ने भी 56 रन देकर तीन विकेट लिए। भारतीय बल्लेबाजी: वेस्टइंडीज के साथ शुक्रवार को स्थानीय सबीना पार्क क्रिकेट मैदान पर खेले जा रहे पहले एकदिवसीय मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने युवराज सिंह के शानदार 131 रनों की बदौलत 50 ओवरों में 339 रन बनाकर वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 340 रनों का लक्ष्य रखा। भारत ने 50 ओवरों में छह विकेट खोकर 339 रन बनाए। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और उसने अपने दो विकेट सस्ते में गंवा दिए। भारत को पहला झटका 25 रन के कुल योग पर लगा। सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर 13 रन बनाकर जेरोम टेलर की गेंद पर ड्वेन ब्रावो के हाथों लपके गए।गंभीर का विकेट गिरने के बाद अभी भारतीय टीम संभल भी नहीं सकी थी कि रोहित शर्मा भी पेवेलियन लौट गए। रोहित का विकेट 32 रन के कुल योग पर गिरा। रोहित सिर्फ चार रन बना सके।पारी की शुरुआत करने आए विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक 77 गेंदों पर 67 रन बनाकर आउट हुए ,जबकि युवराज सिंह ने 102 गेंदों पर 131 रन बनाए। कार्तिक को बर्नाड की गेंद पर रामदीन ने लपका। युवराज भी ब्रावो की गेंद पर रामदीन को कैच दे बैठे। रवींद्र जडेजा ब्रावो की गेंद पर बिना खाता खोले रामदीन को कैच देकर पैवेलियन वापस लौट गए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 41 रन बनाकर रन आउट हो गए। यूसुफ पठान 38 गेंदों पर 40 और हरभजन सिंह 13 गेंद पर 21 रन बनाकर नाबाद रहे।
दोनों टीमें चार मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला खेलेंगी। श्रृंखला का दूसरा मैच इसी मैदान पर 28 जून को खेला जाएगा जबकि तीसरा मैच तीन जुलाई को सेंट लूसिया में और चौथा मैच भी इसी मैदान पर पांच जुलाई को खेला जाएगा।
Friday, June 26, 2009
Tuesday, June 23, 2009
इस बार 99 छक्के कम लगे
इंग्लैंड में इस साल खेले गए ट्वेंटी-20 विश्व कप के दूसरे संस्करण में दो साल पहले दक्षिण अफ्रीका में हुए टूर्नामेंट के पहले संस्करण की तुलना में 99 छक्के कम लगे। पहले संस्करण में बल्लेबाजों ने कुल 265 छक्के उड़ाए थे जबकि इस बार उनके बल्लों से सिर्फ 165 छक्के टीमों की बात करें तो पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने सात मैचों में सर्वाधिक 21 छक्के लगाए जबकि भारतीय और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के बल्लों से 19-19 छक्के निकले। युवराज सिंह 2009 विश्व कप में सबसे अधिक नौ छक्के लगाने वाले बल्लेबाज टूर्नामेंट में इस साल कुल 668 चौके लगे। इसमें से 121 चौके श्रीलंकाई बल्लेबाजों के नाम हैं जबकि दक्षिण अफ्रीकी टीम 87 चौकों के साथ दूसरे स्थान पर रही। दो साल पहले पहले संस्करण के दौरान 659 चौके लगे श्रीलंका और वेस्टइंडीज ऐसी टीमें हैं जिनके खिलाफ सबसे अधिक छक्के लगे। दोनों टीमों के गेंदबाजों ने 21-21 छक्के लुटाए जबकि पाकिस्तानी गेंदबाजों ने सात मैचों में सबसे कम 13 छक्के दिए।
चोट छुपाये नही : धोनी
ट्वेंटी-20 क्रिकेट विश्वकप में थकान और चोट के कारण खराब प्रदर्शन कर खिताब की होड़ से बाहर होने वाली भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी एकदिवसीय श्रृंखला में अपने टीम के खिलाड़ियों को चोट नहीं छुपाने की चेतावनी दी सूत्रों के अनुसार धोनी ने यहां आयोजित टीम बैठक में खिलाड़ियों से पूरी तरह फिट होने पर ही खेलने को कहा है। उन्होंने कहा, “मेरे लिए टीम पहले है और व्यक्ति बाद में और मैं अपने सभी साथियों से भी यही उम्मीद कर रहा हूं। घायल खिलाड़ी टीम को जीत नहीं दिला सकते हैं।”