Saturday, August 2, 2008
छरहरा बदन सबकी चाहत
छरहरे बदन की चाह हर किसी को होती है। हम सभी अपनी पतली कमर और सपाट पेट को पाने के लिए क्या-क्या नहीं
करते। यह होड़ केवल युवाओं में ही नहीं है बल्कि हर उम्र के लोगों में लगी है। उर्मिला सी पतली कमर,शाहरूख से सिक्स पैक एब्स ,करीना सा फिगर हममे से कौन पाना नहीं चाहेगा? जल्द से जल्द स्लीम बनने की चाहत कब हमारी जेब खाली कर देती है इसका अंदाजा भी हमें नही होता है ऐसे में हमारी मजबूरी का फायदा उठाकर जिम्नेशियम और योगा क्लासेस वाले धड़ल्ले से नोट कमाते हैं ।' अन्नई पालत,अन्नई घालत' अर्थात अन्न ही पालता है अन्न ही बिगाड़ता है। यह कहावत आज भी चरितार्थ होती है। चटपटी चीजों के स्वाद का लालच कही मौत के मुँह तक न ले जाए,मुँह को स्वादिष्ट लगने वाला भोजन कहीं हमारी मौत का सामान न बन जाए इसलिए समय रहते सम्हल जाए और अपनी सुस्वादु जीभ पर लगाम लगाएँ ।
कुछ लोग यह मानते हैं कि वो इस दुनिया में केवल खाने के लिए ही आए हैं इसलिए ऐसे लोग कहीं भी भोज पर जाते ही भोजन की थाली पर टूट पड़ते हैं और खाने का कोई मौका नहीं चूकते हैं । हम खाने के लिए हैं या खाना हमारे लिए है इस बात को समझे। आकड़ों के मुताबिक यदि आप महिने में 8 दिन भी रिश्तों के खातिर खाते हैं तो हर हफ्ते आप शरीर में 500 कैलोरी अतिरिक्त जमा कर लेगी। जिससे आपका वजन हर महिने आधा पौंड बढ़ जाएगा।
एक विदेशी पत्रिका द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार 50 महिलाओं में से केवल एक महिला ही अपने शरीर को लेकर पूरी तरह खुश है। करीब 50 प्रतिशत महिलाएँ अपने वजन को लेकर झूठ बोलती है, वहीं 60 प्रतिशत महिलाएँ अपने कपड़ों से साइज का लेबल तक उखाड़ फेंकती हैं । कुछ ऐसी ही स्थिति पुरूषों की भी है।
लेखिका पामेला पीक के अनुसार- पुरूषों में वजन हमेशा अधेड़ावस्था में बढ़ता है जबकि महिलाओं में बच्चा पैदा होने के बाद वजन बढ़ता हैं। अगर इस दरमियान वजन को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया जाए तो हम वजन बढ़ने से होने वाले दुष्परिणामों से बच सकते है ।
हर कोई दुबला-पतला और आकर्षक दिखना चाहता है परंतु कई बार गलत तरीके से किए गए व्यायाम व डायटिंग हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं इसलिए विशेषज्ञ की सलाह के बगैर व्यायाम प्रारंभ न करे। वजन का अचानक कम होना भी हमारे शरीर में कई बीमारियों का जनक बन जाता है ।अपना वजन कम करें। स्वस्थ,आर्कषक व सुंदर दिखे तथा एक नवउत्साह के साथ जीवन की शुरूआत करे।
सचिन फिल्मों में!
