नई दिल्ली। भारतीय तेज गेंदबाजी की नई सनसनी ईशांत शर्मा का कहना है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज रिकी पोंटिंग को नौ ओवर फेंकना उनके जीवन का निर्णायक मोड़ रहा।
छह फुट चार इंच लंबे दिल्ली के इस तेज गेंदबाज को हालिया संपन्न भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया दौरे की खोज बताया जा रहा है। अचानक सुर्खियों में आने के बावजूद उसने अपना संयम नहीं खोया है। उन्नीस बरस के ईशांत ने कहा, पर्थ टेस्ट में पोंटिंग को जो नौ ओवर मैने फेंके वह मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। वह मेरे जीवन का निर्णायक मोड़ है। इस दौरे ने मेरी जिंदगी बदल डाली। पुरस्कारों की बौछार, प्रशंसकों की बढ़ती तादाद और मीडिया में मिल रही शोहरत के बावजूद एयर कंडीशनर मैकेनिक के बेटे ईशांत के पैर जमीन पर ही हैं। उन्होंने कहा, हर कोई मुझसे कहता है कि यह कभी मत भूलना कि तुम कहां से आए हो। अपनी जड़ों को मत छोड़ना।
पोंटिग ने ईशांत की तारीफों के पुल बांधे तो स्टीव वॉ ने उसे भारतीय क्रिकेट की अगली सर्वश्रेष्ठ चीज करार दिया। ईशांत ने कहा, यह अच्छी बात है कि सभी ने मेरी तारीफ की है। पोंटिंग जैसे महान बल्लेबाज से तारीफ मिलना प्रेरणा की तरह है। ईशांत ने कहा, कुछ लोग आपके बारे में अच्छा कहते हैं तो कुछ बुरा भी कहते है लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि उस दबाव को किस तरह झेलते हैं।
ईशांत ने आस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान 140 से 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की लेकिन फिर भी वह मानते है कि वह पाकिस्तान के शोएब अख्तर और आस्ट्रेलियाई बै्रट ली से जेत गेंद करने की कोशिश नहीं करते। उन्होंने कहा, मैं सही दिशा से गेंद करने में भरोसा रखता हूं मैं पेस पर नहीं गेंद की लाइन और लेंथ के साथ उसके उछाल पर अधिक ध्यान देने की कोशिश करता हूं। भारत में तेज गेंदबाजों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बारे में उन्होंने कहा, अगर भविष्य में मुझे कभी टीम से बहार बैठना पडे़ तो मैं इससे कभी उदास नहीं होऊंगा बल्कि टीम में आने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरी जगह जिस खिलाड़ी का चयन हुआ है वह टीम के लिए मुझसे बेहतर है।
मौजूदा दौर में जितना क्रिकेट खेला जाता है उसे देखते हुए ईशांत संभावित चोटों से परेशान नहीं है और उन्हें इनसे बचने का पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा, अगर मैं वही चीजें करना जारी रखूं जो अभी मैं कर रहा हूं तो उसे देखते हुए मुझे नहीं लगता कि मुझे खुद को बचाने के लिए सतर्क होना पड़ेगा क्योंकि इस समय मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं। मैं सही चीजें कर रहा हूं। ईशांत ने यह भी कहा, मैं चोटों से बचने के लिए खेल के एक प्रारूप तक ही खुद को सीमित नहीं रखना चाहता। उन्होंने कहा, आस्ट्रेलिया दौरे पर मैदानी विवादों के बावजूद टीम ने अपना ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर ही केंद्रित रखा। एक बार हम मैदान में जाते तो सब कुछ भूल जाते थे और अपने खेल पर ध्यान लगाते थे। हम अखबार नहीं पढ़ते थे और टीवी भी नहीं देखते थे जिससे हमें मदद मिली।
ईशांत ने ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का बचाव किया जो तीन महीने के दौरे के विवादों का केंद्र रहे। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि उन्होंने किसी को कुछ भी कहा होगा। वह इस तरह का खिलाड़ी है जो अपनी जिंदगी का आनंद उठाना पसंद करता है। अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की तुलना करने पर ईशांत ने कहा कि दोनों एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं। उन्होंने कहा, कुंबले काफी शांत और धैर्यवान हैं लेकिन टेस्ट मैचों में इसी की जरूरत होती है। जबकि धोनी आक्रामक हैं जो सीमित ओवरों के मैचों की आवश्यकता होती है। लेकिन दोनों में एक समान बात है कि दोनों हमें सामान्य चीजें करने के लिए कहते हैं।
Saturday, March 8, 2008
साइडबाटम की हैट्रिक से इंग्लैंड टेस्ट में लौटा
हैमिल्टन। रियान साइडबाटम ने सनसनीखेज हैट्रिक लेकर पहले क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन शनिवार को न सिर्फ न्यूजीलैंड की पकड़ ढीली की बल्कि इंग्लैंड को भी मैच में लौटा दिया।
न्यूजीलैंड ने पांच विकेट सिर्फ 29 गेंद में गंवा दिए। साइडबाटम ने स्टीफन फ्लेमिंग, मैथ्यू सिनक्लेयर और जैकब ओरम को लगातार तीन गेंदों पर आउट किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ 70 साल में यह पहली हैट्रिक है। न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत 122 रन की बढ़त के साथ की थी। चौथे दिन के खेल समाप्त होने तक उसके दूसरी पारी में आठ विकेट पर सिर्फ 147 रन थे। डेनियल विटोरी 13 और जीतन पटेल 6 रन बनाकर खेल रहे हैं। इसी के साथ न्यूजीलैंड ने 269 रन की बढ़त बना ली है। इससे पहले इंग्लैंड की टीम पहली पारी में मात्र 348 रन पर आउट हो गई थी। मैथ्यू बेल के जल्दी आउट होने के बाद फ्लेमिंग और जैमी हॉऊ ने 3.6 प्रति ओवर की औसत से रन बनाए। मेजबान टीम का स्कोर 28वें ओवर में एक विकेट पर 99 रन था।
इसके बाद साइडबाटम ने कहर बरपाता स्पैल फेंका। सबसे पहले उन्होंने हॉऊ को आउट किया जिनका कैच मैथ्यू होगार्ड ने लपका। अगले ओवर की आखिरी गेंद पर साइडबाटम ने फ्लेमिंग को पवेलियन भेजा। गली में एलेस्टेयर कुक ने डाइव लगाकर उनका कैच पकड़ा। उसके बाद के ओवर की पहली दो गेंद पर उन्होंने मैथ्यू सिनक्लेयर और ओरम को चलता करके हैट्रिक पूरी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ 338 टेस्ट के इतिहास में यह दूसरी हैट्रिक है। इससे पहले इंग्लैंड के मौरिस एलोम ने 1980 में न्यूजीलैंड के पहले ही टेस्ट में हैट्रिक बनाई थी।
न्यूजीलैंड ने पांच विकेट सिर्फ 29 गेंद में गंवा दिए। साइडबाटम ने स्टीफन फ्लेमिंग, मैथ्यू सिनक्लेयर और जैकब ओरम को लगातार तीन गेंदों पर आउट किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ 70 साल में यह पहली हैट्रिक है। न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत 122 रन की बढ़त के साथ की थी। चौथे दिन के खेल समाप्त होने तक उसके दूसरी पारी में आठ विकेट पर सिर्फ 147 रन थे। डेनियल विटोरी 13 और जीतन पटेल 6 रन बनाकर खेल रहे हैं। इसी के साथ न्यूजीलैंड ने 269 रन की बढ़त बना ली है। इससे पहले इंग्लैंड की टीम पहली पारी में मात्र 348 रन पर आउट हो गई थी। मैथ्यू बेल के जल्दी आउट होने के बाद फ्लेमिंग और जैमी हॉऊ ने 3.6 प्रति ओवर की औसत से रन बनाए। मेजबान टीम का स्कोर 28वें ओवर में एक विकेट पर 99 रन था।
इसके बाद साइडबाटम ने कहर बरपाता स्पैल फेंका। सबसे पहले उन्होंने हॉऊ को आउट किया जिनका कैच मैथ्यू होगार्ड ने लपका। अगले ओवर की आखिरी गेंद पर साइडबाटम ने फ्लेमिंग को पवेलियन भेजा। गली में एलेस्टेयर कुक ने डाइव लगाकर उनका कैच पकड़ा। उसके बाद के ओवर की पहली दो गेंद पर उन्होंने मैथ्यू सिनक्लेयर और ओरम को चलता करके हैट्रिक पूरी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ 338 टेस्ट के इतिहास में यह दूसरी हैट्रिक है। इससे पहले इंग्लैंड के मौरिस एलोम ने 1980 में न्यूजीलैंड के पहले ही टेस्ट में हैट्रिक बनाई थी।
Friday, March 7, 2008
‘हाइजैक’ में ईशा
मुम्बई। विज्ञापन फिल्मों के निर्माता कुनाल शिवदासानी अब फिल्मों के निर्देशन में भी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। जल्द ही फिल्मी पर्दे पर उनकी पहली फिल्म 'हाइजैक' दिखाई देगी।
अगर बात कलाकारों की करें तो फिल्म में शाइनी आहूजा और ईशा देओल की जोड़ी देखने को मिलेगी। शिवदसानी ने आईएएनएस को बताया कि फिल्म में दोनों ही कलाकारों ने बेहद मेहनत की है।
इस फिल्म में शाइनी एक ऐसे पिता की भूमिका में दिखाई देंगे जो कि काफी मशक्कत के बाद अपहृत विमान से अपनी बेटी व अन्य यात्रियों की जान बचाने में कामयाब हो जाते हैं।
दर्शकों को फिल्म में शाइनी के जोरदार स्टंट्स देखने को मिलेंगे। इसी प्रकार ईशा एयर होस्टेस का किरदार अदा करेंगी। जानकारों के मुताबिक मई में इस फिल्म को रिलीज किया जाएगा।
अगर बात कलाकारों की करें तो फिल्म में शाइनी आहूजा और ईशा देओल की जोड़ी देखने को मिलेगी। शिवदसानी ने आईएएनएस को बताया कि फिल्म में दोनों ही कलाकारों ने बेहद मेहनत की है।
इस फिल्म में शाइनी एक ऐसे पिता की भूमिका में दिखाई देंगे जो कि काफी मशक्कत के बाद अपहृत विमान से अपनी बेटी व अन्य यात्रियों की जान बचाने में कामयाब हो जाते हैं।
दर्शकों को फिल्म में शाइनी के जोरदार स्टंट्स देखने को मिलेंगे। इसी प्रकार ईशा एयर होस्टेस का किरदार अदा करेंगी। जानकारों के मुताबिक मई में इस फिल्म को रिलीज किया जाएगा।
विमान उड़ेगा और कंप्यूटर में समा जाएगा ब्योरा
नई दिल्ली [राजकिशोर]। अमेरिका हो या चीन या फिर दुनिया का कोई भी देश। वहां से विमान के उड़ान भरने के 15 मिनट के भीतर उसमें मौजूद हर यात्री का कच्चा-चिट्ठा हवाईअड्डे पर इमीग्रेशन [आव्रजन] अधिकारियों के कंप्यूटर पर मौजूद होगा।
आने वाली पहली अप्रैल से हिंदुस्तान के छह हवाईअड्डों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। देश की सुरक्षा व यात्रियों की सुविधा के लिहाज से बेहद अहम यह पायलट [प्रायोगिक] प्रोजेक्ट चल रहा है। एपिस यानी एडवांस पैसेंजर्स इन्फार्मेशन सिस्टम के बारे में अधिसूचना जारी हो गई है। देश के लगभग एक दर्जन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों में से फिलहाल एक अप्रैल से दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, कोच्चि, हैदराबाद और चेन्नई में एपिस लागू हो जाएगा। गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में भी यह जानकारी दी।
गृह सचिव मधुकर गुप्त ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और आव्रजन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की प्रगति की समीक्षा भी की। ध्यान रहे, मार्च 2006 से एयर इंडिया के साथ इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था। इसके तहत विदेश से चलने वाले हर विमान के प्रत्येक यात्री का ब्यौरा हिंदुस्तान के संबंधित एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रानिक रूप में आ जाएगा। मसलन ब्रिटेन के हीथ्रो हवाईअड्डे से अगर कोई विमान जैसे ही उड़ेगा, उसके प्रत्येक यात्री का ब्यौरा भारत के संबंधित हवाईअड्डे में आव्रजन अधिकारियों के पास पहुंच जाएगा।