खिलाड़ियों को पर्याप्त आराम करने की सलाह देते हुए धोनी ने कहा कि आप थकान और चोट से निपटने के लिए पूरा आराम करें। उन्होंने कहा, “अगर आराम से चोट ठीक हो जाती है तो ऐसे में खिलाड़ियों को यही करना चाहिए। क्योंकि मर्ज को बड़ा होने से ज्यादा अच्छा है कि कुछ दिन विश्राम कर लिया जाए।”भारतीय कप्तान ने वरिष्ठ खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन करने का आग्रह करते हुए कहा, “अब हम सभी वरिष्ठ खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। इसके अलावा जूनियर खिलाड़ी भी अपनी जिम्मेदारी समझें। वरिष्ठ खिलाड़ियों से मैं टीम की बेहतरी के लिए जूनियर खिलाड़ियों को नुस्खे देने का आग्रह करता हूं। हम सबको यह याद रखने की जरूरत है कि जीतना आदत होती है, हार एक प्रक्रिया है और खराब परिणाम बड़ी आफत नहीं होती है। बस यह कुछ देर की बात है।”
16 से शादी करुँगी : राखी
राखी सावंत एक नहीं दो नहीं पूरे 16 लड़को से शादी करना चाहती हैं और ये कोई और नहीं एक रियलिटी टीवी शो के अंतिम राउंड में पहुंचे प्रतिभागी हैं, जिसमें से किसी एक से राखी शादी करने वाली हैं।
आइटम गर्ल के नाम से मशहूर राखी ने अपने बिंदास अंदाज में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह नए जमाने की द्रौपदी बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि इस शो में शामिल सभी सोलह प्रतिभागियों से शादी करूं क्योंकि ये सभी बहुत अच्छे लोग हैं। राखी सावंत ने कहा कि उन्हें टीवी शो राखी सावंत का स्वंयवर में काफी आनंद आया है। इस दौरान मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं उदयपुर की राजकुमारी हूं, यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण अनुभव है।
गौरलतब है कि 28 वर्षीय अभिनेत्री अपने लिए हजारों में से एक दूल्हा चुनने वाली हैं। इन सोलह प्रतिभागियों को उन्होंने 12,515 लड़को में से चुना है और वे अब इनमें से किसी एक के साथ स्वयंवर रचाने वाली है।
आइटम गर्ल के नाम से मशहूर राखी ने अपने बिंदास अंदाज में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह नए जमाने की द्रौपदी बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि इस शो में शामिल सभी सोलह प्रतिभागियों से शादी करूं क्योंकि ये सभी बहुत अच्छे लोग हैं। राखी सावंत ने कहा कि उन्हें टीवी शो राखी सावंत का स्वंयवर में काफी आनंद आया है। इस दौरान मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं उदयपुर की राजकुमारी हूं, यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण अनुभव है।
गौरलतब है कि 28 वर्षीय अभिनेत्री अपने लिए हजारों में से एक दूल्हा चुनने वाली हैं। इन सोलह प्रतिभागियों को उन्होंने 12,515 लड़को में से चुना है और वे अब इनमें से किसी एक के साथ स्वयंवर रचाने वाली है।
कैटरीना सबसे सेक्सी
भारतीय सही मायने में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे आगे हैं और हमारी हिन्दी सिनेमा जगत की अभिनेत्रियां भी हॉलीवुड अभिनेत्रियों को मात देने में पीछे नहीं है। फैशन पत्रिका ‘एफएचएम’ के इस साल की सबसे सेक्सी महिलाओं के सर्वे में बाजी मारी है हिन्दी सिने जगत की चुलबुली और टूटी-फूटी हिन्दी बोलने वाली अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने। कैटरीना सबसे सेक्सी महिलाओं की सूची में पहले पायदान पर हैं।
Sunday, June 21, 2009
पाक को ताज
जोहांसबर्ग में दो साल पहले भारत के हाथों आखिरी ओवर में दिल तोड़ने वाली हार झेलने वाले पाकिस्तान ने क्रिकेट के मक्का लार्ड्स में रविवार को अब्दुल रज्जाक के शुरुआती कहर और शाहिद अफरीदी की नाबाद अर्धशतकीय पारी से श्रीलंका को आठ विकेट से हराकर ट्वंटी 20 विश्व चैंपियन बनने की अपनी मुराद पूरी की।