अपनी बल्लेबाजी से दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमियों को अपना दीवाना बनाने वाले सचिन तेंडुलकर अब बॉलीवुड में पदार्पण करने जा रहे हैं और गणपति पर बनने वाली एक फिल्म में वह नजर आएँगे।
गणपति के परमभक्त सचिन 'विध्नहर्ता सिद्धिविनायक' फिल्म में एक संक्षिप्त भूमिका निभाएँगे। फिल्म का निर्माण सिद्धिविनायक मंदिर न्यास कर रहा है, जो मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थित इस मशहूर मंदिर की देखरेख करता है।
न्यास के प्रमुख सुभाष मायेकर ने कहा सचिन कई साल से नियमित रूप से इस मंदिर में आ रहे हैं और वह गणपति के अनन्य भक्त है। मीडिया की खबरों के अनुसार फिल्म के निर्माण से जुड़ी कंपनी के प्रमुख राजीव संघवी ने कहा सचिन की इसमें संक्षिप्त भूमिका होगी। वह सचिन तेंडुलकर के रूप में ही नजर आएँगे। या तो एक गीत उन पर फिल्माया जाएगा या कुछ दृश्य होंगे। तेंडुलकर के कार्यालय ने भी इस क्रिकेटर के श्रीलंका दौरे से लौटने के बाद फिल्म की शूटिंग में भाग लेने की पुष्टि की है। फिल्म की शूटिंग अगले महीने शुरू होगी और इसमें हिन्दी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन ने वाइस ओवर दिया है। कई नामी-गिरामी कलाकार इसमें नि:शुल्क काम करेंगे।
मलिका का हॉट सोंग
मल्लिका शेरावत यदि फिल्म में हो और कोई सेक्सी गाना न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। मल्लिका की दर्शकों के बीच हॉट नायिका की इमेज है, इसलिए ज्यादातर निर्माता-निर्देशक मल्लिका पर सेक्सी गाना फिल्माते हैं। ‘मान गए मुगल-ए-आजम’ मल्लिका की आने वाली चर्चित फिल्म हैं, जिसमें उनके साथ राहुल बोस, केके मेनन और परेश रावल जैसे अभिनेता हैं। इस फिल्म के लिए हाल ही में मल्लिका पर एक हॉट साँग फिल्माया गया। केके मेनन इस गाने में मल्लिका के साथ नजर आएँगे। इसे सुनिधि चौहान और सोनू निगम ने गाया है।
इस गाने के बारे में फिल्म के निर्माता रतन जैन कहते हैं ‘गाने को काफी चटपटे अंदाज में लिखा गया है और इसका फिल्मांकन इसे और मसालेदार बनाता है। सरोज खान की कोरियोग्राफी शानदार है। यह गाना मेरी उम्मीदों से कई गुना बेहतर बना है और दर्शक इसे लंबे समय तक याद रखेंगे।‘ इस समय ‘मान गए मुगल-ए-आजम’ के संगीत को काफी पसंद किया जा रहा है और इसके निर्माता को उम्मीद है कि जैसे-जैसे फिल्म के प्रदर्शन की तिथि नजदीक आएगी वैसे-वैसे संगीत और लोकप्रिय होगा।
श्रीलंका के सामने कठिन चुनौती
हरभजन सिंह और अनिल कुंबले की फिरकी के जादू के बाद बल्लेबाजों के सधे हुए प्रदर्शन की बदौलत भारत ने श्रीलंका के सामने दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन कठिन चुनौती पेश करने के लिए मजबूती से कदम बढ़ा दिए है।
तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने दूसरी पारी में चार विकेट खोकर 200 रन बना लिए थे। अब उसकी कुल बढ़त 237 रन की हो गई जबकि उसके पास छह विकेट शेष है। भारत की ओर से सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण क्रीज पर मौजूद है जिन्होंने अभी अपने खाते नहीं खोले है।
पहली पारी के हीरो सहवाग ने एक बार फिर श्रीलंका के गेंदबाजों को खूब परेशान किया। सहवाग ने तेजी से अर्धशतक पूरा किया। हालांकि इसके बाद वह चमिंडा वास की गेंद पर शॉट खेलने के प्रयास में तिलकरत्ने दिलशान को कैच थमा बैठे। उन्होंने सिर्फ 52 गेंद पर छह चौके व एक छक्के की मदद से 50 रन की पारी खेली। दूसरे सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने रन बनाने जारी रखे। उन्होंने द्रविड़ के साथ मिलकर 54 रन जोड़े। हालांकि वह 74 रन के निजी स्कोर पर अजंथा मेंडिस की गेंद पर बोल्ड हो गए। उन्होंने दस चौके जमाए।
क्रीज पर आए मास्टर ब्लास्टर ने आते ही तेजी से रन जमाए। हालांकि वह बड़ा स्कोर नहीं बना सके और 42 गेंद पर 31 रन बनाकर बनाकर चमिंडा वास के शिकार बने। काफी समय से असफल चल रहे द्रविड़ ने बेहतरीन बल्लेबाजी की लेकिन वह अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर सके। उन्होंने मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर पगबाधा होने से पहले 44 रन की पारी खेली।