यह व्यवस्था दुनिया के विभिन्न देशों में लागू भी है। हिंदुस्तान में प्रति वर्ष 44 लाख से ज्यादा तो विदेशी यात्री ही आते हैं। इसके अलावा भारतीय नागरिकों का आवागमन तो होता ही रहता है। देश की सुरक्षा के लिहाज से तो यह अहम है ही, यात्रियों को भी इससे सुविधा हो जाएगी। विदेश से आने के बाद इमीग्रेशन के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने से भी लोगों को छुटकारा मिल सकेगा। साथ ही अगर इमीग्रेशन विभाग को किसी के बारे में आपत्तिजनक लगा तो वह उसे वहीं से बैरंग वापस लौटा सकेगा या उचित कार्रवाई करने में सक्षम होगा।
देशी या विदेशी एयरलाइन जो सूचना देंगी, उसमें व्यक्ति का नाम-पता और पासपोर्ट के अलावा आने का उद्देश्य वगैरह सभी होगा। एक विचार यह भी है कि आने वाले दिनों में अमेरिका की तरह हर यात्री का प्रोफाइल भी इकट्ठा किया जाए। हालांकि, फिलहाल तो सभी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर एपिस लागू करने की योजना है।
आने वाली पहली अप्रैल से हिंदुस्तान के छह हवाईअड्डों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। देश की सुरक्षा व यात्रियों की सुविधा के लिहाज से बेहद अहम यह पायलट [प्रायोगिक] प्रोजेक्ट चल रहा है। एपिस यानी एडवांस पैसेंजर्स इन्फार्मेशन सिस्टम के बारे में अधिसूचना जारी हो गई है। देश के लगभग एक दर्जन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों में से फिलहाल एक अप्रैल से दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, कोच्चि, हैदराबाद और चेन्नई में एपिस लागू हो जाएगा। गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में भी यह जानकारी दी।
गृह सचिव मधुकर गुप्त ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और आव्रजन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की प्रगति की समीक्षा भी की। ध्यान रहे, मार्च 2006 से एयर इंडिया के साथ इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था। इसके तहत विदेश से चलने वाले हर विमान के प्रत्येक यात्री का ब्यौरा हिंदुस्तान के संबंधित एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रानिक रूप में आ जाएगा। मसलन ब्रिटेन के हीथ्रो हवाईअड्डे से अगर कोई विमान जैसे ही उड़ेगा, उसके प्रत्येक यात्री का ब्यौरा भारत के संबंधित हवाईअड्डे में आव्रजन अधिकारियों के पास पहुंच जाएगा।
यह व्यवस्था दुनिया के विभिन्न देशों में लागू भी है। हिंदुस्तान में प्रति वर्ष 44 लाख से ज्यादा तो विदेशी यात्री ही आते हैं। इसके अलावा भारतीय नागरिकों का आवागमन तो होता ही रहता है। देश की सुरक्षा के लिहाज से तो यह अहम है ही, यात्रियों को भी इससे सुविधा हो जाएगी। विदेश से आने के बाद इमीग्रेशन के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने से भी लोगों को छुटकारा मिल सकेगा। साथ ही अगर इमीग्रेशन विभाग को किसी के बारे में आपत्तिजनक लगा तो वह उसे वहीं से बैरंग वापस लौटा सकेगा या उचित कार्रवाई करने में सक्षम होगा।
देशी या विदेशी एयरलाइन जो सूचना देंगी, उसमें व्यक्ति का नाम-पता और पासपोर्ट के अलावा आने का उद्देश्य वगैरह सभी होगा। एक विचार यह भी है कि आने वाले दिनों में अमेरिका की तरह हर यात्री का प्रोफाइल भी इकट्ठा किया जाए। हालांकि, फिलहाल तो सभी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर एपिस लागू करने की योजना है।
प्रदूषण ने की उत्तर भारत की बत्ती गुल
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी सहित उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को लगभग दस घंटे तक बिजली गुल रही। इसका असर आम जनजीवन व कार्यालयों के साथ-साथ रेलगाडि़यों पर भी देखा गया। सारी परेशानी की वजह वातावरण में फैल रहा प्रदूषण है। वातावरण में प्रदूषण तथा भारी कोहरे के चलते दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण लाइनें ट्रिप हो गई और बिजली आपूर्ति बंद हो गई।
अधिकारियों का कहना है कि वातावरण में मौजूदा प्रदूषित तत्वों या कणों का बिजली तारों पर जमाव ग्रिड के ट्रिप होने की परेशानी का कारण है। उनका कहना है कि सर्दी में इस तरह की परेशानी आना आम बात है। यह अलग बात है कि इस बार सर्दी का मौसम कुछ ज्यादा ही लंबा खिंचता दिख रहा है। इसकी एक वजह भी विशेषज्ञ जलवायु में व्यापक पैमाने पर आ रहे बदलाव को ही मानते हैं।
पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया [पीजीसीआईएल] के कार्यकारी निदेशक [प्रणाली परिचालन] एस के सूनी ने बताया कि स्थिति लगभग साढे़ दस बजे सामान्य हो गई। उन्होंने कहा कि इंस्यूलेटरों पर प्रदूषण तत्वों के जमा होने से यह दिक्कत प्राय: हो जाती है। लेकिन अब स्थिति बदतर होती जा रही है और अधिकारी इस समस्या के स्थायी समाधान की कोशिश में हैं।
ताजा बिजली संकट की सर्वाधिक मार दिल्ली के अलावा हरियाणा तथा उत्तारप्रदेश के नागरिकों को झेलनी पड़ी। इसके अलावा इस क्षेत्र में रेल यात्रा कर रहे लोग भी परेशान हुए क्योंकि बिजली आपूर्ति बाधित होने उनकी गाडि़यां रास्ते में ही अटक गई।
फिरोजाबाद-दादरी तथा तुगलकाबाद-पलवल लाइनों पर सबसे बुरा असर रहा जहां क्रमश: तड़के 3:45 बजे और सुबह 6:15 बजे से बिजली आपूर्ति बंद हो गई। अधिकारियों का कहना है कि बिजली आपूर्ति बंद होने की समस्या पिछली मध्यरात्रि से शुरू हो गई थी। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सेवाएं बहाल करने के लिए डीजल इंजन भेजे जा रहे हैं। ग्वालियर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक यात्री ने कहा कि गत दो घंटे से कोई रेलगाड़ी नहीं चल रही है। हम स्टेशन पर फंसे हैं। डीजल इंजन आने की घोषणा की जा रही है।
दिल्ली बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 400 केवी की बवाना बमरोली मंडोला लाइन के ट्रिप होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
अधिकारियों का कहना है कि वातावरण में मौजूदा प्रदूषित तत्वों या कणों का बिजली तारों पर जमाव ग्रिड के ट्रिप होने की परेशानी का कारण है। उनका कहना है कि सर्दी में इस तरह की परेशानी आना आम बात है। यह अलग बात है कि इस बार सर्दी का मौसम कुछ ज्यादा ही लंबा खिंचता दिख रहा है। इसकी एक वजह भी विशेषज्ञ जलवायु में व्यापक पैमाने पर आ रहे बदलाव को ही मानते हैं।
पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया [पीजीसीआईएल] के कार्यकारी निदेशक [प्रणाली परिचालन] एस के सूनी ने बताया कि स्थिति लगभग साढे़ दस बजे सामान्य हो गई। उन्होंने कहा कि इंस्यूलेटरों पर प्रदूषण तत्वों के जमा होने से यह दिक्कत प्राय: हो जाती है। लेकिन अब स्थिति बदतर होती जा रही है और अधिकारी इस समस्या के स्थायी समाधान की कोशिश में हैं।
ताजा बिजली संकट की सर्वाधिक मार दिल्ली के अलावा हरियाणा तथा उत्तारप्रदेश के नागरिकों को झेलनी पड़ी। इसके अलावा इस क्षेत्र में रेल यात्रा कर रहे लोग भी परेशान हुए क्योंकि बिजली आपूर्ति बाधित होने उनकी गाडि़यां रास्ते में ही अटक गई।
फिरोजाबाद-दादरी तथा तुगलकाबाद-पलवल लाइनों पर सबसे बुरा असर रहा जहां क्रमश: तड़के 3:45 बजे और सुबह 6:15 बजे से बिजली आपूर्ति बंद हो गई। अधिकारियों का कहना है कि बिजली आपूर्ति बंद होने की समस्या पिछली मध्यरात्रि से शुरू हो गई थी। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सेवाएं बहाल करने के लिए डीजल इंजन भेजे जा रहे हैं। ग्वालियर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक यात्री ने कहा कि गत दो घंटे से कोई रेलगाड़ी नहीं चल रही है। हम स्टेशन पर फंसे हैं। डीजल इंजन आने की घोषणा की जा रही है।
दिल्ली बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 400 केवी की बवाना बमरोली मंडोला लाइन के ट्रिप होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
प्रदूषण ने की उत्तर भारत की बत्ती गुल
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी सहित उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को लगभग दस घंटे तक बिजली गुल रही। इसका असर आम जनजीवन व कार्यालयों के साथ-साथ रेलगाडि़यों पर भी देखा गया। सारी परेशानी की वजह वातावरण में फैल रहा प्रदूषण है। वातावरण में प्रदूषण तथा भारी कोहरे के चलते दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण लाइनें ट्रिप हो गई और बिजली आपूर्ति बंद हो गई।
अधिकारियों का कहना है कि वातावरण में मौजूदा प्रदूषित तत्वों या कणों का बिजली तारों पर जमाव ग्रिड के ट्रिप होने की परेशानी का कारण है। उनका कहना है कि सर्दी में इस तरह की परेशानी आना आम बात है। यह अलग बात है कि इस बार सर्दी का मौसम कुछ ज्यादा ही लंबा खिंचता दिख रहा है। इसकी एक वजह भी विशेषज्ञ जलवायु में व्यापक पैमाने पर आ रहे बदलाव को ही मानते हैं।
पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया [पीजीसीआईएल] के कार्यकारी निदेशक [प्रणाली परिचालन] एस के सूनी ने बताया कि स्थिति लगभग साढे़ दस बजे सामान्य हो गई। उन्होंने कहा कि इंस्यूलेटरों पर प्रदूषण तत्वों के जमा होने से यह दिक्कत प्राय: हो जाती है। लेकिन अब स्थिति बदतर होती जा रही है और अधिकारी इस समस्या के स्थायी समाधान की कोशिश में हैं।
ताजा बिजली संकट की सर्वाधिक मार दिल्ली के अलावा हरियाणा तथा उत्तारप्रदेश के नागरिकों को झेलनी पड़ी। इसके अलावा इस क्षेत्र में रेल यात्रा कर रहे लोग भी परेशान हुए क्योंकि बिजली आपूर्ति बाधित होने उनकी गाडि़यां रास्ते में ही अटक गई।
फिरोजाबाद-दादरी तथा तुगलकाबाद-पलवल लाइनों पर सबसे बुरा असर रहा जहां क्रमश: तड़के 3:45 बजे और सुबह 6:15 बजे से बिजली आपूर्ति बंद हो गई। अधिकारियों का कहना है कि बिजली आपूर्ति बंद होने की समस्या पिछली मध्यरात्रि से शुरू हो गई थी। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सेवाएं बहाल करने के लिए डीजल इंजन भेजे जा रहे हैं। ग्वालियर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक यात्री ने कहा कि गत दो घंटे से कोई रेलगाड़ी नहीं चल रही है। हम स्टेशन पर फंसे हैं। डीजल इंजन आने की घोषणा की जा रही है।