रज्जाक [20 रन पर तीन विकेट] के शुरुआती कहर से श्रीलंका का स्कोर एक समय चार विकेट पर 32 रन था जिसके बाद कप्तान कुमार संगकारा ने 52 गेंद पर नाबाद 64 रन की पारी खेली और सातवें विकेट के लिए एंजेलो मैथ्यूज [24 गेंद पर 35 रन] के साथ 68 रन की अटूट साझेदारी की। इससे श्रीलंका छह विकेट पर 138 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा। कामरान अकमल [37] से मिली शानदार शुरुआत और फिर अफरीदी [40 गेंद पर 54 रन] के तीखे तेवरों के कारण पाकिस्तान ने हालांकि आसानी से 18.4 ओवर में दो विकेट पर 139 रन बनाकर क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
मैच में पहले ओवर से पाकिस्तान का दबदबा रहा और आखिर तक वह अपने दक्षिण एशियाई प्रतिद्वंद्वी पर हावी रखा। पाकिस्तान के लिए यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल मार्च में श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर आतंकी हमले के बाद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वंचित है। पाकिस्तान ने इस बार टूर्नामेंट में अंडरडाग के रूप में शुरुआत की तथा पहले दौर और फिर सुपर 8 में पहला मैच गंवाने के बाद जोरदार वापसी की लेकिन सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका और अब फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ उसने एकतरह से एकतरफा जीत हासिल की। लार्ड्स की बल्लेबाजी के लिए माकूल पिच पर अपेक्षाकृत कम लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने धैर्य से काम लिया और किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई। अफरीदी जैसे बल्लेबाज ने 40 गेंद खेली तथा अपनी पारी में दो चौके और इतने ही छक्के लगाए। उन्हें शोएब मलिक का अच्छा साथ मिला जिनके साथ उन्होंने 76 रन की अटूट साझेदारी की। मलिक 22 गेंद पर 24 रन बनाकर नाबाद रहे।
श्रीलंका की तरफ से पहले तीन ओवर अच्छे गए लेकिन चौथे ओवर में इसुरु उदाना ने जब 14 रन लुटा दिए तो संगकारा ने तुरंत अपने विश्वसनीय सारथी मुथैया मुरलीधरन को गेंद सौंप दी। उन्होंने दूसरे स्पिनर अजंथा मेंडिस को भी पावरप्ले ही गेंदबाजी के लिए बुलाया जिनका अकमल ने मिडविकेट पर छक्का जड़कर स्वागत किया। पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज ने मैथ्यूज की गेंद भी छह रन के लिए भेजी लेकिन सनथ जयसूर्या की गेंद भी आगे बढ़कर सीमा रेखा पार पहुंचाने के चक्कर में वह चूक गए और संगकारा ने उन्हें स्टंप आउट करने में कोई गलती नहीं की। अकमल की 28 गेंद की पारी में दो चौके और दो छक्के शामिल हैं।
दूसरे सलामी बल्लेबाज शाहजेब हसन ने मेंडिस पर लगातार दो चौके जमाने के बाद मुरलीधरन को भी सबक सिखाने की आतुरता दिखाई और अगले ओवर में इस आफ स्पिनर की पहली गेंद पर जयसूर्या को कैच देकर पवेलियन लौटे। अफरीदी और मलिक ने इसके बाद रणनीति के साथ बल्लेबाजी की। तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले अफरीदी ने किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और केवल ढीली गेंदों को सबक सिखाया जबकि मलिक ने सहयोगी की भूमिका अच्छी तरह से निभाई। अफरीदी ने मुरलीधरन पर मिडविकेट पर छक्का और फिर चौका लगाकर अपने तेवर दिखाए और बीच में कुछ देर तक एक दो रन लेकर स्कोर आगे बढ़ाने के बाद उडाना की गेंद भी छह और चार रन के लिए भेजकर अपना अर्धशतक पूरा किया। मालिंगा की गेंद पर लेग बाई बनते ही पाकिस्तानी खिलाड़ी खुशी में उछलने लगे और एक दूसरे को गले लगाने लगे।