इससे पहले हरभजन सिंह व अनिल कुंबले ने श्रीलंका को पहली पारी में 292 रन पर समेट दिया। इस प्रकार भारत को पहली पारी के आधार पर 37 रन की बढ़त मिल गई है। तीसरे दिन श्रीलंका की टीम सिर्फ 77 रन जोड़ पाई। जयवर्धने ने 188 गेंदों पर दस चौकों की मदद से सर्वाधिक 86 रन बनाए। भारत के लिए हरभजन ने सर्वाधिक छह और कुंबले ने तीन विकेट हासिल किए।
इससे पहले दूसरे दिन के नाबाद बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने 98 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया जबकि विकेटकीपर बल्लेबाज प्रसन्ना जयवर्धने 24 रन बनाने के बाद हरभजन सिंह की गेंद पर वीवीएस लक्ष्मण के हाथों लपके गए। चमिंडा वास को कुंबले ने हरभजन के हाथों कैच कराकर इस टेस्ट सीरीज में अपना पहला शिकार बनाया। इसके बाद नुवान कुलशेखरा व जयवर्धने ने संभलकर खेलते हुए गेंदबाजों कोई मौका नहीं दिया और आठवें विकेट के लिए महत्वपूर्ण 37 रन की साझेदारी की। भारत के लिए खतरनाक होती जा रही इस जोड़ी को कुंबले ने जयवर्धने को विकेटकीपर दिनेश कार्तिक के हाथों कैच आउट कराकर तोड़ा। इसके बाद कुंबले ने अजंथा मेंडिस को एलबीडब्ल्यू व हरभजन ने मुरलीधरन को गांगुली के हाथों कैच कराकर श्रीलंका की पहली पारी का अंत किया। कुलशेखरा 5 रन बनाकर नाबाद रहे।
तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने दूसरी पारी में चार विकेट खोकर 200 रन बना लिए थे। अब उसकी कुल बढ़त 237 रन की हो गई जबकि उसके पास छह विकेट शेष है। भारत की ओर से सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण क्रीज पर मौजूद है जिन्होंने अभी अपने खाते नहीं खोले है।
पहली पारी के हीरो सहवाग ने एक बार फिर श्रीलंका के गेंदबाजों को खूब परेशान किया। सहवाग ने तेजी से अर्धशतक पूरा किया। हालांकि इसके बाद वह चमिंडा वास की गेंद पर शॉट खेलने के प्रयास में तिलकरत्ने दिलशान को कैच थमा बैठे। उन्होंने सिर्फ 52 गेंद पर छह चौके व एक छक्के की मदद से 50 रन की पारी खेली। दूसरे सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने रन बनाने जारी रखे। उन्होंने द्रविड़ के साथ मिलकर 54 रन जोड़े। हालांकि वह 74 रन के निजी स्कोर पर अजंथा मेंडिस की गेंद पर बोल्ड हो गए। उन्होंने दस चौके जमाए।
क्रीज पर आए मास्टर ब्लास्टर ने आते ही तेजी से रन जमाए। हालांकि वह बड़ा स्कोर नहीं बना सके और 42 गेंद पर 31 रन बनाकर बनाकर चमिंडा वास के शिकार बने। काफी समय से असफल चल रहे द्रविड़ ने बेहतरीन बल्लेबाजी की लेकिन वह अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर सके। उन्होंने मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर पगबाधा होने से पहले 44 रन की पारी खेली।
इससे पहले हरभजन सिंह व अनिल कुंबले ने श्रीलंका को पहली पारी में 292 रन पर समेट दिया। इस प्रकार भारत को पहली पारी के आधार पर 37 रन की बढ़त मिल गई है। तीसरे दिन श्रीलंका की टीम सिर्फ 77 रन जोड़ पाई। जयवर्धने ने 188 गेंदों पर दस चौकों की मदद से सर्वाधिक 86 रन बनाए। भारत के लिए हरभजन ने सर्वाधिक छह और कुंबले ने तीन विकेट हासिल किए।
इससे पहले दूसरे दिन के नाबाद बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने 98 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया जबकि विकेटकीपर बल्लेबाज प्रसन्ना जयवर्धने 24 रन बनाने के बाद हरभजन सिंह की गेंद पर वीवीएस लक्ष्मण के हाथों लपके गए। चमिंडा वास को कुंबले ने हरभजन के हाथों कैच कराकर इस टेस्ट सीरीज में अपना पहला शिकार बनाया। इसके बाद नुवान कुलशेखरा व जयवर्धने ने संभलकर खेलते हुए गेंदबाजों कोई मौका नहीं दिया और आठवें विकेट के लिए महत्वपूर्ण 37 रन की साझेदारी की। भारत के लिए खतरनाक होती जा रही इस जोड़ी को कुंबले ने जयवर्धने को विकेटकीपर दिनेश कार्तिक के हाथों कैच आउट कराकर तोड़ा। इसके बाद कुंबले ने अजंथा मेंडिस को एलबीडब्ल्यू व हरभजन ने मुरलीधरन को गांगुली के हाथों कैच कराकर श्रीलंका की पहली पारी का अंत किया। कुलशेखरा 5 रन बनाकर नाबाद रहे।
Tuesday, July 29, 2008
लारा का प्रेमी!
