नई दिल्ली। छठे वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतनमानों की सिफारिश करते हुए न्यूनतम वेतनमान 6,660 रुपए और अधिकतम 80,000 रुपए मासिक तय किया है।न्यायमूर्ति बी। एन। श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाले छठे वेतन आयोग ने नए वेतनमानों को 1 जनवरी 2006 से लागू करने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में दी है। 1. केन्द्र सरकार के अधिकारियों में सचिव और केबिनेट सचिव को अलग-अलग वेतनमान दिए गए हैं। केबिनेट सचिव के लिए 90,000 रुपए मासिक (निर्धारित) वेतन तय किया गया है।2. रिपोर्ट में कहा गया है कि ए-1 श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता मौजूदा दर 30 प्रतिशत पर ही रहेगा। लेकिन ए, बी-1 और बी-2 श्रेणी के शहरों में यह भत्ता बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा सी श्रेणी तथा अन्य शहर जो किसी श्रेणी में नहीं आते उनके लिए आवास भत्ता 10 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है।3. रिपोर्ट के मुताबिक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक नए वेतनमान लागू करने से 2008-09 में सरकार पर 12,561 करोड़ रुपए का बोझ आएगा।4. आयोग ने कहा है कि यदि उसके द्वारा सुझाए गए उपायों को लागू किया गया, तो 4586 करोड़ रुपए की बचत होगी और सरकार पर 7,975 करोड़ रुपए का ही बोझ पड़ेगा। आयोग के अनुसार ‘अरियर्स’ के भुगतान पर 18,060 करोड़ रुपए की एकबारगी अदायगी का अतिरिक्त बोझ सरकार को उठाना
5. रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा सेवाओं के लिए भी नागरिक सेवाओं के वेतनमानों के समान ही ग्रेड मान्य होंगे, लेकिन सेनाओं में ब्रिगेडियर की रैंक तक सभी अधिकारियों को 6,000 रुपए और नर्सिंग सेवाओं के अधिकारियों को 4,200 रुपए तथा अधिकारियों से नीचे की सभी रैंक के कर्मियों को 1000 रुपए प्रतिमाह अलग से सैन्य सेवा वेतन के रुप में दिए जाएंगे।6. आवास और महंगाई भत्ते जैसे दूसरे भत्तों की गणना में सैन्य सेवा वेतन शामिल होगा, लेकिन सालाना वेतन वृद्धि में यह शामिल नहीं होगा।7. सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक को सर्वोच्च वेतनमान 80,000 रुपए (निर्धारित) में रखा गया है। 8. रक्षा सेनाओं में अधिकारी से नीचे के रैंक के लिए केवल दो ट्रेड समूह रखे गए हैं। इससे पहले के वाई और जेड ट्रेड समूह को मिला दिया गया है। एक्स समूह में आने वाले ट्रेड समूह के कर्मचारियों को 1400 रुपए महीने का अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा। 9. पेंशन का भुगतान अंतिम पूर्ण वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर किया जाएगा और इसमें पूर्ण पेंशन भुगतान के लिए 33 साल की नौकरी की शर्त भी नहीं होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 से 20 साल की सेवा के बाद नौकरी छोड़ने वालों को उदार सेवानिवृति पैकेज दिया जाएगा।10. सेवानिवृत्ति के बाद 80 वर्ष, 85 वर्ष, 90, 95 और 100 साल की उम्र तक पहुंचने वाले पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को अधिक दर पर पेशन दी जाएगी। 11. एकमुश्त पेंशन लेने के लिए नए सिरे से निर्धारण करने की भी सिफारिश रिपोर्ट में की गई है। 12. किसी सरकारी कर्मचारी की नौकरी पर रहते अचानक किसी घटना में मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार को 10 साल की अवधि के लिए बढ़ी दर पर पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
13. केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतनमान ग्रेड भी 35 से घटाकर 20 कर दिए गए हैं। इन 20 ग्रेडों को चार अलग अलग वेतन बैंड पीबी-1, पीबी-2,पीबी-3 और पीबी-4 में बांटा गया हैं। वेतन बैंड के साथ पद के हिसाब से अलग-अलग ग्रेड वेतन भी रखी गई है। इससे ऊपर शीर्ष वेतनमान सचिव के लिए और इससे भी ऊपर एक अलग वेतनमान केबिनेट सचिव के लिए रखा गया है।14. इस तरह नए वेतनमान के हिसाब से सरकारी नौकरी में सबसे निचले पद पर भर्ती के समय पीबी-1 के लिए 4,860 रुप का बैंक वेतन और 1800 रुपए की ग्रेड वेतन सहित कुल वेतनमान 6,660 रुपए होगा। 15. इसके ऊपर महंगाई और आवास भत्ता अलग से देय होगा और सालाना वेतनवृद्धि भी इसी वेतनमान के हिसाब से तय की जाएगी। वेतन बैंड और उसके साथ लागू वेतन ग्रेड को मिलाकर उसका ढ़ाई प्रतिशत सालाना वेतनवृद्धि के रुप में लिया जाएगा। 16. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी मामलों में सालाना वेतनवृद्धि का समय एक जुलाई होगा। किसी भी स्केल में छह महीने अथवा इससे अधिक रहने वाले कर्मचारी एक जुलाई को सालाना वेतनवृद्धि के योग्य होंगे।17. किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति होने पर उसी वेतन बैंड में नए पद के हिसाब से ग्रेड वेतन बदल जाएगी।
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