इससे पहले पाकिस्तान का हर क्रिकेट प्रेमी और कप्तान यूनुस खान टॉस गंवाने के बाद जैसा आगाज चाहते थे युवा तेज गेंदबाज आमिर और आधिकारिक क्रिकेट में अपनी दूसरी पारी शुरू कर रहे रज्जाक ने टीम को वैसी ही शुरुआत दिलाई। बेहतरीन फार्म में चल रहे तिलकरत्ने दिलशान पहले ओवर में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए और खतरनाक सनथ जयसूर्या [17] लय पकड़ते ही ढेर हो गए। यही नहीं पिंच हिटर के तौर पर आए जेहान मुबारक [0] और भरोसेमंद महेला जयवर्धने [1] का बल्ला भी श्रीलंका को धोखा दे गया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल में नाबाद 96 रन बनाकर श्रीलंका को अकेले दम पर मजबूत स्कोर तक पहुंचाने वाले दिलशान ने पहले ओवर में ही आमिर की गेंद स्कूप करने की कोशिश की लेकिन उनकी टाइमिंग सही नहीं थी और शार्ट फाइन लेग पर शाहजेब हसन के बढि़या प्रयास से वह कैच में बदल गया। इसके बाद रज्जाक की बारी थी जिन्होंने अपने पहले तीन ओवर में तीन विकेट निकालकर श्रीलंका को गंभीर संकट में डाल दिया। मुबारक ने उनके पहले ओवर में गेंद मिडविकेट के ऊपर से मारने के प्रयास में मिड आफ पर खड़े हसन को आसान कैच दिया।
उनके अगले ओवर में जयसूर्या ने पहली गेंद मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजी और अगली गेंद पर चौका जमाया लेकिन आखिर में जीत रज्जाक की हुई। जयसूर्या फिर से पुल करना चाहते थे लेकिन गेंद बल्ले से लगकर विकेट उखाड़ गई। जयवर्धने से ऐसे में धैर्यपूर्ण पारी की अपेक्षा थी लेकिन उन्होंने रज्जाक के तीसरे ओवर में बैक कट करने की कोशिश में स्लिप में मिसबाह उल हक को कैच दे दिया। संगकारा ने एक छोर संभाले रखा और उन्हें कुछ देर के लिए चामरा सिल्वा [14] से सहयोग मिला जिन्हें गुल ने अपने शुरुआती ओवर में पवेलियन की राह दिखाकर लंबी साझेदारी नहीं बनने दी। सिल्वा भी सही टाइमिंग से पुल नहीं कर पाए और मिडविकेट पर कैच दे बैठे। शाहिद अफरीदी ने इसके अगले ओवर में गुगली पर इसुरु उडाना की गिल्लियां बिखेरी। संगकारा ने गुल की गेंद पर मिडविकेट पर चौका जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया जिसके लिए उन्होंने 43 गेंद खेली। मैथ्यूज ने आमिर के अंतिम ओवर में चौका और फिर छक्का जमाया।
रज्जाक [20 रन पर तीन विकेट] के शुरुआती कहर से श्रीलंका का स्कोर एक समय चार विकेट पर 32 रन था जिसके बाद कप्तान कुमार संगकारा ने 52 गेंद पर नाबाद 64 रन की पारी खेली और सातवें विकेट के लिए एंजेलो मैथ्यूज [24 गेंद पर 35 रन] के साथ 68 रन की अटूट साझेदारी की। इससे श्रीलंका छह विकेट पर 138 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा। कामरान अकमल [37] से मिली शानदार शुरुआत और फिर अफरीदी [40 गेंद पर 54 रन] के तीखे तेवरों के कारण पाकिस्तान ने हालांकि आसानी से 18.4 ओवर में दो विकेट पर 139 रन बनाकर क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
मैच में पहले ओवर से पाकिस्तान का दबदबा रहा और आखिर तक वह अपने दक्षिण एशियाई प्रतिद्वंद्वी पर हावी रखा। पाकिस्तान के लिए यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल मार्च में श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर आतंकी हमले के बाद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वंचित है। पाकिस्तान ने इस बार टूर्नामेंट में अंडरडाग के रूप में शुरुआत की तथा पहले दौर और फिर सुपर 8 में पहला मैच गंवाने के बाद जोरदार वापसी की लेकिन सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका और अब फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ उसने एकतरह से एकतरफा जीत हासिल की। लार्ड्स की बल्लेबाजी के लिए माकूल पिच पर अपेक्षाकृत कम लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने धैर्य से काम लिया और किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई। अफरीदी जैसे बल्लेबाज ने 40 गेंद खेली तथा अपनी पारी में दो चौके और इतने ही छक्के लगाए। उन्हें शोएब मलिक का अच्छा साथ मिला जिनके साथ उन्होंने 76 रन की अटूट साझेदारी की। मलिक 22 गेंद पर 24 रन बनाकर नाबाद रहे।