दिल्ली बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 400 केवी की बवाना बमरोली मंडोला लाइन के ट्रिप होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
अधिकारियों का कहना है कि वातावरण में मौजूदा प्रदूषित तत्वों या कणों का बिजली तारों पर जमाव ग्रिड के ट्रिप होने की परेशानी का कारण है। उनका कहना है कि सर्दी में इस तरह की परेशानी आना आम बात है। यह अलग बात है कि इस बार सर्दी का मौसम कुछ ज्यादा ही लंबा खिंचता दिख रहा है। इसकी एक वजह भी विशेषज्ञ जलवायु में व्यापक पैमाने पर आ रहे बदलाव को ही मानते हैं।
पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया [पीजीसीआईएल] के कार्यकारी निदेशक [प्रणाली परिचालन] एस के सूनी ने बताया कि स्थिति लगभग साढे़ दस बजे सामान्य हो गई। उन्होंने कहा कि इंस्यूलेटरों पर प्रदूषण तत्वों के जमा होने से यह दिक्कत प्राय: हो जाती है। लेकिन अब स्थिति बदतर होती जा रही है और अधिकारी इस समस्या के स्थायी समाधान की कोशिश में हैं।
ताजा बिजली संकट की सर्वाधिक मार दिल्ली के अलावा हरियाणा तथा उत्तारप्रदेश के नागरिकों को झेलनी पड़ी। इसके अलावा इस क्षेत्र में रेल यात्रा कर रहे लोग भी परेशान हुए क्योंकि बिजली आपूर्ति बाधित होने उनकी गाडि़यां रास्ते में ही अटक गई।
फिरोजाबाद-दादरी तथा तुगलकाबाद-पलवल लाइनों पर सबसे बुरा असर रहा जहां क्रमश: तड़के 3:45 बजे और सुबह 6:15 बजे से बिजली आपूर्ति बंद हो गई। अधिकारियों का कहना है कि बिजली आपूर्ति बंद होने की समस्या पिछली मध्यरात्रि से शुरू हो गई थी। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सेवाएं बहाल करने के लिए डीजल इंजन भेजे जा रहे हैं। ग्वालियर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक यात्री ने कहा कि गत दो घंटे से कोई रेलगाड़ी नहीं चल रही है। हम स्टेशन पर फंसे हैं। डीजल इंजन आने की घोषणा की जा रही है।
दिल्ली बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 400 केवी की बवाना बमरोली मंडोला लाइन के ट्रिप होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
बेटे की गुगली पर द्रविड़ बोल्ड
बेंगलूर। ग्लेन मैक्ग्रा, शोएब अख्तर, कर्टनी वाल्स और यहां तक कि शेन वार्न की गेंदों से राहुल द्रविड़ कभी डरे नहीं लेकिन उनके दो साल के पुत्र समित की सवाल रूपी गुगली भारतीय क्रिकेट की 'दीवार' को जरूर बोल्ड कर जाती है। द्रविड़ ने बीबीसी के साथ साक्षात्कार में यह बात कही।
द्रविड़ से जब पूछा गया कि टीम से बाहर होने के दौरान वह अपना समय कैसे गुजारते है तो श्रीमान भरोसेमंद ने कहा, 'मेरा बेटा मुझसे नए सवाल करता रहता है। कई बार मेरे पास उसके सवालों का जवाब नहीं होता।' उन्होंने कहा, 'उसे बड़ा होते देखना बहुत दिलचस्प है। वह मुझे बहुत चाहता है। मेरा बेटा हिन्दी की एक फिल्म के गाने की कुछ पंक्तियां बोलता है जिसे वह बहुत पसंद करता है लेकिन मैं नहीं गा सकता क्योंकि मुझे गाना नहीं आता है।'
प्रत्येक गेंद पर अपनी पैनी निगाह रखने वाले इस स्टार क्रिकेटर को हालांकि क्रिकेट मैच देख रही किसी सुंदरी को देखने का सौभाग्य नहीं मिलता। हालांकि इसके लिए द्रविड़ को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह या तो विकेटकीपर की भूमिका निभाते है या फिर स्लिप में क्षेत्ररक्षण करते है। द्रविड़ ने कहा, 'मेरा साथी खिलाड़ी इरफान पठान इस मामले में अधिक भाग्यशाली है क्योंकि वह अक्सर सीमा रेखा पर रहते हैं।' उन्होंने कहा, 'आप लोगों को ऐसी बातें इरफान पठान से पूछनी चाहिए। मैं हमेशा या तो विकेट या स्लिप में रहता हूं। मैं कैसे इस सवाल का जवाब दे सकता हूं।'
द्रविड़ के इस जवाब पर दर्शक और इस साक्षात्कार को देखने के लिए बुलाए गए मीडियाकर्मी भी अपनी हंसी नहीं थाम पाए। द्रविड़ से जब पूछा गया कि क्या वह टीम से बाहर होने पर क्रिकेट मैच देखते हैं उन्होंने कहा, 'मैं तब देखता हूं जब सचिन खेल रहे होते हैं लेकिन पूरे समय नहीं। जब मैं घर में रहता हूं तो परिवार के साथ समय बिताता हूं। लोगों ने इस खेल को इस मुकाम पर पहुंचाया।'
यह पूर्व भारतीय कप्तान शुरू में क्रिकेट के साथ हाकी भी खेला करते थे लेकिन जब भी उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए मना किया जाता था तो उन्हें बुरा लगता था। उन्होंने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा, 'उन दिनों बिजली के खंभे विकेट का काम करते थे। गेंद या तो रबर की होती थी या फिर टेनिस बाल होती थी और उस पर शॉट जमाने के लिए हमें केवल लकड़ी के एक टुकड़े की जरूरत पड़ती थी।' द्रविड़ को दीवार कहा जाता है लेकिन इससे उन्हें शिकवा नहीं है। उन्होंने कहा, 'बाद में लोग यह भी लिख सकते है दीवार में दरार पड़ गई या दीवार ढह गई।'
द्रविड़ से जब पूछा गया कि टीम से बाहर होने के दौरान वह अपना समय कैसे गुजारते है तो श्रीमान भरोसेमंद ने कहा, 'मेरा बेटा मुझसे नए सवाल करता रहता है। कई बार मेरे पास उसके सवालों का जवाब नहीं होता।' उन्होंने कहा, 'उसे बड़ा होते देखना बहुत दिलचस्प है। वह मुझे बहुत चाहता है। मेरा बेटा हिन्दी की एक फिल्म के गाने की कुछ पंक्तियां बोलता है जिसे वह बहुत पसंद करता है लेकिन मैं नहीं गा सकता क्योंकि मुझे गाना नहीं आता है।'
प्रत्येक गेंद पर अपनी पैनी निगाह रखने वाले इस स्टार क्रिकेटर को हालांकि क्रिकेट मैच देख रही किसी सुंदरी को देखने का सौभाग्य नहीं मिलता। हालांकि इसके लिए द्रविड़ को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह या तो विकेटकीपर की भूमिका निभाते है या फिर स्लिप में क्षेत्ररक्षण करते है। द्रविड़ ने कहा, 'मेरा साथी खिलाड़ी इरफान पठान इस मामले में अधिक भाग्यशाली है क्योंकि वह अक्सर सीमा रेखा पर रहते हैं।' उन्होंने कहा, 'आप लोगों को ऐसी बातें इरफान पठान से पूछनी चाहिए। मैं हमेशा या तो विकेट या स्लिप में रहता हूं। मैं कैसे इस सवाल का जवाब दे सकता हूं।'
द्रविड़ के इस जवाब पर दर्शक और इस साक्षात्कार को देखने के लिए बुलाए गए मीडियाकर्मी भी अपनी हंसी नहीं थाम पाए। द्रविड़ से जब पूछा गया कि क्या वह टीम से बाहर होने पर क्रिकेट मैच देखते हैं उन्होंने कहा, 'मैं तब देखता हूं जब सचिन खेल रहे होते हैं लेकिन पूरे समय नहीं। जब मैं घर में रहता हूं तो परिवार के साथ समय बिताता हूं। लोगों ने इस खेल को इस मुकाम पर पहुंचाया।'
यह पूर्व भारतीय कप्तान शुरू में क्रिकेट के साथ हाकी भी खेला करते थे लेकिन जब भी उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए मना किया जाता था तो उन्हें बुरा लगता था। उन्होंने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा, 'उन दिनों बिजली के खंभे विकेट का काम करते थे। गेंद या तो रबर की होती थी या फिर टेनिस बाल होती थी और उस पर शॉट जमाने के लिए हमें केवल लकड़ी के एक टुकड़े की जरूरत पड़ती थी।' द्रविड़ को दीवार कहा जाता है लेकिन इससे उन्हें शिकवा नहीं है। उन्होंने कहा, 'बाद में लोग यह भी लिख सकते है दीवार में दरार पड़ गई या दीवार ढह गई।'
त्रिपुरा में वाममोर्चा को दो तिहाई बहुमत
अगरतला/शिलांग। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ वाममोर्चा ने 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए अब तक घोषित 53 सीटों के परिणामों में से 44 सीटें जीत कर दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है। माकपा को 41 सीटें मिली हैं। उसकी सहयोगी आरएसपी को दो और भाकपा को एक सीट मिली है। उधर, मेघालय विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर तीन मार्च को हुए चुनाव में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस 25 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा के आसार पैदा हो गए हैं।
त्रिपुरा में पिछली विधानसभा में वाम मोर्चा के सहयोगी रहे फारवर्ड ब्लाक ने सीटों के बंटवारे को लेकर माकपा के साथ मतभेदों के चलते चुनाव नहीं लड़ा। विपक्षी दल कांग्रेस को आठ सीटें और उसकी सहयोगी आईएनपीटी को एक सीट मिली है। शेष सात सीटों के रुझान के अनुसार चार विधानसभा सीटों पर वाममोर्चा आगे है और तीन पर कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है। मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने धानपुर विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2,900 मतों से हराया।
उधर, मेघालय की निवर्तमान विधानसभा में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस के इस बार निर्दलियों तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी [एचएसपीडीपी] तथा खुन हेनिनत्रिप नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट [केएचएनएएम] जैसे छोटे दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 14 सीटें मिली हैं, जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी [यूडीपी] को 11, एचएसपीडीपी को दो तथा केएचएनएएम और भाजपा को एक-एक सीट मिली है। निर्दलियों ने पांच सीटों पर कब्जा जमाया है। कांग्रेस उम्मीदवार सेंगरान एम संगमा के निधन के चलते बाघमारा सीट पर चुनाव 22 मार्च को होना है।
विश्लेषकों का कहना है कि केंद्र में संप्रग सरकार की घटक राकांपा के राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में शामिल होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री डी डी लपंाग नोंगपो सीट बचाने में कामयाब रहे हैं, जबकि उप मुख्यमंत्री तथा यूडीपी उम्मीदवार दोनकुपार राय ने शेला सीट जीत ली है। दूसरे उप मुख्यमंत्री तथा कांग्रेसी उम्मीदवार मुकुल संगमा अमपातगिरी सीट पर पुन: कब्जा जमाने में कामयाब रहे हैं। मुकुल संगमा के भाई तथा लोक निर्माण मंत्री जेनिथ संगमा को रंगसकोना सीट पर राकांपा के एडोल्फ ल्यू हिटलर आर मराक ने हरा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री देबोरा सी एम जराक [कांग्रेस] रोंगरेनगिरी में राकांपा के मार्किज एन मराक के हाथों शिकस्त खा बैठे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री तथा यूडीपी उम्मीदवार ई के मावलांग ने कांग्रेस से उमरोई सीट छीन ली है। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री फिलेंडर एंड्रसन खोंगलाम [एचएसपीडीपी] सोहरा सीट डब्ल्यू खोंगजी के हाथों गंवा चुके हैं।