अभिनेत्री लारा दत्ता आजकल यही कहती फिर रही हैं कि वे अपना सारा ध्यान फिलहाल अपने करियर पर ही लगा रही हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि क्या यह सच है? शायद नहीं! क्योंकि लारा के करीबी लोगों का कुछ और मानना है। वे तर्क देते हैं, लारा दत्ता करियर के साथ ही अपनी लव-लाइफ को लेकर भी आजकल बेहद गंभीर हो गई हैं। वे प्यार के खूबसूरत अहसास का अनुभव फिर से कर रही हैं। उनकी जिंदगी में डिनो मोरिया की अहमियत आजकल काफी बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि केली दोरजी से अलगाव होने के बाद लारा एक तरह से तनहा जिंदगी ही जी रही थीं। बाद में धीरे-धीरे उनकी नजदीकियां डिनो से हो गई। फिलहाल वे पूरी कोशिश में हैं कि उनकी और डिनो की प्रेम कहानी पर पर्दा पड़ा रहे, लेकिन डिनो हैं कि वे अपने प्यार को छुपा नहीं पा रहे हैं! अभी पिछले दिनों की बात है। लारा बहामास में फिल्म ब्लू की शूटिंग कर रही थीं। डिनो उन्हें बिना सूचित किए वहां उनके फिल्म के सेट पर पहुंच गए। लारा उन्हें अचानक वहां देख हैरान रह गई। वहां इन दोनों प्रेमियों का मिलन हुआ और दोनों ने काफी समय साथ भी गुजारा।
कहा यह भी जा रहा है कि लारा और डिनो दोनों ही प्यार में धोखा खा चुके हैं, इसलिए इस बार वे जल्दबाजी के मूड में बिल्कुल नहीं हैं। एक-दूसरे को बखूबी समझ लेने के बाद ही अपने प्यार का ऐलान दुनिया के सामने करेंगे। मॉडलिंग पृष्ठभूमि से आने वाले लारा और डिनो के प्रेम का रंग धीरे-धीरे गहरा होता जा रहा है। हालांकि इन दोनों से जब भी इनकी प्रेम कहानी के बारे में पूछा जाता है, तो दोनों खुद को एक-दूसरे का सिर्फ अच्छा दोस्त बताते हैं। बहरहाल, देखते हैं कि कब तक इन दोनों का प्यार दोस्ती की ओट में छुपा रहता है..!
गेल ने कप्तानी से इस्तीफा दिया
क्रिस गेल ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है और कैरिबियाई बोर्ड के सीईओ डोनाल्ड पीटर्स को भी लंबी छुट्टी पर भेजे जाने से चैंपियंस ट्राफी से पहले कैरिबियाई क्रिकेट में उथल पुथल मच गई है।
त्रिनिदाद एक्सप्रेस ने मंगलवार को कहा, सीईओ डोनाल्ड पीटर्स ने इसकी पुष्टि की है कि वेस्टइंडीज के कप्तान क्रिस गेल ने शनिवार की रात अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इसमें कहा गया कि उन्होंने हालांकि इसका ब्यौरा नहीं दिया। गेल वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की चयन नीतियों से खफा थे और आस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में टीम के चयन पर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी। इस बीच कैरिबियाई मीडिया ने कहा, पीटर्स को प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया है। इसके अलावा बोर्ड की गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में कार्पोरेट सचिव टोनी दयाल को भी हटा दिया गया है। पीटर्स ने हालांकि कहा, मेरी इस बारे में कोई बातचीत नहीं हुई है। दयाल ने कहा, मैंने बोर्ड से इसकी सफाई मांगी है और बोर्ड ने कुछ नहीं कहा। किसी ने इसका खंडन या पुष्टि नहीं की है। मुझे पद से हटाए जाने का कोई कारण समझ नहीं आता।
त्रिनिदाद एक्सप्रेस ने मंगलवार को कहा, सीईओ डोनाल्ड पीटर्स ने इसकी पुष्टि की है कि वेस्टइंडीज के कप्तान क्रिस गेल ने शनिवार की रात अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इसमें कहा गया कि उन्होंने हालांकि इसका ब्यौरा नहीं दिया। गेल वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की चयन नीतियों से खफा थे और आस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में टीम के चयन पर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी। इस बीच कैरिबियाई मीडिया ने कहा, पीटर्स को प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया है। इसके अलावा बोर्ड की गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में कार्पोरेट सचिव टोनी दयाल को भी हटा दिया गया है। पीटर्स ने हालांकि कहा, मेरी इस बारे में कोई बातचीत नहीं हुई है। दयाल ने कहा, मैंने बोर्ड से इसकी सफाई मांगी है और बोर्ड ने कुछ नहीं कहा। किसी ने इसका खंडन या पुष्टि नहीं की है। मुझे पद से हटाए जाने का कोई कारण समझ नहीं आता।