श्रीलंका की तरफ से पहले तीन ओवर अच्छे गए लेकिन चौथे ओवर में इसुरु उदाना ने जब 14 रन लुटा दिए तो संगकारा ने तुरंत अपने विश्वसनीय सारथी मुथैया मुरलीधरन को गेंद सौंप दी। उन्होंने दूसरे स्पिनर अजंथा मेंडिस को भी पावरप्ले ही गेंदबाजी के लिए बुलाया जिनका अकमल ने मिडविकेट पर छक्का जड़कर स्वागत किया। पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज ने मैथ्यूज की गेंद भी छह रन के लिए भेजी लेकिन सनथ जयसूर्या की गेंद भी आगे बढ़कर सीमा रेखा पार पहुंचाने के चक्कर में वह चूक गए और संगकारा ने उन्हें स्टंप आउट करने में कोई गलती नहीं की। अकमल की 28 गेंद की पारी में दो चौके और दो छक्के शामिल हैं।
दूसरे सलामी बल्लेबाज शाहजेब हसन ने मेंडिस पर लगातार दो चौके जमाने के बाद मुरलीधरन को भी सबक सिखाने की आतुरता दिखाई और अगले ओवर में इस आफ स्पिनर की पहली गेंद पर जयसूर्या को कैच देकर पवेलियन लौटे। अफरीदी और मलिक ने इसके बाद रणनीति के साथ बल्लेबाजी की। तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले अफरीदी ने किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और केवल ढीली गेंदों को सबक सिखाया जबकि मलिक ने सहयोगी की भूमिका अच्छी तरह से निभाई। अफरीदी ने मुरलीधरन पर मिडविकेट पर छक्का और फिर चौका लगाकर अपने तेवर दिखाए और बीच में कुछ देर तक एक दो रन लेकर स्कोर आगे बढ़ाने के बाद उडाना की गेंद भी छह और चार रन के लिए भेजकर अपना अर्धशतक पूरा किया। मालिंगा की गेंद पर लेग बाई बनते ही पाकिस्तानी खिलाड़ी खुशी में उछलने लगे और एक दूसरे को गले लगाने लगे।
इससे पहले पाकिस्तान का हर क्रिकेट प्रेमी और कप्तान यूनुस खान टॉस गंवाने के बाद जैसा आगाज चाहते थे युवा तेज गेंदबाज आमिर और आधिकारिक क्रिकेट में अपनी दूसरी पारी शुरू कर रहे रज्जाक ने टीम को वैसी ही शुरुआत दिलाई। बेहतरीन फार्म में चल रहे तिलकरत्ने दिलशान पहले ओवर में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए और खतरनाक सनथ जयसूर्या [17] लय पकड़ते ही ढेर हो गए। यही नहीं पिंच हिटर के तौर पर आए जेहान मुबारक [0] और भरोसेमंद महेला जयवर्धने [1] का बल्ला भी श्रीलंका को धोखा दे गया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल में नाबाद 96 रन बनाकर श्रीलंका को अकेले दम पर मजबूत स्कोर तक पहुंचाने वाले दिलशान ने पहले ओवर में ही आमिर की गेंद स्कूप करने की कोशिश की लेकिन उनकी टाइमिंग सही नहीं थी और शार्ट फाइन लेग पर शाहजेब हसन के बढि़या प्रयास से वह कैच में बदल गया। इसके बाद रज्जाक की बारी थी जिन्होंने अपने पहले तीन ओवर में तीन विकेट निकालकर श्रीलंका को गंभीर संकट में डाल दिया। मुबारक ने उनके पहले ओवर में गेंद मिडविकेट के ऊपर से मारने के प्रयास में मिड आफ पर खड़े हसन को आसान कैच दिया।
उनके अगले ओवर में जयसूर्या ने पहली गेंद मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजी और अगली गेंद पर चौका जमाया लेकिन आखिर में जीत रज्जाक की हुई। जयसूर्या फिर से पुल करना चाहते थे लेकिन गेंद बल्ले से लगकर विकेट उखाड़ गई। जयवर्धने से ऐसे में धैर्यपूर्ण पारी की अपेक्षा थी लेकिन उन्होंने रज्जाक के तीसरे ओवर में बैक कट करने की कोशिश में स्लिप में मिसबाह उल हक को कैच दे दिया। संगकारा ने एक छोर संभाले रखा और उन्हें कुछ देर के लिए चामरा सिल्वा [14] से सहयोग मिला जिन्हें गुल ने अपने शुरुआती ओवर में पवेलियन की राह दिखाकर लंबी साझेदारी नहीं बनने दी। सिल्वा भी सही टाइमिंग से पुल नहीं कर पाए और मिडविकेट पर कैच दे बैठे। शाहिद अफरीदी ने इसके अगले ओवर में गुगली पर इसुरु उडाना की गिल्लियां बिखेरी। संगकारा ने गुल की गेंद पर मिडविकेट पर चौका जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया जिसके लिए उन्होंने 43 गेंद खेली। मैथ्यूज ने आमिर के अंतिम ओवर में चौका और फिर छक्का जमाया।
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