त्रिपुरा में पिछली विधानसभा में वाम मोर्चा के सहयोगी रहे फारवर्ड ब्लाक ने सीटों के बंटवारे को लेकर माकपा के साथ मतभेदों के चलते चुनाव नहीं लड़ा। विपक्षी दल कांग्रेस को आठ सीटें और उसकी सहयोगी आईएनपीटी को एक सीट मिली है। शेष सात सीटों के रुझान के अनुसार चार विधानसभा सीटों पर वाममोर्चा आगे है और तीन पर कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है। मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने धानपुर विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2,900 मतों से हराया।
उधर, मेघालय की निवर्तमान विधानसभा में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस के इस बार निर्दलियों तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी [एचएसपीडीपी] तथा खुन हेनिनत्रिप नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट [केएचएनएएम] जैसे छोटे दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 14 सीटें मिली हैं, जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी [यूडीपी] को 11, एचएसपीडीपी को दो तथा केएचएनएएम और भाजपा को एक-एक सीट मिली है। निर्दलियों ने पांच सीटों पर कब्जा जमाया है। कांग्रेस उम्मीदवार सेंगरान एम संगमा के निधन के चलते बाघमारा सीट पर चुनाव 22 मार्च को होना है।
विश्लेषकों का कहना है कि केंद्र में संप्रग सरकार की घटक राकांपा के राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में शामिल होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री डी डी लपंाग नोंगपो सीट बचाने में कामयाब रहे हैं, जबकि उप मुख्यमंत्री तथा यूडीपी उम्मीदवार दोनकुपार राय ने शेला सीट जीत ली है। दूसरे उप मुख्यमंत्री तथा कांग्रेसी उम्मीदवार मुकुल संगमा अमपातगिरी सीट पर पुन: कब्जा जमाने में कामयाब रहे हैं। मुकुल संगमा के भाई तथा लोक निर्माण मंत्री जेनिथ संगमा को रंगसकोना सीट पर राकांपा के एडोल्फ ल्यू हिटलर आर मराक ने हरा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री देबोरा सी एम जराक [कांग्रेस] रोंगरेनगिरी में राकांपा के मार्किज एन मराक के हाथों शिकस्त खा बैठे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री तथा यूडीपी उम्मीदवार ई के मावलांग ने कांग्रेस से उमरोई सीट छीन ली है। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री फिलेंडर एंड्रसन खोंगलाम [एचएसपीडीपी] सोहरा सीट डब्ल्यू खोंगजी के हाथों गंवा चुके हैं।
Thursday, March 6, 2008
मैं ऐसा ही रहूंगा- हरभजन
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर कई विवादों का सामना कर चुके भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने ऐलान किया है कि वे मैदान पर अपना रवैय्या नहीं बदलेंगे। ऑस्ट्रेलिया से वापसी के वक्त हरभजन ने कहा कि खराब बर्ताव को लेकर लगे आरोपों का उन पर कोई दबाव नहीं है और वे मैदान पर अपने बर्ताव में बदलाव नहीं करेंगे।
अखबार ‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ ने आज हरभजन के हवाले से लिखा है, “मैं कतई दबाव में नहीं हूं। मैं खुद पर लगे आरोपों को सामान्य सी बात की तरह ले रहा हूं और मेरा सारा ध्यान अपने दिमाग को ठंडा रखने पर लगा हुआ है”।
बकौल ‘सिडनी हेरल्ड’ हरभजन ने कहा, “मुझे लोगों की परवाह नहीं है। मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आया था मगर मैं अपमान भी बर्दाश्त नहीं कर सकता”। ‘टर्बनेटर’ के नाम से मशहूर हरभजन ने कहा कि तमाम विवादों से घिरने के बावजूद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे का पूरा लुत्फ लिया है।
उन्होंने कहा, “मुझ पर जितनी छींटाकशी की जाएगी, मैदान पर मेरा प्रदर्शन उतना ही निखरता जाएगा”। ऑस्ट्रेलियाई ओपनर मैथ्यू हेडन द्वारा उन्हें ‘घिनौनी घास’ कहे जाने पर इस ऑफ स्पिनर ने कहा, “हेडन खुद को न सिर्फ मुझसे बल्कि खेल से भी बड़ा समझते हैं। मैं भी उन्हें जबान से करारा जवाब दे सकता था मगर मैंने मैदान पर खेल में पटखनी देकर उन्हें जवाब देना बेहतर समझा”।
गौरतलब है कि ब्रिस्बेन में विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार को शानदार खिताबी जीत के साथ खत्म हुए भारत के तकरीबन तीन माह लम्बे दौरे के दौरान हरभजन कई बार आलोचनाओं का केन्द्र बने थे।
इस दौरान उनपर न सिर्फ कंगारू ऑलराउण्डर एंड्रयू सायमंड्स को ‘बंदर’ कहने का आरोप लगा था बल्कि मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की तरफ देखकर ‘बंदर की तरह हरकतें’ करने का भी इल्जाम लगाया गया था।
अखबार ‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ ने आज हरभजन के हवाले से लिखा है, “मैं कतई दबाव में नहीं हूं। मैं खुद पर लगे आरोपों को सामान्य सी बात की तरह ले रहा हूं और मेरा सारा ध्यान अपने दिमाग को ठंडा रखने पर लगा हुआ है”।
बकौल ‘सिडनी हेरल्ड’ हरभजन ने कहा, “मुझे लोगों की परवाह नहीं है। मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आया था मगर मैं अपमान भी बर्दाश्त नहीं कर सकता”। ‘टर्बनेटर’ के नाम से मशहूर हरभजन ने कहा कि तमाम विवादों से घिरने के बावजूद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे का पूरा लुत्फ लिया है।
उन्होंने कहा, “मुझ पर जितनी छींटाकशी की जाएगी, मैदान पर मेरा प्रदर्शन उतना ही निखरता जाएगा”। ऑस्ट्रेलियाई ओपनर मैथ्यू हेडन द्वारा उन्हें ‘घिनौनी घास’ कहे जाने पर इस ऑफ स्पिनर ने कहा, “हेडन खुद को न सिर्फ मुझसे बल्कि खेल से भी बड़ा समझते हैं। मैं भी उन्हें जबान से करारा जवाब दे सकता था मगर मैंने मैदान पर खेल में पटखनी देकर उन्हें जवाब देना बेहतर समझा”।
गौरतलब है कि ब्रिस्बेन में विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार को शानदार खिताबी जीत के साथ खत्म हुए भारत के तकरीबन तीन माह लम्बे दौरे के दौरान हरभजन कई बार आलोचनाओं का केन्द्र बने थे।
इस दौरान उनपर न सिर्फ कंगारू ऑलराउण्डर एंड्रयू सायमंड्स को ‘बंदर’ कहने का आरोप लगा था बल्कि मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की तरफ देखकर ‘बंदर की तरह हरकतें’ करने का भी इल्जाम लगाया गया था।
सचिन ने तोड़ा ब्रैडमैन का रेकॉर्ड
नई दिल्ली। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज के ब्रिसबेन में खेले गए दूसरे फाइनल के दौरान क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन का रिकार्ड तोड दिया।
सचिन दूसरे फाइनल में 91 रन की अपनी शानदार पारी के दौरान जब 38 के स्कोर पर पहुंचे तो उन्होंने ब्रैडमैन का किसी एक देश के खिलाफ सर्वाधिक रन बनाने का विश्व रिकार्ड तोड़ दिया। ब्रैडमैन के नाम इंग्लैंड के खिलाफ 5,028 रन बनाने का रिकार्ड था जबकि सचिन अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5,082 रन बना चुके हैं।
ब्रैडमैन ने हालांकि अपने सभी रन टेस्ट मैचों में बनाए थे जबकि सचिन ने टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में यह रन बनाए हैं।
ब्रैडमैन ने इंग्लैंड के खिलाफ 37 टेस्टों में 5,028 रन बनाए थे जबकि सचिन ने टेस्ट और एकदिवसीय मिलाकर 85 मैचों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5,082 रन बनाए हैं। सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 टेस्टों में 56.00 के औसत से 2,352 रन और 60 एकदिवसीय मैचों में 46.27 के औसत से 2,730 रन बनाए हैं।
ब्रैडमैन ने इंग्लैंड के खिलाफ 19 शतक ठोके थे जबकि सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 17 शतक बनाए हैं।
एक देश के खिलाफ सर्वाधिक रन बनाने की सूची में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर तीसरे और वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा चौथे नंबर पर हैं। बॉर्डर ने इंग्लैंड के खिलाफ 90 मैचों (टेस्ट और एकदिवसीय शामिल) में 4,850 रन और लारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 82 मैचों में 4,714 रन बनाए हैं।
सचिन दूसरे फाइनल में 91 रन की अपनी शानदार पारी के दौरान जब 38 के स्कोर पर पहुंचे तो उन्होंने ब्रैडमैन का किसी एक देश के खिलाफ सर्वाधिक रन बनाने का विश्व रिकार्ड तोड़ दिया। ब्रैडमैन के नाम इंग्लैंड के खिलाफ 5,028 रन बनाने का रिकार्ड था जबकि सचिन अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5,082 रन बना चुके हैं।
ब्रैडमैन ने हालांकि अपने सभी रन टेस्ट मैचों में बनाए थे जबकि सचिन ने टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में यह रन बनाए हैं।
ब्रैडमैन ने इंग्लैंड के खिलाफ 37 टेस्टों में 5,028 रन बनाए थे जबकि सचिन ने टेस्ट और एकदिवसीय मिलाकर 85 मैचों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5,082 रन बनाए हैं। सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 टेस्टों में 56.00 के औसत से 2,352 रन और 60 एकदिवसीय मैचों में 46.27 के औसत से 2,730 रन बनाए हैं।
ब्रैडमैन ने इंग्लैंड के खिलाफ 19 शतक ठोके थे जबकि सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 17 शतक बनाए हैं।
एक देश के खिलाफ सर्वाधिक रन बनाने की सूची में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर तीसरे और वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा चौथे नंबर पर हैं। बॉर्डर ने इंग्लैंड के खिलाफ 90 मैचों (टेस्ट और एकदिवसीय शामिल) में 4,850 रन और लारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 82 मैचों में 4,714 रन बनाए हैं।
Wednesday, March 5, 2008
बाल ठाकरे ने फिर आग उगली
मुम्बई। शांत हो रहा मराठी बनाम गैर-मराठी मसला अब फ़िर गरमा गया है। इस मसले पर पहले बिहार के सांसदों की प्रतिक्रिया के बाद आज शिवसेना ने इसका जवाब दिया शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में बाल ठाकरे ने मराठी बनाम गैर मराठी मुद्दे पर फिर आग उगली है। ठाकरे ने आरोप लगाया है कि हिन्दी भाषी सांसदों ने मुम्बई और महाराष्ट्र की जनता को काफी बुरा भला कहा जेडीयू के सांसद प्रभुनाथ सिंह पर कई आपराधिक मामले दर्ज है और उन्ही प्रभुनाथ सिंह ने संसद में कहा की ‘हमें किसी को संस्कृति सिखाने के जरुरत नहीं। हम गंगा किनारे रहने वाले रहने वाले हैं और हमारे विचार मीठे हैं।’
कैटरीना की नींद गायब?