Sunday, July 27, 2008
थराया अहमदाबाद ४५ मरे
आईटी सिटी बेंगलूर में बीते शुक्रवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की गूंज अभी शात भी नहीं हुई थी कि शनिवार शाम गुजरात का प्रमुख औद्योगिक शहर अहमदाबाद भी सीरियल बम धमाकों से दहल उठा। एक के बाद बाद एक हुए 17 सीरियल बम विस्फोटों में 45 लोगों की मौत हो गई जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये विस्फोट शहर के मणिनगर, इसनपुर, नरोल सर्किल, बापूनगर, हाटकेश्वर, सरनागपुर ब्रिज, सरखेज, रायपुर, जुहापुर, कोरियर मंदिर, ओधव आदि इलाके में हुए। धमाकों में टिफिन का इस्तेमाल किया गया जो साइकिल पर रखे हुए थे। जांच सूत्रों के अनुसार धमाकों में जिलेटिन और अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है।
हाल के दिनों में आतंकियों ने उन्हीं राज्यों के प्रमुख शहरों को निशाना बनाया है जहां भाजपा की सरकार है। इससे पहले 13 मई को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 65 लोग मारे गए थे।
अहमदाबाद में पहला धमाका शाम 6.41 पर हुआ। इसके बाद 90 मिनट के भीतर एक के बाद एक 13 स्थानों पर धमाके हुए। विस्फोट के बाद अहमदाबाद रेलवे स्टेशन सील कर दिया गया। गुजरात के पड़ोसी राज्यों समेत पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली में हाई अलर्ट के साथ-साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जिन स्थानों पर धमाके हुए उनमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र मणिनगर भी शामिल है। मणिनगर और सरखेज में दो धमाके हुए। सरखेज में राज्य परिवहन निगम की सीएनजी बस और संगम थिएटर को निशाना बनाया गया। एक धमाका मणिनगर के सिविल अस्पताल के ट्रामा वार्ड में हुआ। यहां हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। पहले धमाके के करीब 40 मिनट के बाद अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विस्फोट से आतंकियों की यह मंशा साफ है कि उनकी यह कार्रवाई सुनियोजित तौर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को हताहत करने की थी। जाहिर है कि घायलों को अस्पताल लाए जाने के क्रम में बचावकर्मियों के साथ-साथ आम लोगों की भारी भीड़ वहां जुट गई थी।
हाल के दिनों में आतंकियों ने उन्हीं राज्यों के प्रमुख शहरों को निशाना बनाया है जहां भाजपा की सरकार है। इससे पहले 13 मई को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 65 लोग मारे गए थे।
अहमदाबाद में पहला धमाका शाम 6.41 पर हुआ। इसके बाद 90 मिनट के भीतर एक के बाद एक 13 स्थानों पर धमाके हुए। विस्फोट के बाद अहमदाबाद रेलवे स्टेशन सील कर दिया गया। गुजरात के पड़ोसी राज्यों समेत पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली में हाई अलर्ट के साथ-साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जिन स्थानों पर धमाके हुए उनमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र मणिनगर भी शामिल है। मणिनगर और सरखेज में दो धमाके हुए। सरखेज में राज्य परिवहन निगम की सीएनजी बस और संगम थिएटर को निशाना बनाया गया। एक धमाका मणिनगर के सिविल अस्पताल के ट्रामा वार्ड में हुआ। यहां हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। पहले धमाके के करीब 40 मिनट के बाद अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विस्फोट से आतंकियों की यह मंशा साफ है कि उनकी यह कार्रवाई सुनियोजित तौर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को हताहत करने की थी। जाहिर है कि घायलों को अस्पताल लाए जाने के क्रम में बचावकर्मियों के साथ-साथ आम लोगों की भारी भीड़ वहां जुट गई थी।
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