Friday, March 28, 2008

पाकिस्तानी लड़कियां पर सिगरेट का भुत


पाकिस्तान को आम तौर पर सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं के प्रति कट्टर और रूढि़वादी मुल्क माना जाता है। लेकिन यहां की नई पीढ़ी देश की यह छवि बदलने पर आमादा लगती है। सिगरेट के कश खींचने में यहां की लड़कियां पड़ोस के कई मुल्कों के बड़े शहरों को मात दे रही हैं। एक सर्वे से पता चला है कि पाकिस्तानी लड़कियां महज 15 साल की उम्र में ही सिगरेट का धुआं उड़ाने लगती हैं। वह भी इसके खतरों को जानने-समझने के बावजूद।
आगा खां यूनिवर्सिटी द्वारा कराए गए एक अध्ययन से पता चला है कि करीब 16 फीसदी लड़कियां 15 वर्ष की उम्र में ही सिगरेट का स्वाद लेना शुरू कर देती हैं। इस उम्र की छह फीसदी से ज्यादा लड़कियां महीने में एक बार धूम्रपान करती हैं। इन लड़कियों को धूम्रपान के खतरों के बारे में सब कुछ पता है। इसके बावजूद ये धुआं उड़ाती हैं। इनमें से ज्यादातर का कहना है कि वह अपने वजन को काबू में रखने के लिए सिगरेट पीती हैं।
यह सर्वे रिपोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में छपी है। सर्वे में कराची की 644 लड़कियों को शामिल किया गया था। ये लड़कियां शहर की सरकारी और निजी स्कूलों की छात्रा हैं।
सर्वे से पता चला कि यहां सिगरेट पीने वाली किशोर वय लड़कियों का प्रतिशत भारत सहित इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कई बड़े शहरों की तुलना में ज्यादा है। यह सर्वे पहले किए गए कई सर्वे के निष्कर्षो की भी पुष्टि करता है, जिनमें कहा गया था कि धूम्रपान करने वालों में महिला-पुरुष का भेद लगातार खत्म हो रहा है। यही वजह है कि तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियां विकासशील देशों में महिलाओं को भी ग्राहक बनाने का प्रयास करने लगी हैं।
बहरहाल एक कट्टर धार्मिक देश में भी महिलाएं धूम्रपान की लती होती जा रही हैं, यह विशेष चिंता की बात है। ऐसे में सरकारों को धूम्रपान का विस्तार रोकने के लिए नई नीति बनाने पर सोचना पड़ सकता है।

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