फिल्म अभिनेत्री कैटरीना कैफ को न ही शराब पीने का लत है न ही ड्रग्स लेने की, पर इसके बावजूद इन दिनों उन्हें अच्छी नींद नहीं आ रही। दूसरी तरफ बॉलीवुड की बात की जाए तो कैटरीना के सितारे इन दिनों बुलंदी पर हैं। आखिर उन्होंने कई बड़े बैनरों की महंगी फिल्में जो साइन की हैं। साथ ही उनकी सभी फिल्मों की अच्छी कमाई भी हो रही है।
अफवाहों पर गौर किया जाए तो इस खूबसूरत अभिनेत्री की नींद उचट हो गई है। खबरों के मुताबिक उन्होंने अपनी इस समस्या की शिकायत अपने दोस्तों से भी की है। आखिर सब कुछ ठीक-ठाक होने के बाद भी कैटरीना के दिमाग में क्या चल रहा है, यह हैरानी की बात है। उनकी हिट फिल्मों की वजह से हाल ही में कैटरीना को बॉलीवुड की सबसे भरोसेमंद अभिनेत्री की नजर से देखा जा रहा है।
क्या ऐसा तो नहीं कि वे अपनी आने वाली फिल्म ‘रेस’ के भविष्य के बारे में सोच-सोचकर परेशान हैं? या फिर वे उन दूसरी फिल्मों के बारे में सोच रही हैं, जिन्हें वे इन दिनों कर रही हैं।
“हमारे शानदार क्रिकेट को विवादों में डाला गया”
ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया। सफलता के सातवें आसमान पर सवार भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी कंगारुओं की धरती से भारत के लिए उड़ान भरने से पहले आखिरी बार ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की खबरों को टटोलना चाहते होंगे। धोनी निश्चितरूप से यह जानने को बेताब होंगे की और कितनी बार हरभजन सिंह ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की ‘हेडलाईन’ बनते हैं।धोनी ने अपनी टीम का सफल नेतृत्व करते हुए उसे विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया पर त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में 2-0 से जीत दिलाई है और इसके बाद उन्होंने कहा, “मैंने जितने भी दौरे अबतक किए हैं, यह उनमें सबसे शानदार था” बेशक, लेकिन शायद सिर्फ क्रिकेट के लिहाज से! क्रिकेट के मैदान के बाहर के विवादों ने धोनी को अच्छा खासा परेशान किए रखा और इन सभी परेशानियों के केन्द्र में थे हरभजन सिंह। लेकिन धोनी का मानना है कि ये विवाद भी भारत के लिए ही फायदेमंद रहे।पहले तो हरभजन सिंह यानि ‘भज्जी’ पर टेस्ट श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला खिलाड़ी एंड्र्यू सायमंड्स पर कथितरूप से ‘नस्लीय टिप्पणी’ करने के आरोप में तीन मैचों का प्रतिबंध लगा, जिसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने दौरा रद्द करने की धमकी देकर हटवा इसके बाद बोर्ड ने विवादास्पद अंपायर स्टीव बकनर को भी अपनी ताकत के बल पर दौरे के बाकी बचे मैचों से अलग करवा दिया। बकनर ही वे शख्स हैं जिनकी वजह से भारत को सिडनी टेस्ट में हार का मुंह देखना पड़ा था और अंत में टेस्ट श्रृंखला उसके हाथ से 2-1 से छिटक गई थी।फिर भज्जी एकदिवसीय श्रृंखला में भी पूरे समय ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की सुर्खियां बने रहे।उन्हें मैथ्यू हेडन ने ‘घिनौना’ कहा और ऑस्ट्रेलिया दर्शकों ने उन्हें सिडनी में ‘बंदरों जैसी हरकतें’ करके चिढ़ाने का आरोप लगाया। इसबार भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भज्जी को सबूतों के आभाव में बेदाग करार दिया।भारतीय कप्तान धोनी इस पूरे मामले में कहते हैं, “ऐसा लगता है मानो हरभजन सिंह माइकल जैक्सन हों, जिनके पीछे ऑस्ट्रेलियाई मीडिया हाथ धोकर पड़ी रहती है”।धोनी कहते हैं, “हमने बेहद शानदार क्रिकेट खेला, जिसे विवादों का जामा पहनाने की कोशिश की गई। यही एक चिंता का विषय है”।धोनी ने कहा हरभजन के साथ मीडिया का इस तरह का व्यवहार गलत है।उन्होंने कहा, “हो सकता है लोग कहें कि उन्होंने अपनी सीमाओं को तोड़ा है, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। बाहर से देखने में भज्जी भले ही आक्रामक लगें, लेकिन आपको उन्हें समझना आना चाहिए”।“उन्हें जितना विवादों में घसीटा गया, वे उतनी ही ताकत के साथ कुछ कर गुजरने की भावना के साथ हर बार मैदान में उतरे। वे एक आक्रामक क्रिकेटर हैं और मैदान पर अपनी भावनाओं को दिखाने से नहीं चूकते”।
अभी भी सर्वश्रेष्ठ हैं सचिन तेंदुलकर
मुम्बई। उम्र का हवाला देते हुए सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को चयनकर्ताओं ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के कहने पर बाहर का रास्ता दिखा दिया। गांगुली और द्रविड़ के अलावा सचिन तेंदुलकर भी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी उम्र लोगों की नजरों में खटकती रहती है।कभी सचिन की फॉर्म तो कभी उनकी उम्र, आलोचक उन पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं चूकते।हद तो उस वक्त हो जाती है जब इन आलोचकों में सचिन के मुकाबले आधे से भी कम अनुभवी एकदिवसीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी शामिल हो जाते दिलचस्प बात है कि ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर कदम रखने के बाद से ही सचिन शानदार फॉर्म में हैं। टेस्ट श्रृंखला में उनका प्रदर्शन उन्हें मौजूदा दौरे पर भारत का सबसे सफल खिलाड़ी कहलवाने के लिए काफी है।अठारह साल लम्बे अपने करियर में क्रिकेट की हर बुलंदी को छूने वाले और लगभग हर रिकॉर्ड को अपने नाम कर चुके 34 वर्षीय सचिन का हो सकता है यह आखिरी ऑस्ट्रेलियाई दौरा हो।इस दौरे के एक या दो मैचों में उनका असफल रहना भी लोगों के गले नहीं उतरता। शायद क्रिकेट के इस खेल में उनकी हैसियत और उनका रूतबा हर समय उनसे मैच जीताउ पारी की उम्मीद जोड़ देता है।क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाला हर शख्स सचिन के मैदान पर उतरते ही उनसे शतक की उम्मीद लगा लेता है जो कि मुमिकन नहीं होता।दरअसल धोनी की ‘युवा ब्रिगेड’ में सचिन अनुभव और उम्र के लिहाज से सबसे बड़े खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय लीग चरण के दौरान सचिन का बल्ला कुछ खास नहीं कर पा रहा था और उपरीक्रम के लगातार असफल होने के कारण एक समय भारत के फाइनल में जगह बनाने तक पर सवालिया निशान लग गया था।
Monday, March 3, 2008
कॉमेडी में भी कमाल समीरा
काफी कम अभिनेत्रियां हैं जो कॉमेडी में भी दिलचस्पी लेती हैं। हाल ही में इस सूची में शुमार हुई हैं अभिनेत्री समीरा रेड्डी। भले ही हमने इससे पहले कुछ फिल्मों में समीरा को गंभीर भूमिका में देखा है पर वे कॉमेडी भी उतनी ही सहजता से कर लेती हैं।
इन दिनों समीरा की झोली में कई सारी फिल्में हैं। तभी तो वे खुश भी हैं। उनकी फिल्म ‘रेस’ जल्द ही सिनेमाघरों के पर्दे पर आने वाली है। भले ही इस बड़े बजट की फिल्म में बिपाशा बसु और कैटरीना कैफ की मुख्य भूमिका हो पर समीरा की भूमिका भी अहम है। वे फिल्म में अनिल कपूर की सहयोगी बनी हैं जो एक जासूस है। मजे की बात यह है कि समीरा इस फिल्म में अपने बेवकूफी भरी हरकतों से जमकर हास्य पैदा करती हैं।
समीरा की एक दूसरी फिल्म है ‘वन टू थ्री’ जिसे कुमार मंगत निर्देशित कर रहे हैं। इस फिल्म में समीरा के परेश रावल के साथ कुछ रोमांटिक दृश्य भी हैं। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दृश्य कितने मजेदार होंगे। दरअसल इस फिल्म में समीरा एक कार विक्रेता की भूमिका में होती हैं। अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए अपनी कातिल अदाओं का भी भरपूर सहारा लेता है। वहीं परेश रावल पुरुषों के अंतःवस्त्र बेचा करते हैं, वे भी समीरा को कुछ अंतःवस्त्र बेचने की कोशिश करते हैं।
यकीनन इस फिल्म के हास्य कलाकारों की टीम में प्रतिभाशाली कलाकार परेश रावल का होना ही दर्शकों को ठहाके लगवाने के लिए काफी है।
इसले अलावा समीरा दक्षिण के चहेते कलाकार सूर्या के साथ एक रोमांटिक तमिल फिल्म में काम कर रही हैं। फिल्म का नाम ‘वारनम आयरम’ है जिसे गौतम मेनन निर्देशित कर रहे हैं।
इन दिनों समीरा की झोली में कई सारी फिल्में हैं। तभी तो वे खुश भी हैं। उनकी फिल्म ‘रेस’ जल्द ही सिनेमाघरों के पर्दे पर आने वाली है। भले ही इस बड़े बजट की फिल्म में बिपाशा बसु और कैटरीना कैफ की मुख्य भूमिका हो पर समीरा की भूमिका भी अहम है। वे फिल्म में अनिल कपूर की सहयोगी बनी हैं जो एक जासूस है। मजे की बात यह है कि समीरा इस फिल्म में अपने बेवकूफी भरी हरकतों से जमकर हास्य पैदा करती हैं।
समीरा की एक दूसरी फिल्म है ‘वन टू थ्री’ जिसे कुमार मंगत निर्देशित कर रहे हैं। इस फिल्म में समीरा के परेश रावल के साथ कुछ रोमांटिक दृश्य भी हैं। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दृश्य कितने मजेदार होंगे। दरअसल इस फिल्म में समीरा एक कार विक्रेता की भूमिका में होती हैं। अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए अपनी कातिल अदाओं का भी भरपूर सहारा लेता है। वहीं परेश रावल पुरुषों के अंतःवस्त्र बेचा करते हैं, वे भी समीरा को कुछ अंतःवस्त्र बेचने की कोशिश करते हैं।
यकीनन इस फिल्म के हास्य कलाकारों की टीम में प्रतिभाशाली कलाकार परेश रावल का होना ही दर्शकों को ठहाके लगवाने के लिए काफी है।
इसले अलावा समीरा दक्षिण के चहेते कलाकार सूर्या के साथ एक रोमांटिक तमिल फिल्म में काम कर रही हैं। फिल्म का नाम ‘वारनम आयरम’ है जिसे गौतम मेनन निर्देशित कर रहे हैं।
खटास भरे दौरे का सुखद अंत करना चाहेगा भारत
ब्रिसबेन। पहली बाधा पार करने के बाद भारत की निगाहें गाबा में मंगलवार को आस्ट्रेलिया को हराकर विश्व चैंपियन की धरती पर पहली बार त्रिकोणीय सीरीज जीतने के साथ खटास भरे दौरे का सुखद अंत करने पर टिकी है।
एससीजी में बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल का पहला मैच जीतने के बाद भारत इस एतिहासिक कारनामे से सिर्फ एक कदम दूर खड़ा है और वह दिन-रात्रि के इस मुकाबले में अपनी लय को बरकरार रखने को बेताब है। विवादास्पद टेस्ट सीरीज में शिकस्त और आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों द्वारा उकसाने के बाद महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम सीरीज में जीत दर्ज करने के लक्ष्य के साथ उतरी थी। भारत को हालांकि युवा तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के बिना उतरना पड़ सकता है जो पहले फाइनल के दौरान अपनी अंगुली में चोट लगा बैठे थे। ईशांत की अंगुली में अब भी सूजन है और मंगलवार के अहम मुकाबले में उनका खेलना संदिग्ध है।
भारत के पास मुनफ पटेल और एस श्री संत के रूप में प्रतिभावान तेज गेंदबाज है जो ईशांत की जगह ले सकते है। युवा प्रवीण कुमार ने विरोधी टीम को ध्वस्त करने की क्षमता दिखाई है और पिछले मैच में इरफान पठान के लचर प्रदर्शन के बावजूद इसे उनकी खराब फार्म नहीं माना जा रहा। हरभजन सिंह इन चारों तेज गेंदबाजों के साथ भारत के पांच गेंदबाजों के आक्रमण को पूरा कर सकते है और पिछले मैच में 10 ओवर में 33 रन देकर शानदार प्रदर्शन करने वाले पीयूष चावला को इस मैच में बाहर बैठना पड़ सकता है।
भारतीय बल्लेबाजी भी सही समय पर लय में आ गई है और अगर फार्म के आधार पर देखा जाए तो मेहमान टीम आस्ट्रेलिया से बेहतर नजर आती है। भारत मैदान पर जज्बे के साथ गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कर रहा है और उसके बल्लेबाज अच्छी साझेदारियां निभा रहे है जो आस्ट्रेलिया की कड़ी परीक्षा लेंगे जिसे वापसी करने में महारत हासिल है। सीरीज में विकेट चटकाने के मामले में चोटी के तीनों गेंदबाज [ब्रेट ली, नाथन ब्रैकन और मिशेल जॉनसन] आस्ट्रेलियाई है लेकिन पहले फाइनल में भारतीय बल्लेबाजों के सामने वे लाचार दिखे। आस्ट्रेलिया को अपने अहम खिलाड़ियों रिकी पोंटिंग और एंड्रयू सायमंड्स के फार्म में लौटने की उम्मीद है। एडम गिलक्रिस्ट भी एक दो अच्छी पारियों के अलावा सीरीज में अधिकतर नाकाम ही रहे है। गिलक्रिस्ट इस सीरीज के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे इसलिए उनकी टीम भी चाहेगी कि यह महान खिलाड़ी भारत के हाथों शिकस्त के साथ विदा न हो।
गाबा की पिच को एक दिवसीय क्रिकेट के लिए आस्ट्रेलिया की सर्वश्रेष्ठ पिचों में शुमार किया जाता है लेकिन सर्दियों के पास होने के कारण कोई भी टीम यहां दूधिया रोशनी में लक्ष्य का पीछा नहीं करना चाहेगी। दूसरी तरफ भारतीय टीम आस्ट्रेलियाई मीडिया की उन खबरों से हैरत में है जिनके मुताबिक हरभजन ने दर्शकों की तरफ बंदर की तरह इशारे किए थे। हालांकि हैरानी की बात यह है कि इसका कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। आस्ट्रेलियाई मीडिया ने हरभजन को खेल की तरफ से भटकाने का अंतिम प्रयास किया है लेकिन इस भारतीय ऑफ स्पिनर को अपनी सफलता और धैर्य पर भरोसा है और सिडनी में मैथ्यू हेडन और एंड्रयू सायमंड्स के विकेट के बाद उनका मनोबल बढ़ा होगा।
सीरीज के नौ मैचों में हरभजन ने सिर्फ सात विकेट झटके है लेकिन उनकी औसत 33.28 और 4.22 रन प्रति ओवर की शानदार रन गति दर्शाती है कि तेज गेंदबाजों के दबदबे के बीच सीरीज में उन्होंने सधी हुई गेंदबाजी की है। दर्शकों को उम्मीद है कि यह मैच भी पिछले मुकाबलों की तरह रोमांचक होगा।
टीमें
भारत - महेंद्र सिंह धोनी [कप्तान], सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, रोबिन उथप्पा, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, प्रवीण कुमार, हरभजन सिंह, इरफान पठान, एस. श्री संत, वीरेंद्र सहवाग, मुनफ पटेल और पीयूष चावला।
आस्ट्रेलिया - रिकी पोंटिंग [कप्तान], मैथ्यू हेडन, एडम गिलक्रिस्ट, माइकल क्लार्क, एंड्रयू सायमंड्स, माइक हसी, जेम्स होप्स, ब्रेट ली, स्टुअर्ट क्लार्क, नाथन ब्रैकन, मिशेल जॉनसन, ब्रैड हेडिन और ब्रैड हॉग।
एससीजी में बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल का पहला मैच जीतने के बाद भारत इस एतिहासिक कारनामे से सिर्फ एक कदम दूर खड़ा है और वह दिन-रात्रि के इस मुकाबले में अपनी लय को बरकरार रखने को बेताब है। विवादास्पद टेस्ट सीरीज में शिकस्त और आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों द्वारा उकसाने के बाद महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम सीरीज में जीत दर्ज करने के लक्ष्य के साथ उतरी थी। भारत को हालांकि युवा तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के बिना उतरना पड़ सकता है जो पहले फाइनल के दौरान अपनी अंगुली में चोट लगा बैठे थे। ईशांत की अंगुली में अब भी सूजन है और मंगलवार के अहम मुकाबले में उनका खेलना संदिग्ध है।
भारत के पास मुनफ पटेल और एस श्री संत के रूप में प्रतिभावान तेज गेंदबाज है जो ईशांत की जगह ले सकते है। युवा प्रवीण कुमार ने विरोधी टीम को ध्वस्त करने की क्षमता दिखाई है और पिछले मैच में इरफान पठान के लचर प्रदर्शन के बावजूद इसे उनकी खराब फार्म नहीं माना जा रहा। हरभजन सिंह इन चारों तेज गेंदबाजों के साथ भारत के पांच गेंदबाजों के आक्रमण को पूरा कर सकते है और पिछले मैच में 10 ओवर में 33 रन देकर शानदार प्रदर्शन करने वाले पीयूष चावला को इस मैच में बाहर बैठना पड़ सकता है।
भारतीय बल्लेबाजी भी सही समय पर लय में आ गई है और अगर फार्म के आधार पर देखा जाए तो मेहमान टीम आस्ट्रेलिया से बेहतर नजर आती है। भारत मैदान पर जज्बे के साथ गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कर रहा है और उसके बल्लेबाज अच्छी साझेदारियां निभा रहे है जो आस्ट्रेलिया की कड़ी परीक्षा लेंगे जिसे वापसी करने में महारत हासिल है। सीरीज में विकेट चटकाने के मामले में चोटी के तीनों गेंदबाज [ब्रेट ली, नाथन ब्रैकन और मिशेल जॉनसन] आस्ट्रेलियाई है लेकिन पहले फाइनल में भारतीय बल्लेबाजों के सामने वे लाचार दिखे। आस्ट्रेलिया को अपने अहम खिलाड़ियों रिकी पोंटिंग और एंड्रयू सायमंड्स के फार्म में लौटने की उम्मीद है। एडम गिलक्रिस्ट भी एक दो अच्छी पारियों के अलावा सीरीज में अधिकतर नाकाम ही रहे है। गिलक्रिस्ट इस सीरीज के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे इसलिए उनकी टीम भी चाहेगी कि यह महान खिलाड़ी भारत के हाथों शिकस्त के साथ विदा न हो।
गाबा की पिच को एक दिवसीय क्रिकेट के लिए आस्ट्रेलिया की सर्वश्रेष्ठ पिचों में शुमार किया जाता है लेकिन सर्दियों के पास होने के कारण कोई भी टीम यहां दूधिया रोशनी में लक्ष्य का पीछा नहीं करना चाहेगी। दूसरी तरफ भारतीय टीम आस्ट्रेलियाई मीडिया की उन खबरों से हैरत में है जिनके मुताबिक हरभजन ने दर्शकों की तरफ बंदर की तरह इशारे किए थे। हालांकि हैरानी की बात यह है कि इसका कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। आस्ट्रेलियाई मीडिया ने हरभजन को खेल की तरफ से भटकाने का अंतिम प्रयास किया है लेकिन इस भारतीय ऑफ स्पिनर को अपनी सफलता और धैर्य पर भरोसा है और सिडनी में मैथ्यू हेडन और एंड्रयू सायमंड्स के विकेट के बाद उनका मनोबल बढ़ा होगा।
सीरीज के नौ मैचों में हरभजन ने सिर्फ सात विकेट झटके है लेकिन उनकी औसत 33.28 और 4.22 रन प्रति ओवर की शानदार रन गति दर्शाती है कि तेज गेंदबाजों के दबदबे के बीच सीरीज में उन्होंने सधी हुई गेंदबाजी की है। दर्शकों को उम्मीद है कि यह मैच भी पिछले मुकाबलों की तरह रोमांचक होगा।
टीमें
भारत - महेंद्र सिंह धोनी [कप्तान], सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, रोबिन उथप्पा, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, प्रवीण कुमार, हरभजन सिंह, इरफान पठान, एस. श्री संत, वीरेंद्र सहवाग, मुनफ पटेल और पीयूष चावला।
आस्ट्रेलिया - रिकी पोंटिंग [कप्तान], मैथ्यू हेडन, एडम गिलक्रिस्ट, माइकल क्लार्क, एंड्रयू सायमंड्स, माइक हसी, जेम्स होप्स, ब्रेट ली, स्टुअर्ट क्लार्क, नाथन ब्रैकन, मिशेल जॉनसन, ब्रैड हेडिन और ब्रैड हॉग।
टीआरएस सांसदों का लोकसभा से इस्तीफा
नई दिल्ली। अलग तेलंगाना प्रदेश के गठन की मांग को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति [टीआरएस] के चारों लोकसभा सदस्यों ने सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही टीआरएस सदस्य तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सी एच चंद्रशेखर राव तथा पार्टी के अन्य तीन सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर पृथक तेलंगाना राज्य की मांग उठाने लगे।
बाद में राव ने अध्यक्ष की अनुमति से इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कांग्रेस पर तेलंगाना के लोगों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इस मुद्दे का जिक्र तक न न होना क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय है। इतना कहने के बाद उन्होंने सदन के पटल पर अपना इस्तीफा रख दिया तथा बाकी सदस्यों ने भी उनका अनुसरण किया। तत्पश्चात सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए।
विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि यह पहला मौका है जब सदस्यों ने सदन में इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर सदन में ठीक प्रकार से चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजग सरकार में तीन नए राज्यों का गठन किया गया था। अध्यक्ष ने सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि वह टीआरएस सदस्यों के इस्तीफे पर प्रक्रिया और नियम के तहत गौर करेंगे।
सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही टीआरएस सदस्य तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सी एच चंद्रशेखर राव तथा पार्टी के अन्य तीन सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर पृथक तेलंगाना राज्य की मांग उठाने लगे।
बाद में राव ने अध्यक्ष की अनुमति से इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कांग्रेस पर तेलंगाना के लोगों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इस मुद्दे का जिक्र तक न न होना क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय है। इतना कहने के बाद उन्होंने सदन के पटल पर अपना इस्तीफा रख दिया तथा बाकी सदस्यों ने भी उनका अनुसरण किया। तत्पश्चात सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए।
विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि यह पहला मौका है जब सदस्यों ने सदन में इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर सदन में ठीक प्रकार से चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजग सरकार में तीन नए राज्यों का गठन किया गया था। अध्यक्ष ने सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि वह टीआरएस सदस्यों के इस्तीफे पर प्रक्रिया और नियम के तहत गौर करेंगे।
Sunday, March 2, 2008
चुनाव के पहले का घमासान होगा संसद में
नई दिल्ली । सौगातों से सजे बजट से गर्वीली सरकार और बजट का छिद्रान्वेषण कर उसे जनता के साथ धोखा करार देने वाले विपक्ष के बीच संसद में घमासान के प्रबल आसार है।
अब जबकि सारे संकेतक समय पूर्व चुनावों की तरफ झुक गए है, तो सभी दलों की रणनीति भी बदलने लगी है। वे संसद में लंबी चर्चाओं में उलझने के बजाय जनता के असल मसीहा होने का दावा करने के लिए एक-दूसरे को नीचा दिखाने में जुटेंगे। जाहिर है इन हालात में हंगामा होगा और सबसे उपर दलों का अपना-अपना चुनावी एजेंडा होगा।
पहले लालू की सस्ती रेल और अब चिदंबरम की वोटर राजा को खुश करने के लिए दी गई सौगातों के बाद विपक्ष के हाथ फिलहाल खाली हैं। दोनों बजटों में कमियां तो निकाली जाएंगी, लेकिन उनसे जनता को सरकार के खिलाफ खड़ा करना मुश्किल काम होगा। इसलिए विपक्ष अब उन मुद्दों पर जोर देगा, जो जनता से सरोकार तो रखते होंगे, लेकिन बजट की रोशनी से दूर होंगे। उसका इरादा हर दिन नए मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का है। इनमें सबसे बड़ा मोर्चा आंतरिक सुरक्षा का रहेगा। सीमा पार आतंकवाद, नक्सलियों के बुलंद हौसले व पूर्वोत्तर में जारी हिंसा पर आने वाले दिनों में सरकार कठघरे में होगी।
यह एक ऐसा मोर्चा है जिस पर संप्रग सरकार अपने अब तक के चार साल में सबसे कमजोर साबित हुई है।
विपक्ष का अगला मोर्चा महंगाई है। किसानों को राहत व वेतनभोगियों को कर छूट के बावजूद महंगाई पर फिलहाल लगाम लगाने का कोई फार्मूला सरकार पेश नहीं कर पाई है। भाजपा इसे बहुत बड़ा व महत्वपूर्ण मुद्दा मानती है। आम आदमी की दाल-रोटी को लेकर वह सरकार से उसका भाव पूछेगी। महिलाओं को लोकसभा व विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण को लेकर भी सरकार की क्लास लेने की पूरी तैयारी हो चुकी है। परमाणु करार का मुद्दा भी सरकार के गले की फांस बनेगा। इस मुद्दे पर विपक्ष को सत्ता के सहयोगी वामदलों का साथ भी मिलेगा, जो सरकार से हनीमून खत्म होने के लंबे समय बाद भी तलाक लेने के बजाय अभी तक सिर्फ लड़ते-झगड़ते काम चला रहे हैं।
जाहिर है, सरकार हर हाल में अपने शानदार बजट के इर्द-गिर्द ही रहना चाहेगी। वहीं विपक्ष अपने हमलों के लिए सरकार के इस कवच के हिस्से के बजाय दूसरे हिस्सों पर निशाना साधेगा। इन हालात में बहस कम और हंगामा ज्यादा होने के ही आसार हैं।
अब जबकि सारे संकेतक समय पूर्व चुनावों की तरफ झुक गए है, तो सभी दलों की रणनीति भी बदलने लगी है। वे संसद में लंबी चर्चाओं में उलझने के बजाय जनता के असल मसीहा होने का दावा करने के लिए एक-दूसरे को नीचा दिखाने में जुटेंगे। जाहिर है इन हालात में हंगामा होगा और सबसे उपर दलों का अपना-अपना चुनावी एजेंडा होगा।
पहले लालू की सस्ती रेल और अब चिदंबरम की वोटर राजा को खुश करने के लिए दी गई सौगातों के बाद विपक्ष के हाथ फिलहाल खाली हैं। दोनों बजटों में कमियां तो निकाली जाएंगी, लेकिन उनसे जनता को सरकार के खिलाफ खड़ा करना मुश्किल काम होगा। इसलिए विपक्ष अब उन मुद्दों पर जोर देगा, जो जनता से सरोकार तो रखते होंगे, लेकिन बजट की रोशनी से दूर होंगे। उसका इरादा हर दिन नए मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का है। इनमें सबसे बड़ा मोर्चा आंतरिक सुरक्षा का रहेगा। सीमा पार आतंकवाद, नक्सलियों के बुलंद हौसले व पूर्वोत्तर में जारी हिंसा पर आने वाले दिनों में सरकार कठघरे में होगी।
यह एक ऐसा मोर्चा है जिस पर संप्रग सरकार अपने अब तक के चार साल में सबसे कमजोर साबित हुई है।
विपक्ष का अगला मोर्चा महंगाई है। किसानों को राहत व वेतनभोगियों को कर छूट के बावजूद महंगाई पर फिलहाल लगाम लगाने का कोई फार्मूला सरकार पेश नहीं कर पाई है। भाजपा इसे बहुत बड़ा व महत्वपूर्ण मुद्दा मानती है। आम आदमी की दाल-रोटी को लेकर वह सरकार से उसका भाव पूछेगी। महिलाओं को लोकसभा व विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण को लेकर भी सरकार की क्लास लेने की पूरी तैयारी हो चुकी है। परमाणु करार का मुद्दा भी सरकार के गले की फांस बनेगा। इस मुद्दे पर विपक्ष को सत्ता के सहयोगी वामदलों का साथ भी मिलेगा, जो सरकार से हनीमून खत्म होने के लंबे समय बाद भी तलाक लेने के बजाय अभी तक सिर्फ लड़ते-झगड़ते काम चला रहे हैं।
जाहिर है, सरकार हर हाल में अपने शानदार बजट के इर्द-गिर्द ही रहना चाहेगी। वहीं विपक्ष अपने हमलों के लिए सरकार के इस कवच के हिस्से के बजाय दूसरे हिस्सों पर निशाना साधेगा। इन हालात में बहस कम और हंगामा ज्यादा होने के ही आसार हैं।
उप्र में 1 लाख सफाई कर्मियों की नियुक्ति होगी
लखनऊ। उप्र सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों में एक-एक सफाई कर्मचारी नियुक्त करने का फैसला किया है। इससे चालू वित्तीय वर्ष में एक लाख आठ हजार लोगों को स्थायी नौकरी मिलेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को विधानसभा में की।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल एक लाख आठ हजार राजस्व गांव हैं। इन गांवों में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे वहां हमेशा गंदगी रहती है, जो तमाम तरह की बीमारियों का कारण है। मुख्यमंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान स्वयं इस बात को देखा है।
सरकार ने हर राजस्व गांव में एक-एक चतुर्थ श्रेणी सफाई कर्मचारी का पद सृजित करके उसी गांव के वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को नियुक्त करने का फैसला किया है। इससे एक लाख से अधिक लोगों को नौकरी मिलेगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल एक लाख आठ हजार राजस्व गांव हैं। इन गांवों में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे वहां हमेशा गंदगी रहती है, जो तमाम तरह की बीमारियों का कारण है। मुख्यमंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान स्वयं इस बात को देखा है।
सरकार ने हर राजस्व गांव में एक-एक चतुर्थ श्रेणी सफाई कर्मचारी का पद सृजित करके उसी गांव के वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को नियुक्त करने का फैसला किया है। इससे एक लाख से अधिक लोगों को नौकरी मिलेगी।
भारत को जीत दिलाई सचिन ने
सिडनी। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के वनडे कैरियर के 42वें और आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर जमाए गए पहले शतक की बदौलत भारत ने त्रिकोणीय सीरीज ने पहले फाइनल में आस्ट्रेलिया को छह विकेट से पराजित कर दिया। आस्ट्रेलिया द्वारा रखे गए 240 रन के लक्ष्य को भारत ने 45.5 ओवर में हासिल कर लिया। सचिन 120 गेंदों पर दस चौकों की मदद से 117 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे। युवा बल्लेबाज रोहित शर्मा ने 66 रन की उम्दा पारी खेली।
इससे पहले मैथ्यू हेडन के अर्धशतक [82] की मदद से आस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट खोकर 239 रन बनाए। आस्ट्रेलिया के स्कोर में माइक हसी ने भी 45 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत की ओर से प्रवीण कुमार व हरभजन सिंह ने दो-दो विकेट लिए। आज आस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन भारत के युवा तेज गेंदबाजों के आगे कंगारुओं की शुरुआत एक बार फिर अच्छी नहीं रही।
आस्ट्रेलिया को पहला झटका तीसरे ओवर में एडम गिलक्रिस्ट [7] के रूप में लगा। उन्हे प्रवीण ने युवराज सिंह के हाथों कैच कराया। प्रवीण ने अपने अगले ओवर में आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को सिर्फ 1 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर दिया। इसके अगले ओवर में ईशांत शर्मा एक्शन में आए और माइकल क्लार्क [4] को विकेटकीपर महेद्र सिंह धोनी के हाथों कैच करा दिया। उस समय तक आस्ट्रेलिया का स्कोर सिर्फ 24 रन था।
इसके बाद मैथ्यू हेडन व एंड्रयू सायमंड्स ने चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर अपनी टीम को बिखरने से बचा लिया। इस साझेदारी में हेडन खासा आक्रामक रहे। भारत के लिए खतरनाक होती जा रही इस साझेदारी को हरभजन सिंह ने तोड़ा। उन्होंने सायमंड्स [31] को प्रवीण के हाथों कैच कराया। इसके कुछ ही देर बाद हेडन भी 82 रन बनाकर हरभजन का शिकार बन गए। वह इस ऑफ स्पिनर की गेंद पर स्लॉग स्वीप खेलने के प्रयास में पीयूष चावला को कैच थमा बैठे। हेडन ने अपनी पारी में 10 चौके जमाए।
इससे पहले मैथ्यू हेडन के अर्धशतक [82] की मदद से आस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट खोकर 239 रन बनाए। आस्ट्रेलिया के स्कोर में माइक हसी ने भी 45 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत की ओर से प्रवीण कुमार व हरभजन सिंह ने दो-दो विकेट लिए। आज आस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन भारत के युवा तेज गेंदबाजों के आगे कंगारुओं की शुरुआत एक बार फिर अच्छी नहीं रही।
आस्ट्रेलिया को पहला झटका तीसरे ओवर में एडम गिलक्रिस्ट [7] के रूप में लगा। उन्हे प्रवीण ने युवराज सिंह के हाथों कैच कराया। प्रवीण ने अपने अगले ओवर में आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को सिर्फ 1 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर दिया। इसके अगले ओवर में ईशांत शर्मा एक्शन में आए और माइकल क्लार्क [4] को विकेटकीपर महेद्र सिंह धोनी के हाथों कैच करा दिया। उस समय तक आस्ट्रेलिया का स्कोर सिर्फ 24 रन था।
इसके बाद मैथ्यू हेडन व एंड्रयू सायमंड्स ने चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर अपनी टीम को बिखरने से बचा लिया। इस साझेदारी में हेडन खासा आक्रामक रहे। भारत के लिए खतरनाक होती जा रही इस साझेदारी को हरभजन सिंह ने तोड़ा। उन्होंने सायमंड्स [31] को प्रवीण के हाथों कैच कराया। इसके कुछ ही देर बाद हेडन भी 82 रन बनाकर हरभजन का शिकार बन गए। वह इस ऑफ स्पिनर की गेंद पर स्लॉग स्वीप खेलने के प्रयास में पीयूष चावला को कैच थमा बैठे। हेडन ने अपनी पारी में 10 चौके जमाए।
डर गई मल्लिका!
मुंबई। मल्लिका शेरावत जरा हट कर हैं। तभी तो जहां प्रशंसकों की भीड़ देखकर दूसरे कलाकारों में जोश आ जाता है, वहीं मल्लिका डर जाती हैं। डर भी ऐसा कि वह अपने वैनिटी वैन से बाहर ही नहीं निकलीं और उस दिन की शूटिंग भी छोड़ दी।
अग्ली और पगली फिल्म की शूटिंग के दौरान जब मल्लिका यूनिट पर पहुंची तो वहां उनके सैकड़ों प्रशंसक जमा थे। यह देखकर मल्लिका ने वैनिटी वैन से उतरने से ही मना कर दिया। पूछने पर बताया कि उन्हें डर है कि कहीं उनके प्रशंसक कोई ऐसी-वैसी हरकत नहीं कर दें। मल्लिका ने शूटिंग से ही इनकार कर दिया। बेचारे निर्देशक को केवल हीरो रणवीर शौरी के साथ शूटिंग करनी पड़ी। अगले दिन भी सुरक्षा इंतजामों को लेकर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही मल्लिका ने सेट पर कदम रखा।
अग्ली और पगली फिल्म की शूटिंग के दौरान जब मल्लिका यूनिट पर पहुंची तो वहां उनके सैकड़ों प्रशंसक जमा थे। यह देखकर मल्लिका ने वैनिटी वैन से उतरने से ही मना कर दिया। पूछने पर बताया कि उन्हें डर है कि कहीं उनके प्रशंसक कोई ऐसी-वैसी हरकत नहीं कर दें। मल्लिका ने शूटिंग से ही इनकार कर दिया। बेचारे निर्देशक को केवल हीरो रणवीर शौरी के साथ शूटिंग करनी पड़ी। अगले दिन भी सुरक्षा इंतजामों को लेकर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही मल्लिका ने सेट पर कदम रखा।
राय व मांकड़ का रिकार्ड महत्वपूर्ण: गांगुली
कोलकाता। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ व नील मैकेंजी को पहले विकेट की साझेदारी का नया विश्व रिकार्ड बनाने पर बधाई देते हुए कहा कि पंकज राय और वीनू मांकड़ की भारतीय जोड़ी का पिछला रिकार्ड अधिक महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने इसे न्यूजीलैंड सरीखी मजबूत टीम के खिलाफ बनाया था।
गांगुली ने यहां कहा, 'रिकार्ड टूटने के लिए बनते है। यह सामान्य बात है लेकिन मैं भारतीय जोड़ी के रिकार्ड को अधिक महत्व दूंगा क्योंकि उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ इस तरह की बड़ी भागीदारी निभाई थी।' स्मिथ व मैकेंजी ने चटगांव में आज बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में पहले विकेट के लिए 415 रन की साझेदारी कर पंकज राय व वीनू मांकड़ द्वारा 52 साल पहले बनाए गए 413 रन के रिकार्ड को तोड़ दिया।
पंकज राय के पुत्र और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर प्रणब राय ने कहा कि उन्हें खुशी होती अगर किसी भारतीय जोड़ी ने यह रिकार्ड तोड़ा होता। इस संदर्भ में उन्होंने वीरेद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ की पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में लाहौर में 410 रन की भागीदारी का जिक्र भी किया। प्रणब ने कहा, 'मुझे लगता है कि सहवाग और द्रविड़ को यह रिकार्ड बनाना चाहिए था जिससे यह भारत के नाम ही रहता लेकिन वह तीन रन से चूक गए।' उन्होंने कहा, 'मेरे पिता इस रिकार्ड का हिस्सा थे और इसलिए मुझे अच्छा नहीं लग रहा है लेकिन उनके नाम पर यह रिकार्ड 52 वर्ष तक रहा और यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।'
गांगुली ने यहां कहा, 'रिकार्ड टूटने के लिए बनते है। यह सामान्य बात है लेकिन मैं भारतीय जोड़ी के रिकार्ड को अधिक महत्व दूंगा क्योंकि उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ इस तरह की बड़ी भागीदारी निभाई थी।' स्मिथ व मैकेंजी ने चटगांव में आज बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में पहले विकेट के लिए 415 रन की साझेदारी कर पंकज राय व वीनू मांकड़ द्वारा 52 साल पहले बनाए गए 413 रन के रिकार्ड को तोड़ दिया।
पंकज राय के पुत्र और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर प्रणब राय ने कहा कि उन्हें खुशी होती अगर किसी भारतीय जोड़ी ने यह रिकार्ड तोड़ा होता। इस संदर्भ में उन्होंने वीरेद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ की पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में लाहौर में 410 रन की भागीदारी का जिक्र भी किया। प्रणब ने कहा, 'मुझे लगता है कि सहवाग और द्रविड़ को यह रिकार्ड बनाना चाहिए था जिससे यह भारत के नाम ही रहता लेकिन वह तीन रन से चूक गए।' उन्होंने कहा, 'मेरे पिता इस रिकार्ड का हिस्सा थे और इसलिए मुझे अच्छा नहीं लग रहा है लेकिन उनके नाम पर यह रिकार्ड 52 वर्ष तक रहा और यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।'
युवा विश्व कप में भारत सस्ते में सिमटा
कुआलालंपुर। भारत अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के सामने बड़ी चुनौती नहीं रख सका है। दक्षिण अफ्रीका की कसी गेंदबाजी और बेहतरीन क्षेत्ररक्षण के आगे भारतीय टीम 45.4 ओवर में 159 रन बनाकर ढेर हो गई। भारत की ओर से तन्मय श्रीवास्तव ने सर्वाधिक 46 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका के लिए डब्ल्यू पर्नेल, एम अर्नोल्ड और आर एडम्स ने दो-दो विकेट हासिल किए।
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